देश के आठ प्रमुख शहरों में आवास बिक्री बढ़ी: रिपोर्ट
Business देश के आठ प्रमुख शहरों में आवास बिक्री बढ़ी: रिपोर्ट

देश के आठ प्रमुख शहरों में आवास बिक्री बढ़ी: रिपोर्ट नयी दिल्ली। देश के आठ प्रमुख शहरों में आवास की मांग मजबूत बनी हुई है और अक्टूबर से दिसंबर की अवधि के दौरान इन शहरों में आवास बिक्री सालाना आधार पर 19 फीसदी बढ़कर 80,770 इकाई रही है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। पिछले वर्ष की समान तिमाही में 67,890 आवासीय इकाइयां बिकी थीं। आवास ब्रोकरेज कंपनी प्रॉपटाइगर डॉट कॉम ने अपनी ‘रियल स्टेट इनसाइट’ रिपोर्ट में बताया कि देश के आठ प्रमुख शहरों में इस साल अब तक आवास बिक्री 50 प्रतिशत बढ़कर 3,08,940 इकाई पर पहुंच गई। 2021 में 2,05,940 इकाइयां बिकीं थीं। हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य वित्तीय अधिकारी विकास वधावन ने कहा, ‘‘आवास ऋण की ब्याज दरों में निरंतर वृद्धि के बावजूद ग्राहक ब्याज दरों को लेकर परेशान होने के बजाए कम दाम पर सौदा तय कर लेना चाहते हैं।’’

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सरकार ने NCLAT में तीन पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए
Business सरकार ने NCLAT में तीन पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए

सरकार ने NCLAT में तीन पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए नयी दिल्ली। सरकार ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) में तीन पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इनमें एक पद न्यायिक सदस्य का एवं दो पद तकनीकी सदस्यों के हैं। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने एक सार्वजनिक नोटिस में यह जानकारी दी। इसमें बताया गया कि ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 23 जनवरी 2023 है।

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Stock Market Updates: आज के Top 5 Shares जिन पर होगी निवेशकों की नजर
Business Stock Market Updates: आज के Top 5 Shares जिन पर होगी निवेशकों की नजर

Stock Market Updates: आज के Top 5 Shares जिन पर होगी निवेशकों की नजर दुनिया भर के बाजार में आज कमजोर संकेत मिल रहे हैं। एशियाई बाजारों और Singapore Exchange में हल्की गिरावट देखने को मिली है। मिलेजुले ग्लोबल संकेतों के बीच भारतीय बाजारों की शुरूआत कमजोर रही। BSE Sensex पर 70.

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जम्मू-कश्मीर सरकार 625 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती करेगी
Business जम्मू-कश्मीर सरकार 625 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती करेगी

जम्मू-कश्मीर सरकार 625 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती करेगी जम्मू-कश्मीर सरकार कृषि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए625 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय और सुगंधित पौधे (एमएपी) की खेती करेगी। अधिकारियों ने कहा कि इससे 750 करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था, समानता और पारिस्थितिकी के सिद्धांतों पर आधारित 5,013 करोड़ रुपये की लागत वाली 29 परियोजनाओं में से एक है।

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अस्थायी कर्मियों के लिए बेहतर कामकाजी माहौल की रेटिंग में ओला, उबर को ‘शून्य’ अंक
Business अस्थायी कर्मियों के लिए बेहतर कामकाजी माहौल की रेटिंग में ओला, उबर को ‘शून्य’ अंक

अस्थायी कर्मियों के लिए बेहतर कामकाजी माहौल की रेटिंग में ओला, उबर को ‘शून्य’ अंक अस्थायी कर्मचारियों (गिग वर्कर) के लिए कामकाज संबंधी अनुकूल या उचित परिस्थितियों के आधार पर डिजिटल मंचों की एक रैंकिंग की गई है जिनमें सबसे कम अंक ऐप आधारित कैब सेवा कंपनियों ओला और उबर, राशन डिलिवरी ऐप डुंजो, दवा मंच फार्मइजी और अमेजन फ्लेक्स को मिले हैं। फेयरवर्क इंडिया की टीम ने 12 डिजिटल मंचों की यह रेटिंग ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर तैयार की है। फेयरवर्क दुनियाभर के डिजिटल मंच के कर्मचारियों के लिए कामकाज की परिस्थितियों का आकलन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करती है। ‘फेयरवर्क इंडिया रेटिंग्स 2022 रिपोर्ट’ में डिजिटल मंचों का आकलन पांच सिद्धांतों के आधार पर किया जाता है, जो हैं: उचित भुगतान, अनुकूल परिस्थितियां, उचित अनुबंध, उचितप्रबंधन और उचित प्रतिनिधित्व। इसमें अमेजन फ्लेक्स, डुंजो, ओला, फार्मइजी और उबर को दस में से शून्य अंक मिले हैं। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इस वर्ष किसी भी मंच को दस अंक में से सात से अधिक अंक नहीं मिले।’’ इसमें 12 मंचों का आकलन किया गया जिसमें अमेजन फ्लेक्स, बिगबास्केट, डुंजो, फ्लिपकार्ट, ओला, फार्मइजी, पोर्टर, स्विगी, उबर, अर्बन कंपनी, जेप्टो और जोमैटो शामिल हैं।

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नए साल में फिर परिचालन शुरू कर सकती है रेलिगेयर फिनवेस्ट, ओटीएस योजना से ऋणदाता ‘सहमत’
Business नए साल में फिर परिचालन शुरू कर सकती है रेलिगेयर फिनवेस्ट, ओटीएस योजना से ऋणदाता ‘सहमत’

नए साल में फिर परिचालन शुरू कर सकती है रेलिगेयर फिनवेस्ट, ओटीएस योजना से ऋणदाता ‘सहमत’ कर्ज के बोझ में दबी रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) को भरोसा है कि नए साल में उसका कारोबारी परिचालन फिर शुरू हो जाएगा। कंपनी के 2,300 करोड़ रुपये के एकमुश्त निपटान (ओटीएस) प्रस्ताव को ज्यादातर ऋणदाताओं की सहमति मिल गई है। ओटीएस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरएफएल सुधारात्मक कार्रवाई योजना (सीएपी) से बाहर आ जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने कंपनी वित्तीय सेहत की वजह से जनवरी, 2018 में उसपर सुधारात्मक कार्रवाई योजना लागू की थी। सूत्रों ने बताया कि 16 में से 14 ऋणदाताओं ने ओटीएस करार पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

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‘असंगठित’ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा दायरे का विस्तार होगा 2023 में सरकार की प्राथमिकता
Business ‘असंगठित’ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा दायरे का विस्तार होगा 2023 में सरकार की प्राथमिकता

‘असंगठित’ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा दायरे का विस्तार होगा 2023 में सरकार की प्राथमिकता असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा दायरे का विस्तार और राज्यों को श्रम संहिता के लिए नियम बनाने को प्रेरित करना 2023 में सरकार के लिए प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी। देश के श्रम बाजार को मजबूत बनाने के प्रयासों के तहत सरकार अपनी इन प्राथमिकताओं को पूरा करने पर विशेष ध्यान देगी। भारत अगले साल पहली बार जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है। ऐसे में केंद्रीय श्रम मंत्रालय वैश्विक स्तर पर कौशल में अंतर, अस्थायी और मंच अर्थव्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

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ICRA ने कहा कि देश का एयरबैंग उद्योग 2026-27 तक 7,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा
Business ICRA ने कहा कि देश का एयरबैंग उद्योग 2026-27 तक 7,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा

ICRA ने कहा कि देश का एयरबैंग उद्योग 2026-27 तक 7,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा देश में एयरबैग उद्योग का आकार वित्त वर्ष 2026-27 तक 7,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए एयरबैग लगाए जाते हैं। अभी इस उद्योग का आकार 2,500 करोड़ रुपये का है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि एयरबैग वाहन उद्योग का सबसे तेजी से बढ़ता खंड है। इक्रा ने बयान में कहा कि नियामकीय तथा स्वैच्छिक आधार पर प्रति वाहन एयरबैग की संख्या में वृद्धि से इस उद्योग को रफ्तार मिलेगी। इक्रा के उपाध्यक्ष और क्षेत्र प्रमुख विनुता एस ने कहा, ‘‘अभी प्रत्येक बिकने वाली कार के लिए औसतन तीन एयरबैग की जरूरत होती है। एक अक्टूबर, 2023 से छह एयरबैग प्रति कार का नियम लागू होगा। इससे एयरबैग की मांग में इजाफा होगा।’’

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इंडिया रेटिंग्स का कहना है कि सरचार्ज के भुगतान में देरी से बिजली उत्पादकों का बकाया कम हो रहा है
Business इंडिया रेटिंग्स का कहना है कि सरचार्ज के भुगतान में देरी से बिजली उत्पादकों का बकाया कम हो रहा है

इंडिया रेटिंग्स का कहना है कि सरचार्ज के भुगतान में देरी से बिजली उत्पादकों का बकाया कम हो रहा है विलंब भुगतान अधिभार नियम के अमल में आने से वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के भुगतान में तेजी आई है।साख तय करने वाली और शोध एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक रिपोर्ट में यह बात कही। इसमें कहा गया है कि बिजली मंत्रालय के तीन जून, 2022 को जारी विलंब भुगतान अधिभार नियम से राज्य बिजली वितरण कंपनियों में अनुशासन आया है और वे तापीय और नवीकरणीय ऊर्जा पैदा कर रहे स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) को समय पर भुगतान करने को प्रेरित हुए हैं। बयान के अनुसार, ज्यादातर राज्यों के मामले में वितरण कंपनियों के ऊपर बकाये में कमी आई है। तेलंगाना, आंध्र प्रदेशऔर मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 22 अक्टूबर की स्थिति के अनुसार बकाया प्राप्तियां 30 से 90 दिनों में प्राप्त हो रही हैं, जो मई, 2022 में 120 से 450 दिनों तक थी। इसके अलावा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी स्थिति सुधर रही है। अंतरराज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) के माध्यम से बिजली की आपूर्ति के लिये लघु और अंततः मध्यम या दीर्घकाल में पहुंच खोने के जोखिम को देखते हुए, यह योजना वितरण कंपनियों को समय पर भुगतान के लिये प्रोत्साहित करती है और उनमें अनुशासन लाती है। एजेंसी ने कहा कि बकाये में कमी के साथ आईपीपी के लिये केंद्रीय बिजली उपक्रमों के साथ भुगतान सुरक्षा को लेकर समान अवसर मिलेगा। साथ ही दबाव वाली परियोजनाओं में नकदी का दबाव कम होगा।

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इरडा ने कहा कि बीमा कंपनियों को कोविड टीके की तीनों खुराक लेने वालों को छूट देने पर विचार करना चाहिए
Business इरडा ने कहा कि बीमा कंपनियों को कोविड टीके की तीनों खुराक लेने वालों को छूट देने पर विचार करना चाहिए

इरडा ने कहा कि बीमा कंपनियों को कोविड टीके की तीनों खुराक लेने वालों को छूट देने पर विचार करना चाहिए कई देशों में कोरोना वायरस के मामले आने के साथ बीमा नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों से कोविड-19 टीके की तीनों खुराक ले चुके लोगों को साधारण और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के नवीनीकरण पर छूट देने का विचार करने को कहा है। सूत्रों ने कहा कि इसके साथ ही भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने जीवन और साधारण बीमा प्रदान करने वाली कंपनियों से कोविड संबंधित दावों को यथाशीघ्र भुगतान तथा कागजी काम कम करने को भी कहा है। पिछले सप्ताह कोविड-19 को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिये आयोजित बैठक में नियामक ने कहा कि बीमा कंपनियों को उन पॉलिसीधारकों को प्रोत्साहन देना चाहिए जो उनके नेटवर्क में आने वाले स्वास्थ्य केंद्रों के जरिये आरटी-पीसीआर जांच कराते हैं। सूत्रों के अनुसार, इरडा ने बीमा कंपनियों से सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के जरिये कोविड महामारी की रोकथाम के लिये अपनाये जाने वाले व्यवहार को प्रोत्साहित करने को कहा। नियामक ने विदेश यात्रा बीमा के संदर्भ में ऐसी पॉलिसी तैयार करने वालों से विभिन्न देशों में कोविड जांच की जरूरत के बारे में सूचना का प्रचार-प्रसार भी करने को कहा। सूत्रों ने कहा कि नियामक ने बीमाकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि पैनल में शामिल अस्पताल कोविड-19 को लेकर अस्पताल में भर्ती होने पर जमा राशि नहीं लें। कैशलेस पॉलिसी होने के बावजूद कुछ अस्पतालों ने पहली और दूसरी लहर के दौरान कोविड उपचार के लिये राशि जमा कराने की मांग की थी।

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राजस्थान: राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना के लिए 65 करोड़ रुपये मंजूर
Business राजस्थान: राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना के लिए 65 करोड़ रुपये मंजूर

राजस्थान: राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना के लिए 65 करोड़ रुपये मंजूर राजस्थान सरकार ने राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 65 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है। एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य सरकार युवाओं के विदेशों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के सपने को पूरा कर रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 65 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने विदेशों के प्रतिष्ठित संस्थानों में निःशुल्क अध्ययन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती (20 अगस्त 2021) पर ‘राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस‘ योजना शुरू की थी। इसमें प्रतिवर्ष 200 विद्यार्थियों को विदेश में निःशुल्क शिक्षा दिलाने का प्रावधान है। इस योजना में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, टोरंटो यूनिवर्सिटी सहित विश्व की टॉप 150 यूनिवर्सिटी/इंस्टीट्यूट में पढ़ने का अवसर दिया जा रहा है। इस योजना में 8 लाख रुपये से कम पारिवारिक आय वाले विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें 25 लाख रुपये तक पारिवारिक आय वाले विद्यार्थी भी आवेदन कर सकते हैं। इसमें महिला विद्यार्थियों के लिए 30 प्रतिशत सीट आरक्षित हैं। योजना का लाभ लेने के लिये राजस्थान का मूल निवासी होना आवश्यक है।

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मलेशिया में तेजी के रुख से लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में मजबूती
Business मलेशिया में तेजी के रुख से लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में मजबूती

मलेशिया में तेजी के रुख से लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में मजबूती मलेशिया एक्सचेंज में आई तेजी की वजह से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों, सोयाबीन और मूंगफली तेल तिलहन सहित कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन और बिनौला तेल कीमतों में मजबूती का रुख देखने को मिला। बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज में छुट्टी थी जबकि मलेशिया एक्सचेंज में सात प्रतिशत की तेजी रही। मलेशिया में आई तेजी का असर स्थानीय तेल तिलहन कीमतों पर भी दिखाई दिया और इन तेलों के दाम में मजबूती रही। सूत्रों ने कहा कि हाल-फिलहाल कुछेक बड़ी दूध कंपनियों ने दूध के दाम बढ़ाये। मदर डेयरी ने सोमवार को पांचवी बार दूध के दाम में लगभग दो रुपये लीटर की बढ़ोतरी की है। ऐसा मवेशीपालन करने वाले किसानों के लागत में वृद्धि होने की वजह से हुआ है। इस लागत वृद्धि की मुख्य वजह खल और ‘डीआयल्ड केक’ (डीओसी) का महंगा होना है। उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों की कमी तो हम पाम और पामोलीन तेल जैसे आयातित तेलों से पूरा कर सकते हैं लेकिन इन तेलों से हमें मवेशियों या मुर्गीदाने के लिए जरूरी डीओसी या खल प्राप्त नहीं होता। इन खल और डीओसी को हल्के तेलों (सॉफ्ट आयल) से ही प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए भी देश में सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और बिनौला की खेती को बढ़ाने की आवश्यकता है जिससे हम डीओसी और खल प्राप्ति के साथ साथ खाद्यतेलों के मामले में विदेशी आयात और वहां की मनमानी से खुद को बचा सकें तथा खाद्यतेल आयात पर होने वाले भारी मात्रा में विदेशीमुद्रा के खर्च को कम कर सकें। सूत्रों ने कहा कि तेल कारोबार में एक मुहावरा काफी प्रचलित है कि जब खाद्यतेल के दाम सस्ते होंगे तो खल और डीओसी महंगे होंगे। मिल वाले और तेल उद्योग, तेल के दाम में आई कमी के बाद उन्हें अपनी लागत निकालने के लिए खल और डीओसी ऊंची दरों पर बेचते हैं। इस परिस्थिति के कारण भी देशी तेल तिलहन का उत्पादन बढ़ाना अनिवार्य है। इससे विदेशी मुद्रा का खर्च घटने के साथ साथ देश की तेल मिलें पूरी क्षमता से चलेंगी, उत्पादन बढ़ने से आयात पर निर्भरता घटेगी, लोगों को रोजगार मिलेगा, खल और डीओसी की उपलब्धता बढ़ने से दूध और अंडे, दुग्ध उत्पादों के दाम पर दवाब कम होगा। सूत्रों ने कहा कि सबसे अधिक 80 प्रतिशत खल हमें बिनौला से प्राप्त होता है जो कपास गांठों से निकलने वाले बिनौला से जिनिंग मिल तेल निकालती हैं। लेकिन दो साल ऊंचे भाव का स्वाद चख चुके किसान इस बार मंडियों या जिनिंग मिलों में कपास गांठ कम ला रहे हैं। उनपर कोई भंडार सीमा भी नहीं होती। किसान अपनी उपज तेल मिलों तक लायें इसके लिए सरकार को कोई प्रोत्साहक उपाय करना होगा। इसके अलावा बड़ी तेल कंपनियों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) निर्धारण की एक सीमा तय करनी चाहिये जिससे कि थोक दाम के मुकाबले एक सीमा तक ही खाद्यतेलों के एमआरपी का निर्धारण हो सके। इसकी सतत निगरानी भी किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय तिलहन उत्पादन बढ़ने से हल्के तेल के साथ साथ डीओसी और खल पर्याप्त मात्रा में मिलने से दूध, अंडों के दाम भी सस्ते होंगे। यदि सस्ते तेलों पर आयात शुल्क लगाकर हालत काबू में नहीं किया गया तो एक दो महीने के बाद पेराई होने वाली सरसों की बुवाई प्रभावित हो सकती है। मंगलवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 7,080-7,130 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,535-6,595 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,400 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,460-2,725 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,150-2,280 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,210-2,335 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,650 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,000 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,150 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,450 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,550-5,650 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 5,370-5,390 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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सरकार कीमतों को काबू में रखने के लिए 15-20 लाख टन गेहूं बेचने पर कर रही विचार
Business सरकार कीमतों को काबू में रखने के लिए 15-20 लाख टन गेहूं बेचने पर कर रही विचार

सरकार कीमतों को काबू में रखने के लिए 15-20 लाख टन गेहूं बेचने पर कर रही विचार गेहूं की बढ़ती खुदरा कीमतों पर काबू पाने के मकसद से सरकार, खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आटा मिलों जैसे थोक उपभोक्ताओं के लिए एफसीआई के भंडार से अगले साल 15-20 लाख टन गेहूं निकालने पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 27 दिसंबर को गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 32.

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ऑनलाइन गेमिंग के लिए आईटी मंत्रालय बना नोडल मंत्रालय
Business ऑनलाइन गेमिंग के लिए आईटी मंत्रालय बना नोडल मंत्रालय

ऑनलाइन गेमिंग के लिए आईटी मंत्रालय बना नोडल मंत्रालय ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोडल मंत्रालय नियुक्त किया गया है जबकि ई-स्पोर्ट्स के लिए खेल विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में कारोबार नियम आवंटन को संशोधित कर इस व्यवस्था को अधिसूचित किया है। सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर लिखा है कि उनका मंत्रालय ऑनलाइन गेमिंग के कारोबार से जुड़ी मध्यवर्ती कंपनियों के लिए जल्द ही मानक लेकर आएगा।

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आईआईएफटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देगी सरकार
Business आईआईएफटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देगी सरकार

आईआईएफटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देगी सरकार सरकार ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) को ‘राष्ट्रीय महत्व का संस्थान’ बनाने का प्रस्ताव किया है। इसका मकसद इसे वैश्विक उत्कृष्टता मानकों को हासिल करने के लिहाज से सशक्त बनाना है। आईआईएफटी की नयी दिल्ली, कोलकाता और काकीनाडा में शाखाएं हैं और अभी यह मानद विश्वविद्यालय है। तत्कालीन सरकार ने 1963 में इसकी स्थापना एक स्वायत्त संगठन के तौर पर की थी।

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इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे संबंधी जीएसटी नियमों में बदलाव
Business इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे संबंधी जीएसटी नियमों में बदलाव

इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे संबंधी जीएसटी नियमों में बदलाव वित्त मंत्रालय ने कहा है कि आपूर्तिकर्ता की तरफ से 30 सितंबर तक देय कर जमा नहीं करने की स्थिति में जीएसटी करदाताओं को पिछले वित्त वर्ष में किए गए अपने आईटीसी दावे को 30 नवंबर तक लौटाना होगा। मंत्रालय ने एक बयान में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रावधान में किए गए इस बदलाव की जानकारी दी। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि ये करदाता बाद में आपूर्तिकर्ता की तरफ से कर जमा कर दिए जाने पर दोबारा आईटीसी का दावा कर सकते हैं। इस नए प्रावधान को प्रभावी करने के लिए केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) नियम की धारा 37ए में बदलाव किए गए हैं। मंत्रालय ने कहा, अगर किसी पंजीकृत करदाता ने इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर लिया है लेकिन अगर उस अवधि के लिए आपूर्तिकर्ता ने देय कर 30 सितंबर तक जमा नहीं किया है तो फिर उस इनपुट टैक्स क्रेडिट को 30 नवंबर तक लौटाना होगा। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि इस बदलाव से केवल चुनिंदा मामलों में ही फायदा होगा। मोहन ने इसकी वजह बताते हुए कहा, पहली बात, यह एक संभावित परिवर्तन है जिससे वित्त वर्ष 2021-22 तक कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। दूसरी बात, बहुत कम मामले ही इन नियमों में निर्धारित शर्तों को पूरा कर पाएंगे। इस बदलाव पर ईवी के कर साझेदार सौरभ अग्रवाल ने कहा कि जीएसटीआर-1 में विक्रेता की तरफ से कई खरीदारों को की गई आपूर्ति का ब्योरा रहेगा लेकिन खरीदार के लिए यह सुनिश्चित कर पाना खासा मुश्किल होगा कि विक्रेता ने कर जमा किया है या नहीं।

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आरबीआई ने कहा कि साल 2021-22 में बैंकिंग फ्रॉड के मामले बढ़े, रकम घटी
Business आरबीआई ने कहा कि साल 2021-22 में बैंकिंग फ्रॉड के मामले बढ़े, रकम घटी

आरबीआई ने कहा कि साल 2021-22 में बैंकिंग फ्रॉड के मामले बढ़े, रकम घटी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई लेकिन इन मामलों में शामिल राशि एक साल पहले की तुलना में आधी से भी कम रह गई। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत में बैंकों का रुझान एवं प्रगति शीर्षक से जारी एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले वित्त वर्ष में 60,389 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े 9,102 मामले सामने आए। वित्त वर्ष 2020-21 में ऐसे मामलों की संख्या 7,358 थी और इनमें 1.

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India-Australia Free Trade Agreement | भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार करार से परिधान निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगा
Business India-Australia Free Trade Agreement | भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार करार से परिधान निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगा

India-Australia Free Trade Agreement | भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार करार से परिधान निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगा नयी दिल्ली। भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत सीमा शुल्क का लाभ मिलने से भारतीय परिधान निर्यातकों को अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में उस देश में अधिक बाजार पहुंच कायम करने में मदद मिलेगी। परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने मंगलवार को यह बात कही। यह समझौता 29 दिसंबर से लागू हो रहा है। एईपीसी के उपाध्यक्ष सुधीर सेखरी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दक्षिणी गोलार्ध में, कपड़ों का सबसे बड़ा आयातक है। इसे भी पढ़ें: बिजली क्षेत्र में कुशल कार्यबल तैयार करने के लिये टाटा पावर डीडीएल ने किया समझौताजहां ऑस्ट्रेलिया में परिधान के आयात में चीन की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक की है, वहीं भारत की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए (आर्थिक सहयोग और व्यापार करार) के लागू होने के साथ भारत को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में आयात के लिए वियतनाम और इंडोनेशिया के मुकाबले मामूली शुल्क लाभ होगा।’’

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बिजली क्षेत्र में कुशल कार्यबल तैयार करने के लिये टाटा पावर डीडीएल ने किया समझौता
Business बिजली क्षेत्र में कुशल कार्यबल तैयार करने के लिये टाटा पावर डीडीएल ने किया समझौता

बिजली क्षेत्र में कुशल कार्यबल तैयार करने के लिये टाटा पावर डीडीएल ने किया समझौता नयी दिल्ली। बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर डीडीएल) ने विद्युत क्षेत्र में हुनरमंद कार्यबल तैयार करने के लिये एनटीपीसी स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ समझौता किया है। उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर डीडीएल ने मंगलवार को बयान में कहा, ‘‘कंपनी ने ऊर्जा क्षेत्र में योग्‍य और प्रशिक्षित कार्यबल का एक मजबूत और बड़ा आधार तैयार करने के उद्देश्‍य से एनटीपीसी स्‍कूल ऑफ बिजनेस के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए हैं।’’ इसे भी पढ़ें: ICICI Videocon Loan Fraud Case क्या है?

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Stock Market Update: सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय सूचकांकों में तेजी के साथ बंद, रुपया हुआ मजबूत
Business Stock Market Update: सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय सूचकांकों में तेजी के साथ बंद, रुपया हुआ मजबूत

Stock Market Update: सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय सूचकांकों में तेजी के साथ बंद, रुपया हुआ मजबूत आज भारतीय बाजार की शुरूआत फ्लैट हुई । चीन द्वारा अपने कोविड प्रतिबंधों को वापस लेने के का सकारात्मक असर घरेलू शेयर बाजार पर दिखाई दिया। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय सूचकांकों में तेजी जारी रही। फिलहाल सेंसेक्‍स में 361.

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Startup कंपनियां नए साल में अच्छा-खासा विदेशी निवेश हासिल करेंगी : डीपीआईआईटी सचिव
Business Startup कंपनियां नए साल में अच्छा-खासा विदेशी निवेश हासिल करेंगी : डीपीआईआईटी सचिव

Startup कंपनियां नए साल में अच्छा-खासा विदेशी निवेश हासिल करेंगी : डीपीआईआईटी सचिव नयी दिल्ली। उभरते उद्यमियों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के कारण देश की स्टार्टअप कंपनियां अगले साल यानी 2023 में अच्छा-खासा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करेंगी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) केसचिव अनुराग जैन ने मंगलवार को यह राय जताई। जैन ने कहा कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है और जिस तरह से यहां की स्टार्टअप इकाइयां प्रदर्शन कर रही हैं, जल्द ही भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष पारिस्थितिकी तंत्र बन जाएगा। सचिव ने पीटीआई-से कहा, ‘‘मान्यता प्राप्त स्टार्टअप इकाइयों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) और स्टार्टअप इंडिया शुरुआती कोष योजना (एसआईएसएफएस) अच्छा कर रही हैं। ऐसे में स्टार्टअप इकाइयां 2023 में अच्छा-खासा एफडीआई आकर्षित कर पाएंगी। जैन ने कहा कि फिलहाल भारत में सबसे अधिक उदार एफडीआई नीतियां हैं।

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