सपा नेता का आजम खान का माननीय से मुजरिम बनने तक का सफर
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सपा नेता का आजम खान का माननीय से मुजरिम बनने तक का सफर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सपा का मुस्लिम चेहरा आजम खान अब माननीय विधायक की जगह मुजरिम बन गए हैं। आजम सपा का वह चेहरा हैं जो कभी समाजवादी पार्टी की सरकार में अघोषित मिनी मुख्यमंत्री हुआ करते थे। पार्टी में उनका नंबर दो या तीन का कद था। ऐसा इसलिए था क्योंकि सपा में मुलायम के बाद नंबर दो के लिए शिवपाल यादव और आजम खान में अघोषित ‘युद्ध’ चलता रहता था, लेकिन अब न मुलायम रहे और न ही शिवपाल यादव पार्टी में हैं, लेकिन अखिलेश का हौसला बढ़ाने के लिए आजम जरूर मौजूद थे, लेकिन वह भी मुसीबत में फंस गये हैं। पहले मुलायम सिंह की मृत्यु और अब आजम की राजनीति पर लगा ब्रेक, महीने भर के भीतर समाजवादी पार्टी के लिए दूसरा झटका है। उल्लेखनीय है कि आजम की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई है।

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कश्मीर में कड़ी सतर्कता के बलबूते ही आतंकवाद के बदले स्वरूप पर लगाम लगाना संभव है
Currentaffairs कश्मीर में कड़ी सतर्कता के बलबूते ही आतंकवाद के बदले स्वरूप पर लगाम लगाना संभव है

कश्मीर में कड़ी सतर्कता के बलबूते ही आतंकवाद के बदले स्वरूप पर लगाम लगाना संभव है कश्मीर में टारगेट किलिंग थमने का नाम नहीं ले रही है। गत 18 अक्टूबर को आतंकियों ने दो श्रमिकों का निशाना बनाया। उत्तर प्रदेश के जनपद कन्नौज के ठठिया क्षेत्र के सुरसी के दन्नापूरवा निवासी मुनेश और रामसागर दोनों करीब डेढ़ महीने मजदूरी करने के लिए जम्मू−कश्मीर गए हुए थे। वहां पर सेब की पेटियां भरने का काम करते थे। 18 अक्टूबर की शाम आतंकियों ने टारगेट किलिंग में दोनों की हत्या कर दी। निहत्थे श्रमिकों पर कायराना हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन लश्कर−ए−तैयबा (एलईटी) ने ली। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिन आतंकियों ने हमला किया वे संगठन के हाइब्रिड आतंकवादी हैं। मजदूरों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां में हरमन के पास ग्रेनेड फेंक कर मारा गया। 

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देशी पेड़ पौधों के प्रति बेरुखी ने पूरे देश में प्रदूषण की समस्या को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया
Currentaffairs देशी पेड़ पौधों के प्रति बेरुखी ने पूरे देश में प्रदूषण की समस्या को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया

देशी पेड़ पौधों के प्रति बेरुखी ने पूरे देश में प्रदूषण की समस्या को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति हमें यह सिखाती है कि आर्थिक विकास के लिए प्रकृति का दोहन करना चाहिए न कि शोषण। परंतु, आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में पूरे विश्व में आज प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर प्रकृति से अपनी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति बहुत ही आसानी से की जा सकती है परंतु दुर्भाग्य से आवश्यकता से अधिक वस्तुओं के उपयोग एवं इन वस्तुओं के संग्रहण के चलते प्राकृतिक संसाधनों के शोषण करने के लिए जैसे मजबूर हो गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिस गति से विकसित देशों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का शोषण किया जा रहा है, उसी गति से यदि विकासशील एवं अविकसित देश भी प्राकृतिक संसाधनों का शोषण करने लगे तो इसके लिए केवल एक धरा से काम चलने वाला नहीं है बल्कि शीघ्र ही हमें इस प्रकार की चार धराओं की आवश्यकता होगी।  एक अनुमान के अनुसार जिस गति से कोयला, गैस एवं तेल आदि संसाधनों का इस्तेमाल पूरे विश्व में किया जा रहा है इसके चलते शीघ्र ही आने वाले कुछ वर्षों में इनके भंडार समाप्त होने की कगार तक पहुंच सकते हैं। बीपी स्टेटिस्टिकल रिव्यू ऑफ वर्ल्ड एनर्जी रिपोर्ट 2016 के अनुसार दुनिया में जिस तेजी से गैस भंडार का इस्तेमाल हो रहा है, यदि यही गति जारी रही, तो प्राकृतिक गैस के भंडार आगे आने वाले 52 वर्षों में समाप्त हो जाएगें। फॉसिल फ्यूल में कोयले के भंडार सबसे अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं। परंतु विकसित एवं अन्य देश इसका जिस तेज गति से उपयोग कर रहे है, यदि यही गति जारी रही तो कोयले के भंडार दुनिया में आगे आने वाले 114 वर्षों में समाप्त हो जाएंगे। एक अन्य अनुमान के अनुसार भारत में प्रत्येक व्यक्ति औसतन प्रतिमाह 15 लीटर से अधिक तेल की खपत कर रहा है। धरती के पास अब केवल 53 साल का ही ऑइल रिजर्व शेष है। भूमि की उर्वरा शक्ति भी बहुत तेजी से घटती जा रही है। पिछले 40 वर्षों में कृषि योग्य 33 प्रतिशत भूमि या तो बंजर हो चुकी है अथवा उसकी उर्वरा शक्ति बहुत कम हो गई है। जिसके चलते पिछले 20 वर्षों में दुनिया में कृषि उत्पादकता लगभग 20 प्रतिशत तक घट गई है।इसे भी पढ़ें: 1100 घाटों के लिए 25 करोड़ का खर्च, LG की मंजूरी, तमाम कोशिशों के बाद भी क्यों प्रदूषित है यमुना?

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अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में खेती किसानी का है सबसे बड़ा योगदान
Currentaffairs अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में खेती किसानी का है सबसे बड़ा योगदान

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में खेती किसानी का है सबसे बड़ा योगदान एक बात अब साफ हो गई है कि दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था को खेती किसानी ही नई दिशा दे सकती है। कोरोना लॉकडाउन और रूस-यूक्रेन युद्ध ने दो बातें साफ कर दी हैं कि औद्योगिकीकरण के बावजूद खेती किसानी की अपनी अहमियत है। जिस तरह से कोरोना महामारी के दौरान देश-दुनिया के लोगों का बड़ा सहारा खेती किसानी ही बनी, ठीक उसी तरह से भुखमरी से जूझते देशों के साथ ही समग्र विश्व की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार खेती किसानी रह गई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि औद्योगिकीकरण समय की मांग है पर पिछले कुछ दशकों से औद्योगिकरण के नाम पर खेती-किसानी की जिस तरह से उपेक्षा हुई उसका परिणाम रहा कि गांव उजड़ते गए और शहर गगनचुंबी इमारतों में तब्दील होते गए। इसके साथ ही उद्योग धंधों की प्राथमिकता के चलते कृषि क्षेत्र पर अपेक्षित ध्यान भी नहीं दिया गया। यह तो अन्नदाता की मेहनत का परिणाम रहा है कि देश में खाद्यान्नों के भण्डार भरे हैं।

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साक्षात्कारः अभिनेता धनुष ने कहा- बदलता रहता है सिनेमाई दर्शकों का टेस्ट
Currentaffairs साक्षात्कारः अभिनेता धनुष ने कहा- बदलता रहता है सिनेमाई दर्शकों का टेस्ट

साक्षात्कारः अभिनेता धनुष ने कहा- बदलता रहता है सिनेमाई दर्शकों का टेस्ट प्रतिभाएं तरक्की की मोहताज नहीं होतीं। बस उन्हें मौकों की तलाश होती है। कुछ प्रतिभाएं तो ऐसी भी होती हैं जो उनके मैच के क्षेत्र में नहीं होने के बावजूद भी डंका बजाती है। तमिल के सफल अभिनेता वेंकटेश प्रभू कस्तुरी राजा यानी धनुष उनमें से एक हैं। कहा जाता है कि फिल्मों के लिए सौन्दर्यता और बॉडी का होना पहली शर्त होती है जिनमें धनुष ने पिछड़ने के बावजूद भी अपनी अलहदा पहचान स्थापित की। बीते कुछ समय से साउथ की फिल्में हिंदी फिल्मों पर भारी पड़ी हैं। क्यों बढ़ रही है हिंदी के दर्शकों की साउथ में रूचि, इस विषय को लेकर तमिल अभिनेता, पार्श्वगायक, गीतकार व निर्माता धनुष से डॉ.

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आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लेने का पर्व है दीपावली
Currentaffairs आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लेने का पर्व है दीपावली

आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लेने का पर्व है दीपावली भारतीय संस्कृति में कार्तिक माह में मनाए जाने वाले पांच दिवसीय दीपावली पर्व का विशेष महत्व है। यह एक ऐसा अनूठा पर्व है जो जीवन के दो महत्वपूर्ण पक्षों धर्म तथा अर्थ का संगम है। हिन्दू समाज का जन जन आर्थिक उन्नयन के लिए इस पर्व की गतिविधियों से आच्छादित है। पांच दिन के पर्व में प्रत्येक दिन का एक विधान है, एक कथा है, आर्थिक-सामाजिक-धार्मिक-आध्यात्मिक महत्व है। पर्व का प्रारंभ तो कई दिन पूर्व स्वच्छता के व्यापक अभियान से हो जाता है घर, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय सभी जगह सफाई, रंग रोगन, नई साज सज्जा होने लगती है। त्रेता युग में दीपावली यानी कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान श्री रामचंद्र 14 वर्ष का वनवास पूरा करके तथा श्रीलंका के राक्षसराज रावण का वध करके अयोध्या वापस आये थे। तब अयोध्या वासियों ने राम के स्वागत पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को अत्याचारी राक्षस नरकासुर का वध किया था। इस नृशंस राक्षस के वध से आम जन को अपार हर्ष हुआ था और उसने दीप जलाकर उत्सव मनाया था। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु ने इसी दिन नरसिंह का रूप धारण करके हिरण्यकश्यप का वध किया था तथा इसी दिन समुद्र मंथन से श्री लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं। यही कारण है कि दीपावली के दिन धन की देवी श्री लक्ष्मी की विशेष पूजा का विधान है कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को समुद्र मंथन से ही धन्वंतरि का आविर्भाव हुआ है अतः त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं यह दिन आरोग्य का दिन है।इसे भी पढ़ें: स्वच्छता व प्रकाश की प्रतीक है दीपावली का पर्वदीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों दीप अर्थात दीया और श्रृंखला के मिश्रण से हुई है। दीपावली पर्व का उल्लेख पद्म पुराण और स्कंद पुराण में मिलता है। 7वीं शताब्दी के संस्कृत नाटक नागानंद में राजा हर्ष ने इस पर्व को प्रतिपादुत्सव कहा है जिसमें दिये जलाये जाते थे। 9वीं शताब्दी में राजशेखर ने काव्य मीमांसा में इसे दीपमाला कहा है। 

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गुजरात के शिक्षा उपक्रमों को ‘आप’ की नकल कहना गलत
Currentaffairs गुजरात के शिक्षा उपक्रमों को ‘आप’ की नकल कहना गलत

गुजरात के शिक्षा उपक्रमों को ‘आप’ की नकल कहना गलत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात में मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन पर आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल एवं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जो प्रतिक्रिया व्यक्त की है वह हास्यास्पद होने के साथ अतिश्योक्तिपूर्ण है। मोदी छात्रों के बीच गए और उनके साथ एक स्मार्ट क्लास में बैठे। उन्होंने कुछ देर स्मार्ट क्लास का जायजा लिया और एक छात्र द्वारा बताई गई बातों को ध्यान से सुना। इन सब घटनाओं को केजरीवाल की नकल करार देना निश्चित ही विरोधाभासी है। भले ही आप पार्टी ने शिक्षा की दृष्टि से दिल्ली में उल्लेखनीय काम किया है, लेकिन गुजरात में मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस एवं गुजरात में चल रहे शिक्षा उपक्रमों को ‘आप’ की नकल कहना एक तरह से आम आदमी पार्टी द्वारा गुजरात में अपनी राजनीति चमकाने का घटिया एवं अलोकतांत्रिक तरीका है। यह मूल्यहीन राजनीति की पराकाष्ठा है। 

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साक्षात्कारः किसान नेता डॉ. राजाराम त्रिपाठी से समझिये कृषि क्षेत्र के समक्ष क्या बड़ी समस्याएं खड़ी हैं?
Currentaffairs साक्षात्कारः किसान नेता डॉ. राजाराम त्रिपाठी से समझिये कृषि क्षेत्र के समक्ष क्या बड़ी समस्याएं खड़ी हैं?

साक्षात्कारः किसान नेता डॉ. राजाराम त्रिपाठी से समझिये कृषि क्षेत्र के समक्ष क्या बड़ी समस्याएं खड़ी हैं?

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उत्सर्जन वृद्धि पर अंकुश लगाने की दिशा में भारत उठा रहा है सराहनीय कदम
Currentaffairs उत्सर्जन वृद्धि पर अंकुश लगाने की दिशा में भारत उठा रहा है सराहनीय कदम

उत्सर्जन वृद्धि पर अंकुश लगाने की दिशा में भारत उठा रहा है सराहनीय कदम कई अनुसंधान प्रतिवेदनों के माध्यम से अब यह सिद्ध किया जा चुका है कि वर्तमान में अनियमित हो रहे मानसून के पीछे जलवायु परिवर्तन का योगदान हो सकता है। कुछ ही घंटों में पूरे महीने की सीमा से भी अधिक बारिश का होना, शहरों में बाढ़ की स्थिति निर्मित होना, शहरों में भूकम्प के झटके एवं साथ में सुनामी का आना, आदि प्राकृतिक आपदाओं जैसी घटनाओं के बार-बार घटित होने के पीछे भी जलवायु परिवर्तन एक मुख्य कारण हो सकता है। एक अनुसंधान प्रतिवेदन के अनुसार, यदि वातावरण में 4 डिग्री सेल्सियस से तापमान बढ़ जाये तो भारत के तटीय किनारों के आसपास रह रहे लगभग 5.

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साक्षात्कारः इरफान पठान ने कहा- अन्यों के मुकाबले भारतीय टीम मजबूत स्थिति में है
Currentaffairs साक्षात्कारः इरफान पठान ने कहा- अन्यों के मुकाबले भारतीय टीम मजबूत स्थिति में है

साक्षात्कारः इरफान पठान ने कहा- अन्यों के मुकाबले भारतीय टीम मजबूत स्थिति में है टी-20 वर्ल्ड कप को जीते टीम इंडिया को लंबा वक्त बीत गया। 2007 से देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इंतजार खत्म होने की घड़ी शायद नजदीक आ चुकी है। वर्ल्ड कप का आगाज ऑस्ट्रेलिया में हो चुका है जिसमें भारत को जीत का प्रबल दावेदार मान रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर भी इत्तेफाक रखते हैं कि इस बार टी-20 वर्ल्ड ट्रॉफी भारत आएगी। कैसी है टीम इंडिया की तैयारी, इन्हीं बातों को लेकर पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान से डॉ.

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सबसे साक्षर प्रदेश केरल में नरबलि की घटना ने समूचे देश को स्तब्ध कर दिया है
Currentaffairs सबसे साक्षर प्रदेश केरल में नरबलि की घटना ने समूचे देश को स्तब्ध कर दिया है

सबसे साक्षर प्रदेश केरल में नरबलि की घटना ने समूचे देश को स्तब्ध कर दिया है आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में केरल से दो महिलाओं की नरबलि देने की खबर चौंकाने वाली है। चौंकाने वाली इसलिए भी क्योंकि केरल देश का सबसे ज्यादा शिक्षित प्रदेश है। पुराने समय से कहा जाता रहा है कि समाज को शिक्षित करके देश से कुप्रथा, छुआछूत, बाल विवाह, जादू−टोने और नरबलि जैसी कुप्रथा को खत्म कर दिया जाएगा। किंतु यह घटना ये बताने के लिए काफी है कि समाज में कुप्रथा किस   गहराई तक है। देश के सबसे शिक्षित प्रदेश में ऐसा होना चौंकाने वाली घटना है।

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केरल जैसे साक्षर राज्य से सामने आया नरबलि का मामला सभ्य समाज पर कलंक है
Currentaffairs केरल जैसे साक्षर राज्य से सामने आया नरबलि का मामला सभ्य समाज पर कलंक है

केरल जैसे साक्षर राज्य से सामने आया नरबलि का मामला सभ्य समाज पर कलंक है केरल के पथानामथिट्टा में अमीर बनने की चाहत में तांत्रिक के कहने पर दो महिलाओं की बलि देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले में नरभक्षण का भी संदेह जताया जा रहा है। संदेह है कि आरोपियों ने महिलाओं के लाश के टुकड़े पकाकर खाए। यह खौफनाक एवं डरावना घटनाक्रम एक शत प्रतिशत शिक्षित प्रांत के लिये लज्जाजनक होने के साथ-साथ नये भारत, सशक्त भारत पर नये सिरे से चिन्तन करने की जरूरत को व्यक्त करते हुए अनेक ज्वलंत प्रश्न खड़े करता है। निश्चित ही इस क्रूर घटनाक्रम से देश कांप उठा है। देश में धर्म के नाम पर बिखरी विसंगतियों एवं असुविधाजनक स्थितियों पर नियंत्रित करने की जरूरत है। ऐसे अनेक तांत्रिक एवं धर्म के ठेकेदार समृद्धि, सत्ता एवं सुख देने के नाम पर भोले-भाले लोगों को न केवल ठगते हैं, बल्कि उनसे आपराधिक कृत्य भी करवाते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर अश्लील, कामुक एवं वासना को भड़काते हुए लोगों का फंसाने का षड्यंत्र भी जोर-शोर से चल रहा है। पुरुष महिला के नाम पर फेक आईडी बनाकर लोगों को ठगने, डराने एवं पैसा वसूलने में जुटे हैं। प्रश्न है कि राष्ट्र ऐसी मूल्यहीनता एवं चरित्रहीनता को कब तक जीता रहेगा?

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सिर्फ राजनेता नहीं एक ‘विचारधारा’ थे समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव
Currentaffairs सिर्फ राजनेता नहीं एक ‘विचारधारा’ थे समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव

सिर्फ राजनेता नहीं एक ‘विचारधारा’ थे समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के एक दिग्गज पुरोधा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर देश के रक्षामंत्री तक का सफर अपनी मेहनत के दम पर सफलतापूर्वक तय करने वाले व देश-दुनिया में 'धरतीपुत्र’ के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव का निधन आम जनमानस व राजनीति के क्षेत्र दोनों के लिए ही एक बहुत बड़ी अपूरणीय क्षति है। क्योंकि राजनीति के क्षेत्र में मुलायम सिंह यादव जैसी दूरदृष्टी, बेबाक, सरल, सहज व दूसरों के दुःख दर्द को अपना मान करके उसका निदान करने के लिए हर वक्त तत्पर रहने वाली शानदार शख्सियत विरले ही जन्म लेती है। वह देश के राजनीतिक पटल पर किसानों, गरीबों, नौजवानों व आम जनमानस की एक दमदार बुलंद आवाज थे। मुलायम सिंह यादव का ओरा ऐसा था कि उनके द्वारा बोली गयी छोटी-बड़ी बात को राजनेताओं, शासन-प्रशासन व मीडिया में विशेष तव्वजो दी जाती थी। 

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राजस्थान सरकार के समक्ष अब निवेशकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती
Currentaffairs राजस्थान सरकार के समक्ष अब निवेशकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती

राजस्थान सरकार के समक्ष अब निवेशकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती राजस्थान में औद्योगिक निवेश को लेकर 7 व 8 अक्टूबर को आयोजित इंवेस्ट राजस्थान समिट इस मायने में महत्वपूर्ण हो जाता है कि प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के बेहतरीन उपयोग के साथ ही प्रदेश में रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे। आर्थिक विकास की धारा बहेगी वहीं विश्व पटल पर राजस्थान की पहचान होगी। इंवेस्टमेंट राजस्थान के दौरान प्रदेश में सबसे अधिक निवेश के एमओयू-एलओआई ऊर्जा क्षेत्र में आए हैं वहीं इसके बाद दूसरा नंबर माइनिंग क्षेत्र का आता है। ऊर्जा में भी खासतौर से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव आए हैं। देखा जाए तो दोनों ही प्रमुख क्षेत्र अक्षय ऊर्जा और माइनिंग प्राकृतिक संसाधनों को लेकर के हैं।

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वायुसेना को प्रचंड हेलिकॉप्टर मिल तो गया है, पर विदेशी निर्भरता अब भी बनी हुई है
Currentaffairs वायुसेना को प्रचंड हेलिकॉप्टर मिल तो गया है, पर विदेशी निर्भरता अब भी बनी हुई है

वायुसेना को प्रचंड हेलिकॉप्टर मिल तो गया है, पर विदेशी निर्भरता अब भी बनी हुई है स्वदेशी तकनीक से बने हल्के युद्धक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड भारत की सैन्य सामग्री और उपकरणों की कम होती निर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इसके बावजूद भारत की मंजिल अभी दूर है। भारत को अपनी सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर होने में लंबा सफर तय करना है। भारत का हल्का युद्धक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड देश की सुरक्षा में बढ़ते हुए कदमों की दृढ़ता का प्रतीक है। इस हेलीकॉप्टर का निर्माण 45 प्रतिशत स्वदेशी तथा 55 प्रतिशत विदेशी पुर्जों से किया गया है। प्रयास यह किए जा रहे हैं कि हेलीकॉप्टर की तकनीक को 55 प्रतिशत तक स्वदेशी किया जाए ताकि विदेशी निर्भरता कम हो सके। इससे इसकी लागत में भी कमी आएगी। इस हेलीकॉप्टर के इंजिन का नाम शक्ति रखा गया है।

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योगी ने दूसरे कार्यकाल के पहले छह महीने में ही हासिल कीं बड़ी उपलब्धियाँ
Currentaffairs योगी ने दूसरे कार्यकाल के पहले छह महीने में ही हासिल कीं बड़ी उपलब्धियाँ

योगी ने दूसरे कार्यकाल के पहले छह महीने में ही हासिल कीं बड़ी उपलब्धियाँ उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के छह महीने पूर्ण कर लिए हैं। राज्य के राजनीतिक इतिहास में लगभग साढ़े तीन दशक के पश्चात किसी दल को दोबारा सत्ता में लाने का इतिहास रचने वाले योगी आदित्यनाथ ने अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान बड़े धैर्य एवं साहस के साथ अनेक चुनौतियों का सामना किया। उन्हें जहां विरोधियों का प्रहार, आरोप-प्रत्यारोप एवं बुल्डोजर से मकान तोड़ने जैसे प्रकरणों का सामना करना पड़ा, वहीं अपनी जन हितैषी नीतियों से उन्होंने जनता का समर्थन एवं आशीर्वाद भी प्राप्त किया। उन्होंने आजमगढ़ एवं रामपुर लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव में विजय प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया कि वह वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं तथा विजयश्री प्राप्त करने के लिए समर्थ भी हैं।   वास्तव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा की रीतिनीति के अनुसार हिंदुत्व की छवि को सुदृढ़ करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। प्राचीन शहरों के नाम परिवर्तित करना तथा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण इसके उदाहरण हैं। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। सरकार नमामि गंगे योजना के अंतर्गत गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल करने पर विशेष बल दे रही है। गंगा का प्रदूषण कम करने के लिए स्मार्ट गंगा सिटी परियोजना पर कार्य चल रहा है। योगी सरकार ने राज्य में पर्यटन विशेषकर धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया है। राज्य में गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री निराश्रित गौवंश सहभागिता योजना प्रारम्भ की गई है। राज्य में बेघरों को आवास देने के लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास योजना प्रारम्भ की गई। निर्धन परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना आरम्भ की गई। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान प्रारम्भ किया गया। बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना आरम्भ की गई। बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन तथा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई। राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना प्रारम्भ की गई। बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश बेरोजगारी भत्ता नामक योजना आरम्भ की गई। राज्य के श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ देने के लिए श्रमिक पंजीकरण योजना प्रारम्भ की गई। श्रमिकों के भरण पोषण के लिए राज्य में श्रमिक भरण पोषण योजना आरम्भ की गई है। इसके साथ ही राज्य की समृद्धि के लिए उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है।इसे भी पढ़ें: योगी आदित्यनाथ का दावा, अयोध्या में राम मंदिर का 50 फीसदी से ज्यादा काम पूरा होने के करीबयोगी सरकार ने कृषि क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया है। राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए परम्परागत खेती विकास योजना चलाई जा रही है। खेतों को पर्याप्त सिंचाई जल उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश नि:शुल्क बोरिंग योजना तथा उत्तर प्रदेश किसान उदय योजना संचालित की जा रही है। इनके अतिरिक्त बीज ग्राम योजना के अंतर्गत किसानों को धान एवं गेहूं के बीज पर विशेष अनुदान दिया जा रहा है। पारदर्शी किसान सेवा योजना के अंतर्गत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को समुचित उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। किसानों को ऋण के बोझ से मुक्त करने के लिए किसान ऋण मोचन योजना प्रारम्भ की गई। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।  राज्य में अनाथ बच्चों को आसरा देने के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारम्भ की गई। महिला सशक्तिकरण के लिए भी सरकार अनेक योजनाएं चला रही है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों की पुत्रियों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। उत्तर प्रदेश भाग्यलक्ष्मी योजना के अंतर्गत पुत्री की शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त लोगों को घर बैठे बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बैंकिंग संवाददाता सखी योजना प्रारम्भ की गई है। इससे जहां लोगों को घर पर बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं, वहीं महिलाओं को भी रोजगार प्राप्त हुआ है।

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रिवेंज शॉपिंग ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को दी है नई रफ्तार
Currentaffairs रिवेंज शॉपिंग ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को दी है नई रफ्तार

रिवेंज शॉपिंग ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को दी है नई रफ्तार गुस्सा या यों कहें कि बदला भी इकोनोमी को बूस्ट कर सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण है कोरोना के साये से निकलने के बाद खरीदारी की आजादी का। कोरोना ने लोगों की सोच ही बदल डाली थी और लोग भविष्य के लिए इस कदर चिंतित होने लगे थे कि भविष्य के लिए बचत और बचत ही एक मात्र ध्येय हो गया था। लोगों का ध्यान केवल बचत और खाने-पीने की सामग्री का संग्रहण, इन दो पर ही हो गया था। इसका कारण भी साफ था कि कोरोना के दौर में कब घर में कैद होना पड़े इसका अंदाज ही नहीं लगाया जा सकता था। ऐसे में लोग समुचित खाद्य सामग्री घर पर रखने पर जोर देने लगे तो आवश्यक सामग्री के अलावा अन्य चीजों पर ध्यान देना ही लगभग छोड़ दिया था। सालाना मोबाइल बदलने की आदत लोगों की छूटी तो लोगों ने कपड़ों आदि की खरीदारी से भी मुंह मोड़ लिया।

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दशहरा पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक माना जाता है
Currentaffairs दशहरा पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक माना जाता है

दशहरा पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक माना जाता है नवरात्रि के बाद आने वाला दशहरा का पर्व हिन्दुओं का बेहद ही खास पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक पर्व है, यह पर्व देश की सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीयता को नवऊर्जा देने का भी पर्व है। आज भी अंधेरों से संघर्ष करने के लिये इस प्रेरक एवं प्रेरणादायी पर्व की संस्कृति को जीवंत बनाने की जरूरत है। प्रश्न है कौन इस संस्कृति को सुरक्षा दे?

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ट्रैक्टर-ट्राली में यात्री बैठाने पर रोक लगाने का फैसला व्यवहारिक नहीं है
Currentaffairs ट्रैक्टर-ट्राली में यात्री बैठाने पर रोक लगाने का फैसला व्यवहारिक नहीं है

ट्रैक्टर-ट्राली में यात्री बैठाने पर रोक लगाने का फैसला व्यवहारिक नहीं है उत्तर प्रदेश में उन्नाव में एक ट्रैक्टर−ट्राली पलट जाने से 26 लोगों की मौत हो गई। दस लोग घायल हुए। ये सब एक ट्रैक्टर−ट्राली से मुंडन संस्कार करके लौट रहे थे। घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रैक्टर-ट्राली और डंपर में बैठकर सफर करने पर रोक लगा दी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि ट्रैक्टर ट्राली−डंपर आदि में सवारी बैठाने के खिलाफ अभियान चलाया जाए। साथ ही ट्रैक्टर, डंपर आदि में सवारी ढोने पर दस हजार रुपया जुर्माना वसूला जाए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये आदेश सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन यह व्यवहारिक नहीं है। क्योंकि आम किसान और गांव में  लोगों के लिए छोटे-मोटे कार्यक्रमों में आने−जाने का सस्ता और सरल परिवहन ट्रैक्टर ट्राली ही है। उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में ग्रामवासी किसान छोटे−मोटे कार्यक्रम, मेले, अंतिम संस्कार में आने−जाने के लिए ट्रैक्टर−ट्राली का ही प्रयोग करते हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार का निर्णय व्यवहारिक नहीं लगता। इस निर्णय से गांव की जनता, किसान और पुलिस में टकराव होगा। विवाद बढ़ेंगे। सरकार के प्रति  नाराजगी ही बढ़ेगी। इस दुर्घटना का कारण उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रैक्टर ट्रॉली में सवारी ढोना मान लिया। जबकि इस घटना का कारण ट्रैक्टर−ट्राली में सवारी ढोना नहीं, बल्कि चालक का शराब पीकर ट्रैक्टर चलाना और ट्रैक्टर–ट्राली दौड़ाना है।

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साक्षात्कारः अजय देवगन ने माना- साउथ सिनेमा ने बॉलीवुड पर अच्छी बढ़त बनाई हुई है
Currentaffairs साक्षात्कारः अजय देवगन ने माना- साउथ सिनेमा ने बॉलीवुड पर अच्छी बढ़त बनाई हुई है

साक्षात्कारः अजय देवगन ने माना- साउथ सिनेमा ने बॉलीवुड पर अच्छी बढ़त बनाई हुई है बेहतरीन अदाकारी के लिए अभिनेता अजय देवगन तीसरी बार नेशनल पुरस्कार से नवाजे गए। पिछले सप्ताह दिल्ली के विज्ञान भवन में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का वितरण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों हुआ जिसमें कई कलाकारों को पुरस्कार दिया गया। अजय देवगन को उनकी फिल्म ‘तान्हाजी’ के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड मिला। इसके अलावा अन्य दो श्रेणियों में भी उनकी फिल्म को पुरस्कार मिला। पुरस्कार को उन्होंने दर्शकों को समर्पित करते हुए कहा ये उनका प्यार और स्नेह है। पुरस्कार वितरण के बाद अजय देवगन से डॉ.

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सिर्फ चीतों के पुनर्वास से कम नहीं होगा वन्यजीवों पर मंडरा रहा विलुप्ति का खतरा
Currentaffairs सिर्फ चीतों के पुनर्वास से कम नहीं होगा वन्यजीवों पर मंडरा रहा विलुप्ति का खतरा

सिर्फ चीतों के पुनर्वास से कम नहीं होगा वन्यजीवों पर मंडरा रहा विलुप्ति का खतरा करीब 70 साल पहले शिकार के चलते विलुप्त हुए चीतों को नाम्बिया से लाकर उनका पुनर्वास कर दिया गया। इसे एक उपलब्धि करार दिया जा रहा है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू वन्यजीवों की दर्दनाक तस्वीर पेश करता है। भारत दुनिया में सबसे विलुप्तप्राय: प्रजातियों का प्रमुख क्षेत्र बन गया है। पिछली कुछ शताब्दियों के भीतर 5 प्रमुख भारतीय जानवर विलुप्त हो चुके हैं। इनमें द इंडियन ऑरोच, गुलाबी सिर वाली बत्तख, हिमालयी बटेर, मालाबार सिवेट बिल्ली और दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे व्यापक गैंडा प्रजातियों में से एक जावन राइनो शामिल है। 2016 में इंडिया वाटर पोर्टल पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेड़-पौधों की 384 विलुप्त हो चुकी हैं। वहीं मछलियों की 32, उभयचर की 2, सरीसृप की 21, बिना रीढ़ वाले जन्तु की 98, पक्षी की 113, स्तनधारी की 83। इन आंकड़ों के मुताबिक, कुल 724 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं।

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सीडीएस जैसे पद पर नियुक्ति में नौ माह की देरी उचित नहीं थी
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सीडीएस जैसे पद पर नियुक्ति में नौ माह की देरी उचित नहीं थी भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अनिल चौहान को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में नियुक्त किया है। वह भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति में नौ माह लग गए जबकि यह उसी समय हो जानी चाहिए थी जब यह पद खाली हुआ था। नौ माह में देश ने सीडीएस की कमी को बहुत महसूस किया। फिर भी देर आयद दुरुस्त आएद। आगे ये व्यवस्था तैयार रहनी चाहिए कि सेना से जुड़ा ये महत्वपूर्ण पद इस तरह से खाली न रह पाए।

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