बांग्लादेश, अफ्रीकी देशों के साथ रुपये में कारोबार की संभावना तलाश रहे बैंक
Business बांग्लादेश, अफ्रीकी देशों के साथ रुपये में कारोबार की संभावना तलाश रहे बैंक

बांग्लादेश, अफ्रीकी देशों के साथ रुपये में कारोबार की संभावना तलाश रहे बैंक भारतीय बैंक बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू करने की संभावना तलाश रहे हैं ताकि रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में स्थापित किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश के अलावा मिस्र जैसे कुछ अफ्रीकी देशों के साथ व्यापार रुपये में ही संचालित करने की तैयारी में बैंक जुटे हुए हैं। दरअसल रुपये में विदेशी कारोबार होने से विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में होने वाली उठापटक के असर से बचने में मदद मिलेगी। सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय की हाल में हुई एक बैठक में सभी हितधारकों से कहा गया कि वे अन्य देशों के साथ भी रुपये में विदेशी कारोबार की सुविधा देने की संभावना तलाशें। फिलहाल भारत से रुपये में विदेशी कारोबार रूस, मॉरीशस एवं श्रीलंका के साथ हो रहा है जिसके लिए बैंकों के विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) का इस्तेमाल किया जाता है। अब तक 11 बैंकों ने इस तरह के 18 खाते खोले हैं। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने पिछले वित्त वर्ष में मिस्र से 352 करोड़ डॉलर, अल्जीरिया से 100 करोड़ डॉलर और अंगोला से 272 करोड़ डॉलर की वस्तुओं का आयात किया था। इसी तरह बांग्लादेश से भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 197 करोड़ डॉलर का आयात किया था।

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दिल्ली हवाईअड्डे पर भीड़भाड़ से बचने के लिए अध्ययन कर रहा बीसीएएस
Business दिल्ली हवाईअड्डे पर भीड़भाड़ से बचने के लिए अध्ययन कर रहा बीसीएएस

दिल्ली हवाईअड्डे पर भीड़भाड़ से बचने के लिए अध्ययन कर रहा बीसीएएस नागर विमानन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नागर विमानन सुरक्षा ब्‍यूरो (बीसीएएस) यह पता लगाने के लिए अध्ययन कर रहा है कि दिल्ली हवाईअड्डे के आव्रजन क्षेत्र में यात्रियों के लिए पर्याप्त जगह है या नहीं। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। बीसीएएस के इस अध्ययन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के पूरी रफ्तार से शुरू होने पर हवाईअड्डे के आव्रजन वाले इलाके में भीड़भाड़ की स्थिति नहीं बने। बीते कुछ समय से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भीड़भाड़, लंबी कतारों और लंबी प्रतीक्षा अवधि की शिकायतें कर रहे हैं।

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जीएसटी परिषद ने कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने का फैसला किया
Business जीएसटी परिषद ने कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने का फैसला किया

जीएसटी परिषद ने कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने का फैसला किया जीएसटी परिषद ने शनिवार को अनुपालन में की जा रहीं कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर सहमति जताने के साथ ही अभियोजन शुरू करने की सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने का फैसला किया। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक खत्म होने के बाद इसमें लिए गए इन फैसलों की जानकारी दी। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद समय की कमी के कारण एजेंडे में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी। जीएसटी पर अपीलीय अधिकरण बनाने के अलावा पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया। मल्होत्रा ने कहा कि इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी लगाने पर चर्चा नहीं की गई क्योंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने कहा कि समय इतना कम था कि जीओएम की रिपोर्ट जीएसटी परिषद के सदस्यों को भी नहीं दी जा सकी। उन्होंने कहा कि परिषद ने जीएसटी कानून के अनुपालन में अनियमितता पर अभियोजन शुरू करने की सीमा को मौजूदा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने पर सहमति दी। साथ ही दालों के छिलके पर जीएसटी को खत्म करने का फैसला भी किया गया। अभी तक दालों के छिलके पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगता था लेकिन अब उसे शून्य कर दिया गया।

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निर्यातकों ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बजट में समर्थन उपायों की मांग की
Business निर्यातकों ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बजट में समर्थन उपायों की मांग की

निर्यातकों ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बजट में समर्थन उपायों की मांग की निर्यातकों ने देश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आगामी आम बजट में बिजली शुल्क में छूट और आसानी से ऋण उपलब्धता जैसे उपायों की मांग की है। निर्यातकों के अनुसार निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) योजना की प्रतिपूर्ति के साथ ही निर्यात प्रोत्साहन और अन्य पहलों को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने इसके लिए वित्त मंत्रालय द्वारा वाणिज्य विभाग को उचित धन उपलब्ध कराने की जरूरत पर भी जोर दिया। आरओडीटीईपी के तहत विभिन्न केंद्रीय और राज्य शुल्क, लागत उत्पादों पर लगाए गए कर और लेवी और इस तरह के अन्य करों को वापस कर दिया जाता है। उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सीमा शुल्क में कुछ बदलाव और सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध कराने का सुझाव भी दिया। मुंबई स्थित निर्यातक और बंबई कपड़ा शोध संस्थान के चेयरमैन एस के सराफ ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए निर्यात की महत्वपूर्ण भूमिका है और बजट में इस क्षेत्र के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान होना चाहिए। उन्होंने ऐसी इकाइयों को बिजली शुल्क में छूट देने की मांग की, जो अपने उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक निर्यात कर रहे हैं। आम बजट 2023-24 एक फरवरी को पेश किया जाना है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक कारक, विदेशी फंडों की व्यापारिक गतिविधियां इस सप्ताह बाजार की चाल तय करेंगी
Business विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक कारक, विदेशी फंडों की व्यापारिक गतिविधियां इस सप्ताह बाजार की चाल तय करेंगी

विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक कारक, विदेशी फंडों की व्यापारिक गतिविधियां इस सप्ताह बाजार की चाल तय करेंगी इस सप्ताह वैश्विक कारकों और विदेशी फंडों की कारोबारी गतिविधियों से बाजार की आगे की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों ने यह राय दी। स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, इस सप्ताह कोई महत्वपूर्ण संकेत नहीं आना है। इसलिए हम तेजड़ियों और मंदड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला देख सकते हैं। अमेरिकी बाजार इस समय फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के बाद बिकवाली की दूसरी लहर का अनुभव कर रहा है। ये रुझान आगे भी जारी रह सकता है। उन्होंने आगे कहा, एफआईआई दिसंबर के एक महत्वपूर्ण हिस्से में शुद्ध विक्रेता थे और इसलिए संस्थागत आवक एक और महत्वपूर्ण कारक होगा, जो बाजार को प्रभावित कर सकता है। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि किसी भी बड़ी घटना के अभाव में बाजार वैश्विक सूचकांकों, विशेष रूप से अमेरिकी संकेतों से प्रभावित होगा। यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) और बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) जैसे वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने नीतिगत दरों में वृद्धि और आक्रामक टिप्पणी देने में अमेरिकी फेडरल रिजर्व का अनुसरण किया। इस वजह से पिछले सप्ताह दुनिया भर के बाजारों में गिरावट आई। पिछले सप्ताह सेंसेक्स 843.

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ISWAI: उच्च कराधान दर से शराब व्यापार को हो रहा है नुकसान
Business ISWAI: उच्च कराधान दर से शराब व्यापार को हो रहा है नुकसान

ISWAI: उच्च कराधान दर से शराब व्यापार को हो रहा है नुकसान कोलकाता। इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसडब्ल्यूएआई) ने कहा कि कराधान की उच्च दरों से मादक पेय (एल्कोबेव) क्षेत्र को भारी नुकसान हो रहा है और देश में शराब उद्योग का भविष्य खतरे में पड़ गया है। देश में एल्कोबेव उद्योग के शीर्ष निकाय आईएसडब्ल्यूएआई ने कहा कि उत्पाद की कीमतों में करों का हिस्सा 67 से 80 प्रतिशत है, जिससे व्यापार को जारी रखने और कामकाज का प्रबंधन करने के लिए बहुत कम बचत होती है।आईएसडब्ल्यूएआई की सीईओ नीता कपूर ने कहा, भारतीय एल्कोबेव उद्योग मुद्रास्फीति और उच्च कराधान दरों के कारण गहरे संकट में है।

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Christmas Celebration: दो साल बाद नए साल के मौके पर होटल, रिसॉर्ट के कमरे पूरी तरह हुए बुक
Business Christmas Celebration: दो साल बाद नए साल के मौके पर होटल, रिसॉर्ट के कमरे पूरी तरह हुए बुक

Christmas Celebration: दो साल बाद नए साल के मौके पर होटल, रिसॉर्ट के कमरे पूरी तरह हुए बुक नयी दिल्ली। घरेलू आतिथ्य उद्योग इस बार क्रिसमस और नए साल के मौके पर भरपूर फायदा उठाने के लिए तैयार है। महामारी के चलते पिछले दो वर्षों में कारोबार बुरी तरह प्रभावित होने के बाद इस बार कई होटलों और रिसॉर्ट के कमरे पूरी तरह बुक हो गए हैं। आतिथ्य कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक इस बार गोवा, केरल और शिमला जैसे पारंपरिक लोकप्रिय स्थानों के अलावा लोनावाला, विशाखापट्टनम, धर्मशाला, उदयपुर, मनाली और गिर जैसे गंतव्यों के लिए अच्छी मांग देखी जा रही है। एपीजे सुरेंद्र पार्क होटल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विजय दीवान ने ई-मेल के जवाब में पीटीआई-से कहा, साल के अंत में त्योहारी सीजन काफी सकारात्मक नजर आ रहा है और यह साल आतिथ्य क्षेत्र के लिए अब तक के सबसे अच्छे वर्षों में से एक होगा। महिंद्रा हॉलीडेज एडं रिसॉर्ट इंडिया लिमिटेड (एमएचआरआईएल) के प्रबंध निदेशक और सीईओ कविंदर सिंह ने कहा, वास्तव में यह 2020 के बाद पहला सही क्रिसमस और नया साल होगा हमारे कुछ रिसॉर्ट में दिसंबर में एक भी कमरा उपलब्ध नहीं है, क्योंकि लोगों ने सभी को बुक कर लिया है।

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खाद्य तेल- तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह दिखा मिला-जुला रुख
Business खाद्य तेल- तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह दिखा मिला-जुला रुख

खाद्य तेल- तिलहन कीमतों में बीते सप्ताह दिखा मिला-जुला रुख नयी दिल्ली।  बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में खाद्य तेल तिलहन कीमतों में मिला-जुला रुख दिखाई दिया। जहां सरसों तेल- तिलहन और सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव गिरावट पर बंद हुए वहीं सोयाबीन तेल, मूंगफली तेल तिलहन, पामोलीन और बिनौला तेल कीमतों में मजबूती देखी गई। रिफाइंड में महंगा बैठने के बावजूद सस्ते में उपलब्ध कच्चा पामतेल (सीपीओ) की मांग होने से सीपीओ के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों के ऊंचे भाव बोले जा रहे हैं लेकिन उस भाव पर लिवाल नहीं हैं। भाव ऊंचा बोले जाने की वजह से सोयाबीन तेल, मूंगफली तेल तिलहन, पामोलीन और बिनौला तेल कीमतों में मजबूती आई है। सूत्रों के मुताबिक, सरसों सहित सोयाबीन, मूंगफली, बिनौला जैसे देशी तेल तिलहनों की पेराई में मिल मालिकों को नुकसान है। सस्ते आयातित तेलों की वजह से संकट और बढ़ गया है क्योंकि उनके मुकाबले देशी तेल तिलहनों के भाव टिक नहीं पा रहे हैं या फिर उनके लिवाल कम हैं।

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सितंबर तिमाही में सूक्ष्म वित्त कर्ज 11 फीसदी बढ़कर 71,916 करोड़ रुपये रहाः रिपोर्ट
Business सितंबर तिमाही में सूक्ष्म वित्त कर्ज 11 फीसदी बढ़कर 71,916 करोड़ रुपये रहाः रिपोर्ट

सितंबर तिमाही में सूक्ष्म वित्त कर्ज 11 फीसदी बढ़कर 71,916 करोड़ रुपये रहाः रिपोर्ट नयी दिल्ली। देश में सूक्ष्म-वित्त कर्ज चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में करीब 11 फीसदी बढ़कर 71,916 करोड़ रुपये हो गया जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 64,899 करोड़ रुपये था। उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क (एमएफआईएन) की ‘एमएफआईएन माइक्रोमीटर’ रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में कुल 1.

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भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के बावजूद कोयला की उपयोगिता बनी रहेगी
Business भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के बावजूद कोयला की उपयोगिता बनी रहेगी

भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के बावजूद कोयला की उपयोगिता बनी रहेगी नयी दिल्ली। जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच कोयला को अच्छा ईंधन स्रोत नहीं माना जा रहा है क्योंकि जीवाश्म ईंधन से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में इसकी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हालांकि यूक्रेन-रूस युद्ध ने वैश्विक स्तर पर पैदा हुए ऊर्जा संकट से इस साल कोयले का इस्तेमाल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। भारत कोयले की खपत में वैश्विक वृद्धि के लिहाज से सबसे आगे रहा। तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण देश ने सबसे आसानी से उपलब्ध कोयले का रुख किया। भारत दुनिया में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इस साल कोयले की खपत और उत्पादन के रुझान से संकेत मिलता है कि नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लक्ष्य के बावजूद यहां कोयले की उपयोगिता आगे भी बनी रहेगी। भारत में कोयले की खपत 2007 के बाद से छह प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ी है और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) का अनुमान है कि इस साल वैश्विक स्तर पर ईंधन की मांग में सबसे बड़ी वृद्धि भारत से हुई। वृद्धि के लिहाज से यह आंकड़ा करीब सात प्रतिशत या सात करोड़ टन था। देश में बिजली क्षेत्र कोयले पर अत्यधिक निर्भर है और कोयले की मांग बढ़ने में सबसे अधिक योगदान इसी क्षेत्र का है। भारत की कुल बिजली मांग में कोयला-आधारित बिजली उत्पादन की हिस्सेदारी 73 प्रतिशत है और निकट भविष्य में भी इसके बिजली का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत बने रहने का अनुमान है। आईईए को उम्मीद है कि वर्ष 2025 में भारत की कोयले की मांग बढ़कर 122 करोड़ टन हो जाएगी जिसमें से 92 प्रतिशत हिस्सा बिजली उत्पादन में जाएगा।

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आईपीओ से पहले केफिन टेक ने एंकर निवेशकों से 675 करोड़ रुपये जुटाए
Business आईपीओ से पहले केफिन टेक ने एंकर निवेशकों से 675 करोड़ रुपये जुटाए

आईपीओ से पहले केफिन टेक ने एंकर निवेशकों से 675 करोड़ रुपये जुटाए वित्तीय सेवा मंच केफिन टेक्नोलॉजीज ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले एंकर निवेशकों से 675 करोड़ रुपये जुटाए हैं। बीएसई की वेबसाइट पर शुक्रवार को जारी किए गए एक परिपत्र के अनुसार कंपनी ने 44 निवेश संस्थानों को 366 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 1.

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वीके सिंह ने कहा कि निजी सुरक्षा उद्योग के लिए पेशेवर सुरक्षा जोखिम में अवसर हैं
Business वीके सिंह ने कहा कि निजी सुरक्षा उद्योग के लिए पेशेवर सुरक्षा जोखिम में अवसर हैं

वीके सिंह ने कहा कि निजी सुरक्षा उद्योग के लिए पेशेवर सुरक्षा जोखिम में अवसर हैं केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने शनिवार को कहा कि सुरक्षा मुहैया कराने वाले प्रशिक्षित पेशेवरों की देश में बेहद कमी है जिसे पूरा करने में निजी सुरक्षा क्षेत्र अहम भूमिका निभा सकता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और नागर विमानन राज्य मंत्री सिंह ने केंद्रीय निजी सुरक्षा उद्योग संघ (सीएपीएसआई) के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि देश में प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों की कमी है और निजी सुरक्षा उद्योग को इन कमियों को दूर करने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। एक बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि कई सरकारी प्रतिष्ठानों और हवाईअड्डों एवं रेलवे स्टेशनों जैसी जगहों को सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा क्षेत्र को इन जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने कर्मियों को विधिवत प्रशिक्षित और सुसज्जित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय निजी सुरक्षा उद्योग के सामने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की जरूरतों को पूरा करने का एक अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा उद्योग को अपने पेशेवर मानक तय करने और उन मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने की जरूरत है। ऐसा करने पर उन्हें देश के अलावा विदेशों में भी सुरक्षा सेवाएं मुहैया कराने का मौका मिल सकता है।

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असम के चाय बागान में  अचानक  तालाबंदी; 500 कर्मचारी आंदोलनरत
Business असम के चाय बागान में अचानक तालाबंदी; 500 कर्मचारी आंदोलनरत

असम के चाय बागान में अचानक तालाबंदी; 500 कर्मचारी आंदोलनरत असम के हाइलाकांडी जिले में एक चाय बागान के लगभग 500 मजदूरों ने परिचालन ‘अचानक’ रोके जाने की घोषणा के बाद विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हाइलाकांडी शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गगलाचेरा चाय बागान के कर्मचारी बृहस्पतिवार से ही बागान अधिकारियों के फैसले का विरोध कर रहे हैं। अधिकारियों ने एक दिन पहले बागान का परिचालन बंद करने की घोषणा कर दी थी। विवाद को खत्म करने के लिए स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ एक चाय संघ ने पहल की है। मजिस्ट्रेट झिंटू बोरा और श्रम अधिकारी पीके मालाकार सहित अधिकारियों की एक टीम ने शुक्रवार को बागान का दौरा किया और जिला उपायुक्त के समक्ष यह मामला उठाने का आश्वासन दिया। इस बारे में टिप्पणी के लिए उद्यान अधिकारियों से संपर्क नहीं किया जा सका। वहीं, स्थानीय पंचायत के प्रमुख राधेश्याम कुर्मी ने आरोप लगाया कि चाय बागान के अधिकारियों ने बुधवार रात चुपके से तालाबंदी का नोटिस लगा दिया और परिसर से चले गए। उन्होंने कहा, ‘‘बृहस्पतिवार को कामगारों को भुगतान किया जाना था लेकिन अधिकारियों के इस तरह भागने से लोग भड़क गए हैं।’’ भारतीय चाय संघ की बराक घाटी क्षेत्र के महासचिव सरदिन्दु भट्टाचार्य ने जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिए जाने की उम्मीद जताई।

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सरकार ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है
Business सरकार ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है

सरकार ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है केंद्र ने शनिवार को कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त खाद्यान्न भंडार है। इसके साथ ही सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की नियमित निगरानी भी कर रही है। एक सरकारी बयान के मुताबिक, ‘‘भारत सरकार के पास खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अपनी अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लिए अतिरिक्त आवंटन की जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय पूल में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार मौजूद है।’’ इस बयान के मुताबिक, एक जनवरी, 2023 तक लगभग 159 लाख टन गेहूं और 104 लाख टन चावल उपलब्ध रहेगा जो बफर मानकों से कहीं ज्यादा है। बफर मानकों के तहत एक जनवरी को 138 लाख टन गेहूं और 76 लाख टन चावल रखने की ही जरूरत थी। केंद्रीय खाद्यान्न पूल में 15 दिसंबर तक करीब 180 लाख टन गेहूं और 111 लाख टन चावल उपलब्ध था। एक अप्रैल, एक जुलाई, एक अक्टूबर और एक जनवरी को वर्ष की विशेष तिथियों के लिए बफर मानदंडों की आवश्यकता की परिकल्पना की गई है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय पूल के तहत गेहूं और चावल के भंडार की स्थिति हमेशा बफर मानदंडों से काफी ऊपर रही है। केंद्रीय पूल में एक अक्टूबर, 2022 को लगभग 227 लाख टन गेहूं और 205 लाख टन चावल उपलब्ध थे, जबकि एक अक्टूबर को 205 लाख टन गेहूं और 103 लाख टन चावल ही बफर मानदंड के तहत होने की आवश्यकता थी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘हालांकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमतों पर किसानों द्वारा खुले बाजार में गेंहूं की बिक्री करने के अलावा कम उत्पादन होने से भी पिछले सत्र में गेहूं की खरीद कम हुई थी। इसके बावजूद गेहूं की अगली फसल आने तक देश की जरूरत को पूरा करने के लिए केंद्रीय पूल में गेहूं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध होगा।’’ इसके अलावा, केंद्रीय पूल में पर्याप्त गेहूं का स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए एनएफएसए के साथ पीएमजीकेएवाई के तहत किए गए आवंटन को भी चावल के पक्ष में संशोधित किया गया है। पीएमजीकेएवाई के तहत केंद्र सरकार एनएफएसए के दायरे में आने वाले लगभग 80 करोड़ लोगों को प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त देती है। केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं की फसल का एमएसपी बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है जो पिछले साल रबी विपणन सत्र में 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था। गेहूं की खरीद अप्रैल से शुरू होगी और प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं की बुवाई में काफी वृद्धि हुई है।

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तेल-तिलहनों के भाव में मिला-जुला रुख रहा कायम
Business तेल-तिलहनों के भाव में मिला-जुला रुख रहा कायम

तेल-तिलहनों के भाव में मिला-जुला रुख रहा कायम दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को लगभग सभी तेल तिलहनों के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए। आयातित तेलों के भाव ऊंचा बोले जाने और इस भाव पर लिवाल नहीं होने से लगभग सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत बने रहे। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि तेल संगठनों की यह मांग एकदम जायज है कि कच्चा पामतेल और पामोलीन तेल के आयात शुल्क का फासला बढ़ा दिया जाए क्योंकि इससे घरेलू तेल रिफायनिंग उद्योग का कामकाज चलेगा। हालांकि इन संगठनों को सस्ते आयातित तेलों की भरमार के कारण देश के छोटे-बड़े सभी किस्म के तेल उद्योगों की बदहाली के बारे में भी सरकार को बताना चाहिये। सूत्रों ने कहा कि कोटा प्रणाली की व्यवस्था से इन तेल उद्योगों की कमर टूट रही है और उन्हें कोटा व्यवस्था को समाप्त करने के बारे में सरकार को सलाह देनी चाहिये। विदेशी खाद्यतेलों के दाम में आधी गिरावट आने के बाद कोटा प्रणाली अपनी प्रासंगिकता खो बैठी है। इस बात को भी सामने लाने में इन तेल संगठनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। खाद्यतेल तिलहनों के वायदा कारोबार पर रोक की 20 दिसंबर तक की समयसीमा को देखते हुए तेल उद्योग के कुछ संगठन तेल तिलहनों के वायदा कारोबार खोलने की पैरवी करने में जुट गये हैं। लेकिन कारोबारी सूत्रों ने कहा कि दो साल पहले अक्टूबर-नवंबर में जब किसानों की खरीफ की सोयाबीन फसल आई तो वायदा कारोबार में भाव नीचे चले गए और किसानों से 4,200-4,500 रुपये क्विंटल के भाव पर सोयाबीन दाना की खरीद की गई। हालांकि यह भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक था लेकिन तीन-चार महीनों में ही सोयाबीन दाने का वायदा कारोबार में भाव बढ़ाकर लगभग 10,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। ऐसी स्थिति में किसानों को बीज काफी ऊंचे दाम पर मुश्किल से उपलब्ध हो पाया। सूत्रों के मुताबिक, तेल तिलहन कारोबार को सट्टेबाजी से मुक्त रखना अहम है और इस क्रम में तेल तिलहनों के वायदा कारोबार पर रोक जारी रखना जरूरी है। सूत्रों ने कहा कि संभव होने पर बिनौला खल के वायदा कारोबार को रोक देना चाहिये क्योंकि सट्टेबाज किसानों से कम भाव में खरीद कर बाद में भाव ऊंचा कर देते हैं और किसानों की लूट होती है। इससे दूध के दाम पिछले कुछ महीनों में निरंतर बढ़े हैं और आगे भी दूध के दाम में वृद्धि होने की सुगबुगाहट है। वायदा कारोबार में बिनौला खल के भाव तीन-चार माह में 26 प्रतिशत बढ़ गये हैं जिससे दूध लगभग 10 प्रतिशत महंगा हो गया है। सूत्रों ने कहा कि इस स्थिति में पहली बार डी-आयल्ड केक (डीओसी) का आयात करना पड़ा जिसका खमियाजा मौजूदा वक्त में भी भुगतना पड़ रहा है। सोयाबीन का स्टॉक जमा हो गया है और उसकी बाजार में खपत भी नहीं हो पा रही। सूत्रों के मुताबिक, जिस वस्तु का निर्यात कर देश के किसान पैसे कमाते थे, आज वही आयातित सोयाबीन डीओसी उनके गले की फांस बन गया है। शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 7,010-7,060 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,435-6,495 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,100 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,430-2,695 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 13,950 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,120-2,250 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,180-2,305 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,450 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,500 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,500 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,150 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,525-5,625 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 5,335-5,385 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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वाहन उद्योग निकाय ने एसयूवी की परिभाषा पर जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण की सराहना की
Business वाहन उद्योग निकाय ने एसयूवी की परिभाषा पर जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण की सराहना की

वाहन उद्योग निकाय ने एसयूवी की परिभाषा पर जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण की सराहना की वाहन उद्योग निकाय सियाम ने स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की परिपर शनिवार को आए जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए कहा कि यह वित्त मंत्रालय के साथ इस बारे में हुई चर्चा के अनुरूप ही है। जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 22 प्रतिशत की क्षतिपूर्ति उपकर की उच्च दर एसयूवी श्रेणी में आने वाले वाहनों पर ही लागू होती है। एसयूवी के तहत उन वाहनों को वर्गीकृत किया गया है जो सभी चार शर्तें पूरी करते हैं। इनमें इंजन की क्षमता 1,500cc से अधिक होना, लंबाई 4,000 मिलीमीटर से अधिक होना और 170 मिलीमीटर से अधिक का ग्राउंड क्लियरेंस शामिल है। जीएसटी परिषद के इस फैसले पर भारतीय वाहन विनिर्माता संगठन सियाम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा 22 प्रतिशत मुआवजा उपकर की उच्च दर केवल उन्हीं वाहनों पर लागू होगी जो चारों शर्तों को पूरा करते हैं। सियाम ने अपने बयान में एसयूवी की परिपर स्पष्टीकरण जारी करने के लिए वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और जीएसटी परिषद का आभार भी जताया। उसने कहा कि जीएसटी परिषद का यह फैसला वित्त मंत्रालय के साथ हुई चर्चा के अनुरूप ही है।

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सीबीआईसी प्रमुख ने कहा, ऑनलाइन गेम पर 28% जीएसटी
Business सीबीआईसी प्रमुख ने कहा, ऑनलाइन गेम पर 28% जीएसटी

सीबीआईसी प्रमुख ने कहा, ऑनलाइन गेम पर 28% जीएसटी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रमुख विवेक जौहरी ने शनिवार को कहा कि एक निश्चित परिणाम पर जीत के निर्भर होने से ऑनलाइन गेम में दांव की समूची राशि पर ही 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। हालांकि ऑनलाइन गेम पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट पर जीएसटी परिषद की बैठक में चर्चा नहीं हो पाई है। लेकिन जौहरी ने कहा कि किसी ऑनलाइन गेम में खिलाड़ी की तरफ से दांव पर लगाई गई रकम पर ही 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने की राय विभाग की है। उनकी यह टिप्पणी इस लिहाज से मायने रखती है कि ऑनलाइन गेमिंग की बड़ी कंपनी गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (जीटीपीएल) की कर चोरी का मामला अब भी अदालत में विचाराधीन है।

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Yes Bank ने उठाया बड़ा कदम, 48,000 करोड़ रुपये का फंसा कर्ज जेसी फ्लॉवर्स को सौंपा
Business Yes Bank ने उठाया बड़ा कदम, 48,000 करोड़ रुपये का फंसा कर्ज जेसी फ्लॉवर्स को सौंपा

Yes Bank ने उठाया बड़ा कदम, 48,000 करोड़ रुपये का फंसा कर्ज जेसी फ्लॉवर्स को सौंपा नयी दिल्ली। निजी क्षेत्र के यस बैंक ने 48,000 करोड़ रुपये के अपने फंसे हुए कर्ज को कर्ज पुनर्गठन कंपनी जेसी फ्लॉवर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन के सुपुर्द कर दिया है। बैंक ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि तनावग्रस्त कर्ज के रूप में चिह्नित 48,000 करोड़ रुपये के ऋण पोर्टफोलियो को जेसी फ्लॉवर्स के सुपुर्द करने का काम पूरा कर लिया गया है। इस दौरान एक अप्रैल से 30 नवंबर तक हुई कर्ज वसूली का समायोजन भी कर दिया गया है। यस बैंक ने अपने चिह्नित तनावग्रस्त कर्ज को जेसी फ्लॉवर्स एआरसी को सौंपने की घोषणा पहले ही कर दी थी। इस तरह बैंक अपने पोर्टफोलियो में फंसे हुए कर्ज का आकार कम कर अपनी वित्तीय स्थिति सुधारना चाहता है। कुछ साल पहले फंसे हुए कर्ज का आकार बढ़ने से यस बैंक की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई थी। लेकिन हाल में उसने अपने कर्ज पोर्टफोलियो को दुरूस्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

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GST Council Meeting हुई संपन्न, ये कानून अब नहीं रहेंगे अपराध की श्रेणी में शामिल
Business GST Council Meeting हुई संपन्न, ये कानून अब नहीं रहेंगे अपराध की श्रेणी में शामिल

GST Council Meeting हुई संपन्न, ये कानून अब नहीं रहेंगे अपराध की श्रेणी में शामिल नयी दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में 17 दिसंबर को जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक का आयोजन किया गया। इस वर्चुअल बैठक में आठ बिंदुओं पर चर्चा की गई। हालांकि इस दौरान कुछ अहम मु्द्दों पर चर्चा नहीं हो सकी। इसमें तंबाकू और गुटखा संबंधित मामले शामिल है जिनपर चर्चा नहीं हुई है।

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GST Council की बैठक शुरू, गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, पान मसाला और गुटखा को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला
Business GST Council की बैठक शुरू, गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, पान मसाला और गुटखा को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला

GST Council की बैठक शुरू, गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, पान मसाला और गुटखा को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला नयी दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नीति-निर्धारक इकाई जीएसटी परिषद की अहम बैठक शनिवार को शुरू हो गई जिसमें जीएसटी कानून के तहत गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर विचार होने की संभावना है। बैठक के एजेंडे में अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना और पान मसाला एवं गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने की व्यवस्था बनाना भी शामिल है। 

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Indraprastha Gas Hikes CNG Prices | इंद्रप्रस्थ गैस ने बढ़ा दिए सीएनजी के दाम, जानें आपके शहर में क्या होगी कीमत
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Indraprastha Gas Hikes CNG Prices | इंद्रप्रस्थ गैस ने बढ़ा दिए सीएनजी के दाम, जानें आपके शहर में क्या होगी कीमत इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने आज (शनिवार) से दिल्ली-एनसीआर में संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) की कीमतों में वृद्धि की है। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने दिल्ली में सीएनजी की कीमत 78.

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गुजरात में 50 मेगावॉट की परियोजना के साथ पवन ऊर्जा क्षेत्र में उतरा एसीएमई समूह
Business गुजरात में 50 मेगावॉट की परियोजना के साथ पवन ऊर्जा क्षेत्र में उतरा एसीएमई समूह

गुजरात में 50 मेगावॉट की परियोजना के साथ पवन ऊर्जा क्षेत्र में उतरा एसीएमई समूह एसीएमई समूह ने शुक्रवार को गुजरात में 50 मेगावॉट क्षमता की परियोजना के साथ पवन ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखने की घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा कि समूह ने पवन ऊर्जा कारोबार में कदम रखा है और गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) के साथ बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। एसीएमई वर्तमान में 12 राज्यों में सौर ऊर्जा संयंत्रों का परिचालन करती है। यह 13 राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को बिजली की आपूर्ति करती है।

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