नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने चीनी कंपनी के सड़क प्रोजेक्ट पर लगाई रोक, भारतीय कंपनी ने किया है केस
International नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने चीनी कंपनी के सड़क प्रोजेक्ट पर लगाई रोक, भारतीय कंपनी ने किया है केस

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने चीनी कंपनी के सड़क प्रोजेक्ट पर लगाई रोक, भारतीय कंपनी ने किया है केस चीन की विस्तारवादी नीति से तो हर देश भलि-भांति वाकिफ है। पड़ोसी देशों की जमीन को कब्जाने की उसकी नीति हमेशा से दुनिया के सामने आती रही है। बात चाहे बांग्लादेश की तीस्ता रिवर में जासूसी जहाज तैनात करने की हो या नेपाल के अहम सड़क परियोजनाएं। लेकिन नेपाल की सुप्रीम कोर्ट से चीन को करारा झटका लगा है और उसे भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में भी देखा जा रहा है। दरअसल, नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने चीन के सड़क परियोजना पर रोक लगा दी है। इस प्रोजेक्ट को नेपाल आर्मी की तरफ से चाइना फर्स्ट हाइवे इंजीनियर को दिया गया था। इसे भी पढ़ें: अपनी नाकामियों का ठीकरा अमेरिका के सिर पर फोड़ रहा चीन, व्हाइट हाउस ने कहा- शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार हमेशा करेगा समर्थननेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने नेपाल सेना द्वारा चाइना फर्स्ट हाईवे इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को 1,500 करोड़ से अधिक के सड़क निर्माण के ठेके पर रोक लगा दी और चर्चा के लिए सभी पक्षों को बुलाया है। बोली लगाने वालों में से एक, भारत की एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की याचिका पर अदालत का आदेश आया। काठमांडू तराई-मधेश एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए बोली की पारदर्शिता को लेकर चिंताएँ थीं, जिसे नेपाल सेना द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। परियोजना को संवेदनशील माना जाता है क्योंकि एक हिस्सा भारतीय सीमा के करीब स्थित होगा।इसे भी पढ़ें: चीन में ‘शून्य कोविड नीति’ के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को मिला अमेरिका का सर्मथन, कहा सबको शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकारचाइना फर्स्ट हाईवे इंजीनियरिंग उन पांच कंपनियों में से नहीं थी जो सितंबर में परियोजना के लिए बोली लगाने के लिए योग्य थी, और इसे सबसे कम बोली लगाने वाले घोषित किए जाने से एक दिन पहले 6 नवंबर को शामिल किया गया था। लोगों ने बताया कि इस दौरान परियोजना को संभालने वाले नेपाल सेना के अधिकारी को भी बदल दिया गया। चीनी पक्ष बांग्लादेश सरकार पर तीस्ता नदी की नौवहन क्षमता में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना में भूमिका के लिए जोर दे रहा है। बांग्लादेश सरकार कुछ समय से इस परियोजना की योजना बना रही है, यहाँ तक कि वह सीमा पार नदी के पानी के बंटवारे पर भारत के साथ लंबे समय से लंबित समझौते के समापन की प्रतीक्षा कर रही है।

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दुनिया के सबसे बड़े सक्रिय ज्वालामुखी में 38 साल में पहली बार हरकत, हवाई में लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी
International दुनिया के सबसे बड़े सक्रिय ज्वालामुखी में 38 साल में पहली बार हरकत, हवाई में लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी

दुनिया के सबसे बड़े सक्रिय ज्वालामुखी में 38 साल में पहली बार हरकत, हवाई में लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दुनिया के सबसे बड़े सक्रिय ज्वालामुखी से 38 साल में पहली बार नारंगी, चमकीला लावा निकला और राख का विशाल गुबार उठते देखा गया। अधिकारियों ने हवाई के ‘बिग आईलैंड’ के निवासियों को हर तरह की प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए तैयार और सतर्क रहने की सलाह दी है। ज्वालामुखी मौना लोआ में विस्फोट से हालांकि तत्काल कोई खतरा नहीं है, लेकिन अमेरिकी भूगर्भीय विज्ञान सर्वेक्षण ने 2,00,000 लोगों की आबादी वाले ‘बिग आइलैंड’ के निवासियों को चेतावनी दी है कि ‘‘लावा निकलने की गति तथा स्थान तेजी से बदल सकता है’’। अधिकारियों ने निवासियों से कहा कि अगर लावा का प्रवाह आबादी वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगे तो उन्हें क्षेत्र को खाली करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हवाई ज्वालामुखी वेधशाला के प्रभारी वैज्ञानिक केन होन ने कहा कि काफी बड़े कई सिलसिलेवार भूकंपों के बाद रविवार देर रात ज्वालामुखी विस्फोट शुरू हुआ। अधिकारियों ने लावा से उत्पन्न खतरों को देखते हुए लोगों से ज्वालामुखी वाले क्षेत्र से दूर रहने का आग्रह किया, जिसकी तीन अलग-अलग दरारों में से लावा फूटकर हवा में 100 से 200 फुट ऊंचाई तक उठ रहा है। ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली सल्फरडाइऑक्साइड समेत अन्य गैस बेहद हानिकारक होती हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ.

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अपनी नाकामियों का ठीकरा अमेरिका के सिर पर फोड़ रहा चीन, व्हाइट हाउस ने कहा- शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार हमेशा करेगा समर्थन
International अपनी नाकामियों का ठीकरा अमेरिका के सिर पर फोड़ रहा चीन, व्हाइट हाउस ने कहा- शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार हमेशा करेगा समर्थन

अपनी नाकामियों का ठीकरा अमेरिका के सिर पर फोड़ रहा चीन, व्हाइट हाउस ने कहा- शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार हमेशा करेगा समर्थन वाशिंगटन। चीन से भले ही कोई खबरें सामने नहीं आती हो लेकिन अब हालात काबू से बाहर हो रहे हैं। चीनी तानाशाह शी जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ लोग सड़को पर उतर आये हैं। चीन को शक है कि इस विरोध प्रदर्शन को अमेरिका से शह मिल रही हैं। चीन अमेरिका  को लगातार चेतावनी दे रहा है कि अमेरिका उनके आंतरिक मामलों से दूर रहे। चीन के झिंजियांग (China Xinjiang) में लोगों सकड़ों पर उतरकर लोकतंत्र की मांग कर रहे हैं। वह चीन की तानाशाही को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं। लोगों की मांग को दर-किनारा कर चीन लोगों पर पुलिस की लाठियां परसा रहा हैं। अपनी नाकामियों को दूसरों के सिर थोप रहा हैं। चीन लगातार इस विरोध प्रदर्शन के लिए अमेरिका को जिम्मेदार मान रहा हैं। ऐसे में अब चीन की प्रतिक्रिया सामने आयी हैं। 

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चीन में ‘शून्य कोविड नीति’ के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को मिला अमेरिका का सर्मथन, कहा सबको शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार
International चीन में ‘शून्य कोविड नीति’ के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को मिला अमेरिका का सर्मथन, कहा सबको शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार

चीन में ‘शून्य कोविड नीति’ के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को मिला अमेरिका का सर्मथन, कहा सबको शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि चीन की ‘शून्य कोविड नीति’ के काम करने की संभावना नहीं है और कहा कि दुनिया भर के सभी लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है। अमेरिका का यह बयान चीन में उसकी ‘शून्य कोविड नीति’ के खिलाफ होते प्रदर्शनों के बीच आया है। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “ हम अमेरिका में शून्य कोविड नीति का पालन नहीं कर रहे हैं। हम समझते हैं कि चीन के लिए शून्य कोविड रणनीति के जरिए इस वायरस को नियंत्रित करना पाना बहुत मुश्किल होगा।”

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सुरक्षा बल ने सोमालिया के होटल में घुसे आतंकवादियों को किया ढेर, 60 लोगों को मुक्त कराया,  एक सुरक्षाकर्मी शहीद
International सुरक्षा बल ने सोमालिया के होटल में घुसे आतंकवादियों को किया ढेर, 60 लोगों को मुक्त कराया, एक सुरक्षाकर्मी शहीद

सुरक्षा बल ने सोमालिया के होटल में घुसे आतंकवादियों को किया ढेर, 60 लोगों को मुक्त कराया, एक सुरक्षाकर्मी शहीद सोमालिया के सुरक्षा बल राजधानी मोगादिशू के उस होटल में सोमवार को घुस गए जहां इस्लामी चरमपंथियों ने 18 घंटे से ज्यादा वक्त से दर्जनों लोगों को बंधक बनाया हुआ था। चरमपंथियों ने आठ लोगों की हत्या भी कर दी है। पुलिस के प्रवक्ता सादिक दोदिशे ने कहा कि विला रोज़ा होटल में चलाए गए अभियान के दौरान सभी चरमपंथियों को मार गिराया गया और एक सुरक्षाकर्मी की भी इस दौरान मौत हो गई।

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संयुक्त राष्ट्र की दो टूक,  प्रदर्शन करने के अधिकार का सम्मान करना सीखे चीन
International संयुक्त राष्ट्र की दो टूक, प्रदर्शन करने के अधिकार का सम्मान करना सीखे चीन

संयुक्त राष्ट्र की दो टूक, प्रदर्शन करने के अधिकार का सम्मान करना सीखे चीन संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने चीन से देश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करने का आग्रह किया। संयुक्त राष्ट्र ने चीनी सरकार से केवल शांतिपूर्ण आंदोलन में भाग लेने के लिए लोगों को हिरासत में नहीं लेने के लिए कहा, क्योंकि बीजिंग विरोध प्रदर्शनों और प्रदर्शनों की राष्ट्रव्यापी श्रृंखला को नियंत्रित करने की कोशिश करता है। समाचार एजेंसी एएफपी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता जेरेमी लारेंस के हवाले से कहा, "

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वॉलमार्ट गोलाबारी में मारे गए लोगों को दी जाएगी श्रद्धांजलि, निकाली जाएगी कैंडललाइट रैली
International वॉलमार्ट गोलाबारी में मारे गए लोगों को दी जाएगी श्रद्धांजलि, निकाली जाएगी कैंडललाइट रैली

वॉलमार्ट गोलाबारी में मारे गए लोगों को दी जाएगी श्रद्धांजलि, निकाली जाएगी कैंडललाइट रैली वर्जीनिया के चेसापीक शहर में पिछले सप्ताह वॉलमार्ट स्टोर में हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों को सोमवार शाम श्रद्धांजलि दी जाएगी और उनकी याद में कैंडललाइट रैली निकाली जाएगी। पुलिस ने कहा कि वर्जीनिया के अटलांटिक तट के पास लगभग 250,000 लोगों की आबादी वाले चेसापीक में मंगलवार देर रात को स्टोर के एक कर्मी ने अपने सहकर्मियों पर गोलियां चलाई थी। इस घटना में छह कर्मचारियों की मौत हो गई थी और छह लोग घायल हो गए थे।

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मेरिएम वेबस्टर ने किया वर्ष 2022 के लिए शब्द का ऐलान, गैसलाइटिंग बना ‘वर्ड ऑफ द ईयर’
International मेरिएम वेबस्टर ने किया वर्ष 2022 के लिए शब्द का ऐलान, गैसलाइटिंग बना ‘वर्ड ऑफ द ईयर’

मेरिएम वेबस्टर ने किया वर्ष 2022 के लिए शब्द का ऐलान, गैसलाइटिंग बना ‘वर्ड ऑफ द ईयर’ मेरिएम वेबस्टर ने वर्ष 2022 के लिए शब्द का ऐलान कर दिया है। इसने शब्द ‘गैसलाइटिंग’ को ‘वर्ड ऑफ ऑफ द ईयर’ घोषित किया है। मरिएम वेबस्टर की वेबसाइट पर वर्ष 2022 के दौरान शब्दों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 1740 फीसदी इजाफा हुआ है। मरिएम वेबस्टर के संपादक पीटर सोकोलोवस्की ने सोमवार को इस खुलासे से पहले ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘अंग्रेजी में इस शब्द का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है खासकर पिछले चार सालों में। इसने असल में मुझे और हम में से कई लोगों को चकित कर दिया।’’

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FIFA World Cup 2022 पर मंडरा रहा Camel Flu का खतरा, बीमारी की चपेट में आ सकते हैं दर्शक
International FIFA World Cup 2022 पर मंडरा रहा Camel Flu का खतरा, बीमारी की चपेट में आ सकते हैं दर्शक

FIFA World Cup 2022 पर मंडरा रहा Camel Flu का खतरा, बीमारी की चपेट में आ सकते हैं दर्शक कतर देश में इन दिनों फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है। दुनिया भर के फुटबॉल प्रेमी फीफा विश्वकप का आनंद लेने के लिए कतर पहुंचे हुए है। फैंस अपनी पसंदीदा टीम का समर्थन कर रहे है। फुटबॉल फीफा विश्व कप के बीच इसका मजा किरकिरा करने वाली खबर सामने आई है। दरअसल कतर में कैमल फ्लू का खतरा पैदा हो गया है। इसे मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। फुटबॉल मुकाबलों को देखने आए फैंस के बीच इस बीमारी के फैलने का खतरा बना हुआ है। गौरतलब है कि फीफा विश्व कप का आयोजन 18 दिसंबर तक होगा मगर इस बीमारी के फैलने से जोखिम बढ़ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों को डर है कि फीफा विश्व कप 2022 देखने के लिए कतर में मौजूद प्रशंसकों को घातक कैमल फ्लू का खतरा हो सकता है। बता दें कि कैमल फ्लू को कोविड -19 वायरस की बिरादरी का ही माना जाता है, जिसके कारण वर्तमान में दुनिया भर में वैश्विक महामारी फैली हुई है। आंकड़ों के मुताबिक कतर में विश्व कप के आयोजन के कारण 1.

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चीन की जनता करने लगी डेमोक्रेसी की डिमांड, जिनपिंग की तानाशाही का होगा अंत
International चीन की जनता करने लगी डेमोक्रेसी की डिमांड, जिनपिंग की तानाशाही का होगा अंत

चीन की जनता करने लगी डेमोक्रेसी की डिमांड, जिनपिंग की तानाशाही का होगा अंत चीन दुनिया की तीन बड़ी महाशक्तियों में सुमार है। लेकिन इसी देश में आम लोग आज सबसे ज्यादा परेशान हैं। पुरानी कहावत है कि इतिहास खुद को दोहराता है और चीन की जनता शायद 1989 के इतिहास को दोहराने के लिए सड़कों पर उतर आई है। चीन में शी जिनपिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। पीएलए और राष्ट्रपति की तानाशाही से तंग आकर जनता ने जिनपिंग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चीन की जनता सड़कों पर बवाल काट रही है और जिनपिंग के इस्तीफे की मांग कर रही है। चीन की जनता अब लोकतंत्र की मांग कर रही है। 

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इटली के इस्चिया द्वीप पर भूस्खलन, नवजात समेत सात लोगों की मौत
International इटली के इस्चिया द्वीप पर भूस्खलन, नवजात समेत सात लोगों की मौत

इटली के इस्चिया द्वीप पर भूस्खलन, नवजात समेत सात लोगों की मौत इस्चिया द्वीप पर हुए भूस्खलन के बाद बचाव दल ने मिट्टी के मलबे में दबे हुए सात शवों को निकाला है, जिसमें तीन सप्ताह का एक नवजात भी शामिल है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। नेपल्स प्रीफेक्ट ने पुष्टि की कि शनिवार तड़के कासामिक्किओला में हुए व्यापक भूस्खलन के बाद पांच लोग अब भी लापता हैं, जिनके मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। भूस्खलन के चलते इमारतें ढह गईं और गाड़ियांसमुद्र किनारे खड़ी गाड़ियां बह गईं। अन्य पीड़ितों की पहचान नवजात के माता-पिता, एक पांच वर्षीय लड़की और उसके 11 वर्षीय भाई, द्वीप पर रहने वाले 31 वर्षीय एक व्यक्ति और बुल्गेरियाई पर्यटक के रूप में की गई। इतालवी अग्निशमन विभाग के प्रवक्ता लुका कैरी ने आरएआई स्टेट टीवी को बताया, “कीचड़ और पानी हर जगह भरा है। हमारी टीमें उम्मीद के साथ खोज कर रही हैं, भले ही यह बहुत कठिन है।”

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अमेरिका के मेरीलैंड में विमान दुर्घटना, हादसे के बाद बिजली के तारों में फंसा विमान, यात्री सुरक्षित
International अमेरिका के मेरीलैंड में विमान दुर्घटना, हादसे के बाद बिजली के तारों में फंसा विमान, यात्री सुरक्षित

अमेरिका के मेरीलैंड में विमान दुर्घटना, हादसे के बाद बिजली के तारों में फंसा विमान, यात्री सुरक्षित अमेरिका के मेरीलैंड काउंटी में रविवार शाम एक छोटा विमान दुर्घटना का शिकार होने के बाद बिजली के तारों में फंस गया। हालांकि हादसे में विमान में सवार दो यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों द्वारा विमान को निकालने के दौरान आसपास के इलाकों में बिजली कटौती करनी पड़ी। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने एक बयान में कहा कि व्हाइट प्लेन्स, एन.

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कैमरून की राजधानी में खिसकी धरती,  भूस्खलन से 14 लोगों की मौत
International कैमरून की राजधानी में खिसकी धरती, भूस्खलन से 14 लोगों की मौत

कैमरून की राजधानी में खिसकी धरती, भूस्खलन से 14 लोगों की मौत कैमरून की राजधानी में रविवार को एक शख्स के अंतिम संस्कार के दौरान हुए भूस्खलन से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई। यह क्षेत्रीय गवर्नर ने यह जानकारी दी। इस हादसे में दर्जनों अन्य लोग लापता हैं वहीं बचावकर्मी मलबे की खुदाई कर लोगों की तलाश कर रहे हैं। सेंटर रीजनल गवर्नर नसेरी पॉल बी ने कैमरून के राष्ट्रीय प्रसारक सीआरटीवी को बताया कि रात में भी मलबे में दबे जीवित लोगों की तलाश का काम जारी था।

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अगले महीने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का होगा अनावरण
International अगले महीने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का होगा अनावरण

अगले महीने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का होगा अनावरण अगले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत के पास रहने के दौरान देश की ओर से वैश्विक निकाय को भेंट के तौर पर यहां महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। यहां संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में महात्मा गांधी की यह पहली प्रतिमा होगी। अगले महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर की संयुक्त राष्ट्र की यात्रा के दौरान इस आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। प्रसिद्ध भारतीय मूर्तिकार पद्म श्री सम्मानित राम सुतार ने यह मूर्ति बनायी है। सुतार ने ही गुजरात में ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का डिजायन तैयार किया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रूचिरा कंबोज ने यहां एक विशेष साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के विशाल उत्तरी लॉन में यह आवक्ष प्रतिमा लगायी जाएगी। भारत की तरफ से उपहार यह आवक्ष प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में लगाई जाने वाली गांधी की पहली मूर्ति होगी। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय दुनियाभर के उपहारों एवं कलाकृतियों को गर्व के साथ प्रदर्शित करता है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की उल्लेखनीय कलाकृतियों में जर्मनी द्वारा दान दी गयी बर्लिन की दीवार का एक हिस्सा, सोवियत कलाकृति ‘लेट अस बीट स्वोर्ड्स इंटू प्लाउशेयर’ दक्षिण अफ्रीका द्वारा दी गयी नेल्सन मंडेला की आदमकद प्रतिमा, पब्लो पिकासो की ‘गुएर्निका’ चित्रयवनिका शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रदर्शित भारत का एक मात्र दूसरा उपहार 11 वीं सदी की सूर्यदेव की काले पत्थर की मूर्ति है जिसे 26 जुलाई, 1982 में दान किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाल काल की यह मूर्ति संयुक्त राष्ट्र को भेंट की थी। महासचिव जेवियर पेरेज़ डी क्यूएलर ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से उसे स्वीकार किया था। उसे कांफ्रेंस बिल्डिंग में प्रदर्शित किया गया है। कंबोज ने कहा कि गांधी की आवक्ष प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय ग्राउंड में ‘बहुत प्रतिष्ठित स्थान’ नॉर्थ लॉन में लगायी जाएगी। इस आवक्ष प्रतिमा का 14 दिसंबर को अनावरण किया जाएगा औरकार्यक्रम में सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्यों के प्रतिनिधियों के उपस्थित रहने की संभावना है। उसमें वे नये सदस्य भी शामिल होंगे जो एक जनवरी, 2023 से परिषद का सदस्य बनने जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और संयुक्त राष्ट्र के 77 वीं महासभा के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी के भी शामिल होने की संभावना है। इस कार्यक्रम की महत्ता रेखांकित करते हुए कंबोज ने कहा कि महात्मा गांधी की अहिंसा एवं शांति की विरासत स्थायी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कथन ‘ यह युग युद्ध का नहीं है’ उस धरोहर को बतलाता है और दुनिया ने व्यापक रूप से उसे स्वीकार किया है।

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इमरान खान ने कहा कि वजीराबाद में तीन शूटरों ने मुझे मारने की कोशिश की
International इमरान खान ने कहा कि वजीराबाद में तीन शूटरों ने मुझे मारने की कोशिश की

इमरान खान ने कहा कि वजीराबाद में तीन शूटरों ने मुझे मारने की कोशिश की पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया कि इस महीने की शुरुआत में वजीराबाद शहर में विरोध मार्च के दौरान तीन शूटरों ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की थी। तीन नवंबर को पंजाब के वजीरिस्तान इलाके में बंदूकधारियों ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान पर हमला किया था, जिसमें उनके दाएं पैर में गोली लगी थीं। उस समय वह सरकार पर जल्द चुनाव कराने का दबाव बनाने के लिए आयोजित मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। खान ने शनिवार रात शहर में अपनी पार्टी की एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पहले जिन दो हमलावर की पहचान की जा चुकी है, उनमें से एक ने उन पर और ‘पीटीआई’ के अन्य नेताओं पर गोली चलाई थी। दूसरे शूटर ने कंटेनर के सामने वाले हिस्से पर गोलीबारी की जबकि तीसरे हमलावर को पहले हमलावर को खत्म करने का काम सौंपा गया था। खान (70) ने दावा किया कि इस तीसरे हमलावर ने रैली में एक व्यक्ति को मार डाला, जबकि वह पहले हमलावर को मारने की कोशिश कर रहा था। हमले के एक दिन बाद लाहौर के शौकत खानम अस्पताल से राष्ट्र को संबोधित करते हुए खान ने कहा था कि दो हमलावरों ने उनके दाहिने पैर में चार गोलियां मारी थीं। उन्होंने कहा कि वह एक कंटेनर पर थे तभी उन पर “गोलियों की बौछार करने” का निर्देश दिया गया था। उन्होंने कहा,“फिर दूसरा हमला किया गया, उसमें दो लोग शामिल थे।” खान ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह आरोप भी लगाया कि उनकी हत्या के असफल प्रयास में जिन तीन लोगों का हाथ था, वे उन्हें फिर से निशाना बनाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। खान ने कई बार आरोप लगाया है कि उन पर हमले के पीछे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ‘काउंटर इंटेलिजेंस विंग’ के प्रमुख मेजर-जनरल फैसल नसीर का हाथ था।

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चीन में कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन, संक्रमण के मामले रिकॉर्ड स्तर पर
International चीन में कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन, संक्रमण के मामले रिकॉर्ड स्तर पर

चीन में कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन, संक्रमण के मामले रिकॉर्ड स्तर पर चीन में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन तेज हो गए हैं। इस बीच, देश में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और रविवार को करीब 40,000 नए मामले सामने आए। चीन में इस प्रकार के प्रदर्शन होना दुर्लभ बात है। चीनी सोशल मीडिया और ट्विटर पर उपलब्ध कई वीडियो में लोग शंघाई समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन करते और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) तथा देश के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए। ऐसा बताया जा रहा है कि कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। कई वीडियो में विभिन्न विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र लॉकडाउन का विरोध करते दिखाई दिए। इस बीच, सरकार ने शनिवार को शिनजियांग की राजधानी उरुमकी से लॉकडाउन हटाने के लिए कदम उठाए। उरुमकी में बृहस्पतिवार को लॉकडाउन के दौरान एक अपार्टमेंट में आग लग जाने से 10 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद वहां सप्ताहांत में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन हुए। पुलिस ने आधी रात में ‘मिडल उरुमकी रोड’ पर एकत्र हुए करीब 300 प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया। झाओ नाम के एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि उसके एक मित्र को पुलिस ने पीटा और उसके दो मित्रों के खिलाफ मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया गया। प्रदर्शनकारी ने अपना उपनाम ही बताया। उसने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ‘शी चिनफिंग, इस्तीफा दो, कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ो’, ‘शिनजियांग से प्रतिबंध हटाओ, चीन से प्रतिबंध हटाओ’, ‘हम पीसीआर (जांच) नहीं कराना चाहते, स्वतंत्रता चाहते हैं’ और ‘प्रेस की स्वतंत्रता’ सहित कई नारे लगाए। इससे पहले शनिवार को, शिनजियांग क्षेत्र के अधिकारियों ने उरुमकी में कुछ मोहल्लों से प्रतिबंध हटा दिया। उरुमकी के निवासियों द्वारा शहर में तीन महीने से अधिक समय से लागू ‘लॉकडाउन’ के खिलाफ देर रात असाधारण प्रदर्शन किए जाने के बाद अधिकारियों को प्रतिबंध हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। कई लोगों का आरोप है कि वायरस संबंधी प्रतिबंधों के मद्देनजर लगाए गए अवरोधकों के कारण आग और भीषण हो गई तथा आपात कर्मियों को आग बुझाने में तीन घंटे का समय लगा, लेकिन अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि इमारत में कोई अवरोधक नहीं लगाए गए थे तथा निवासियों को वहां से जाने की अनुमति थी। इस बीच, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को बताया कि देश में शनिवार देर तक संक्रमण के 39,501 मामले सामने आए। देश में लगातार चौथे दिन संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। शंघाई जैसे प्रमुख शहरों में मामलों में अप्रैल में आई तेजी के बाद से यह संख्या सर्वाधिक है।

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नामीबिया में औपनिवेशिक काल के एक जर्मन अधिकारी ‘कर्ट वॉन फ्रॉन्स्वा’ की प्रतिमा हटाई गई
International नामीबिया में औपनिवेशिक काल के एक जर्मन अधिकारी ‘कर्ट वॉन फ्रॉन्स्वा’ की प्रतिमा हटाई गई

नामीबिया में औपनिवेशिक काल के एक जर्मन अधिकारी ‘कर्ट वॉन फ्रॉन्स्वा’ की प्रतिमा हटाई गई नामीबिया में औपनिवेशिक काल के एक जर्मन अधिकारी ‘कर्ट वॉन फ्रॉन्स्वा’ की प्रतिमा हटाए जाने के बाद उपनिवेश विरोधी कार्यकर्ताओं की जीत हुई है। इस प्रतिमा को देश की राजधानी में विंडहोक सिटी काउंसिल के सामने से अब हटा दिया गया है। वर्ष 1990 में आजादी हासिल करने वाले नामीबिया में दक्षिण अफ्रीका के शासन से पहले जर्मनी का औपनिवेशिक शासन था। हमने नामीबिया के राजनीति विज्ञानी हेनिंग मेल्बर से इस हंगामे और जर्मन अधिकारी फ्रॉन्स्वा के बारे में पूछा। यह प्रतिमा खबरों में क्यों है?

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नेपाल चुनाव में मंत्रियों और 60 सांसदों सहित कई वरिष्ठ नेता हारे; युवाओं ने जीत दर्ज की
International नेपाल चुनाव में मंत्रियों और 60 सांसदों सहित कई वरिष्ठ नेता हारे; युवाओं ने जीत दर्ज की

नेपाल चुनाव में मंत्रियों और 60 सांसदों सहित कई वरिष्ठ नेता हारे; युवाओं ने जीत दर्ज की नेपाल के संसदीय चुनावों में मंत्रियों और 60 मौजूदा सांसदों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के कई वरिष्ठ नेताओं को शिकस्त का सामना करना पड़ा है, जबकि युवाओं ने जीत दर्ज की है। संसदीय चुनाव के लिए प्रत्यक्ष मतदान के नतीजे घोषित किया जाना संपन्न होने के करीब है, ऐसे में नेपाल के शीर्ष राजनीतिक दलों ने एक नयी सरकार के गठन के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) और सात प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनाव इसी माह हुए थे। मतगणना सोमवार को शुरू हुई थी। मधेस (तराई) क्षेत्र आधारित दलों के दो वरिष्ठ नेता चुनाव हार गये, जिनमें जनता समाजवादी पार्टी के प्रमुख उपेंद्र यादव और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र महतो शामिल हैं। देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) :सीपएन-यूएमएल: से चुनाव हारने वालों में पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वर पोखरेल,उपाध्यक्ष सुरेंद्र पांडे, महासचिव शंकर पोखरेल और उप महासचिव प्रदीप गयावली शामिल हैं। शिकस्त का सामना करने वाले अन्य शीर्ष नेताओं में सीपीएन माओइस्ट-सेंटर के महासचिव देव गुरुंग, उप महासचिव और ऊर्जा मंत्री पम्पा भुशाल और उप महासचिव गिरिराजमणि पोखरेल शामिल हैं। गृह मंत्री और नेपाली कांग्रेस के नेता बालकृष्ण खांड और मौजूदा सरकार में पर्यटन एवं नागर विमानन मंत्री जीवन राम श्रेष्ठ भी चुनाव हार गये। पूर्व प्रधानमंत्री एवं सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के वरिष्ठ नेता झालानाथ खनल और पूर्व विदेश मंत्री एवं नेपाली कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुजाता कोइराला को भी चुनाव में शिकस्त मिली है। कई युवा और नये चेहरे प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गये हैं। पूर्व टीवी पत्रकार रवि लमीछाने द्वारा महज छह महीने पहले गठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने प्रत्यक्ष चुनाव में सात सीट पर जीत दर्ज की और आनुपातिक पद्धति के तहत 10 लाख से अधिक वोट हासिल किये हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन ने 85 सीट पर जीत दर्ज की। यह पांच दलों का गठबंधन है। वहीं, सीपीएन-यूएमएल नीत गठजोड़ ने 55 सीट पर जीत दर्ज की। उल्लेखनीय है कि 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में, 165 सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान से किया जा रहा, जबकि शेष 110 को आनुपातिक प्रणाली से चुना जा रहा। स्पष्ट बहुमत के लिए किसी पार्टी या गठबंधन को 138 सीट की जरूरत होगी।

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पाकिस्तान सरकार ने सैन्य अधिकारियों के खिलाफ ट्वीट करने पर पीटीआई सांसद को गिरफ्तार किया
International पाकिस्तान सरकार ने सैन्य अधिकारियों के खिलाफ ट्वीट करने पर पीटीआई सांसद को गिरफ्तार किया

पाकिस्तान सरकार ने सैन्य अधिकारियों के खिलाफ ट्वीट करने पर पीटीआई सांसद को गिरफ्तार किया पाकिस्तान की सरकार ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र और धमकाने वाली का इस्तेमाल करने पर रविवार को इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के एक सांसद को गिरफ्तार किया। सैन्य नेतृत्व के खिलाफ ट्वीट करने को लेकर संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने आजम स्वाति को दो महीने के अंदर दूसरी बार हिरासत में लिया है। इसके पहले एफआईए ने उन्हें गत अक्टूबर में गिरफ्तार किया था। सरकार की ओर से इस्लामाबाद साइबर क्राइम रिपोर्टिंग सेंटर (सीसीआरसी) के तकनीकी सहायक अनीसुर रहमान की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर एफआईए ने इलेक्ट्रॉनिक अपराध प्रतिषेध अधिनियम-2016 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। प्राथमिकी में कहा गया कि स्वाति और अन्य तीन ट्विटर खातों-वूल्फ1एके, हकीकतटीवी_20, आजादी99 - से दुर्भावना के तहत राज्य के संस्थानों और सेवानिवृत्त हो रहे सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा समेत अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ धमकी भरे ट्वीट करने का घृणित अभियान शुरू किया गया है।

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पाकिस्तानी सेना ने जनरल बाजवा की संपत्ति संबंधी खबरों को खारिज किया
International पाकिस्तानी सेना ने जनरल बाजवा की संपत्ति संबंधी खबरों को खारिज किया

पाकिस्तानी सेना ने जनरल बाजवा की संपत्ति संबंधी खबरों को खारिज किया पाकिस्तानी सेना ने रविवार को मीडिया की इन खबरों को खारिज कर दिया कि निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के परिवार के सदस्य और रिश्तेदार उनके छह साल के कार्यकाल के दौरान अरबपति बन गए। सेना ने इन खबरों को ‘‘भ्रामक’’ और ‘‘घोर झूठ तथा दुर्भावनापूर्ण’’ बताया। जनरल बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार मिला था। फैक्टफॉकस वेबसाइट द्वारा प्रकाशित एक खबर के अनुसार, जनरल बाजवा (61) के परिवार के कथित कर रिकॉर्ड, (देश-विदेश में) उनकी (सेनाप्रमुख की) संपत्तियों और कारोबार की मौजूदा बाजार कीमत 12.

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फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन में मुस्लिम समुदायों को देखने का नजरिया क्यों है अलग-अलग
International फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन में मुस्लिम समुदायों को देखने का नजरिया क्यों है अलग-अलग

फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन में मुस्लिम समुदायों को देखने का नजरिया क्यों है अलग-अलग यूरोपीय देशों के बीच इस्लाम को देखने और इसपर बात करने करने में काफी भिन्नता है। एक ओर अलग-अलग देशों में मीडिया पर नजर डालकर इसे समझना काफी आसान हो सकता है, लेकिन मैंने जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन में इस्लाम पर सार्वजनिक प्रवचनों के बारे में अपने पीएचडी शोध माध्यम से इसे समझाने की कोशिश की है। जर्मनी में, आप इस्लाम के प्रति कैसे दृष्टिकोण रखते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप राजनीतिक विमर्श के मामले में किस पक्ष के साथ खड़े हैं। एक ओर, अधिकांश राजनीतिक अभिजात वर्ग एक जर्मन पहचान का बचाव करता है जो अब पारंपरिक संस्कृति पर आधारित नहीं रहकर संविधान पर आधारित हो गयी है। दूसरी ओर,मीडिया और राजनीतिक अल्पसंख्यक मिली जुली जर्मन पहचान का बचाव करते हैं। इस वैचारिक संघर्ष में, अभिजात वर्ग एएफडी (अल्टरनेटिव फर ड्यूशलैंड) पार्टी के नेतृत्व वाले देश के धुर दक्षिणपंथियों को दुश्मन नंबर एक के रूप में देखता है। यह वर्ग कट्टरपंथी इस्लाम के प्रति भी ऐसा नजरिया नहीं रखता। इस बीच, ब्रिटेन में उदारवाद के कारण दो विपरीत विचारधाराओं के बीच समन्वय कायम रहता है। एक ओर, वैचारिक उदारवाद है, जिसका मकसद आतंकवाद और “घृणा के प्रचारकों” के सामने ब्रिटिश जीवन शैली की रक्षा करना है। साल 2011 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने “समावेशी उदारवाद” की बात कही। समावेशी उदारवाद ने देश में “कुछ मूल्यों .

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मुंबई हमला: ब्रिटेन में 26/11 की बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई, विरोध-प्रदर्शन हुए
International मुंबई हमला: ब्रिटेन में 26/11 की बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई, विरोध-प्रदर्शन हुए

मुंबई हमला: ब्रिटेन में 26/11 की बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई, विरोध-प्रदर्शन हुए मुंबई में हुए 26/11 हमले की 14वीं बरसी पर ब्रिटेन में विशेष धुन बजाकर और श्रद्धा सुमन अर्पित करके हमले में मारे गये लोगों को याद किया गया और आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया गया। वर्ष 2008 के इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया, जिसमें 26 नवंबर, 2008 को हुए मुंबई हमले से जुड़ी तस्वीरों और अन्य झांकियों का प्रदर्शन किया गया। इस श्रद्धांजलि सभा में प्रवासी भारतीयों और वरिष्ठ सांसद ने हिस्सा लिया। इस दौरान एक फिल्म दिखाई गई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश और शहर के प्रतिष्ठित ताज पैलेस होटल समेत हमले में फंसे बहुत से मुंबई वासियों और पर्यटकों की ओर से कही गई बातों को दर्शाया गया है।

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