Data Protection Bill के तहत सरकार को उल्लेखनीय नियंत्रण से निवेश प्रभावित होगा : आईटीआई
Business Data Protection Bill के तहत सरकार को उल्लेखनीय नियंत्रण से निवेश प्रभावित होगा : आईटीआई

Data Protection Bill के तहत सरकार को उल्लेखनीय नियंत्रण से निवेश प्रभावित होगा : आईटीआई नयी दिल्ली। प्रस्तावित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक-2022 के तहत सरकार को महत्वपूर्ण नियंत्रण और छूट से कंपनियों के लिए भारत में डेटा केंद्रों और डेटा प्रसंस्करण गतिविधियों में निवेश करना कठिन हो सकता है। वैश्विक प्रौद्योगिकी उद्योग के निकाय आईटीआई ने यह आशंका जताई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक-2022 का मसौदा तैयार किया है और दो जनवरी तक इसपर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। आईटीआई ने कहा है कि यह विधेयक भारत सरकार की कार्यकारी शाखा को महत्वपूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इसमें सरकार के लिए कई तरह की छूट हैं जो कंपनियों के लिए भारत में डेटा केंद्रों और डेटा प्रसंस्करण गतिविधियों में निवेश को मुश्किल बना सकती हैं। आईटीआई वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, ट्विटर और एप्पल का प्रतिनिधित्व करती है। आईटीआई ने कहा कि डीपीडीपी के मसौदे में सरकार द्वारा अधिसूचित डेटा न्यासियों को कई अनुपालन बोझ से छूट दी गई है। इनमें डेटा संग्रह के उद्देश्य के बारे में किसी व्यक्ति को सूचित करने से संबंधित प्रावधान, बच्चों के डेटा का संग्रह, सार्वजनिक व्यवस्था के आसपास जोखिम मूल्यांकन, डेटा ऑडिटर की नियुक्ति आदि शामिल है।

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FMCG industry को मात्रा, मार्जिन के लिहाज से 2023 अच्छा रहने की उम्मीद
Business FMCG industry को मात्रा, मार्जिन के लिहाज से 2023 अच्छा रहने की उम्मीद

FMCG industry को मात्रा, मार्जिन के लिहाज से 2023 अच्छा रहने की उम्मीद नयी दिल्ली। दाम को यथावत रखते हुए उत्पाद के पैकेट के आकार को छोटा कर मात्रा में कमी करना (श्रिंकफ्लेशन) ऐसी चीज है, जो देश में पहले कभी देखने को नहीं मिली थी। लेकिन यूक्रेन में युद्ध के बाद कच्चे माल की कीमतों में जोरदार उछाल के बीच रोजाना के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों ने कुछ इसी तरह का रुख अपनाना है। इसकी वजह यह है कि एफएमसीजी कंपनियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि मांग में जो कमजोर सुधार है, वह पूरी तरह थम नहीं जाए। कच्चे माल की लागत बढ़ने के बीच जब एफएमसीजी कंपनियों के पास सारे विकल्प समाप्त हो गए, तो उन्होंने दाम बढ़ाना शुरू किया। एफएमसीजी कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि 2023 का साल उनके लिए कुछ बेहतर साबित होगा और वे मार्जिन के साथ-साथ मात्रा के मोर्चे पर भी बढ़ोतरी दर्ज करेंगी। विशेषरूप से इन कंपनियों को जिंस कीमतों में कमी के बीच ग्रामीण क्षेत्र की मांग में सुधार की उम्मीद है। एफएमसीजी कंपनियां ‘सतर्क के साथ आशान्वित’ भी हैं। उन्हें उम्मीद है कि ग्रामीण बाजार एक बार फिर सुधार की राह पर आएगा। उनकी कुल बिक्री में एक-तिहाई हिस्सा ग्रामीण बाजार का है। अच्छी फसल, सरकारी प्रोत्साहन और कृषि आय में सुधार से ग्रामीण बाजार की स्थिति में सुधार की उम्मीद है। एफएमसीजी क्षेत्र की मांग जिस समय सुधर रही थी, तो यूक्रेन युद्ध ने जिंस कीमतों के दाम चढ़ा दिए। कच्चे माल की ऊंची लागत से निपटने के लिए कई एफएमसीजी कंपनियों ने कीमत में बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने अपने उत्पादों के पैकेट और वजन को घटा दिया। इसे ‘श्रिंकफ्लेशन’ कहा जाता है। इसका मतबल है कि उपभोक्ताओं को कम उत्पाद के लिए समान या पुरानी कीमत का भुगतान करना पड़ रहा है। कोविड संक्रमण कम होने और अर्थव्यवस्था के खुलने के साथ 2022 की अंतिम तिमाही में मांग में सुधार होना शुरू हुआ। एफएमसीजी कंपनियां जो महामारी के कारण पिछले दो साल के दौरान गंभीर रूप से प्रभावित हुई थीं, उम्मीद कर रही हैं कि 2023 में चीजें बेहतर होंगी। डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ​​ने पीटीआई-से कहा, ‘‘हम वर्ष 2023 को लेकर आशान्वित हैं और हमें ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा कि उभरते माध्यमों मसलन आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स के जरिये शहरी मांग में वृद्धि जारी रहेगी।’’ उद्योग में 2022 में कीमत वृद्धि दो अंक यानी 10 प्रतिशत से अधिक रही है। डेटा विश्लेषण कंपनी नील्सनआईक्यू की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एफएमसीजी उद्योग में पिछले तीन माह की तुलना में सितंबर तिमाही में मात्रा के लिहाज से 0.

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Stock Market Updates: आज के Top 5 Shares जिन पर होगी निवेशकों की नजर
Business Stock Market Updates: आज के Top 5 Shares जिन पर होगी निवेशकों की नजर

Stock Market Updates: आज के Top 5 Shares जिन पर होगी निवेशकों की नजर दुनिया भर के बाजार में आज अच्छे संकेत मिल रहे हैं। कारोबार में मिलेजुले संकेत देखने को मिला.

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कपड़ा क्षेत्र की पीएलआई योजना में आया 1,536 करोड़ रुपये का निवेश
Business कपड़ा क्षेत्र की पीएलआई योजना में आया 1,536 करोड़ रुपये का निवेश

कपड़ा क्षेत्र की पीएलआई योजना में आया 1,536 करोड़ रुपये का निवेश भारत के कपड़ा उद्योग के लिए शुरू की गई 10,683 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत अब तक 1,536 करोड़ रुपये का निवेश आया है। सरकार की तरफ से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि पीएलआई योजना के लिए पात्र पाए गए 56 आवेदकों को अनुमति पत्र दे दिए गए हैं। कपड़ा क्षेत्र की पीएलआई योजना के लिए आवेदन इस साल एक जनवरी से 28 फरवरी के बीच आमंत्रित किए गए थे।

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कभी वीडियोकॉन ब्रांड को घर-घर पहुंचाने वाले धूत अब ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई हिरासत में
Business कभी वीडियोकॉन ब्रांड को घर-घर पहुंचाने वाले धूत अब ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई हिरासत में

कभी वीडियोकॉन ब्रांड को घर-घर पहुंचाने वाले धूत अब ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई हिरासत में बजाज स्कूटर की डीलरशिप रखने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाले वेणुगोपाल धूत ने कुछ दशकों में ही इलेक्ट्रॉनिक्स उपभोक्ता उत्पादों की श्रेणी में अपनी कंपनी वीडियोकॉन को घर-घर तक पहुंचा दिया था। लेकिन पिछले कुछ साल उनके लिए अच्छे नहीं रहे और वह लगातार आर्थिक मुश्किलों में घिरते चले गए। इस बीच आईसीआईसीआई बैंक से लिए गए कर्ज में शीर्ष स्तर पर हुई गड़बड़ियों के उजागर होने से उनकी स्थिति और बिगड़ी। इसी मामले में अब उन्हें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई अदालत ने कर्ज धोखाधड़ी मामले में उन्हें 28 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। वेणुगोपाल धूत ने अपना सफर छोटे कस्बे के एक कारोबारी के रूप में शुरू किया था। नंदलाल माधवलाल धूत के बड़े बेटे वेणुगोपाल ने अपनी कोशिशों से वीडियोकॉन ग्रुप का विस्तार घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के अलावा तेल एवं गैस, रियल एस्टेट और खुदरा कारोबार में भी किया। उनका जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक कृषक परिवार में हुआ था। उनके पिता के पास रुई ओटने वाली एक मिल थी और वह अनाज का थोक कारोबार भी करते थे।

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खेल के सामान, लाइटर के लिये गुणवत्ता नियंत्रण नियमों पर विचार
Business खेल के सामान, लाइटर के लिये गुणवत्ता नियंत्रण नियमों पर विचार

खेल के सामान, लाइटर के लिये गुणवत्ता नियंत्रण नियमों पर विचार उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) लाइटर और खेल के सामान को गुणवत्ता मानदंडों के तहत लाने पर विचार कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य खराब गुणवत्ता वाले सामान के आयात पर अंकुश लगाना और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देना है। जिन अन्य उत्पादों के लिए ये मानदंड जारी किए जा सकते हैं उनमें पानी की बोतल, थर्मस और लकड़ी के फर्नीचर आदि शामिल हैं। विभाग ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से परामर्श करने के बाद इन उत्पादों के लिये नियंत्रण आदेश का मसौदा जारी किया है।

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भुगतान फर्जीवाड़े की जानकारी नए साल से ‘दक्ष’ प्रणाली पर होगी दर्ज
Business भुगतान फर्जीवाड़े की जानकारी नए साल से ‘दक्ष’ प्रणाली पर होगी दर्ज

भुगतान फर्जीवाड़े की जानकारी नए साल से ‘दक्ष’ प्रणाली पर होगी दर्ज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि फर्जीवाड़े की जानकारी देने वाले मॉड्यूल को एक जनवरी से उसके निगरानी मंच ‘दक्ष’ पर स्थानांतरित कर दिया जाया जाएगा। आरबीआई ने मार्च, 2020 में ‘केंद्रीय भुगतान धोखाधड़ी सूचना रजिस्ट्री’ (सीपीएफआईआर) को सक्रिय किया था। इसके जरिये वाणिज्यिक बैंक एवं गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान साधन (पीपीआई) की तरफ से भुगतान से जुड़े फर्जीवाड़े की जानकारी दी जा सकती है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि एक जनवरी, 2023 से रिजर्व बैंक की उन्नत निरीक्षण एवं निगरानी प्रणाली ‘दक्ष’ पर इसे स्थानांतरित किया जा रहा है।

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चार सेक्टरों में फ्लैटेड फैक्टरी बनाएगा यमुना विकास प्राधिकरण, स्टार्टअप को मिलेगी प्राथमिकता
Business चार सेक्टरों में फ्लैटेड फैक्टरी बनाएगा यमुना विकास प्राधिकरण, स्टार्टअप को मिलेगी प्राथमिकता

चार सेक्टरों में फ्लैटेड फैक्टरी बनाएगा यमुना विकास प्राधिकरण, स्टार्टअप को मिलेगी प्राथमिकता यमुना विकास प्राधिकरण अपने क्षेत्र के चार सेक्टरों में फ्लैटेड फैक्टरी किराये पर उपलब्ध करवाएगा। इनमें स्टार्टअप शुरू करने वाले उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी। करीब 400 उद्यमी किराये पर जगह लेकर अपनी कंपनी शुरू कर सकेंगे। चारों सेक्टरों में शुरू होने वाले फ्लैटेड फैक्टरी से करीब चार हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। यमुना विकास प्राधिकरण इसके लिए चार मंजिला इमारतों का निर्माण करवाएगा। इमारतों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद एक साल में यहां पर उत्पादन शुरू हो जाएगा।

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ईएसी-पीएम के सदस्य सान्याल ने कहा, भावी पीढ़ी के लिए ‘बोझ’ हैं पुरानी पेंशन योजनाएं
Business ईएसी-पीएम के सदस्य सान्याल ने कहा, भावी पीढ़ी के लिए ‘बोझ’ हैं पुरानी पेंशन योजनाएं

ईएसी-पीएम के सदस्य सान्याल ने कहा, भावी पीढ़ी के लिए ‘बोझ’ हैं पुरानी पेंशन योजनाएं कुछ गैर-भाजपा शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने सोमवार को कहा कि बिना योगदान वाली या पुरानी पेंशन योजनाएं अंतत: भावी पीढ़ी पर ‘कर’ हैं। यानी इनका बोझ भावी पीढ़ी पर पड़ेगा। सान्याल ने आगे कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूदा तनाव और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को बार-बार कम करने के मद्देनजर यह स्पष्ट है कि 2023 एक मुश्किल साल होने वाला है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह बिलकुल स्पष्ट होना चाहिए कि गैर योगदान वाली पेंशन योजनाएं अंतत: भावी पीढ़ियों पर कर का बोझ डालेंगी। बीते कुछ दशकों में बहुत ही कठिनाई के साथ जो पेंशन सुधार किए गए हैं उनसे हटकर कदम उठाते वक्त बहुत ही ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।’’ ओपीएस के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार देती थी। इस योजना को तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने एक अप्रैल, 2004 से बंद कर दिया था। नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपनी पेंशन में मूल वेतन का दस प्रतिशत योगदान देते हैं जबकि राज्य सरकार का योगदान 14 प्रतिशत होता है। कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ ओपीएस लागू करने का निर्णय ले चुके हैं, झारखंड ने भी पुरानी पेंशन योजना को अपनाने का फैसला किया है। वहीं आम आदमी पार्टी शासित पंजाब ने भी ओपीएस को फिर से लागू करने की हाल में मंजूरी दी है। चीन के साथ व्यापार घाटे को कम करने के लिए सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए, इस सवाल के जवाब में सान्याल ने कहा, ‘‘किसी भी एक देश पर निर्भरता परेशानी का सबब होती है और इस बात को हमें गंभीरता से लेना चाहिए। प्रयास किए जा रहे हैं कि दवाओं के अहम घटक या विनिर्माण के लिए चिप समेत जरूरी वस्तुएं मंगवाने के लिए केवल एक देश पर निर्भर नहीं रहा जाए।’’ उन्होंने कहा कि यही वजह है कि हमारे उद्योगों के लिए जो अहम घटक या कलपुर्जे हैं उनका विनिर्माण कुछ हद तक देश में ही हो सके इसलिए सरकार उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना समेत अन्य प्रयासों पर विशेष बल दे रही है। गौरतलब है कि सरकार ने 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की है। इसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, निर्यात को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन करना है। सान्याल ने कहा, ‘‘भारत की आर्थिक वृद्धि में जुझारूपन रहेगा। अभी यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और ज्यादातर संकेतक बताते हैं कि 2023-24 में भी यह रफ्तार कायम रहेगी।’’हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत को कोविड-19 का प्रकोप फिर शुरू होने की आशंका के मद्देनजर सतर्क रहना होगा।

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चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत बेहतर स्थिति में, सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा
Business चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत बेहतर स्थिति में, सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा

चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत बेहतर स्थिति में, सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि भारत अगले साल तेजी से आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहने के लिये बेहतर स्थिति में है। दूसरी तरफ वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर महामारी और वैश्विक वित्तीय संकट को छोड़कर इस सदी की शुरूआत से सबसे नीचे रह सकती है। चंद्रशेखरन ने टाटा समूह के करीब 9.

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संतोष कुमार यादव एनएचएआई के चेयरमैन नियुक्त
Business संतोष कुमार यादव एनएचएआई के चेयरमैन नियुक्त

संतोष कुमार यादव एनएचएआई के चेयरमैन नियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी संतोष कुमार यादव को सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का चेयरमैन नियुक्त किया गया। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के आदेश के अनुसार, 1995 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी यादव फिलहाल शिक्षा विभाग में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग में सचिव हैं। उन्हें एनएचएआई का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। आदेश के अनुसार, हिमाचल प्रदेश कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी शुभाशीष पांडा को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) का वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, गांजी कमला वी राव को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया है। राव 1990 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वह फिलहाल भारतीय पर्यटन विकास निगम लि.

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सहारा समूह की कंपनी, सुब्रत रॉय के बैंक, डीमैट खातों को कुर्क करने का आदेश
Business सहारा समूह की कंपनी, सुब्रत रॉय के बैंक, डीमैट खातों को कुर्क करने का आदेश

सहारा समूह की कंपनी, सुब्रत रॉय के बैंक, डीमैट खातों को कुर्क करने का आदेश बाजार नियामक सेबी ने ओएफसीडी जारी करने में नियामकीय मानकों के उल्लंघन के मामले में सहारा समूह की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय एवं अन्य अधिकारियों से 6.

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यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के लिए गुणवत्ता मानक जारी
Business यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के लिए गुणवत्ता मानक जारी

यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के लिए गुणवत्ता मानक जारी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में केवल दो तरह के ही चार्जिंग पोर्ट उपलब्ध कराने की कोशिशों के बीच भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के लिए गुणवत्ता मानक जारी किए हैं। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने पीटीआई-को बताया कि बीआईएस ने टाइप-सी चार्जर के लिए मानकों को अधिसूचित कर दिया है। हितधारकों के साथ हुई पिछली बैठक में इसपर व्यापक सहमति बनी थी कि स्मार्टफोन, टैबलेट एवं लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की चार्जिंग के लिए यूएसबी टाइप-सी को अपनाया जाए। उपभोक्ता मामलों का विभाग उपभोक्ताओं को सहूलियत देने और ई-अवशिष्ट में कमी लाने के लिए सभी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के लिए केवल दो ही तरह के चार्जिंग पोर्ट मुहैया कराने की संभावना पर गौर कर रहा है। मोबाइल फोन और टैबलेट के लिए यूएसबी टाइप-सी चार्जर और स्मार्टवॉच जैसे वियरेबल उपकरणों के लिए एक अन्य चार्जर देने पर विचार किया जा रहा है। सिंह ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर वियरेबल उपकरणों में एक ही तरह का चार्जिंग पोर्ट देने से जुड़ा अध्ययन कर रहा है।

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मदर डेयरी ने दूध के दाम दो रुपये लीटर बढ़ाए, अमूल की ऐसी कोई योजना नहीं
Business मदर डेयरी ने दूध के दाम दो रुपये लीटर बढ़ाए, अमूल की ऐसी कोई योजना नहीं

मदर डेयरी ने दूध के दाम दो रुपये लीटर बढ़ाए, अमूल की ऐसी कोई योजना नहीं दुग्ध विक्रेता मदर डेयरी ने दिल्ली-एनसीआर इलाके में बेचे जाने वाले अपने दूध के दाम दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की सोमवार को घोषणा की। नई कीमतें मंगलवार से लागू होंगी। मदर डेयरी ने इस साल पांचवीं बार दूध के दाम बढ़ाए हैं। इसके साथ ही इस साल इसके दूध के दाम नौ रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं। मदर डेयरी दिल्ली एवं आसपास के इलाकों में रोजाना 30 लाख लीटर से अधिक दूध की बिक्री करती है। मदर डेयरी ने कहा कि फुल क्रीम दूध का दाम अब 66 रुपये प्रति लीटर हो गया है जबकि टोंड दूध की संशोधित कीमत 53 रुपये प्रति लीटर होगी। वहीं डबल टोंड दूध के दाम दो रुपये बढ़कर 47 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। हालांकि, कंपनी ने गाय के दूध की थैली एवं टोकन से खरीदे जाने वाले दूध के दाम नहीं बढ़ाए हैं। इस बीच, अमूल ब्रांड के तहत दूध बेचने वाली गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने की संभावना से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी की निकट अवधि में दाम बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। वहीं, मदर डेयरी ने इस कीमत वृद्धि के लिए दुग्ध उत्पादक किसानों से की जाने वाली खरीद की लागत बढ़ने को जिम्मेदार बताया है। कंपनी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल दूध की खरीद लागत करीब 24 प्रतिशत तक बढ़ गई है। कंपनी ने कहा, ‘‘दुग्ध उद्योग के लिए यह एक अप्रत्याशित साल रहा है। हमें त्योहारों के बाद भी उपभोक्ताओँ और संस्थानों दोनों से ही मांग में तेजी देखने को मिल रही है। वहीं कच्चे दूध की खरीद दिवाली के बाद भी तेजी नहीं पकड़ पाई है।

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तेल-तिलहन कीमतों में मिला-जुला रुख
Business तेल-तिलहन कीमतों में मिला-जुला रुख

तेल-तिलहन कीमतों में मिला-जुला रुख एशियाई खाद्य तेल-तिलहन बाजारों में तेजी के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार देखने को मिला। वहीं बेपड़ता होने के कारण तेल संयंत्र की कमजोर मांग की वजह से सोयाबीन तिलहन के भाव कमजोर बंद हुए। सर्दियों की मांग होने के बावजूद तेल मिलों को पेराई में नुकसान होने के बीच सरसों और मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला जैसे देशी ‘सॉफ्ट’ तेल की कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुईं। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित तेलों की मौजूदगी में देशी तेल-तिलहन उद्योग, किसान और उपभोक्ता परेशान हैं। यदि सस्ते तेलों पर आयात शुल्क लगाकर हालत काबू में नहीं किया गया तो एक दो महीने के बाद पेराई होने वाली सरसों की बुवाई प्रभावित हो सकती है। अप्रैल, मई में जिस सरसों, सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे खाद्य तेलों के दाम, आयातित हल्के तेलों से 20 रुपये लीटर नीचे थे वह मौजूदा समय में काफी अधिक हो गए हैं। सस्ते आयातित तेलों के सामने सरसों का बाजार में खपना दूभर हो जायेगा। सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और बिनौला अगर बाजार में खपत नहीं होंगे तो हमें इनसे तेल खल और डीआयल्ड केक (डीओसी) भी प्राप्त नहीं होंगे और इससे मुर्गीदाने और डीओसी की कमी होगी। इस कमी की वजह से हमें दो नुकसान होंगे। एक तो डीओसी और खल के निर्यात से होने वाली विदेशी मुद्रा आय का नुकसान होगा, दूसरा देशी तेल-तिलहन का स्टॉक जमा बच जायेगा। सूत्रों ने कहा कि जिस देश में लगभग 60 प्रतिशत खाद्य तेल की मांग को आयात से पूरा किया जाता हो वहां देशी तेल-तिलहन खपे नहीं, तेल उद्योग बेपड़ता कारोबार के कारण भारी नुकसान में हो साथ ही सस्ते आयातित तेल का लाभ उपभोक्ताओं को न मिले, ये सब परस्पर विरोधी बातें हैं। अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को थोक मूल्य से काफी अधिक रखे जाने की वजह से खुदरा बाजार में उपभोक्ताओं को इन खाद्य तेलों को कहीं महंगे में खरीदना पड़ रहा है। यह सारी परिस्थितियां तेल-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के बजाय देश को खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता की ओर ले जा सकती हैं। इस परिस्थिति पर तत्काल कोई कदम उठाना होगा तभी देश का तेल-तिलहन उद्योग संरक्षित रह पायेगा। सूत्रों ने बताया कि ‘क्रिसमस’ की छुट्टियों के कारण मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज बंद रहे। लेकिन चीन जैसे एशियाई बाजार में खाद्य तेल कीमतों में आई मजबूती का असर स्थानीय खाद्य तेल-तिलहनों पर दिखाई दिया और सोयाबीन तेल, सीपीओ और पामोलीन के भाव मजबूत हो गये। सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले महंगा होने के कारण मांग कमजोर रहने के बीच सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। जबकि स्थानीय तिलहन के ऊंचे भाव के मुकाबले सस्ता आयातित तेल उपलब्ध होने से सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट आई। सूत्रों ने कहा कि सरकार को ‘एमआरपी’ को लेकर कोई नियम कानून तय करना चाहिये। थोक बिक्री भाव के मुकाबले इसके निर्धारण की कोई निश्चित सीमा तय करने से स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है। कई मामलों में देखा गया है कि यह थोक भाव के मुकाबले 60-70 रूपये तक अधिक तय कर दिया जाता है जिससे खुदरा कारोबारी भरपूर फायदा उठाते हैं जबकि थोक विक्रेताओं की हालत पतली है। थोक भाव जरूर कम हुए हैं पर एमआरपी की मनमानी वसूली की वजह से खुदरा में उपभोक्ताओं को पहले से भी अधिक कीमत अदा करनी पड़ रही है। इन परिस्थितियों के बारे में बहुत ध्यान देने की जरुरत है। सूत्रों ने कहा कि तेल-तिलहन कारोबार से दूध और अंडा उत्पादन भी सीधा जुड़ा है क्योंकि सरसों, बिनौला, सोयाबीन और मूंगफली जैसे तिलहन से हमें खल और डीओसी प्राप्त होते है। इन खल और डीओसी की कमी से ही हाल के दिनों में दूध और अंडे महंगे हुए हैं। देश में तेल-तिलहन की खपत लगभग सालाना लगभग सवा दो करोड़ टन (पामतेल छोड़कर) है जबकि दूध की ,लगभग 13 करोड़ टन सालाना से भी कहीं अधिक की खपत होती है जिसका मुद्रास्फीति पर कहीं ज्यादा असर आता है। सूत्रों ने कहा कि किसानों के फसल का भाव वैसे तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक है पर दो वर्ष पूर्व उन्हें सोयाबीन की जो कीमत (लगभग 10,000 रुपये क्विंटल) मिली थी उसके मुकाबले किसानों को इसकी मौजूदा कीमत काफी कम लग रही है और इसलिए वे अपना माल तेल मिलों में नहीं ला रहे हैं। तेल उद्योग अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। किसानों पर कोई ‘स्टॉक लिमिट’ जैसे नियम भी लागू नहीं होते कि उन्हें जबर्दस्ती बेचने को बाध्य किया जाये। सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 7,030-7,080 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,485-6,545 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,250 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,445-2,710 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,135-2,265 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,195-2,320 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,750 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,750 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,850 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,500-5,600 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 5,320-5,340 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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दिल्ली में इस सर्दी बिजली की मांग रिकॉर्ड 4,803 मेगावॉट पर पहुंची
Business दिल्ली में इस सर्दी बिजली की मांग रिकॉर्ड 4,803 मेगावॉट पर पहुंची

दिल्ली में इस सर्दी बिजली की मांग रिकॉर्ड 4,803 मेगावॉट पर पहुंची कड़ाके की ठंड पड़ने के साथ दिल्ली में सोमवार को बिजली की अधिकतम मांग 4,803 मेगावॉट पर पहुंच गयी। यह इस मौसम में सर्वाधिक मांग है। दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि.

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रिपोर्ट कहती है कि ज्यादातर भारतीय कर्मचारी अपने काम के घंटों में लचीलापन चाहते हैं
Business रिपोर्ट कहती है कि ज्यादातर भारतीय कर्मचारी अपने काम के घंटों में लचीलापन चाहते हैं

रिपोर्ट कहती है कि ज्यादातर भारतीय कर्मचारी अपने काम के घंटों में लचीलापन चाहते हैं कर्मचारियों का एक बड़ा प्रतिशत अपने कामकाजी जीवन में अधिक लचीलापन चाहता है। इसके लिए वह कुछ ‘समझौता’ करने को भी तैयार है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एडीपी रिसर्च इंस्टिट्यूट के ‘पीपल एट वर्क 2022: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू’ के तहत 17 देशों में लगभग 33,000 कर्मचारियों के बीच यह सर्वे किया गया। इसमें 10 में से सात से ज्यादा कर्मचारियों ने अपने कामकाजी घंटों में अधिक लचीलेपन की मांग की। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में, 76.

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इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालने के लिए सरकार के समक्ष कारोबार की सीमा को कम करने का प्रस्ताव नहीं
Business इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालने के लिए सरकार के समक्ष कारोबार की सीमा को कम करने का प्रस्ताव नहीं

इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालने के लिए सरकार के समक्ष कारोबार की सीमा को कम करने का प्रस्ताव नहीं केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सोमवार को कहा कि सरकार के पास इलेक्ट्रॉनिक बिल अनिवार्य किये जाने को लेकर एक जनवरी से कारोबार की सीमा को कम किये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। फिलहाल जिन इकाइयों का कारोबार 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक है, उन्हें बी-टू-बी (कंपनियों के बीच) लेन-देन के लिये इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालने की जरूरत पड़ती है। सीबीआईसी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘फिलहाल सरकार के पास एक जनवरी से कारोबार की सीमा घटाकर पांच करोड़ रुपये करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। जीएसटी परिषद ने अबतक ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है।’’

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जेट एयरवेज के दो वरिष्ठ अधिकारियों, कुछ पायलट, चालक दल के सदस्यों का इस्तीफा
Business जेट एयरवेज के दो वरिष्ठ अधिकारियों, कुछ पायलट, चालक दल के सदस्यों का इस्तीफा

जेट एयरवेज के दो वरिष्ठ अधिकारियों, कुछ पायलट, चालक दल के सदस्यों का इस्तीफा जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के माहौल के बीच एयरलाइन के दो वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा कुछ पायलट एवं चालक दल के सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने सोमवार को कहा कि एयरलाइन के इंजीनियरिंग एवं मानव संसाधन विभाग के उपाध्यक्षों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इनके अलावा कुछ पायलट और चालक दल के कुछ सदस्यों ने भी जेट एयरवेज का साथ छोड़ दिया है। सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइन के कुछ वरिष्ठ अधिकारी अवैतनिक अवकाश पर भी चले गए हैं। फिलहाल परिचालन के ठप होने की स्थिति से गुजर रही एयरलाइन के मौजूदा कर्मचारियों की संख्या के बारे में तात्कालिक तौर पर पता नहीं की जा सकी। जालान-कालरॉक गठजोड़ जून, 2021 में जेट एयरवेज के लिए दिवालिया समाधान प्रक्रिया में विजेता बोलीकर्ता बनकर उभरा था। इसके बाद एयरलाइन को नए सिरे से खड़ा करने के लिए तमाम दावे किए गए लेकिन अभी तक यह दोबारा परिचालन शुरू नहीं कर पाई है। एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी हितधारकों एवं ग्राहकों के लिए पुनर्जीवित जेट एयरवेज में व्यापक संभावनाएं हैं। हालांकि, एयरलाइन के प्रवक्ता ने इस प्रकरण पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।

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Loan fraud मामले में चंदा-दीपक कोचर और वेणुगोपाल की तिकड़ी को 28 दिसंबर तक रहना होगा CBI हिरासत में
Business Loan fraud मामले में चंदा-दीपक कोचर और वेणुगोपाल की तिकड़ी को 28 दिसंबर तक रहना होगा CBI हिरासत में

Loan fraud मामले में चंदा-दीपक कोचर और वेणुगोपाल की तिकड़ी को 28 दिसंबर तक रहना होगा CBI हिरासत में मुंबई। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने ऋण धोखाधड़ी मामले में सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर तथा वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को 28 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। कोचर दंपति को जांच एजेंसी ने शुक्रवार रात संक्षिप्त पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। धूत (71) को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया था। तीनों को विशेष अदालत के न्यायाधीश ए एस सैयद के समक्ष पेश किया गया। सीबीआई की तरफ से पेश विशेष लोक अभियोजक ए लिमोसिन ने सभी आरोपियों का आमना-सामना कराने के लिए तीन दिन की हिरासत का अनुरोध किया।

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Stock Market Update: भारतीय बाजार में लौटी रौनक, सेंसेक्‍स, निफ्टी तेजी के साथ बंद
Business Stock Market Update: भारतीय बाजार में लौटी रौनक, सेंसेक्‍स, निफ्टी तेजी के साथ बंद

Stock Market Update: भारतीय बाजार में लौटी रौनक, सेंसेक्‍स, निफ्टी तेजी के साथ बंद बीते सप्ताह बाजार में भारी गिरावट के बाद, घरेलू बाजार में आज तेजी वापस लौटी। घरेलू शेयर बाजार लगातार चौथे सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। भारतीय शेयर बाजार ने आज फैल्ट शुरूआत किया। भारतीय बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार रिकवरी देखने को मिली। फिलहाल सेंसेक्‍स में 721.

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