आम लोगों को महंगाई का झटका, मदर डेयरी ने दूध के दाम 2 रुपये बढ़ाए, 1 साल में पांचवीं बार बढ़ी कीमत
Business आम लोगों को महंगाई का झटका, मदर डेयरी ने दूध के दाम 2 रुपये बढ़ाए, 1 साल में पांचवीं बार बढ़ी कीमत

आम लोगों को महंगाई का झटका, मदर डेयरी ने दूध के दाम 2 रुपये बढ़ाए, 1 साल में पांचवीं बार बढ़ी कीमत आम लोगों को महंगाई का एक और बड़ा झटका लगा है। मदर डेयरी ने दूध के दामों में 2 रुपये की बढ़ोतरी की है। इस साल यह पांचवां मौका है जब मदर डेयरी की ओर से दूध के दामों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। हालांकि, गाय के दूध और टोकन वाले दूध की एमआरपी में कोई संशोधन नहीं किया गया है। बढ़े हुए दाम 27 दिसंबर से लागू हो जाएंगे। मदर डेयरी ने इनपुट लागत में बढ़ोतरी का हवाला दिया है। यही कारण है कि दिल्ली-एनसीआर के बाजार में दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया। 

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Mother Dairy का दूध दो रुपये लीटर महंगा हुआ, इस साल पांचवीं बार बढ़ाए दाम
Business Mother Dairy का दूध दो रुपये लीटर महंगा हुआ, इस साल पांचवीं बार बढ़ाए दाम

Mother Dairy का दूध दो रुपये लीटर महंगा हुआ, इस साल पांचवीं बार बढ़ाए दाम नयी दिल्ली। दूग्ध विक्रेता मदर डेयरी ने दिल्ली-एनसीआर इलाके में अपने दूध के दाम दो रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने की घोषणा की है। नई कीमतें मंगलवार से लागू होंगी। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की प्रमुख दुग्ध विक्रेता मदर डेयरी की तरफ से दूध के दाम बढ़ाने का यह इस साल पांचवां मौका है। मदर डेयरी दिल्ली एवं आसपास के इलाकों में रोजाना 30 लाख लीटर से अधिक दूध की बिक्री करती है। मदर डेयरी ने कहा कि फुल क्रीम दूध का दाम अब 66 रुपये प्रति लीटर हो गया है जबकि टोंड दूध की संशोधित कीमत 53 रुपये प्रति लीटर होगी। वहीं डबल टोंड दूध के दाम रुपये बढ़कर 47 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।

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मिधानी की विशिष्ट इस्पात मिल का राष्ट्रपति मंगलवार को करेंगी उद्घाटन
Business मिधानी की विशिष्ट इस्पात मिल का राष्ट्रपति मंगलवार को करेंगी उद्घाटन

मिधानी की विशिष्ट इस्पात मिल का राष्ट्रपति मंगलवार को करेंगी उद्घाटन नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विशिष्ट इस्पात का विनिर्माण करने वाली सरकारी कंपनी मिधानी की हैदराबाद में स्थित एक वाइड प्लेट मिल का मंगलवार को उद्घाटन करेंगी। मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानी) ने सोमवार को शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि वाइड प्लेट मिल को कंपनी के हैदराबाद में स्थित पुराने परिसर में ही स्थापित किया गया है। विभिन्न अयस्कों के स्लैब तैयार करने वाली इस मिल पर करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

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ICICI Bank Loan मामले में सीबीआई का बड़ा कदम, वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत गिरफ्तार
Business ICICI Bank Loan मामले में सीबीआई का बड़ा कदम, वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत गिरफ्तार

ICICI Bank Loan मामले में सीबीआई का बड़ा कदम, वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत गिरफ्तार नयी दिल्ली। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने मुंबई में सुबह धूत (71) से थोड़ी देर पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया। इससे कुछ घंटे पहले ही आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को विशेष अदालत में उनकी हिरासत संबंधी सुनवाई के लिए पेश किया था। उन्होंने बताया कि सीबीआई इन तीनों और अन्य संदिग्धों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने पर विचार कर रही है। कोचर दंपति की तीन दिन की हिरासत सोमवार को समाप्त हो रही है , उन्हें 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक को जांच में सहयोग नहीं करने और स्पष्ट जवाब न देने के आरोप में हिरासत में ले लिया था। चंदा कोचर ने अपने पति और धूत के बीच किसी भी तरह के आर्थिक लेन-देन की जानकारी होने से इनकार किया, जिसका एजेंसी ने 24 दिसंबर को मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान दावा किया था। कोचर दंपति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने हिरासत का विरोध करते हुए कहा, ‘‘ ऋण लेने वाले मुख्य कर्जदार को गिरफ्तार नहीं किया गया है और वर्तमान आरोपी किसी भी राशि के लाभार्थी नहीं थे।’’ देसाई ने जुलाई 2021 में आईसीआईसीआई बैंक द्वारा सीबीआई को लिखे एक पत्र को भी अदालत के संज्ञान में रखा, जिसमें कहा गया था कि उसे उन गतिविधियों से कोई नुकसान नहीं हुआ है, जो सवालों के घेरे में है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है। एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं। प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।

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WeWork India ने बीपीईए क्रेडिट के कोष से जुटाए 550 करोड़ रुपये
Business WeWork India ने बीपीईए क्रेडिट के कोष से जुटाए 550 करोड़ रुपये

WeWork India ने बीपीईए क्रेडिट के कोष से जुटाए 550 करोड़ रुपये नयी दिल्ली। कार्यस्थल संबंधी समाधान देने वाली कंपनी वीवर्क इंडिया ने सोमवार को बताया कि उसने बीपीईए क्रेडिट द्वारा प्रबंधित कोषों से 550 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी इस राशि का उपयोग भावी वृद्धि और संभावित अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए करेगी। वीवर्क इंडिया के पास बेंगलुरु, मुंबई, गुरुग्राम, नोएडा, हैदराबाद और पुणे के 41 केंद्रों में 60 लाख वर्गफुट से अधिक क्षेत्र में फैली करीब 70,000 डेस्क का पोर्टफोलियो है।

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Godrej Properties  ने आवासीय भूखंडों के विकास के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 62 एकड़ भूमि खरीदी
Business Godrej Properties ने आवासीय भूखंडों के विकास के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 62 एकड़ भूमि खरीदी

Godrej Properties ने आवासीय भूखंडों के विकास के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 62 एकड़ भूमि खरीदी नयी दिल्ली। रियल्टी फर्म गोदरेज प्रॉपर्टीज ने भूखंड वाली आवासीय परियोजना के विकास के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र में करीब 62 एकड़ भूमि खरीदी है। कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। इसमें उसने बताया कि परियोजना के तहत करीब 14 लाख वर्गफुट क्षेत्र में भूखंड वाला आवासीय विकास किया जाएगा। कंपनी ने सौदे की राशि का खुलासा नहीं किया है। गोदरेज प्रॉपर्टीज के प्रबंध निदेशक एवं नामित मुख्य कार्यपालक अधिकारी गौरव पांडे ने बताया, ‘‘हमारे लिए हरियाणा एक महत्वपूर्ण बाजार है। इस परियोजना के साथ हम हरियाणा में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करना चाहते हैं।’’

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काईनेटिक बाजार में उतारेगी ‘लूना’ का इलेक्ट्रिक संस्करण
Business काईनेटिक बाजार में उतारेगी ‘लूना’ का इलेक्ट्रिक संस्करण

काईनेटिक बाजार में उतारेगी ‘लूना’ का इलेक्ट्रिक संस्करण नयी दिल्ली। काईनेटिक समूह एक जमाने में बेहद लोकप्रिय रही अपनी मोपेड ‘लूना’ का इलेक्ट्रिक संस्करण बाजार में उतारेगा। काईनेटिक इंजीनियरिंग लिमिटेड (केईएल) ने शेयर बाजारों को सोमवार को बताया कि उसकी अनुषंगी काईनेटिक ग्रीन एनर्जी एंड पॉवर सॉल्यूशंस ई-लूना को जल्द ही बाजार में उतारेगी। इसके लिए केईएल ने चेसिस और अन्य इलेक्ट्रिक कलपुर्जों का विनिर्माण शुरू भी कर दिया है।केईएल के प्रबंध निदेशक अजिंक्य फिरोदिया ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस व्यवसाय के जरिए अगले दो से तीन वर्ष में, जब ई-लूना की संख्या बढ़ेगी, इसका सालाना कारोबार 30 करोड़ रुपये से अधिक का हो जाएगा।’’

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Bloomberg ने किया खुलासा, Adani effect से भारतीय शेयर्स इस साल वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने को हैं तैयार
Business Bloomberg ने किया खुलासा, Adani effect से भारतीय शेयर्स इस साल वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने को हैं तैयार

Bloomberg ने किया खुलासा, Adani effect से भारतीय शेयर्स इस साल वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने को हैं तैयार दुनिया भर में बढ़ती कोविड और आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच ग्लोबल शेयर बाजार में गिरावट का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। ऐसे में Bloomberg में छपी एक खबर के अनुसार, उच्च ब्याज दरों और आर्थिक मंदी के बारे में चिंताओं पर काबू पाने के लिए भारत इस साल वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रमुख शेयर बाजारों में बेहतर करने के लिए तैयार है। S&P BSE Sensex इंडेक्स 2022 में अब तक 3% चढ़ा है, जो सिंगापुर और इंडोनेशिया में उपायों के बाद दुनिया में सबसे बड़ी बढ़त है। कमाई के एक ठोस दौर ने प्रमुख भारतीय बेंचमार्क को रिकॉर्ड स्तर तक पहुँचाया, जिससे बाजार UK से बड़ा हो गया। इस बीच, MSCI ऑल कंट्री वर्ल्ड इंडेक्स 20% गिर गया है। यह वर्ष अरबपति गौतम अडानी के लिए फायदेमंद साबित हुआ। फर्म से जुड़े शेयर और क्रेडिट मांग में तेज सुधार से बैंकों को बढ़ावा मिला है।वहीं, कुछ सबसे बड़े घाटे वालों में प्रौद्योगिकी फर्मों के शेयर थे जो उनके सार्वजनिक डेब्यू और सॉफ्टवेयर आउटसोर्सिंग प्रदाताओं के बाद कम हो गए थे जिन्हें विदेशी मांग में संभावित गिरावट की चिंताओं का सामना करना पड़ा था। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक.

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नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ब्याज दरें कम करें, एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने कहा
Business नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ब्याज दरें कम करें, एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने कहा

नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ब्याज दरें कम करें, एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने कहा एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग के लिए ब्याज दरों में कमी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर उद्योग के लिए ब्याज दर 8-10 प्रतिशत है, जबकि पश्चिमी बाजारों में यह 3-4 प्रतिशत है। आगामी बजट में घरेलू बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों के लिए सरकार से अपेक्षाओं के बारे में पूछने पर सिन्हा ने कहा कि ब्याज दरों में कमी की जानी चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। सिन्हा, जो रिन्यू पावर के चेयरमैन भी है, ने पीटीआई-को एक साक्षात्कार में बताया, ब्याज दरों को कम कीजिए, क्योंकि हमारे क्षेत्र के लिए ब्याज दर बहुत महत्वपूर्ण है।

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वर्ष 2023 में भी विदेशी निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बना रहेगा भारत
Business वर्ष 2023 में भी विदेशी निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बना रहेगा भारत

वर्ष 2023 में भी विदेशी निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बना रहेगा भारत अमेरिका में सख्त मौद्रिक नीति अपनाए जाने और रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने से पैदा हुई वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद भारत अपनी प्रोत्साहन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और काफी हद तक सेहतमंद आर्थिक वृद्धि की संभावना को देखते हुए वर्ष 2023 में विदेशी निवेशकों के आकर्षण का केंद्र बना रह सकता है। सरकार की तरफ से कारोबारी सुगमता और कुशल श्रमशक्ति को बढ़ाने के लिए किए गए उपायों, देश के भीतर प्राकृतिक संसाधनों की मौजूदगी, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुड़ी नीतियों के उदार होने, विशाल घरेलू बाजार की मौजूदगी और वृद्धि दर अच्छी रहने की संभावनाओं से नए साल में भी भारत विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने में कामयाब रह सकता है। हालांकि अनुबंधों के क्रियान्वयन में देरी, थकाऊ प्रक्रिया और ऊंची ब्याज दरें चिंता का विषय रह सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंकटाड की तरफ से जारी विश्व निवेश रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, उद्योग जगत में नई परियोजनाओं के लिए होने वाले निवेश में सुधार की गति अब भी विकासशील देशों में कमजोर बनी हुई है। रिपोर्ट कहती है कि यूक्रेन संकट की वजह से पैदा हुई खाद्य, ईंधन एवं वित्त समस्याएं पहले से ही कोविड-19 महामारी के दुष्परिणामों का सामना कर रहे विकासशील देशों पर भारी पड़ रही हैं। इन परिस्थितियों में भी भारत विदेशी निवेश आकर्षित करने के मामले में वर्ष 2022 में अच्छी स्थिति में रहा है।

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म्युचुअल फंड उद्योग के लिए 2022 सुस्त रहा, नए साल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
Business म्युचुअल फंड उद्योग के लिए 2022 सुस्त रहा, नए साल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

म्युचुअल फंड उद्योग के लिए 2022 सुस्त रहा, नए साल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद म्यूचुअल फंड उद्योग पिछले साल के शानदार प्रदर्शन को वर्ष 2022 में दोहरा नहीं सका और पूरे साल बाजार में उतार-चढ़ाव रहने से उद्योग अपने संपत्ति आधार और निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी की रफ्तार बरकरार नहीं रख सका। हालांकि विश्लेषकों को उम्मीद है कि नया साल इस उद्योग के लिए अपेक्षाकृत बेहतर साबित होगा। म्यूचुअल फंड उद्योग वर्ष 2022 में धीमी गति से बढ़ा। इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं और बढ़ती ब्याज दरों के कारण उद्योग के लिए हालात विपरीत रहे। उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन-अधीन संपत्ति (एयूएम) में सात प्रतिशत या 2.

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कर संग्रह में उछाल से उत्साहित सरकार अगले साल आईटीआर फॉर्म में कर सकती है बदलाव
Business कर संग्रह में उछाल से उत्साहित सरकार अगले साल आईटीआर फॉर्म में कर सकती है बदलाव

कर संग्रह में उछाल से उत्साहित सरकार अगले साल आईटीआर फॉर्म में कर सकती है बदलाव कर संग्रह में 26 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ सरकार कर प्रशासन में सुधारों का अगला दौर शुरू करने जा रही है जिसमें आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए उपलब्ध फॉर्म की संख्या में कटौती की जा सकती है। इस बदलाव से करदाताओं को सहूलियत होगी और रिटर्न दाखिल करने में लगने वाले समय में कमी आएगी। महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के स्पष्ट संकेत और कर रिसाव को रोकने के सरकारी प्रयासों के चलते 2022 में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल आया है। आने वाले दिनों में सरकार कर चोरी करने वालों पर अधिक सख्ती कर सकती है।

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खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह रहा तेजी का रुख
Business खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह रहा तेजी का रुख

खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह रहा तेजी का रुख बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में खाद्य तेल तिलहन कीमतों में तेजी का रुख रहा और अधिकांश तेल तिलहनों के दाम पिछले सप्ताहांत के मुकाबले लाभ के साथ बंद हुए। वहीं कारोबार कम होने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) के दाम में साधारण गिरावट देखने को मिली। बाजार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कच्चा पामतेल (सीपीओ) से पामोलीन बनाने में प्रसंस्करण करने वाली कंपनियों को नुकसान बैठता है और सही भाव न मिलने से सीपीओ तेल में गिरावट देखी गई। विदेशों में सोयाबीन तेल का भाव मजबूत हुआ है जिसका असर, देश के सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और बिनौला जैसे हल्के (सॉफ्ट) खाद्यतेलों पर भी हुआ और इनके तेल तिलहनों के भाव चढ़ गए। सूत्रों के मुताबिक, सरसों तेल सहित सभी हल्के खाद्य तेल तिलहनों की पेराई में प्रसंस्करणकर्ताओं को नुकसान है। ये मिलें तिलहन की खरीद ऊंचे भाव पर कर रही हैं लेकिन बाजार में तेल के दाम पेराई के बाद की लागत से भी कम होती है। आयातित तेल सस्ता होने से किसी भी तेल का उसके सामने टिकना मुश्किल हो रहा है। किसानों को अपनी ऊपज के लिए पहले अच्छे दाम मिल चुके हैं इसलिए मौजूदा समय में कीमतों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक होने पर भी किसान पिछले भाव से कम होने से अपने ऊपज की अधिक बिक्री नहीं कर रहे। सूत्रों ने कहा कि हल्के तेलों की पेराई की कमी से सबसे बड़ी दिक्कत खल और डीओसी की हो रही है जिसका मवेशीचरा और मुर्गीदाने के लिए उपयोग होता है। इससे महंगाई पर असर डालने वाले दूध, मक्खन, पनीर, मुर्गी और अंडे के दाम बढ़ते हैं। सूत्रों ने कहा कि ग्राहकों को सस्ता खाद्यतेल उपलब्ध कराने के लिए देश में सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के शुल्क-मुक्त आयात की छूट का कोटा तय किए जाने के बावजूद खाद्यतेल सस्ता नहीं हुआ। दरअसल इस कदम से बाकी आयात कम हो गया और थोक में इन्हीं तेलों के दाम ‘प्रीमियम’ पर मिलने के कारण और महंगे हो गए। सूत्रों का कहना है कि सरकार या तो आयात शुल्क लगाकर आयात को पूरी तरह खोल दे या फिर यह तय कर दे कि सिर्फ तेल खली और डीआयल्ड केक (डीओसी) का निर्यात करने वाले कारोबारियों को ही शुल्क-मुक्त आयात की छूट मिलेगी। ऐसा करने से समान आयात शुल्क दर पर खाद्यतेलों के आयात की स्थिति में सुधार होगा। देश में किसानों के पास बगैर खपत वाले बचे स्टॉक खत्म हो जायेंगे, आगे किसान बुवाई के लिए प्रोत्साहित होंगे तथा देश में पशु आहार और मुर्गीदाने के लिए जरूरी खल और डीओसी की प्रचुरता हो जाएगी। उन्होंने कहा कि देश सालाना लगभग दो करोड़ 40 लाख टन खाद्यतेलों की खपत करता है जबकि देश में दूध उत्पादन का स्तर लगभग 13 करोड़ टन है। मुर्गीदाने और पशु आहार की कमी होने से दूध एवं दुग्ध उत्पादों के साथ साथ अंडे, चिकेन के दाम भी बढ़ेंगे और महंगाई पर असर डालेंगे। समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशों में सोयाबीन के भाव मजबूत होने से स्थानीय बाजार में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल तिलहन, और बिनौला तेल के भाव मजबूत बंद हुए। किसानों द्वारा सस्ते दाम पर बिकवाली कम करने और इन हल्के तेलों की जाड़े की मांग होने से भी कीमतों में सुधार को बल मिला है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 20 रुपये सुधरकर 7,030-7,080 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में 150 रुपये बढ़कर 14,100 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 15-15 रुपये बढ़कर क्रमश: 2,135-2,265 रुपये और 2,195-2,320 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं। सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव क्रमश: 25-25 रुपये की ब्ढ़त् के साथ क्रमश: 5,550-5,650 रुपये और 5,370-5,410 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

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देश में 2023 में मिला-जुला रहेगा रोजगार परिदृश्य, कुशल कर्मचारियों पर रहेगा जोर
Business देश में 2023 में मिला-जुला रहेगा रोजगार परिदृश्य, कुशल कर्मचारियों पर रहेगा जोर

देश में 2023 में मिला-जुला रहेगा रोजगार परिदृश्य, कुशल कर्मचारियों पर रहेगा जोर विश्व स्तर पर आर्थिक अस्थिरता का दौर होने से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हाल के तनावग्रस्त महीनों और नौकरियों में कटौती के बाद आने वाला वर्ष रोजगार की संभावना तलाश रहे लोगों के लिए कई अवसर लेकर आ सकता है। ऐसा अनुमान है कि दूरसंचार और सेवा क्षेत्र में भर्तियों में तेजी आ सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि कुछ समय के लिए अवसर के अच्छे मौके मिल सकते हैं और कंपनियां काम एवं जिंदगी की एकीकृत संस्कृति,अच्छी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने, कौशल में वृद्धि करने और लचीली कार्य व्यवस्था प्रदान करने पर ध्यान दे सकती हैं। उनका कहना है कि 2023 में भर्तियों का रूझान प्रमुख रूप से ऐसा होगा कि कंपनियां कुशल कर्मियों को आंतरिक रूप से इधर-उधर करने पर ध्यान देगी। जॉब पोर्टल और कर्मचारी उपलब्ध करवाने वाली कंपनियों का कहना है कि भारतीय रोजगार बाजार के लिए अगला वर्ष मिला-जुला रहने वाला है। उनके मुताबिक, तकनीकी क्षेत्रों में भर्तियों में नरमी के बीच गैर-तकनीकी क्षेत्रों विशेषकर दूरसंचार और सेवा क्षेत्रों में भर्तियों में तेजी आई और 2023 में भी भर्तियों के परिदृश्य में इन क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। रोजगार सेवा कंपनी टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के सेवा क्षेत्र में भर्ती परिदृश्य मार्च तिमाही में भी मजबूत बना हुआ है। सोसाइटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) (भारत, एपीएसी एवं एमईएनए) में मुख्य कार्यपालक अधिकारी आचल खन्ना ने कहा, ‘‘पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस वर्ष प्रौद्योगिकी उद्योग में भर्ती गतिविधियां 18 फीसदी कम (नौकरी अध्ययन) है। ऐसे में नए साल में और झटके लगने की आशंका नहीं है क्योंकि संगठन अहम फैसले पहले ही ले चुके हैं। भारतीय रोजगार बाजार विशेषकर आईटी सेवा क्षेत्र कुछ संकट से गुजर रहा है क्योंकि मेटा, ट्विटर, माइक्रोसॉफ्ट, स्नैपचैट और कई अन्य प्रौद्योगिकी कंपनियों ने मंदी की आशंका के बीच नौकरियों में बड़े पैमाने पर कटौती की घोषणा की है। आईटी क्षेत्र के अब धीमी गति से आगे बढ़ते रहने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सीमित भर्तियां होंगी और कंपनियां मौजूदा कार्यबल को और कुशल बनाने पर ध्यान देंगी। टीमलीज सर्विसेज में मुख्य व्यापार अधिकारी मयूर ताडे ने कहा, ‘‘नौकरियों में बड़े पैमाने पर कटौती, भर्तियों पर रोक और मंदी की आशंका समेत वैश्विक उथल-पुथल की वजह से दुनिया भर में सेवा क्षेत्र विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि भारत में धारणा सकारात्मक बनी हुई है और 77 फीसदी नियोक्ताओं ने भर्तियों के अच्छे परिदृश्य के संकेत दिए हैं। खन्ना ने कहा कि पूंजीगत व्यय में तेज वृद्धि के जरिए सर्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों से 2023 में भी वृद्धि की गति बनी रहने का अनुमान है।

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चौतरफा संकट के बीच सेंसेक्स ने भू-राजनीतिक तनाव, मौद्रिक सख्ती का बखूबी किया सामना
Business चौतरफा संकट के बीच सेंसेक्स ने भू-राजनीतिक तनाव, मौद्रिक सख्ती का बखूबी किया सामना

चौतरफा संकट के बीच सेंसेक्स ने भू-राजनीतिक तनाव, मौद्रिक सख्ती का बखूबी किया सामना वर्ष 2022 में भू-राजनीतिक उथल-पुथल के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ऊर्जा कीमतों में तेजी और दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों की सख्त मौद्रिक नीतियों से पैदा हुए दबाव के बीच भारतीय शेयर बाजारों ने अन्य बाजारों की तुलना में इन संकटों का कहीं बेहतर ढंग से सामना किया। घरेलू निवेशकों के अटूट विश्वास ने दलाल स्ट्रीट को वैश्विक उठा-पटक से काफी हद तक अनछुआ रखा और भारतीय बाजार के मानक सूचकांक ने निराशाजनक संकेतों का सामना आत्मविश्वास से किया। साल के ज्यादातर समय तक रही सुस्ती के बाद त्योहारी सत्र में सेंसेक्स ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी और यह एक दिसंबर को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 63,284.

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हरियाणा में गन्ने का भाव बढ़ाने की मांग को लेकर किसानों का धरना
Business हरियाणा में गन्ने का भाव बढ़ाने की मांग को लेकर किसानों का धरना

हरियाणा में गन्ने का भाव बढ़ाने की मांग को लेकर किसानों का धरना भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर रविवार को गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर जींद सहकारी चीनी मिल के बाहर धरना दिया और एक घंटे के लिए जींद-नरवाना राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया। किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। उनके प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था। हालांकि किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और उन्होंने एक घंटे बाद राजमार्ग पर आवागमन खोल दिया। धरना समाप्त होने के बाद किसान संगठन के पदाधिकारी कोई ज्ञापन दिए बगैर घर लौट गए। हरियाणा की सहकारी चीनी मिलों में गन्ना पेराई का नया सत्र शुरू होने के बाद अभी तक राज्य सरकार ने गन्ने का भाव नहीं घोषित किया है। भाकियू ने पिछले दिनों यह फैसला किया था कि गन्ना उत्पादक किसानों को 450 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिलाने की मांग को लेकर हरियाणा की सभी चीनी मिलों के बाहर धरना दिया जाएगा।उसी फैसले के अनुरूप भाकियू से जुड़े किसान जींद सहकारी चीनी मिल के बाहर धरना दिया। इस दौरान किसान नेताओं ने मांग की कि राज्य सरकार गन्ने का खरीद मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल तुरंत प्रभाव से घोषित करे। उन्होंने ऐसा नहीं होने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दी।

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यूरोप के तीन देशों से उत्तर प्रदेश को मिले 77,140 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव
Business यूरोप के तीन देशों से उत्तर प्रदेश को मिले 77,140 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव

यूरोप के तीन देशों से उत्तर प्रदेश को मिले 77,140 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता ने कहा है कि प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले राज्य को जर्मनी, बेल्जियम और स्वीडन से 77,140 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। गुप्ता के कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई। गुप्ता हाल ही में लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल, सीमा-शुल्क आयुक्त सेंथिल पांडियान सी और एमएसएमई सचिव प्रांजल यादव के साथ इन देशों के नौ दिवसीय दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने विदेशी निवेशकों एवं वहां के अधिकारियों से मुलाकात कीं। उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन 2023 (यूपी जीआईएस) फरवरी 2023 में लखनऊ में आयोजित होने वाला है। बयान के मुताबिक, विदेश दौरे से लौटने के बाद गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें इन प्रमुख यूरोपीय देशों से मिले निवेश प्रस्तावों की जानकारी जानकारी दी। गुप्ता ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि तीन देशों के दौरे में कुल 77,140 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। ये प्रस्ताव रक्षा, फिल्म, चिकित्सा उपकरण, कचरा प्रबंधन और कपड़ा जैसे विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हैं।

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एनसीएलएटी ने डीएलएफ मामले में प्रतिस्पर्धा आयोग को फिर से विचार करने को कहा
Business एनसीएलएटी ने डीएलएफ मामले में प्रतिस्पर्धा आयोग को फिर से विचार करने को कहा

एनसीएलएटी ने डीएलएफ मामले में प्रतिस्पर्धा आयोग को फिर से विचार करने को कहा नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ से संबंधित एक मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश को रद्द करने के साथ ही उसे मामले पर फिर से गौर करने का निर्देश दिया है। दरअसल सीसीआई ने जांच महानिदेशक की द्वितीयक/पूरक रिपोर्ट के आधार पर डीएलएफ एवं उसकी अनुषंगी के खिलाफ दर्ज शिकायत को अस्वीकार कर दिया था। शिकायत में कहा गया था कि इस रियल एस्टेट कंपनी ने अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग किया। यह मामला गुरुग्राम में डीएलएफ गार्डन सिटी के सेक्टर 90 में स्थित रीगल गार्डन का है।

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LIC Insurance Laws (Amendment) विधेयक पारित होने पर समग्र लाइसेंस पर कर सकती है विचार
Business LIC Insurance Laws (Amendment) विधेयक पारित होने पर समग्र लाइसेंस पर कर सकती है विचार

LIC Insurance Laws (Amendment) विधेयक पारित होने पर समग्र लाइसेंस पर कर सकती है विचार नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) संसद में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद समग्र लाइसेंस खंड पर विचार कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रस्तावित विधेयक में यह प्रावधान है कि कोई भी आवेदक किसी भी प्रकार या श्रेणी के बीमा व्यवसाय के एक या अधिक वर्गों/उप-श्रेणियों के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है। हालांकि पुनर्बीमा कंपनियों के बीमा व्यवसाय की किसी अन्य श्रेणी के लिए पंजीयन करवाने पर रोक है। वहीं, समग्र लाइसेंस होने से बीमा कंपनियां एक ही कंपनी के जरिए सामान्य और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं की पेशकश कर सकेंगी। 

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Google के प्रतिस्पर्धा-रोधी कदमों से भारतीय उपभोक्ताओं, अर्थव्यवस्था को नुकसान: मैपमायइंडिया
Business Google के प्रतिस्पर्धा-रोधी कदमों से भारतीय उपभोक्ताओं, अर्थव्यवस्था को नुकसान: मैपमायइंडिया

Google के प्रतिस्पर्धा-रोधी कदमों से भारतीय उपभोक्ताओं, अर्थव्यवस्था को नुकसान: मैपमायइंडिया नयी दिल्ली। गूगल की प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियां स्वदेशी प्रतिस्पर्धियों को नुकसान पहुंचाकर भारतीय उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही हैं। स्वदेशी नेविगेशन फर्म मैपमायइंडिया के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अक्टूबर में गूगल पर एंड्रायड मोबाइल उपकरणों के संबंध में कई बाजारों में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 1,337.

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ONGC के निदेशक मंडल में किए जा रहे बड़े बदलाव
Business ONGC के निदेशक मंडल में किए जा रहे बड़े बदलाव

ONGC के निदेशक मंडल में किए जा रहे बड़े बदलाव नयी दिल्ली। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के निदेशक मंडल में बड़े स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें निदेशक के दो पदों को मिलाकर एक किया जा रहा है और कंपनी में नई जान फूंकने की कोशिश में कॉरपोरेट मामलों के निदेशक के रूप में नए पद का सृजन किया जा रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। ओएनजीसी के निदेशक मंडल में फिलहाल छह निदेशक होते हैं- अन्वेषण, तटीय परिचालन, अपतटीय परिचालन, वित्त, मानव संसाधन और तकनीकी एवं फील्ड सेवा। कंपनी की कमान चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के हाथों में होती है। सरकार ने तेल शोधन एवं विपणन कंपनी बीपीसीएल के प्रमुख पद से सेवानिवृत्त हुए अरूण कुमार सिंह को इसी महीने ओएनजीसी का चेयरमैन नियुक्त किया है।

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Mutual Fund industry के लिए 2022 सुस्त रहा, नए साल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
Business Mutual Fund industry के लिए 2022 सुस्त रहा, नए साल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

Mutual Fund industry के लिए 2022 सुस्त रहा, नए साल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नयी दिल्ली। म्यूचुअल फंड उद्योग पिछले साल के शानदार प्रदर्शन को वर्ष 2022 में दोहरा नहीं सका और पूरे साल बाजार में उतार-चढ़ाव रहने से उद्योग अपने संपत्ति आधार और निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी की रफ्तार बरकरार नहीं रख सका। हालांकि विश्लेषकों को उम्मीद है कि नया साल इस उद्योग के लिए अपेक्षाकृत बेहतर साबित होगा। म्यूचुअल फंड उद्योग वर्ष 2022 में धीमी गति से बढ़ा। इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं और बढ़ती ब्याज दरों के कारण उद्योग के लिए हालात विपरीत रहे। उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन-अधीन संपत्ति (एयूएम) में सात प्रतिशत या 2.

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