Vegetables Contain Tapeworms । सिर्फ पत्ता और फूल गोभी में ही नहीं… इन सब्जियों में भी पाए जाते हैं दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े
Health Vegetables Contain Tapeworms । सिर्फ पत्ता और फूल गोभी में ही नहीं… इन सब्जियों में भी पाए जाते हैं दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े

Vegetables Contain Tapeworms । सिर्फ पत्ता और फूल गोभी में ही नहीं… इन सब्जियों में भी पाए जाते हैं दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े पत्ता गोभी और फूल गोभी में पाए जाने वाले 'टेपवर्म' कीड़े के बारे में सभी जानते होंगे, अगर इसके बारे में नहीं पता तो आज जान लीजिये। गोभी में पाया जाने वाला यह कीड़ा काफी खतरनाक होता है, जो दिमाग में घुसकर उसे नुकसान पहुँचाता है। 'टेपवर्म' इतना पतला और छोटा होता है कि इसे आँखों से नहीं देखा जा सकता है। यह गोभी के सेवन से आंतों में चला जाता है और फिर खून के जरिये दिमाग में घुस जाता है। यह कीड़ा दिमाग में पहुंचकर अपने लार्वा से दिमाग के टिश्यू को संक्रमित कर देता है, जिसकी वजह से दिमाग में सूजन और दर्द होने लगता है। इतना ही नहीं सही समय पर इलाज नहीं होने पर पीड़ित व्यक्ति को दौरे पड़ने लगते है और इसके अलावा पूरे शरीर को लकवा भी मार सकता है।

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Back Pain In Male:  पुरुषों में क्यों होता है कमर दर्द, जानें इससे बचने के उपाय
Health Back Pain In Male: पुरुषों में क्यों होता है कमर दर्द, जानें इससे बचने के उपाय

Back Pain In Male: पुरुषों में क्यों होता है कमर दर्द, जानें इससे बचने के उपाय कमर दर्द की परेशानी कभी सिर्फ बुजुर्गों में देखी जाती थी लेकिन आजकल हर आयु का व्यक्ति कमर दर्द से परेशान है। खासकर पुरुषों में यह समस्या बढ़ती जा रही हैं, जिसका मुख्य कारण गलत लाइफ रूटीन, स्मोकिंग और पोषण की कमी है। ऑफिस में लगातार काम और क्षमता से ज्यादा वर्क आउट भी पुरुषों में कमर दर्द के लिए जिम्मेदार है। आमतौर पर साधारण कमर दर्द कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन कमर की नसों और लिगामेंट्स में किसी तरह का विकार आ जाने से यह समस्या बढ़ जाती है। ज्यादा वर्क आउट या शारीरिक श्रम नियमित रूप से वर्क आउट सेहत के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन अपनी क्षमता से ज्यादा वजन उठाने से या फिर जरूरत से ज्यादा वर्क आउट से आपको कमर दर्द की परेशानी हो सकती है। कभी-कभी वर्क आउट से ब्रेक लें और अपनी क्षमता के अनुसार ही वजन उठायें। यदि आप फिल्ड वर्क करते हैं तो समय- समय पर आराम के लिए समय निकाले।    

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Cervical Pain: क्या है सर्वाइकल पेन, जानें इसके लक्षण और बचाव का तरीका
Health Cervical Pain: क्या है सर्वाइकल पेन, जानें इसके लक्षण और बचाव का तरीका

Cervical Pain: क्या है सर्वाइकल पेन, जानें इसके लक्षण और बचाव का तरीका सर्वाइकल में कंधे, पीठ और गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द होता है। यह लेटने या बैठने के गलत पॉश्चर के कारण या फिर ज्यादा देर तक मोबाइल चलाने से हो सकता है। जो लोग देर तक कम्प्यूटर पर काम करते है उनमें सर्वाइकल की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। यदि आप एक ही पॉश्चर में बैठकर कम्प्यूटर पर काम करें तो आपके कंधे और गर्दन के पिछले हिस्से पर दबाव पड़ता है जिससे सर्वाइकल पेन की दिक्कत हो जाती है। सर्वाइकल एक बोन का नाम है जो गर्दन के पिछले हिस्से में होती है। देर तक मोबाइल पर बात करने से भी सर्वाइकल पेन की समस्या हो सकती है। अभी हुए एक रिसर्च के अनुसार भारतीय महिलाओं में सर्वाइकल पेन की समस्या सर्वाधिक पायी गयी है। 50 में से एक भारतीय महिला को सर्वाइकल की समस्या है। समस्या बढ़ने पर मरीज की मौत भी हो सकती है। सर्वाइकल के लक्षण

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सर्वाइकल दर्द से छुटकारा पानें के लिए आजमाएं कारगर योगासन
Health सर्वाइकल दर्द से छुटकारा पानें के लिए आजमाएं कारगर योगासन

सर्वाइकल दर्द से छुटकारा पानें के लिए आजमाएं कारगर योगासन कम्प्यूटर या लैपटॉप पर घंटो तक एक ही पोश्चर में बैठकर काम करने से अक्सर गर्दन के पिछले हिस्से और कंधों में दर्द की शिकायत होती है जिसे सर्वाइकल पेन कहते हैं, सर्वाइकल पेन की शिकायत हर उम्र के लोगों में सामान्य रूप से देखी जा रही है। मोबाइल पर घंटो तक एक ही पोश्चर में बात करने से भी सर्वाइकल की परेशानी हो सकती है। शुरू में यह समस्या छोटी लगती है लेकिन समय से इलाज ना होने से यह खतरनाक रूप भी ले सकती है। योगासन के द्वारा सर्वाइकल की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। सवाईकल के लिए योगासन

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What is Pneumonia: जानलेवा हो सकता है निमोनिया, जानें क्या हैं इसके लक्षण
Health What is Pneumonia: जानलेवा हो सकता है निमोनिया, जानें क्या हैं इसके लक्षण

What is Pneumonia: जानलेवा हो सकता है निमोनिया, जानें क्या हैं इसके लक्षण निमोनिया बच्चों की आम बीमारी है दो साल से कम उम्र के बच्चों को इसका खतरा ज्यादा होता है 65 साल  से अधिक के बुजुर्ग भी इसका शिकार होते है। डाइबिटिक या जो लोग किसी बीमारी से ग्रसित है उनको भी निमोनिया हो सकता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। निमोनिया एक वायरल इंफेक्शन है यह फ्लू के इंफेक्शन के कारण भी हो सकता है। इस बीमारी को ठीक होने में समय लगता है।  अगर समय पर इलाज कराया जाये तो मरीज एक से दो सप्ताह में ठीक हो सकता हैं। संक्रमण बढ़ने पर ठीक होने में समय लगता है। क्या है निमोनिया

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Diet Chart: 12 महीने के बच्चे के लिए कैसे बनायें पोषण से भरपूर डाइट प्लान
Health Diet Chart: 12 महीने के बच्चे के लिए कैसे बनायें पोषण से भरपूर डाइट प्लान

Diet Chart: 12 महीने के बच्चे के लिए कैसे बनायें पोषण से भरपूर डाइट प्लान यदि आपका बच्चा भी 12 महीने का हो गया है तो आप उसकी डाइट में कुछ चेंज करके उसे पोषण युक्त आहार देना शुरू कर सकते हैं। 6 महीने के बाद बच्चों को माँ के दूध से सभी पोषक तत्वों पूर्ति नहीं हो पाती है। 6 महीने से अधिक के बच्चों को अन्य ठोस आहार की भी आवश्यकता होती है जिससे उनका शारीरिक विकास पूर्ण रूप से हो सके। यदि आप 6 महीने के बाद भी बच्चे को ठोस आहार देना शुरू नहीं करते हैं तो उनकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और उनका शारीरिक विकास रुक जाता है। आइये जानते है 12 महीने तक के बच्चे का डाइट प्लान कैसा होना चाहिए-

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Pregnancy Sitting Posture: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं कभी ना बैठें इस पॉश्चर में
Health Pregnancy Sitting Posture: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं कभी ना बैठें इस पॉश्चर में

Pregnancy Sitting Posture: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं कभी ना बैठें इस पॉश्चर में प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के जीवन का अहम हिस्सा होता है इस समय वह अपना खास ख्याल रखती हैं। इस समय उसके खाने-पीने से लेकर उठने बैठने का भी खास ख्याल रखा जाता है। इस समय होने वाली माँ को अपने उठने बैठने के पॉश्चर का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इस समय उसको लेग क्रॉस कर के बैठने को मना किया जाता है। कुछ लोग प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पालथी मारकर बैठने की सलाह देते हैं जबकि कुछ लोग प्रेग्नेंसी के दौरान पालथी मारकर बैठने को अच्छा नहीं मानते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़े हुए पेट और वजन के कारण कभी-कभी महिलाओं को कुछ पॉश्चर में बैठने में दिक्कत होती हैं। होने वाली माँ को इस बात की उलझन बनी रहती है क्या पालथी मार कर बैठने से उनके अंदर पल रहे बच्चे पर कोई गलत असर हो सकता है।   

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महिलाएं कैसे कर सकती हैं माइल्ड स्ट्रोक से बचाव, जानें क्या है इसके लक्षण
Health महिलाएं कैसे कर सकती हैं माइल्ड स्ट्रोक से बचाव, जानें क्या है इसके लक्षण

महिलाएं कैसे कर सकती हैं माइल्ड स्ट्रोक से बचाव, जानें क्या है इसके लक्षण स्ट्रेस भरी लाइफ और गलत खान-पान के कारण माइल्ड स्ट्रोक के मामले बढ़ते जा रहे है। माइल्ड स्ट्रोक से पहले आपकी बॉडी आपको कुछ संकेत देती है। माइल्ड स्ट्रोक जिसे मिनी स्ट्रोक भी कहा जाता है मेडिकल भाषा में इसे TIA transient ischemic attack कहा जाता है। इसमें दिमाग के किसी एक हिस्से में ब्लड सप्लाई ठीक से नहीं हो पाती जिससे दिमाग की नसों में ब्लॉकेज, फैट या कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन में बाधा आती है। माइल्ड स्ट्रोक में माइंड ब्लड सर्कुलेशन 5 मिनट से ज्यादा के लिए बाधित हो सकता हैं। ब्लड की कमी भी माइल्ड स्ट्रोक का कारण होती है। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं करते है तो आगे चलकर यह हेमोरेजिक स्ट्रोक का रूप भी ले सकते हैं। स्थिति गंभीर होने पर ब्रेन डेड की समस्या हो सकती है। महिलाओं में माइल्ड स्ट्रोक के लक्षण

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Indian Spices Quality: मसाले रखेंगे बीमारियों को दूर, जानें क्या है खासियत
Health Indian Spices Quality: मसाले रखेंगे बीमारियों को दूर, जानें क्या है खासियत

Indian Spices Quality: मसाले रखेंगे बीमारियों को दूर, जानें क्या है खासियत मसालों का उपयोग सदियों से भोजन में होता रहा है कभी व्यंजन का स्वाद बढ़ाने के लिए या कभी सुगंध के लिए। मसाले रसोई घर की शान हैं। मसालों में बहुत से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक तत्व पाए जाते हैं। जिनमें प्रोटीन, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी 6, कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं। किसी भी सामान्य बीमारी में मसालों का प्रयोग आम बात है। जैसे दूध हल्दी का सेवन, चोट लगने पर हल्दी का लेप करना या पेट की समस्या में अजवाइन का प्रयोग। मसाले जीवन के हर हिस्से में शामिल हैं।

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Sudden Infant Death Syndrome: क्या है क्रिब डेथ, कैसे आपके बच्चे के लिए है जानलेवा
Health Sudden Infant Death Syndrome: क्या है क्रिब डेथ, कैसे आपके बच्चे के लिए है जानलेवा

Sudden Infant Death Syndrome: क्या है क्रिब डेथ, कैसे आपके बच्चे के लिए है जानलेवा नवजात शिशु की नींद में ही मौत हो जाती है और माता पिता यह नहीं जान पाते शिशु की मौत का कारण क्या है। मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक शिशु का मस्तिष्क इसका एक कारण हो सकता है। नींद में अगर शिशु को सांस लेने में समस्या है तो उसकी मौत हो सकती है। शिशु के मस्तिष्क का एक हिस्सा उसकी नींद को बैलेंस रखता है यदि यह सही ढंग से काम नहीं करता है तो क्रिब डेथ हो सकती है। इसे एसआईडीएस कहा जाता है। आइये जानते है क्या है एसआईडीएस-

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Yoga For Strong Bones: हड्डियों की सेहत है जरुरी, आजमाएं ये योगासन
Health Yoga For Strong Bones: हड्डियों की सेहत है जरुरी, आजमाएं ये योगासन

Yoga For Strong Bones: हड्डियों की सेहत है जरुरी, आजमाएं ये योगासन मजबूत हड्डियां अच्छे स्वास्थ्य की निशानी होती हैं लेकिन आजकल बदलती लाइफ स्टाइल और गलत खान-पान के चलते कम उम्र में ही कमजोर हड्डियों की शिकायत होने लगी है खासकर महिलाओं में। जिसका असर डेली रूटीन में भी देखने को मिलता है। कैल्शियम सप्लीमेंट्स और कैल्शियम से भरपूर डाइट आपकी इस समस्या का दूर करते है लेकिन कुछ योगासन भी आपकी हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं। आइये जानते हैं इन योगासनों के बारे में  

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आहार में कुछ चीजों को शामिल कर दूर कर सकते हैं फैटी लिवर की समस्या
Health आहार में कुछ चीजों को शामिल कर दूर कर सकते हैं फैटी लिवर की समस्या

आहार में कुछ चीजों को शामिल कर दूर कर सकते हैं फैटी लिवर की समस्या आधुनिक खराब जीवनशैली से सबसे ज्यादा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। इससे कई लोग ब्लड प्रेशर, थायराइड, हृदय रोग, मधुमेह (डायबिटीज) और लिवर संबंधित बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। लिवर से जुड़ी समस्याओं में सबसे घातक बीमारी फैटी लिवर की मानी जाती है जो समय के साथ-साथ लिवर में फैट बढ़ाती है। इससे ग्रस्त मरीजों में पेट फूलना, सांसो में बदबू, वजन का कम होना, अपच जैसी कई अन्य समस्या होने लगती है। आइए आपको फैटी लिवर की जानकारी देने के साथ रोगियों को अपनी डाइट में क्या शामिल करना चाहिए और क्या नहीं इन सबके बारे में विस्तार से बताते हैं.

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सिटिंग जॉब में इन टिप्स को अपनाकर रहें हेल्दी
Health सिटिंग जॉब में इन टिप्स को अपनाकर रहें हेल्दी

सिटिंग जॉब में इन टिप्स को अपनाकर रहें हेल्दी सिटिंग जॉब को लोग एक बेहद ही आराम की नौकरी मानते हैं। लेकिन जिन लोगों को दिनभर बैठकर कंप्यूटर के सामने अपना काम करना होता है, उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का अक्सर सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों में ना केवल मोटापे की समस्या देखी जाती है, बल्कि उन्हें गर्दन में दर्द, आंखों की परेशानी व अन्य कई परेशानियों को भी झेलना पड़ता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि आप खुद को अधिक हेल्दी बनाए रखने के लिए नौकरी छोड़ देंगे। बस जरूरत है कि आप थोड़ा स्मार्ट तरीके से अपने काम व हेल्थ को मैनेज करें। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि सिटिंग जॉब में आप खुद को किस तरह हेल्दी रख सकती हैं- 

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4 In 1 Flu Vaccination: यह वैक्सीन बचाएगी आपके बच्चे को फ्लू के खतरे से
Health 4 In 1 Flu Vaccination: यह वैक्सीन बचाएगी आपके बच्चे को फ्लू के खतरे से

4 In 1 Flu Vaccination: यह वैक्सीन बचाएगी आपके बच्चे को फ्लू के खतरे से फ्लू मौसमी बीमारी है खासकर बदलते मौसम में इसका प्रकोप बढ़ जाता है। फ्लू संक्रामक बीमारी है 2009 में स्वाइन फ्लू इसका बदला स्वरूप था यह पहली बार इंसानो में पहचाना गया था। स्वाइन फ्लू आसानी से फैलता है। यह किसी के खांसने या छींकने से आसानी से एक दूसरे में फैलता है। खासकर बच्चें इसके शिकार जल्दी हो जाते है। जिन बच्चों की उम्र पांच साल से कम है उनको इससे बचाना जरूरी होता है क्योकि उनको स्वाइन फ्लू का खतरा सबसे ज्यादा होता है। यदि आप अपने पांच साल से छोटे बच्चे को स्वाइन फ्लू के खतरे से बचाना चाहते है तो 4 इन 1 फ्लू वैक्सीन लगवा सकते हैं। इस वैक्सीन से आपका बच्चा स्वाइन फ्लू समेत निमोनिया, वायरल इन्फेक्शन्स और ब्रोंकाइटिस से बचा रहेग। यह वैक्सीन 6 महीने से 5 साल तक के बच्चों को लगाया जा सकता है। 

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Super Food For Winters: डेली रूटीन में शामिल करें यह सुपर फ़ूड और रहें सेहतमंद
Health Super Food For Winters: डेली रूटीन में शामिल करें यह सुपर फ़ूड और रहें सेहतमंद

Super Food For Winters: डेली रूटीन में शामिल करें यह सुपर फ़ूड और रहें सेहतमंद सर्दियां कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए बहुत सी मौसमी बीमारियां लेकर आती हैं जैसे सर्दी खांसी, गले में खराश की परेशानी, बुखार आदि। अगर आप भी सर्दियों में कम बीमार पड़ना चाहते हैं तो नियमित वर्क आउट, योग के अलावा अपने खान-पान में भी कुछ चीजें शामिल कर सकते हैं। यह आपकी इम्युनिटी को बढ़ाकर आपको ठण्ड के मौसम में होने वाली बीमारियों से लड़ने की ताकत देगा। यह सुपर फ़ूड आपको बदलते मौसम में बैक्टीरियल इन्फेक्शन  से दूर रहने में सहायता करेंगे।    बाजरा और मक्का बाजरा एक ऐसा अनाज है जो सर्दी में आपकी बॉडी को गर्म रखता है। यह सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है। बाजरा मैग्नीशियम,कैल्शियम  फाइबर, विटामिन बी समेत कई पोषक तत्वों का खजाना होता है साथ ही मक्का विटामिन ए, बी, ई का अच्छा सोर्स है। मक्का और बाजरा दोनों ही आपको सर्दी में गर्माहट देंगे। आप चाहे तो मक्का और बाजरा मिलाकर इसकी रोटियां बना सकते है। केवल मक्के की रोटी भी सरसों के साग के साथ आपके लिए सेहतमंद होगा।  गुड़ और तिलगुड़ का सेवन सर्दियों में आपको हर तरह के इन्फेक्शन से बचाता है। यह  एनर्जी बूस्टर के रूप में भी काम करता है। तिल आपकी बॉडी को गर्माहट प्रदान करता है। तिल गर्म तासीर का होता है इसलिए सर्दियों में इसके सेवन की सलाह दी जाती है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, बी कॉम्प्लेक्स पाया जाता है जो आपकी इम्युनिटी बूस्ट करते हैं।इसे भी पढ़ें: Sugar Level को रखना है बैलेंस या बढ़ाना चाहते हैं वजन, मीठा आलू करेगा आपकी मददगोंद के लड्डू गोंद की तासीर गर्म होती है।  यह आपकी बॉडी को सर्दियों में गरम में बनाये रखता है। इससे आपको भूख भी नहीं लगती और आपका एनर्जी लेवल बूस्ट होता है। 

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सर्दी में भी होगा गर्मी का एहसास अगर करेंगे ये योगासन
Health सर्दी में भी होगा गर्मी का एहसास अगर करेंगे ये योगासन

सर्दी में भी होगा गर्मी का एहसास अगर करेंगे ये योगासन सर्दियों के मौसम में सुबह वर्क आउट करना सभी को मुश्किल लगता है। कड़ाके की ठण्ड में आपको वर्क आउट या योग के बारे में सोच कर ही उलझन महसूस होती है। आप एनर्जेटिक नहीं महसूस कर पाते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन बता रहें हैं जिनसे आप सर्दियों में खुद को एनर्जेटिक फील करेंगे और स्वस्थ भी रहेंगे। ये आपको एकदम फिट रखने के साथ ही फ्रेश भी फील करेंगे। 

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Sugar Level को रखना है बैलेंस या बढ़ाना चाहते हैं वजन, मीठा आलू करेगा आपकी मदद
Health Sugar Level को रखना है बैलेंस या बढ़ाना चाहते हैं वजन, मीठा आलू करेगा आपकी मदद

Sugar Level को रखना है बैलेंस या बढ़ाना चाहते हैं वजन, मीठा आलू करेगा आपकी मदद मीठे आलू जिसे शकरकंद के नाम से जाना है आप में से सभी ने कभी ना कभी खाया होगा। आप क्या इसके फायदे जानते है यह दो तरह होते हैं। लाल वाले शकरकंद और सफ़ेद शकरकंद। दोनों ही बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर हैं। लाल वाले शकरकंद बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है। ये अपनी सुगंध से जाने जाते हैं। सफ़ेद वाले मीठे आलू स्वाद में कम मीठे होते हैं। लेकिन फायदे इसके भी भरपूर होते हैं। यह फाइबर से भरपूर होता हैं जो हमारी डाइजेशन सिस्टम को स्वस्थ रखने का काम करता है। यह बहुत सी बीमारियों को दूर करने में भी हेल्प करते हैं। आइये जानते हैं क्या हैं इनके फायदें-

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Pre Wedding Medical Test: खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए जरूर कराएं ये जांच
Health Pre Wedding Medical Test: खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए जरूर कराएं ये जांच

Pre Wedding Medical Test: खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए जरूर कराएं ये जांच वेडिंग सीजन में होने वाले दूल्हा दुल्हन अपनी शादी के लिए बहुत सी तैयारी करते हैं। किस तरह से अपनी शादी को यादगार बना सकते हैं इसकी भरपूर कोशिश करते हैं। उनके ग्रह नक्षत्रों को भलीभांति जांचा परखा जाता है। कुंडली मिलाई जाती है। इसी क्रम में एक चलन है मेडिकल टेस्ट का जो हर कपल को शादी से पहले जरूर करना चाहिए। ताकि आगे चलकर किसी तरह की परेशानी ना हो। 

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फिट दिखने के साथ ही रहेंगे सेहतमंद भी, आजमाएं ये आसान गुड हैबिट्स
Health फिट दिखने के साथ ही रहेंगे सेहतमंद भी, आजमाएं ये आसान गुड हैबिट्स

फिट दिखने के साथ ही रहेंगे सेहतमंद भी, आजमाएं ये आसान गुड हैबिट्स कम कैलोरी के चक्कर में अक्सर हमारे भोजन में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। ऐसी डाइट से वेट तो कम होता लेकिन आप कमजोर हो जाते हैं। आपके शरीर में प्रोटीन और बहुत से विटामिन्स की कमी से कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं। पतला दिखने के लिए आप बहुत से जरूरी भोज्य पदार्थों को अपनी थाली से  निकाल देते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिससे आप स्लिम फिट तो होंगे ही साथ ही हेल्दी भी बने रहेंगे प्रोटीन से भरपूर हो भोजनआप साबुत अनाज जैसे मूंग को अंकुरित करके खा सकते हैं। इसके साथ ही आप बाजरा, रागी को भी अपने भोजन का हिस्सा बना सकते हैं। अंडा भी प्रोटीन का अच्छा सोर्स है और यह वज़न भी नियंत्रित रखता है। ओट्स हेल्दी होने के साथ ही वज़न घटाने में भी सहायक है। यह बहुत से खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। ओट्स को आप अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करना ना भूलें। यह सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद होता है।

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वक्रासन का अभ्यास करने से मिलते हैं ये लाभ
Health वक्रासन का अभ्यास करने से मिलते हैं ये लाभ

वक्रासन का अभ्यास करने से मिलते हैं ये लाभ हेल्दी रहने के लिए लोग तरह-तरह के वर्कआउट करते हैं। लेकिन जो लोग बिगनर होते हैं, उनके लिए हैवी वर्कआउट करना या फिर जिम में जाने में समस्या होती है। ऐसे में योगासन करना यकीनन एक अच्छा विचार है। ऐसे कई योगासन होते हैं, जिनका अभ्यास करने से आप अपनी ओवर ऑल हेल्थ का ख्याल रख सकते हैं। इन्हीं योगासनों में से एक है वक्रासन। यह एक ऐसा आसन है, जो आपके पाचन तंत्र को मजबूत करने से लेकर अतिरिक्त फैट बर्न करने में भी मदद करता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको वक्रासन का अभ्यास करने से होने वाले कुछ लाभों के बारे में बता रहे हैं-

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आपके आस-पास भी हो सकते हैं पार्किसंस के रोगी: जानिये इस रोग के लक्षण और उपचार
Health आपके आस-पास भी हो सकते हैं पार्किसंस के रोगी: जानिये इस रोग के लक्षण और उपचार

आपके आस-पास भी हो सकते हैं पार्किसंस के रोगी: जानिये इस रोग के लक्षण और उपचार पार्किसंस की बीमारी में ब्रेन के किसी हिस्से की नसें खराब होने लगती है या न्यूरॉन्स नष्ट होने लगते हैं। न्यूरॉन्स के द्वारा डोपामाइन रसायन का उत्पादन किया जाता है। डोपाइन केमिकल के द्वारा ही दिमाग शरीर के अंगो को संचालित करता है। ज्यादातर 60 साल से अधिक उम्र के लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं। लेकिन जेनेटिक कारणों से कम उम्र के लोग भी इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। अगर आप भी बढ़ती उम्र के साथ हाथ पैरों के सुन्न हो जाने, सोचने समझने में परेशानी, नींद ना आना, मसल्स की कमजोरी जैसी समस्याओं से परेशान हैं तो यह लेख आपके लिए ही है। आइये जानते हैं क्या है पार्किसंस की बीमारी 

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असली और नकली अदरक में जानें फर्क, नहीं तो खराब हो सकती है सेहत
Health असली और नकली अदरक में जानें फर्क, नहीं तो खराब हो सकती है सेहत

असली और नकली अदरक में जानें फर्क, नहीं तो खराब हो सकती है सेहत अदरक का उपयोग एक सामान्य औषधि के रूप में किया जाता है। सर्दियां आते ही अदरक वाली चाय की डिमांड बढ़ जाती है। एक कप अदरक वाली चाय आपको आपको सुकून का अहसास कराती है। अदरक सर्दी जुकाम और गले की खराश जैसी परेशानियों को दूर करने का काम करता है। इसको मसाले के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। बहुत सी बीमारियों के उपचार में अदरक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अदरक में बहुत से पोषक तत्व जैसे विटामिन बी-6, आयरन, पोटैशियम पाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है जिस अदरक को सेहत के लिए फायदेमंद समझ कर इस्तेमाल कर रहे हैं कही वह आपके लिए घातक तो नहीं है। बाजार में नकली अदरक की भरमार है। असली अदरक की पहचान ना होने से अक्सर हम नकली अदरक खरीद लेते हैं और बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। आज हम बता रहें हैं नकली और असली अदरक की पहचान कैसे करें  छिलके से करें नकली अदरक की पहचान अगर अदरक का छिलका आसानी से नहीं उतरता है तो यह नकली है क्योकि असली अदरक का छिलका हल्का सा खुरचने पर बाहर आ जाता है। अगर छिलका बहुत कठोर है तो भी यह नकली हो सकता है। असली अदरक का छिलका सॉफ्ट और बहुत पतला होता है। 

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वर्क आउट से करिये एक दिन की छुट्टी, बने  रहेंगे फिट
Health वर्क आउट से करिये एक दिन की छुट्टी, बने रहेंगे फिट

वर्क आउट से करिये एक दिन की छुट्टी, बने रहेंगे फिट रोजाना वर्क आउट आपको फिट और हेल्दी रखने में मददगार है। वर्क आउट से हम बहुत सी बीमारियों से खुद को दूर रख सकते हैं। यह हड्डियों को स्वस्थ बनाने में सहायक है। यह आपको तरोताजा बनाये रखने के साथ ही ख़राब कोलेस्ट्रॉल और  अनियमित ब्लड प्रेशर की परेशानी से भी आपको सुरक्षित रखता है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट रोज वर्क आउट की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं वर्कआउट से एक दिन का ब्रेक आपकी बॉडी को तरोताज़ा बनाये रखता है। मसल्स को आराम मिलता है। आइये जानते है वर्क आउट से एक दिन का ब्रेक क्यों जरूरी है 

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रूखी और बेजान स्किन के लिए कुछ आसान घरेलू टिप्स, त्वचा दिखेगी सॉफ्ट और ग्लोइंग
Health रूखी और बेजान स्किन के लिए कुछ आसान घरेलू टिप्स, त्वचा दिखेगी सॉफ्ट और ग्लोइंग

रूखी और बेजान स्किन के लिए कुछ आसान घरेलू टिप्स, त्वचा दिखेगी सॉफ्ट और ग्लोइंग सर्दियों में त्वचा का रूखापन चेहरे की खूबसूरती को तो कम करता ही है इससे आप उम्र से बड़े भी दिखने लगते हैं। बिज़ी लाइफ स्टाइल के चलते आप स्किन की सही ढंग से देखभाल नहीं कर पाते हैं। स्किन को रूखेपन से बचाने के लिए खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। आज हम बताने वाले हैं कुछ ऐसे आसान टिप्स जिससे आपकी स्किन का रूखापन तो दूर होगा ही साथ ही स्किन ज्यादा ग्लोइंग और यंग दिखेगी।

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