पंजाब एंड सिंध बैंक को चालू वित्त वर्ष में 1,100 करोड़ रुपये के मुनाफे की उम्मीद
Business पंजाब एंड सिंध बैंक को चालू वित्त वर्ष में 1,100 करोड़ रुपये के मुनाफे की उम्मीद

पंजाब एंड सिंध बैंक को चालू वित्त वर्ष में 1,100 करोड़ रुपये के मुनाफे की उम्मीद सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब एंड सिंध बैंक (पीएंडएसबी) को चालू वित्त वर्ष में करीब 1,100 करोड़ रुपये के मुनाफे की उम्मीद है। डूबे कर्ज के समाधान की वजह से बैंक अच्छा लाभ कमाने की उम्मीद कर रहा है। पीएंडएसबी के प्रबंध निदेशक स्वरूप कुमार साहा ने पीटीआई-से कहा कि बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए 2,000 करोड़ रुपये के डूबे कर्ज (एनपीए) के समाधान का लक्ष्य दिया था। उन्होंने कहा कि इसमें से 700 करोड़ रुपये की वसूली पहले ही हो चुकी है। साहा ने कहा कि कुछ बड़े मसलन सिन्टेक्स इंडस्ट्रीज और मीनाक्षी एनर्जी के समाधान आगामी तिमाही में हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आईएलएंडएफएस समूह के कुछ खातों का भी चालू वित्त वर्ष में समाधान होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वसूली बेहतर होने की वजह से हम 2022-23 में 1,100 से 1,200 करोड़ रुपये के मुनाफे की उम्मीद कर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक ने 483 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। एक साल पहले समान अवधि में यह 392 करोड़ रुपये रहा था। बैंक को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था लेकिन यह इससे उबरने में कामयाब रहा। बीते वित्त वर्ष 2021-22 में बैंक ने 1,039 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था, जो इसके 114 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा है।

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यूपीआई लेनदेन की सीमा लागू करने पर आरबीआई के साथ चर्चा कर रहा है एनपीसीआई
Business यूपीआई लेनदेन की सीमा लागू करने पर आरबीआई के साथ चर्चा कर रहा है एनपीसीआई

यूपीआई लेनदेन की सीमा लागू करने पर आरबीआई के साथ चर्चा कर रहा है एनपीसीआई भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) तीसरे पक्ष (टीपीएपी) द्वारा चलायी जाने वाली यूपीआई भुगतान सेवा के लिए कुल लेनदेन की सीमा को 30 प्रतिशत तक सीमित करने के फैसले पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर रहा है। एनपीसीआई ने इस फैसले को लागू करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा तय की है। इस समय लेनदेन की कोई सीमा नहीं है। ऐसे में दो कंपनियों गूगल पे और फोनपे की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 80 प्रतिशत हो गई है। एनपीसीआई ने नवंबर 2022 में एकाधिकार के जोखिम से बचने को तीसरे पक्ष के ऐप प्रदाताओं (टीपीएपी) के लिए 30 प्रतिशत लेनदेन की सीमा तय करने का प्रस्ताव दिया था। इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में एनपीसीआई के अधिकारियों के अलावा वित्त मंत्रालय और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एनपीसीआई सभी संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है और 31 दिसंबर की समयसीमा बढ़ाने पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि एनपीसीआई को समय सीमा बढ़ाने के लिए उद्योग के हितधारकों से अनुरोध मिले हैं और उनकी जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक एनपीसीआई इस महीने के अंत तक यूपीआई बाजार सीमा लागू करने के मुद्दे पर फैसला कर सकता है।

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विदेशी बाजारों में भाव टूटने से बीते सप्ताह खाद्य तेल कीमतों में रहा गिरावट का रुख
Business विदेशी बाजारों में भाव टूटने से बीते सप्ताह खाद्य तेल कीमतों में रहा गिरावट का रुख

विदेशी बाजारों में भाव टूटने से बीते सप्ताह खाद्य तेल कीमतों में रहा गिरावट का रुख विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव टूटने से बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में आयातित तेलों के साथ-साथ सभी देशी तेल-तिलहनों पर दबाव कायम हो गया जिससे सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई। बाजार के जानकार सूत्रों ने बताया कि विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दाम टूटने से सभी तेल- तिलहन कीमतों पर दबाव कायम हो गया लेकिन इसके बावजूद उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं है। इसकी वजह सरकार की तेल आयात के संबंध में अपनायी गई ‘कोटा प्रणाली’ है। कोटा प्रणाली लागू होने के बाद बाकी आयात ठप पड़ने से बाजार में कम आपूर्ति की स्थिति से सूरजमुखी और सोयाबीन तेल उपभोक्ताओं को पहले से कहीं अधिक दाम पर इनकी खरीद करनी पड़ रही है। पिछले साल सोयाबीन और पामोलीन के भाव में जो अंतर 10-12 रुपये का होता था वह इस वर्ष बढ़कर लगभग 40 रुपये प्रति किलो का हो गया है। पामोलीन इस कदर सस्ता हो गया है कि इसके आगे कोई और तेल टिक नहीं पा रहा है। यही वजह है कि जाड़े की मांग होने के बावजूद खाद्य तेलों के भाव भारी दबाव में नीचे जा रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि बिनौला में यही हाल है। एक तो विदेशों में बाजार टूटे हुए हैं तथा किसान सस्ते में बिक्री के लिए मंडियों में कम आवक ला रहे हैं। इस वजह से जिनिंग मिलें चल नहीं पा रही हैं जो बिनौला से रुई और नरमा को अलग करती हैं। छोटे उद्योगों की हालत बहुत ही खराब है। कोटा प्रणाली से किसान, तेल उद्योग और उपभोक्ताओं में से किसी को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। सूत्रों ने कहा कि देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण किसान हैं और उसके बाद उपभोक्ता और फिर तेल उद्योग का स्थान है। इन सभी के हितों में समुचित सामंजस्य कायम करने में बड़े तेल संगठनों की अहम भूमिका होनी चाहिये। लेकिन कोटा प्रणाली से अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहा है यानी खाद्य तेलों के दाम सस्ता होने के बजाय महंगा हो गये हैं। इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। देश के प्रमुख तेल संगठनों का दायित्व बनता है कि वे सरकार को जमीनी सचाई बताये और समुचित रास्ते के बारे में परामर्श दे। सूत्रों के मुताबिक खाद्य तेल में आत्मनिर्भर होने के लिए सरकार को बहुत प्रयास करने होंगे और इसके लिए खाद्य तेलों का वायदा कारोबार को न खोलना सबसे अहम है। सूत्रों के मुताबिक पिछले सप्ताहांत के शुक्रवार के बंद भाव के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 175 रुपये घटकर 7,300-7,350 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल समीक्षाधीन सप्ताहांत में 550 रुपये घटकर 14,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 90-90 रुपये घटकर क्रमश: 2,250-2,380 रुपये और 2,310-2,435 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं। सूत्रों ने कहा कि विदेशों में खाद्य तेलों के भाव टूटने से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।

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सरकार अगले सप्ताह ई-कॉमर्स वेबसाइट पर फर्जी समीक्षाओं की जांच के मसौदे को सार्वजनिक करेगी
Business सरकार अगले सप्ताह ई-कॉमर्स वेबसाइट पर फर्जी समीक्षाओं की जांच के मसौदे को सार्वजनिक करेगी

सरकार अगले सप्ताह ई-कॉमर्स वेबसाइट पर फर्जी समीक्षाओं की जांच के मसौदे को सार्वजनिक करेगी सरकार ई-कॉमर्स वेबसाइट, होटल और यात्रा बुकिंग मंचों पर फर्जी समीक्षाओं तथा असत्यापित स्टार रेटिंग से निपटने की रूपरेखा को अगले सप्ताह सार्वजनिक करेगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने यह जानकारी दी। चूंकि ई-कॉमर्स में उत्पाद को छूकर देखने का विकल्प नहीं होता है, इसलिए उपभोक्ता उन उपयोगकर्ताओं की राय और अनुभव पर काफी भरोसा करते हैं, जिन्होंने पहले ही सामान या सेवाओं को खरीदा है। ऐसे में फर्जी समीक्षाएं और स्टार रेटिंग उपभोक्ताओं को ऑनलाइन उत्पाद और सेवाएं खरीदने के लिए गुमराह करती हैं। सिंह ने पीटीआई-को बताया कि नकली समीक्षाओं की जांच करने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग (डीओसीए) ने कदम उठाया है। इसके तहत भारत में ई-कॉमर्स इकाइयों द्वारा अपनाई जा रही मौजूदा व्यवस्था और वैश्विक स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करने के बाद एक मसौदे को अंतिम रूप दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद, हमने फर्जी समीक्षाओं से निपटने के लिए एक रूपरेखा को अंतिम रूप दिया है। बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) भी एक मानक लाया है। फर्जी समीक्षा पर काबू पाने की रूपरेखा अगले सप्ताह प्रकाशित की जाएगी।

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सीतारमण विभिन्न हितधारकों के साथ बजट-पूर्व विचार-विमर्श शुरू करेंगी
Business सीतारमण विभिन्न हितधारकों के साथ बजट-पूर्व विचार-विमर्श शुरू करेंगी

सीतारमण विभिन्न हितधारकों के साथ बजट-पूर्व विचार-विमर्श शुरू करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट-पूर्व बैठकें सोमवार से शुरू करेंगी। सबसे पहले वह उद्योग जगत के लोगों और अवसंरचना तथा जलवायु परिवर्तन क्षेत्र के विशेषज्ञों से मुलाकात करेंगी। ये बैठकें वर्चुअल तरीके से होंगी और इनमें हितधारक 2023-24 के बजट के लिए सुझाव देंगे। वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2023 का बजट पूर्व विचार-विमर्श सबसे पहले उद्योग जगत के अगुवाओं और अवसंरचना तथा जलवायु परिवर्तन के विशेषज्ञों के साथ दो समूहों में करेंगी। इसका आयोजन 21 नवंबर 2022 को होगा।’’ वित्त मंत्री 22 नवंबर को कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण उद्योग के लोगों, वित्तीय क्षेत्र एवं पूंजी बाजार के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगी। 24 नवंबर को वह सेवा क्षेत्र और व्यापार संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल एवं साफ-सफाई समेत सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बैठकें करेंगी। सीतारमण व्यापार संघों के प्रतिनिधियों और अर्थशास्त्रियों के साथ 28 नवंबर को बजट-पूर्व बैठक करेंगी।

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एयर इंडिया में चालक दल की कमी, कंपनी दे रही वीआरएस लेने वालों को सेवा विस्तार
Business एयर इंडिया में चालक दल की कमी, कंपनी दे रही वीआरएस लेने वालों को सेवा विस्तार

एयर इंडिया में चालक दल की कमी, कंपनी दे रही वीआरएस लेने वालों को सेवा विस्तार मुंबई। कर्मचारियों की कमी और अमेरिकी वीजा के लिए लंबे इंतजार की समस्या के बीच एयर इंडिया ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) को अपनाने वाले चालक दल (केबिन क्रू) के सदस्यों को अपना कार्यकाल अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ाने का विकल्प दिया है। टाटा समूह की एयरलाइन चालक दल के सदस्यों समेत अपने कमर्चारियों के लिए इस साल जून में वीआरएस लेकर आई थी। इस योजना को अपनाने वालों को कार्यमुक्त करने की तरीख 30 नवंबर तय की गई थी।  सूत्रों ने बताया कि करीब 4,500 कर्मचारियों ने योजना के लिए आवेदन किया था। एयरलाइन ने शनिवार को कहा कि वीआरएस अपनाने वाले कर्मचारियों को कंपनी की सेवाओं से मुक्त करने की तारीख में विस्तार किया गया है। चालक दल के सदस्य अब कार्यमुक्ति की तारीख को बढ़ाकर 31 जनवरी 2023 कर सकते हैं। एयरलाइन ने वीआरएस अपनाने वाले कर्मियों को कार्यमुक्ति की तीन तारीख दी हैं, जो 30 नवंबर, एक दिसंबर और 31 जनवरी 2023 हैं। इसके लिए कर्मियों को 22 नवंबर तक अपनी कार्यमुक्ति की तारीख की पुष्टि करनी होगी। सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया वीआरएस योजना की वजह से चालक दल की कमी की गंभीर समस्या से जूझ रही है और एयरलाइन को 500 केबिन क्रू सदस्यों की जरूरत है। इसके अलावा अमेरिकी वीजा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से मौजूदा कर्मियों के सेवाकाल में विस्तार देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।

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जनता पर महंगाई की मार, मदर डेयरी के फुल क्रीम और टोकन दूध की कीमतें बढ़ी
Business जनता पर महंगाई की मार, मदर डेयरी के फुल क्रीम और टोकन दूध की कीमतें बढ़ी

जनता पर महंगाई की मार, मदर डेयरी के फुल क्रीम और टोकन दूध की कीमतें बढ़ी नयी दिल्ली। मदर डेयरी ने दिल्ली-एनसीआर में फुल क्रीम दूध का दाम एक रुपये प्रति लीटर और टोकन वाले दूध का दाम दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया है। नई दरें सोमवार से लागू होंगी। मदर डेयरी ने कहा कि लागत बढ़ने के चलते उसने यह वृद्धि की है। दिल्ली-एनसीआर में प्रतिदिन 30 लाख लीटर से अधिक दूध की आपूर्ति करने वाली मदर डेयरी ने इस साल दूध की कीमतों में चौथी बार बढ़ोतरी की है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि मदर डेयरी ने फुल क्रीम दूध के दाम एक रुपये बढ़ाकर 64 रुपये प्रति लीटर कर दिए हैं।  हालांकि, आधा लीटर के पैक में बिकने वाले फुल क्रीम दूध की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। टोकन वाले दूध की कीमत सोमवार से 50 रुपये प्रति लीटर होगी। अभी यह 48 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकता है। दूध की कीमतों में बढ़ोतरी घरेलू बजट को प्रभावित करेगी, क्योंकि इस वक्त खाद्य मुद्रास्फीति पहले ही काफी अधिक है।  मदर डेयरी ने कीमतों में बढ़ोतरी के लिए डेयरी किसानों से कच्चे दूध की खरीद लागत में बढ़ोतरी को जिम्मेदार ठहराया। प्रवक्ता ने कहा कि इस साल डेयरी उद्योग में दूध की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर देखा जा रहा है। कंपनी ने कहा कि कच्चे दूध की उपलब्धता चारे की बढ़ती लागत और अनिश्चित मानसून के कारण प्रभावित हुई है। मदर डेयरी ने कहा कि इसके अलावा प्रसंस्कृत दूध की मांग काफी बढ़ गई है। प्रवक्ता ने कहा कि त्योहारी मौसम के बाद भी मांग-आपूर्ति में अंतर के कारण कच्चे दूध की कीमतों में मजबूती आई है।

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पिगलेट निवेश योजना: जल्दी पैसा कमाने के लालच में डूबी कई लोगों की गाढ़ी कमाई
Business पिगलेट निवेश योजना: जल्दी पैसा कमाने के लालच में डूबी कई लोगों की गाढ़ी कमाई

पिगलेट निवेश योजना: जल्दी पैसा कमाने के लालच में डूबी कई लोगों की गाढ़ी कमाई पिगलेट में निवेश करें और सात महीने में डेढ़ गुना पैसा पाएं - यह आकर्षक टैगलाइन और जल्दी पैसा कमाने के लालच में रक्षा कर्मियों सहित सैकड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई डूब गई। तीन साल बीत जाने और विभिन्न राज्यों में कई प्राथमिकी (एफआईआर) के बावजूद निवेशक अपना धन वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। दरअसल सुअर पालन व्यवसाय के नाम पर लोगों को बताया गया कि 10,000 रुपये की कीमत वाले सुअर के तीन बच्चे (पिगलेट), जब सात महीने बाद बड़े हो जाएंगे, तो उनकी कीमत 40,000 रुपये हो जाएगी। इस तरह जल्दी पैसा बढ़ाने के लालच में कई लोगों ने इस निवेश योजना में अपना धन लगा दिया। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज एक प्राथमिकी के अनुसार पंजाब के फिरोजपुर निवासी मंगत राम मैनी, उसके रिश्तेदारों और सहयोगियों ने कथित तौर पर निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। प्राथमिकी के अनुसार इन लोगों ने श्योर गेन सॉल्यूशंस (एसजीएस) नाम की एक कंपनी शुरू की थी और लोगों को इस फर्म में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। निवेशकों ने कहा कि उन्होंने नवंबर, 2017 से मार्च, 2019 तक सैकड़ों लोगों से निवेश जुटाया। इन लोगों का व्यक्तिगत निवेश 10,000 रुपये से दो करोड़ रुपये के बीच था।

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वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 6.5-7.1 प्रतिशत रहेगी : रिपोर्ट
Business वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 6.5-7.1 प्रतिशत रहेगी : रिपोर्ट

वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 6.

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नाना बने मुकेश अंबानी, जुड़वा बच्चों को ईशा अंबानी ने दिया जन्म
Business नाना बने मुकेश अंबानी, जुड़वा बच्चों को ईशा अंबानी ने दिया जन्म

नाना बने मुकेश अंबानी, जुड़वा बच्चों को ईशा अंबानी ने दिया जन्म देश के जाने माने उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी नाना बन गए है। उनकी बेटी ईशा अंबानी ने 19 नवंबर को दो जुडवां बच्चों को जन्म दिया है। ईशा ने एक बेटी और एक बेटे को जन्म दिया है। बेटी का नाम आदिया और बेटे का नाम कृष्णा रखा गया है। अंबानी परिवार में गूंजी किलकारी की खुशखबरी को अंबानी परिवार ने मीडिया स्टेटमेंट जारी कर साझा किया है। अंबानी परिवार में ये बड़ी खुशखबरी आई है।  आनंद पीरामल से हुई थी शादीईशा अंबानी वर्तमान में रिलायंस इंडस्ट्री में रिलायंस रिटेल का कारोबार देखती है। ईशा अंबानी परिवार की इकलौती बेटी है। उन्होंने 23 वर्ष की उम्र में रिलायंस में कारोबार संभालना शुरू किया था। रिलायंस रिटेल के अलावा वो रिलायंस जियो में भी अहम जिम्मेदारी निभाती है। बता दें कि ईशा अंबानी की शादी चार वर्ष पहले बिजनेस मैन आनंद पीरामल से हुई थी। शादी के चार वर्षों बाद दोनों माता-पिता बन गए है। पेशे से आनंद एक बिजनेसमैन है। आनंद पीरामल ने इकोनॉमिक्स में यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया से ग्रेुएशन की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने हॉर्वर्ड बिजनेस स्कूल से बिजनेस ए़डमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। वर्तमान में आनंद पीरामल ग्रुप में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर है। 

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लौह अयस्क उत्पादन सालाना बढ़ाकर एक करोड़ टन करने का लक्ष्य, कुमारस्वामी खदान में  900 करोड़ रुपये का निवेश करेगी एनएमडीसी लि.
Business लौह अयस्क उत्पादन सालाना बढ़ाकर एक करोड़ टन करने का लक्ष्य, कुमारस्वामी खदान में 900 करोड़ रुपये का निवेश करेगी एनएमडीसी लि.

लौह अयस्क उत्पादन सालाना बढ़ाकर एक करोड़ टन करने का लक्ष्य, कुमारस्वामी खदान में 900 करोड़ रुपये का निवेश करेगी एनएमडीसी लि.

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में समुद्री उत्पादों की मांग में गिरावट, श्रींगा निर्यात ‘ठप’ होने से आंध्र प्रदेश के मछली पालकों की मुश्किले बढ़ी
Business अंतरराष्ट्रीय बाजार में समुद्री उत्पादों की मांग में गिरावट, श्रींगा निर्यात ‘ठप’ होने से आंध्र प्रदेश के मछली पालकों की मुश्किले बढ़ी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में समुद्री उत्पादों की मांग में गिरावट, श्रींगा निर्यात ‘ठप’ होने से आंध्र प्रदेश के मछली पालकों की मुश्किले बढ़ी समुद्री उत्पादों का निर्यात लगभग ‘ठप’ होने से आंध्र प्रदेश के मत्स्य पालक किसान गहरे संकट में घिर गए हैं। आमतौर पर मछली पालकों के लिए यह समय काफी अच्छा रहता है। लेकिन इस साल ऐसी स्थिति नहीं है और उनके उत्पादों का खरीदार नहीं होने की वजह से उनके लिए जीवनयापन का संकट पैदा हो गया है। सामान्य रूप से नवंबर से लेकर दिसंबर के समय समुद्री उत्पादों का निर्यात काफी ऊंचा रहता है क्योंकि क्रिसमस की वजह से इनकी मांग बढ़ जाती है। लेकिन इस साल रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में समुद्री उत्पादों की मांग में गिरावट आई है। अमेरिका, चीन और यूरोप जैसे बाजारों में भारत के समुद्री उत्पादों विशेषरूप से झींगा की काफी मांग रहती है लेकिन युद्ध के कारण पैदा हुए वित्तीय संकट की वजह से इस साल ऐसा नहीं है। एक और खास बात यह है कि एक छोटा दक्षिणी अमेरिकी देश इक्वाडोर भारतीय झींगा के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरा है, जिससे अमेरिकी बाजार में भारत के समुद्री उत्पादों की मांग प्रभावित हुई है। भारतीय समुद्री उत्पाद निर्यातकों का कहना है कि इक्वाडोर में बड़ी मात्रा में झींगा का उत्पादन हो रहा है। उनका दाम भी कम है। ऐसे में वे अमेरिकी बाजार पर ‘कब्जा’ कर रहे हैं। अपने क्षेत्र पर मंडरा रहे कोविड-19 के खतरे के बीच चीन ने पहली बार भारत से समुद्री उत्पादों के आयात पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे संकट और बढ़ गया है। वहीं, वियतनाम मूल्यवर्धन के जरिये चीनी बाजार में भारतीय हिस्सेदारी पर कब्जा जा रहा है। एक निर्यातक पी रामचंद्र राजू ने कहा, ‘‘हम मुख्य रूप से कच्चे झींगों का बिना किसी मूल्यवर्धन के निर्यात करते हैं। इसलिए बाजार गंवा रहे हैं।’’ राजू ने कहा कि रूस में भारतीय झींगे की अब भी मांग है। लेकिन हम वहां निर्यात करने में असमर्थ हैं क्योंकि हमारा पैसा पहले से ही वहां फंसा हुआ है।

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बोम्मई ने कहा कि तटीय कर्नाटक में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश की संभावना है
Business बोम्मई ने कहा कि तटीय कर्नाटक में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश की संभावना है

बोम्मई ने कहा कि तटीय कर्नाटक में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश की संभावना है कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि राज्य के तटीय क्षेत्रों में अगले कुछ महीनों के दौरान नवीकरणीय ऊर्जा में महत्वपूर्ण निवेश आने की उम्मीद है। उन्होंने बाजपे अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हाल ही में संपन्न वैश्विक निवेश सम्मेलन (जीआईएम) में नवीकरणीय ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा और समुद्री जल से अमोनिया के उत्पादन के क्षेत्र में करीब दो लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं। बोम्मई ने कहा कि राज्य उच्च स्तरीय समिति ने तीन नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है कि ये कंपनियां अगले साल मार्च या अप्रैल तक काम शुरू कर देंगी।

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अडानी ने कहा कि भारत 2050 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा
Business अडानी ने कहा कि भारत 2050 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा

अडानी ने कहा कि भारत 2050 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी ने शनिवार को कहा कि भारत को 1000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 58 वर्ष का वक्त लगा, लेकिन अब हर 12 से 18 महीनों में वह अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1000 अरब डॉलर जोड़ेगा और 2050 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अडाणी ने लेखाकारों की 21वीं विश्व कांग्रेस में कहा कि एक के बाद एक आए वैश्विक संकटों ने कई धारणाओं को चुनौती दी है- मसलन चीन को पश्चिमी लोकतांत्रिक सिद्धांतों को अपनाना चाहिए, धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत सार्वभौमिक हैं, यूरोपीय संघ एकजुट रहेगा और रूस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमतर भूमिका को स्वीकार करने के लिए मजबूर होगा।

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आंकड़ा उल्लंघन के लिए सरकार को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा, सरकारी सूत्र ने कहा
Business आंकड़ा उल्लंघन के लिए सरकार को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा, सरकारी सूत्र ने कहा

आंकड़ा उल्लंघन के लिए सरकार को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा, सरकारी सूत्र ने कहा डिजिटल व्यक्तिगत आंकड़ा संरक्षण विधेयक में आंकड़ा उल्लंघन के मामले में सरकार को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा। एक सरकारी सूत्र ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा कि विधेयक सिर्फ डिजिटल आंकड़ों से जुड़े पहलुओं पर विचार करेगा, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को डिजिटल और साइबर क्षेत्र से निपटना है। सूत्र ने कहा, विधेयक मुख्य रूप से उन संस्थाओं को जवाबदेह बनाने के लिए है, जो आंकड़ों का मौद्रिकरण कर रही हैं। आंकड़ा उल्लंघन के मामले में सरकार को भी छूट नहीं है। सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत आंकड़ा संरक्षण विधेयक 2022 के प्रस्तावित मसौदे के तहत प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये तक कर दी है। विधेयक के मसौदे में सरकार द्वारा व्यक्तिगत आंकड़ों के प्रसंस्करण के तरीके और उद्देश्य तय करने वाली इकाइयों के रूप में अधिसूचित कुछ संस्थाओं को कई अनुपालनों से छूट भी दी गई है। मसौदा विधेयक में ऐसे कई प्रावधान किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आंकड़ा प्रसंस्करण करने वाली संस्थाएं व्यक्तियों की स्पष्ट सहमति से ही आंकड़े जमा करें। साथ ही आंकड़ों का उपयोग सिर्फ उसी मकसद के लिए किया जाएगा, जिसके लिए उसे जमा किया गया है। अगर ये इकाइयां या उसकी ओर से आंकड़ों का प्रसंस्करण करने वाली संस्थाएं विधेयक के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करती हैं, तो मसौदे में 500 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। सूत्र ने कहा कि सूचना के अधिकार कानून के तहत बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन आए हैं, जो अनावश्यक हैं। इससे सरकारी विभागों का बोझ बढ़ गया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा अधिसूचित संस्थाओं को आरटीआई खंड से छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि आपसी समझौते और भरोसे के आधार पर दूसरे देशों में आंकड़ों के हस्तांतरण और भंडारण की अनुमति दी जाएगी।

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एनसीएलएटी ने बीपीटीपी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगाई
Business एनसीएलएटी ने बीपीटीपी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगाई

एनसीएलएटी ने बीपीटीपी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगाई राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बीपीटीपी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इससे पहले रियल एस्टेट कंपनी ने न्यायाधिकरण को सूचित किया था कि उसने अपने परिचालन कर्जदाता के साथ विवाद सुलझा लिया है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने परिचालन ऋणदाता आरबीसीएल प्रोजेक्ट्स की याचिका पर दिल्ली-एनसीआर की रियल एस्टेट कंपनी बीपीटीपी लिमिटेड के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को एनसीएलएटी की कार्यवाही के दौरान बीपीटीपी के अधिवक्ता ने अपीलीय न्यायाधिकरण को सूचित किया कि दोनों पक्षकारों के बीच 15 नवंबर 2022 को समझौता हो गया है। उन्होंने परिचालन कर्जदाता के साथ संयुक्त आवेदन देने के लिए कुछ वक्त देने का अनुरोध किया। बीपीटीपी के परिचालन कर्जदाता ने भी एनसीएलएटी के समक्ष बयान दिया कि समझौते के तहत उसे धनराशि प्राप्त हो गई है। जिसके बाद न्यायाधिकरण ने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 23 नवंबर तय की।

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एयर इंडिया में अगले महीने से शुरू होगी अधिक सुविधाजनक इकोनॉमी श्रेणी
Business एयर इंडिया में अगले महीने से शुरू होगी अधिक सुविधाजनक इकोनॉमी श्रेणी

एयर इंडिया में अगले महीने से शुरू होगी अधिक सुविधाजनक इकोनॉमी श्रेणी टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया के वैश्विक नेटवर्क और बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रयासों के बीच इसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन ने शनिवार को कहा कि एयरलाइन लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में अधिक सुविधाओं वाली इकोनॉमिक श्रेणी शुरू करने वाली है। यहां जेआरडी टाटा मेमोरियल ट्रस्ट के एक कार्यक्रम में विल्सन ने कहा कि अगले एक दशक में विश्व के विमानन क्षेत्र में भारत और एयर इंडिया के प्रमुख भूमिका में आने के अवसर हैं। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर कम से कम 30 फीसदी करेगी। एयरलाइन दीर्घकालिक पुनरुद्धार योजना पर काम कर रही है और अगले पांच वर्षों में उसकी अपने बेड़े के साथ-साथ वैश्विक नेटवर्क को बढ़ाने की भी योजना है। विल्सन ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में गलीचे, पर्दे, सीट कवर-कुशन बदले जाएंगे। हमने घरेलू उड़ानों में मैन्यू पूरी तरह से बदले हैं इसके अलावा लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में अगले महीने से अधिक सुविधाजनक इकोनॉमी श्रेणी शुरू करेंगे।’’ धन और कलपुर्जों के अभाव में एयरलाइन के जो विमान कई वर्षों से परिचालन में नहीं थे ऐसे करीब 20 विमानों की मरम्मत की गई है। इसके अलावा 30 अतिरिक्त विमानों के पट्टे तय कर लिए गए हैं जो अगले 12 महीनों में मिलेंगे, इनकी आपूर्ति अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा हमारी बोइंग, एयरबस और इंजन विनिर्माताओं के साथ नई पीढ़ी के विमानों के ऑर्डर के लिए बात चल रही है।’’ एयर इंडिया ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिचालन में विस्तार किया है और वेंकुवर, सिडनी तथा मेलबर्न के लिए अधिक उड़ानें शुरू की हैं। विल्सन ने कहा, ‘‘अब भारत के सात शहरों से लंदन के लिए हमारी सीधी उड़ानें हैं।इसके अलावा अगले कुछ हफ्तों में सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क तथा नेवार्क तक सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी।

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एशिया-प्रशांत क्षेत्र के नेताओं ने युद्ध की निंदा, मुक्त व्यापार की पैरोकारी की
Business एशिया-प्रशांत क्षेत्र के नेताओं ने युद्ध की निंदा, मुक्त व्यापार की पैरोकारी की

एशिया-प्रशांत क्षेत्र के नेताओं ने युद्ध की निंदा, मुक्त व्यापार की पैरोकारी की एशिया-प्रशांत क्षेत्र के नेताओं ने यूक्रेन पर रूस के हमले को खत्म करने का आह्वान किया और साथ ही क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं को टिकाऊ वृद्धि की ओर ले जाने का संकल्प लिया। एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) मंच का शिखर सम्मेलन यहां शनिवार को प्रारंभ हुआ, जिसमें यह बात कही गई। मेजबान थाईलैंड ने कहा कि 21 सदस्यों सें से ज्यादातर ने युद्ध की निंदा की। हालांकि, इस संबंध में किसी मत विभाजन को टालने की कोशिश भी की गई। गौरतलब है कि रूस और चीन भी एपीईसी के सदस्य हैं।

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केंद्र ने राशन की दुकानों के कायाकल्प के लिए तमिलनाडु की तारीफ की
Business केंद्र ने राशन की दुकानों के कायाकल्प के लिए तमिलनाडु की तारीफ की

केंद्र ने राशन की दुकानों के कायाकल्प के लिए तमिलनाडु की तारीफ की केंद्र ने राशन की दुकानों के कायाकल्प के लिए तमिलनाडु सरकार की सराहना की है, और दूसरे राज्यों से कहा कि वे इन दुकानों की वित्तीय व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए राजस्व के नए स्रोतों पर विचार करे। सरकारी राशन की दुकानों को उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) भी कहते हैं। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां आयोजित खाद्य सचिवों के एक सम्मेलन के बाद बयान में कहा, तमिलनाडु सरकार के सचिव ने अपनी प्रस्तुति के दौरान एफपीएस के कायाकल्प के संबंध में सर्वोत्तम प्रथाओं में से एक का प्रदर्शन किया। इसमें जिंसों, बाजरा और किराने के सामान की बिक्री तथा एफपीएस के आईएसओ प्रमाणन के बारे में बताया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाले केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने तमिलनाडु के प्रयासों की सराहना की और एफपीएस के बदलाव के महत्व पर जोर दिया। बयान में कहा गया कि उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एफपीएस की वित्तीय व्यवहार्यता में सुधार के लिए आय के अतिरिक्त साधनों का पता लगाने को कहा। सम्मेलन में वन नेशन, वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी), स्मार्ट पीडीएस और चावल फोर्टिफिकेशन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

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भारत के साथ डिजिटल सेवाओं पर समझौता करना चाहता है ऑस्ट्रेलिया
Business भारत के साथ डिजिटल सेवाओं पर समझौता करना चाहता है ऑस्ट्रेलिया

भारत के साथ डिजिटल सेवाओं पर समझौता करना चाहता है ऑस्ट्रेलिया ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के तहत भारत के साथ एक डिजिटल सेवा समझौता करना चाहता है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों के सहायक मंत्री टिम वाट्स ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमारा अगला लक्ष्य व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता है तथा जिन चीजों की हम संभावनाएं तलाश रहे हैं, उनमें से एक है- डिजिटल सेवाएं। वह बेंगलुरु प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में भाग लेने और आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारत आए हैं। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि ऑस्ट्रेलिया-भारत व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता, दोनों देशों के लिए अपने डिजिटल व्यापार संबंधों को मजबूत करने के अवसर उपलब्ध कराएगा। वाट्स ने कहा, एक संयुक्त समिति ने शुक्रवार को संसदीय कार्रवाई के लिए इस समझौते का समर्थन किया। आने वाले महीनों में संसद में इसके लिए कानून बनाया जाएगा। उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से भी मुलाकात की।

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रत्न, आभूषण निर्यात अक्टूबर में 15 प्रतिशत घटकर 25,844 करोड़ रुपये पर
Business रत्न, आभूषण निर्यात अक्टूबर में 15 प्रतिशत घटकर 25,844 करोड़ रुपये पर

रत्न, आभूषण निर्यात अक्टूबर में 15 प्रतिशत घटकर 25,844 करोड़ रुपये पर देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात अक्टूबर 2022 में सालाना आधार पर 14.

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वित्त राज्य मंत्री पाशा ने कहा कि पाकिस्तान को अब देनदारियों पर चूक का खतरा नहीं है
Business वित्त राज्य मंत्री पाशा ने कहा कि पाकिस्तान को अब देनदारियों पर चूक का खतरा नहीं है

वित्त राज्य मंत्री पाशा ने कहा कि पाकिस्तान को अब देनदारियों पर चूक का खतरा नहीं है पाकिस्तान की वित्त राज्यमंत्री ने कहा है कि अब देश के सामने देनदारियों में चूक का कोई खतरा नहीं है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया था कि नकदी संकट से जूझ रहे देश के समक्ष चूक का संकट है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ सात अरब डॉलर के कर्ज कार्यक्रम की नौंवी समीक्षा को लेकर औपचारिक वार्ता में विलंब हो रहा है। डॉन अखबार की खबर के मुताबिक वित्त एवं राजस्व राज्यमंत्री आईशा घॉस पाशा ने शुक्रवार को नेशनल एसेंबली में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ऐसी कोई आशंका नहीं है। जब सत्ता हमारे हाथ में आई थी (अप्रैल में) तब हमें चिंता सता रही थी क्योंकि तब आईएमएफ कार्यक्रम निलंबित था और बाहर से वित्त जुटाने के रास्ते बंद थे।’’ पाशा ने दावा किया कि सरकार ने कुछ कठिन फैसले लिए और आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित किया जिसके बाद हालात बेहतर हुए हैं।

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