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भारत ने कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक स्थिति में बदलाव ने हमारी परियोजनाओं की गति को धीमा कर दिया है
By DivaNews
19 November 2022
भारत ने कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक स्थिति में बदलाव ने हमारी परियोजनाओं की गति को धीमा कर दिया है भारत ने कहा है कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा किए जाने से पहले वह तीन अरब डॉलर से अधिक लागत की प्रतिबद्धता के साथ युद्धग्रस्त देश में विकासात्मक और क्षमता निर्माण परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा था लेकिन राजनीतिक स्थिति में बदलाव के परिणामस्वरूप विभिन्न कारणों से इसकी परियोजनाओं की गति धीमी हो गई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के दूत आर मधुसूदन ने यह बयान दिया। वह अफगानिस्तान के लोगों के समक्ष उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों पर रूस की पहल पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एरिया फॉर्मूला बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, यह उल्लेख किया जा सकता है कि तालिबान के कब्जे से पहले, भारत अफगानिस्तान में विकास, पुनर्निर्माण और क्षमता निर्माण के उद्देश्य से तीन अरब डॉलर से अधिक लागत की प्रतिबद्धता के साथ परियोजनाओं और कार्यक्रमों को क्रियान्वित कर रहा था। मधुसूदन ने कहा, ‘‘हालांकि, राजनीतिक स्थिति में बदलाव के परिणामस्वरूप विभिन्न कारणों से हमारी परियोजनाओं की गति धीमी हो गई है। फिर भी, अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता में कोई बदलाव नहीं आया है।’’ तालिबान ने 15 अगस्त, 2021 को काबुल पर नियंत्रण कर लिया था और उसने पिछले दो दशकों में कड़ी मेहनत से हासिल किए गए कई अधिकारों, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को उलट दिया है। मधुसूदन ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, हाल के दिनों में, आतंकवादी हमलों में, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के उपासना स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों जैसे सार्वजनिक स्थलों को निशाना बनाया गया है। यह चिंताजनक है और भारत निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा करता है। रूसी संघ के राजनयिक परिसर पर हुआ हमला अत्यधिक निंदनीय है।” भारत ने कहा कि यह मानना महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर कुछ चिंताएं बनी हुई हैं। इसने कहा कि अफगानिस्तान में नयी दिल्ली की मुख्य प्राथमिकताओं में अफगान लोगों के लिए तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना, वास्तविक समावेशी और प्रतिनिधि सरकार का गठन, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटना तथा महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण करना शामिल है।
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