कोविड के हालात, व्यापक आंकड़ों, वैश्विक रुझानों से तय होगी इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल
Business कोविड के हालात, व्यापक आंकड़ों, वैश्विक रुझानों से तय होगी इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल

कोविड के हालात, व्यापक आंकड़ों, वैश्विक रुझानों से तय होगी इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल व्यापक आर्थिक आंकड़ों की घोषणा, चीन में कोविड की स्थिति और वैश्विक रुझानों से इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा बाजार रुपये की चाल, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी निवेश के रुझानों से भी प्रभावित होगा। सैमको सिक्योरिटीज के मार्केट प्रमुख अपूर्व शेठ ने कहा, भारतीय बाजार अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्षों के अनुरूप प्रतिक्रिया दे सकते हैं। इस सप्ताह के अंत में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक की टिप्पणियां सार्वजनिक की जाएंगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़े सोमवार को घोषित किए जाएंगे और बुधवार को आने वाले सेवा क्षेत्र के आंकड़े भी इक्विटी बाजार में कारोबार को प्रभावित करेंगे। स्वस्तिक इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, निकट भविष्य में 2024 के चुनाव से पहले का आखिरी बजट, चौथी तिमाही के नतीजे और मासिक ऑटो बिक्री के आंकड़े, ऐसी प्रमुख घटनाएं हैं, जिनसे बाजार जनवरी 2023 में प्रभावित होगा। उन्होंने कहा, इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतें और रुपये की चाल अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे। बाजार विशेषज्ञों की राय है कि इस साल भारतीय बाजार घरेलू और वैश्विक कारकों से प्रभावित होंगे, जिसमें कोरोना वायरस के हालात और आम बजट में नीतिगत पहल शामिल हैं।

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नयी औद्योगिक नीति पर काम कर रहा है डीपीआईआईटी,  मेड इन इंडिया  ब्रांड को मिलेगा बढ़ावा
Business नयी औद्योगिक नीति पर काम कर रहा है डीपीआईआईटी, मेड इन इंडिया ब्रांड को मिलेगा बढ़ावा

नयी औद्योगिक नीति पर काम कर रहा है डीपीआईआईटी, मेड इन इंडिया ब्रांड को मिलेगा बढ़ावा उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) एक नई औद्योगिक नीति पर काम कर रहा है, जिसमें उद्योग के लिए वित्त पोषण स्रोतों को बढ़ाने और मेड इन इंडिया ब्रांड के लिए एक नयी योजना का प्रस्ताव है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। नीति में उद्योग तक वित्त की व्यापक पहुंच के लिए विभिन्न तरीकों का सुझाव दिया जाएगा।

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ठंड बढ़ने से होजरी उद्योग को सर्दियों के कपड़ों की निकासी तेज होने की उम्मीद
Business ठंड बढ़ने से होजरी उद्योग को सर्दियों के कपड़ों की निकासी तेज होने की उम्मीद

ठंड बढ़ने से होजरी उद्योग को सर्दियों के कपड़ों की निकासी तेज होने की उम्मीद देश के उत्तरी इलाकों में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने पंजाब में लुधियाना के प्रसिद्ध होजरी उद्योग के विनिर्माताओं को जोश से भर दिया है। अभी तक उन्हें इस मौसम में मांग सुस्त रहने की आशंका सता रही थी। गर्म कपड़े बनाने वाले होजरी उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि कई उत्तरी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ने से उन्हें सर्दियों के कपड़ों की निकासी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जैकेट, स्वेटर, पुलोवर, इनरवेयर आदि खरीदने वाले ग्राहकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए खुदरा विक्रेताओं से आने वाली सर्दियों के कपड़ों की मांग बढ़ने लगी है। पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर न्यूनतम तापमान दो से सात डिग्री सेल्सियस तक गिरने से पिछले कई दिनों से इस क्षेत्र में अत्यधिक ठंड की स्थिति बनी हुई है। लुधियाना स्थित होजरी विनिर्माता ड्यूक फैशन के चेयरमैन कोमल कुमार जैन ने कहा, क्षेत्र में ठंड के मौसम की स्थिति के साथ ग्राहकों ने सर्दियों के कपड़े खरीदने के लिए खुदरा काउंटरों पर दिखना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में मांग और बढ़ेगी। होजरी उद्योग के प्रतिनिधियों के अनुसार पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में होजरी के सामान की मांग देखी जा रही है। वहीं एक अन्य विनिर्माता का कहना है कि आने वाले दिनों में चीजें और बेहतर होने की उम्मीद है। लुधियाना स्थित एक कंपनी ने कहा कि इस मांग से कई विनिर्माताओं के पास पड़े माल का मौजूदा भंडारण साफ हो सकता है। हालांकि, होजरी विनिर्माताओं का कहना है कि ठंड आने में हुई देरी के कारण बिहार और मध्य प्रदेश जैसे अन्य प्रमुख बाजारों से मांग में अभी भी तेजी नहीं आई है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों के खुदरा बाजारों में भी सर्दियों के कपड़ों की मांग बढ़ेगी।

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एसबीआई ने फील्ड अधिकारियों को बीमा उत्पादों की अनैतिक बिक्री से बचने को कहा
Business एसबीआई ने फील्ड अधिकारियों को बीमा उत्पादों की अनैतिक बिक्री से बचने को कहा

एसबीआई ने फील्ड अधिकारियों को बीमा उत्पादों की अनैतिक बिक्री से बचने को कहा वित्त मंत्रालय का सख्त निर्देश आने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने फील्ड अधिकारियों से कहा है कि वे ग्राहकों को बीमा उत्पाद गलत ढंग का इस्तेमाल करते हुए दबाव डालकर न बेचें। कुछ दिन पहले, वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को भेजे गए निर्देश में कहा था कि वे ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए ‘अनैतिक व्यवहार’ पर रोक लगाने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने पर ध्यान दें। मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों को लिखे पत्र में कहा था कि बैंकों और जीवन बीमा कंपनियों द्वारा बैंक ग्राहकों को पॉलिसी की बिक्री के लिए धोखाधड़ी वाले और अनैतिक तरीके अपनाए जाने को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं। इस संदर्भ में एसबीआई ने अपने सभी मुख्य महाप्रबंधकों को भेजे पत्र में कहा है कि फील्ड अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शाखाएं बीमा उत्पादों की बिक्री जरूरत के आधार पर करें तथा उपयुक्तता और उपयुक्तता रूपरेखा के आकलन (एएसएएफ) का कड़ाई से अनुपालन करें। डीएफएस ने अपने पत्र में कहा था कि दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में 75 वर्ष से अधिक आयु के ग्राहकों को जीवन बीमा पॉलिसी बेचे जाने के मामले भी सामने आए हैं। आमतौर पर, बैंकों की शाखाएं अपनी अनुषंगी बीमा कंपनियों के उत्पादों का प्रचार-प्रसार करती हैं। जब बैंकों के ग्राहक उनकी पॉलिसी लेने से इनकार कर देते हैं तो शाखा अधिकारी उन्हें ऊपर से दबाव आने का हवाला देते हुए अपना बचाव करते हैं। जब ग्राहक किसी प्रकार का ऋण लेने या सावधि जमा खरीदने जाते हैं, तो उन्हें बीमा उत्पाद लेने को कहा जाता है। इस संबंध में वित्तीय सेवा विभाग ने पहले ही एक परिपत्र जारी कर यह सलाह दी है कि किसी बैंक को किसी खास कंपनी से बीमा लेने के लिए ग्राहकों को मजबूर नहीं करना चाहिए।

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चीन में कोविड संकट गहराने की आशंका में टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादकों ने शुरू किया भंडारण
Business चीन में कोविड संकट गहराने की आशंका में टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादकों ने शुरू किया भंडारण

चीन में कोविड संकट गहराने की आशंका में टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादकों ने शुरू किया भंडारण चीन में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने से देश में टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं (कंज्यूमर ड्यूरेबल) के विनिर्माताओं को आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान से चिंता सताने लगी है और उन्होंने संकट से बचने के लिए कच्चे माल का भंडारण शुरू कर दिया है। चीन में कोविड संकट गहराने से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला फिर से बाधित हो गई है। विशेषज्ञों ने कहा कि जनवरी के तीसरे सप्ताह से शुरू होने वाले चीनी नव वर्ष की छुट्टियों के साथ अगर वहां के कारखानों में फरवरी में पूरी तरह उत्पादन शुरू नहीं हो पाया तो भारतीय उद्योग को एक बार फिर आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के विनिर्माता आमतौर पर एक महीने के लिए कच्चे माल का भंडार रखते हैं, लेकिन अब वे इसे कम से कम दो-तीन महीने की जरूरत के हिसाब से बढ़ा रहे हैं। आपूर्ति श्रृंखला में कोई भी संभावित व्यवधान एयर कंडीशनर और एलईडी टीवी पैनल जैसी उत्पादन श्रेणियों को प्रभावित कर सकता है। अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अतुल लाल ने कहा कि वह चीन के हालात पर निगाह बनाए हुए है। गोदरेज अप्लायंसेज के व्यवसाय प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उपकरण उद्योग ने घटकों की आपूर्ति के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम कर दी है। फिर भी एयर कंडीशनर जैसी कुछ श्रेणियों में चीन पर निर्भरता बहुत अधिक है। एयर-कंडीशनर के करीब 40 से 45 प्रतिशत घटक (मूल्य के हिसाब से) चीन से आते हैं। कंप्रेशर्स इसमें एक बड़ा हिस्सा हैं। नंदी ने कहा कि अगर चीनी नववर्ष की छुट्टियों के बाद वहां कोविड महामारी की स्थिति और बिगड़ती है, तो यह चिंता का विषय होगा। चीनी नववर्ष की शुरुआत 20 जनवरी से होगी और करीब दो सप्ताह तक छुट्टियां रहने के बाद फरवरी के पहले सप्ताह में कारखाने दोबारा शुरू होंगे।

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खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह रहा मजबूती का रुख
Business खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह रहा मजबूती का रुख

खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह रहा मजबूती का रुख बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में खाद्य तेल तिलहन कीमतों में तेजी का रुख दिखा तथा सोयाबीन, मूंगफली एवं बिनौला तेल तिलहन तथा सीपीओ, पामोलीन तेल कीमतें मजबूती दर्शाती बंद हुई। अगले महीने सरसों की नई फसल आने और भारी उत्पादन संभावनाओं के बीच केवल सरसों तेल तिलहन के भाव अपने पिछले सप्ताहांत के मुकाबले हानि के साथ बंद हुए। बाजार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि जनवरी-फरवरी के दौरान सरसों की बंपर पैदावार की संभावना कोदेखते हुए किसान अपना माल खपा रहे हैं जिससे सरसों तिलहन में गिरावट आई। सस्ते आयातित तेल के सामने सरसों बाजार में खप नहीं रहा जिसकी वजह से सरसों तेल कीमतों में समीक्षाधीन सप्ताहांत में गिरावट आई है। सूत्रों के मुताबिक, सोयाबीन के मामले में देखा जा रहा है कि किसान बाजार में आवक कम मात्रा में ला रहे हैं। इसके अलावा डी-आयल्ड केक (डीओसी) की स्थानीय मांग भी होने से सोयाबीन तिलहन में सुधार है। सोयाबीन तेल में सुधार का कारण कम आयात होने की वजह से ‘शार्ट सप्लाई’ की स्थितिहै। हालांकि कुछ दिनों में आयात की नयी खेप आने से कम आपूर्ति की स्थिति खत्म हो जानी चाहिये। वैसे विदेशों में सोयाबीन तेल के दाम में (लगभग 4-5 रुपये किलो की) गिरावट आने पर तेल के दाम घटने चाहिए थे लेकिन शार्ट सप्लाई के कारण तेजी देखने को मिल रही है। सूत्रों ने कहा कि मूंगफली दाने की जाड़े में मांग होने से मूंगफली दाना की कीमतों में सुधार है। तेल पेराई करने वालों को सभी तेलों की तरह मूंगफली की पेराई करने में नुकसान है। दूसरा किसान सस्ते में अपना माल बेचने को राजी नहीं हैं जिससे समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया। सस्ता होने से वैश्विक स्तर पर कच्चा पामतेल की मांग होने के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ) कीमतों में सुधार आया। सोयाबीन और पामोलीन का अंतर कम होने से पामोलीन की मांग बढ़ी है जिससे समीक्षाधीन सप्ताह में पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया। सूत्रों ने कहा कि मंडियों में आवक कम होने से समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौलातेल कीमतों में भी मजबूती देखने को मिली। सूत्रों के मुताबिक, सरकार की कोटा प्रणाली के तहत शुल्क-मुक्त आयात से किसान, तेल उद्योग, उपभोक्ता और सरकार किसी को भी फायदा नहीं हो रहा और सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे हल्के तेल के दाम में भी मनोवांछित कमी नहीं आई है। ऐसी छूट अगर डीओसी का निर्यात करने वाली तेल प्रसंस्करण मिलों को मिली होती तो कई समस्याओं का हल एक साथ निकल जाता। ऐसी मिलें किसानों से सारा माल अच्छे दाम पर खरीद कर कम दाम पर तेल उपलब्ध करा सकती थीं और इस कमी की भरपाई डीओसी के निर्यात से पूरा कर लेंती। सूत्रों ने कहा कि बिनौला खल (देश में कुल खल उत्पादन का 80 प्रतिशत हिस्सा) के महंगा होने से दूध और दुग्ध उत्पादों के दाम बढ़ने पर कोई भी आवाज नहीं उठा रहा है। तिलहन की प्रति व्यक्ति खपत प्रतिदिन लगभग 50 ग्राम के आसपास होती है लेकिन दूध एवं दुग्ध उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत, तिलहन खपत के मुकाबले कई गुना अधिक है और महंगाई इन उत्पादों के कारण कहीं अधिक बढ़ती है। इस तरह तेल तिलहन का कारोबार से खल, डीओसी भी जुड़ा है जिससे दूध, दुग्ध उत्पाद, अंडे, मुर्गी मांस इत्यादि की कीमतें भी प्रभावित होती हैं। उन्होंने कहा कि देश सालाना लगभग दो करोड़ 40 लाख टन खाद्यतेल की खपत करता है जबकि देश में दूध उत्पादन का स्तर लगभग 13 करोड़ टन है। मुर्गीदाने और पशु आहार की कमी होने से दूध एवं दुग्ध उत्पादों के साथ साथ अंडे, चिकेन के दाम भी बढ़ेंगे और महंगाई पर असर डालेंगे। हाल के दिनों में दूध की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण इसे ही माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 85 रुपये की गिरावट के साथ 6,945-6,995 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में 150 रुपये की हानि के साथ 13,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 5-5 रुपये घटकर क्रमश: 2,130-2,260 रुपये और 2,190-2,315 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं। सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव क्रमश: 100 रुपये और 80 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 5,650-5,750 रुपये और 5,470-5,490 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल के दाम भी क्रमश: 250 रुपये, 200 रुपये और 250 रुपये बढ़कर क्रमश: 13,950 रुपये, 13,600 रुपये और 11,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। किसानों के कम भाव में बिकवाली नहीं करने और पेराई लागत महंगा बैठने के कारण समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहनों कीमतों में सुधार देखने को मिला। समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली तिलहन का भाव 50 रुपये बढ़कर 6,535-6,595 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल गुजरात 150 रुपये बढ़कर 15,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 15 रुपये बढ़कर 2,460-2,725 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। सूत्रों ने कहा कि सस्ते में मांग बढ़ने से समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) में मजबूती आई और इस तेल का भाव 230 रुपये की मजबूती के साथ 8,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 175 रुपये बढ़कर 10,300 रुपये हो गया। पामोलीन कांडला का भाव 150 रुपये बढ़कर 9,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मंडियों में बिनौला, कपास नरमा की आवक कम होने से समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 300 रुपये बढ़कर 12,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

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अर्थव्यवस्था में तेजी से दिसंबर में पेट्रोल-डीजल की बिक्री बढ़ी
Business अर्थव्यवस्था में तेजी से दिसंबर में पेट्रोल-डीजल की बिक्री बढ़ी

अर्थव्यवस्था में तेजी से दिसंबर में पेट्रोल-डीजल की बिक्री बढ़ी कृषि क्षेत्र में खपत बढ़ने से देश में पेट्रोल और डीजल की मांग दिसंबर में सालाना आधार पर बढ़ी है। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने पेट्रोल की बिक्री 8.

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चंद्रशेखर ने कहा कि 2023 में भी देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था मजबूत होने वाली है
Business चंद्रशेखर ने कहा कि 2023 में भी देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था मजबूत होने वाली है

चंद्रशेखर ने कहा कि 2023 में भी देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था मजबूत होने वाली है राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निराशा और चिंताओं को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि भारत की डिजिटल शक्ति प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग के जरिये वर्ष 2023 और अगले पांच वर्षों में बढ़ेगी। चंद्रशेखर की यह टिप्पणी पश्चिमी देशों में प्रतिकूल माहौल, अमेरिका की बड़ी कंपनियों में नौकरियों में कटौती, वैश्विक बाजार में उथल-पुथल और आईटी क्षेत्र में मंदी की चिंताओं के लिहाज से महत्वपूर्ण है। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत की एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था की संकल्पना निर्विवाद है और पहुंच के भीतर है। चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था की रफ्तार 2023 में भी जारी रहेगी और प्रौद्योगिकी वृद्धि एवं नवोन्मेष की रूपरेखा संबंधी नियम और कानून इसे संभव बनाएंगे। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की क्षमता का जिक्र करते हुए चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘कोई नरमी नहीं है, कुछ है तो अगले पांच वर्ष के दौरान बसंत है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभा, उत्पाद और प्रौद्योगिकी जिसे भारत में डिजाइन किया गया है और जो मेड इन इंडिया है उसमें गति कायम है। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल उत्पादों और डिजिटल सेवाओं की खपत के लिहाज से एक बाजार के रूप में भारत अगले पांच से दस वर्षों के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है। ये सारे कारक संकेत देते हैं कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार जारी रहेगा और यह अगले चार-पांच साल में एक हजार अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था हमारी पहुंच में है। यह एक अकाट्य तथ्य है कि एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने के बड़े अवसर हमारे पास हैं।’’ चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी और आईटीईएस क्षेत्र सालाना 15-20 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, यहां विश्व स्तरीय स्टार्टअप और नवाचार परिवेश भी है। उन्होंने बताया कि 2023 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण यह है कि मोबाइल फोन का निर्यात भारत से होने वाले शीर्ष दस निर्यातों की श्रेणी में शामिल हो। उन्होंने कहा कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण परिवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार सभी आवश्यक उपाय करेगी।

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बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक के नंदिनी ब्रांड का अमूल में विलय नहीं होगा
Business बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक के नंदिनी ब्रांड का अमूल में विलय नहीं होगा

बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक के नंदिनी ब्रांड का अमूल में विलय नहीं होगा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य के लोकप्रिय डेयरी ब्रांड नंदिनी का अमूल में विलय किए जाने की आशंका को गलत बताते हुए रविवार को कहा कि एक अलग ब्रांड के तौर पर नंदिनी की पहचान हमेशा बनी रहेगी। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्य की दुग्ध सहकारी समिति नंदिनी के अमूल के साथ भागीदारी को लेकर हाल ही में टिप्पणी की थी। उसके बाद से ही विपक्षी दल इस पर राज्य सरकार पर निशाना साध रहे थे। शाह ने मांड्या में स्थित नंदिनी की डेयरी का दौरा किया था। उसके बाद कर्नाटक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने अंदेशा जताया था कि नंदिनी का गुजरात की दुग्ध विक्रेता फर्म अमूल के साथ विलय किया जा सकता है। इस आशंका को खारिज करते हुए बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नंदिनी की आने वाले सैकड़ों वर्षों तक अलग पहचान कायम रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘नंदिनी का अमूल के साथ विलय किए जाने की कल्पना ही गलत है। शाह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि नंदिनी और अमूल प्रौद्योगिकी और विपणन के क्षेत्र में सहयोग करेंगी।’’ बोम्मई ने कहा, शाह ने कहा था कि इन दो बड़ी दुग्ध विक्रेता कंपनियों को एक दूसरे की पूरक बनकर काम करना चाहिए। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उन दोनों का विलय होगा। नंदिनी ब्रांड सैकड़ों वर्षों तक एक अलग संस्थान बना रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री के बयान को गलत नहीं समझा जाना चाहिए और न ही इसका राजनीतिकरण होना चाहिए। मुख्यमंत्री होने के नाते मैं कह रहा हूं कि नंदिनी ब्रांड की हमेशा एक अलग पहचान रहेगी।

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Tata Motors की कुल घरेलू बिक्री दिसंबर में 10 फीसदी बढ़ी
Business Tata Motors की कुल घरेलू बिक्री दिसंबर में 10 फीसदी बढ़ी

Tata Motors की कुल घरेलू बिक्री दिसंबर में 10 फीसदी बढ़ी नयी दिल्ली। घरेलू वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स की दिसंबर 2022 में कुल घरेलू बिक्री दस फीसदी की वृद्धि के साथ 72,997 इकाई रही है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि मेंकंपनी ने 66,307 वाहन बेचे थे। टाटा मोटर्स ने रविवार को एक बयान में कहा कि घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री समीक्षाधीन महीने में 40,043 इकाई रही है जो दिसंबर 2021 की 35,299 इकाई की तुलना में 13.

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वर्ष 2022 में रुपया डॉलर के मुकाबले 11 फीसदी गिरा, 2013 के बाद सबसे बुरा प्रदर्शन
Business वर्ष 2022 में रुपया डॉलर के मुकाबले 11 फीसदी गिरा, 2013 के बाद सबसे बुरा प्रदर्शन

वर्ष 2022 में रुपया डॉलर के मुकाबले 11 फीसदी गिरा, 2013 के बाद सबसे बुरा प्रदर्शन नयी दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आक्रामक मौद्रिक नीति ने वर्ष 2022 में पूरे साल लगातार डॉलर को मजबूत किया जिससे भारतीय रुपये का भाव अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इस साल 11 प्रतिशत से अधिक गिर गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 2021 के अंत में 74.

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DGCA ने बीते साल एयरलाइंस, व्यक्तियों के खिलाफ 305 मामलों में की कार्रवाई
Business DGCA ने बीते साल एयरलाइंस, व्यक्तियों के खिलाफ 305 मामलों में की कार्रवाई

DGCA ने बीते साल एयरलाइंस, व्यक्तियों के खिलाफ 305 मामलों में की कार्रवाई मुंबई। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विभिन्न नियमों का पालन नहीं करने पर वर्ष 2022 में विभिन्न एयरलाइंस और व्यक्तियों के खिलाफ अर्थदंड लगाने समेत प्रवर्तन की 305 कार्रवाई की। डीजीसीए ने रविवार को एक बयान में कहा कि इस साल प्रवर्तन की 305 कार्रवाई की गई। कार्रवाई की जद में विभिन्न एयरलाइंस, हवाईअड्डा परिचालक, उड़ान प्रशिक्षण संगठन आए हैं। ये कार्रवाई सुरक्षा नियमों और मानकों का पालन नहीं करने और विमान परिचालन में सुरक्षा के साथ समझौते करने की वजह से की गई।

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Coal India को वित्त वर्ष में 70 करोड़ टन का उत्पादन लक्ष्य पार करने का भरोसाः चेयरमैन
Business Coal India को वित्त वर्ष में 70 करोड़ टन का उत्पादन लक्ष्य पार करने का भरोसाः चेयरमैन

Coal India को वित्त वर्ष में 70 करोड़ टन का उत्पादन लक्ष्य पार करने का भरोसाः चेयरमैन कोलकाता। सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने भरोसा जताया है कि कंपनी मार्च 2023 तक 70 करोड़ टन उत्पादन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पार कर लेगी। इसके साथ ही उन्होंने कंपनी की समुचित क्षतिपूर्ति के लिए दामों में संशोधन कोबहुत जरूरी बताया है। सरकार की तरफ से कंपनी के लिए निर्धारित वार्षिक उत्पादन लक्ष्य को अगर वह 12 फीसदी से अधिक वृद्धि के साथ हासिल कर लेती है तो यह उसकी एक बड़ी उपलब्धि होगी। वर्ष 2021-22 में कंपनी का उत्पादन 62.

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Corporate tax-GDP अनुपात वित्त वर्ष 2021-22 में तीन प्रतिशत से अधिक रहा
Business Corporate tax-GDP अनुपात वित्त वर्ष 2021-22 में तीन प्रतिशत से अधिक रहा

Corporate tax-GDP अनुपात वित्त वर्ष 2021-22 में तीन प्रतिशत से अधिक रहा नयी दिल्ली। कॉरपोरेट कर संग्रह दो साल के अंतराल के बाद वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तीन प्रतिशत से अधिक हो गया। यह वृद्धि वस्तुओं और सेवाओं की मांग में वृद्धि से भारतीय उद्योग जगत के मुनाफे में सुधार को दर्शाती है। हालांकि, कॉरपोरेट कर संग्रह वित्त वर्ष 2018-19 में दर्ज किए गए सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले 3.

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Skoda Auto India की बिक्री में भारी उछाल, दिसंबर में 48 प्रतिशत बढ़ी ज्यादा गाड़ियां बिकी
Business Skoda Auto India की बिक्री में भारी उछाल, दिसंबर में 48 प्रतिशत बढ़ी ज्यादा गाड़ियां बिकी

Skoda Auto India की बिक्री में भारी उछाल, दिसंबर में 48 प्रतिशत बढ़ी ज्यादा गाड़ियां बिकी नयी दिल्ली। वाहन विनिर्माता स्कोडा ऑटो इंडिया की बिक्री दिसंबर महीने में 48 प्रतिशत बढ़कर 4,788 इकाई पर पहुंच गई। कंपनी ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि उसने पिछले साल इसी महीने में 3,234 इकाइयां बेची थीं। कंपनी ने वर्ष 2022 के पूरे साल में कुल 53,721 वाहनों की बिक्री की। यह वर्ष 2021 में हुई 23,858 इकाइयों की बिक्री की तुलना में दोगुनी से अधिक उछाल को दर्शाता है।

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MG Motor india की बिक्री दिसंबर में 53 प्रतिशत बढ़कर 3,899 इकाई हुई
Business MG Motor india की बिक्री दिसंबर में 53 प्रतिशत बढ़कर 3,899 इकाई हुई

MG Motor india की बिक्री दिसंबर में 53 प्रतिशत बढ़कर 3,899 इकाई हुई नयी दिल्ली। एमजी मोटर इंडिया ने रविवार को बताया कि दिसंबर 2022 में उसकी खुदरा बिक्री 53 प्रतिशत बढ़कर 3,899 इकाई रही। कंपनी ने 2021 के इसी महीने में 2,550 इकाइयां बेची थीं। कंपनी ने एक बयान में कहा कि महामारी और लॉजिस्टिक बाधाओं की दोहरी चुनौतियों से उत्पादन प्रभावित हुआ है, लेकिन आने वाले महीने में हालात बेहतर हो सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को मिले एक लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव
Business उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को मिले एक लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को मिले एक लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को राज्य के विभिन्न जिलों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव निवेशकों से मिले हैं। इन निवेश प्रस्तावों में से 83,000 करोड़ रुपये के निवेश वाले समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इन एमओयू को 10-12 फरवरी 2023 को लखनऊ में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा ताकि निवेशक कंपनियां परियोजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य जल्द शुरू कर सकें।

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ईपीएफओ ने पात्र अंशधारकों को अधिक पेंशन का विकल्प उपलब्ध कराने को कहा
Business ईपीएफओ ने पात्र अंशधारकों को अधिक पेंशन का विकल्प उपलब्ध कराने को कहा

ईपीएफओ ने पात्र अंशधारकों को अधिक पेंशन का विकल्प उपलब्ध कराने को कहा सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाले निकाय ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से उच्चतम न्यायालय के चार नवंबर, 2022 के उस आदेश को लागू करने को कहा है जिसमें पात्र अंशधारकों को अधिक पेंशन का विकल्प उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के गत 29 दिसंबर को जारी परिपत्र में केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लागू करने का आदेश दिया है। क्षेत्रीय कार्यालयों को उच्चतम न्यायालय के चार नवंबर, 2022 के फैसले के पैरा 44 (9) में निहित निर्देशों को निर्धारित समय सीमा के भीतर लागू करने के लिए कहा गया है। साथ ही क्षेत्रीय कार्यालयों को ईपीएफओ द्वारा लिए गए निर्णय का पर्याप्त प्रचार भी करना होगा। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 को बरकरार रखा था। ईपीएस संशोधन (अगस्त 2014) ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था। इसके अलावा सदस्यों को उनके नियोक्ताओं के साथ ईपीएस में उनके वास्तविक वेतन (यदि यह सीमा से अधिक हो) पर 8.

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