अमेरिका मध्यावधि चुनाव: डेमोक्रेटिक पार्टी के पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों की जीत
International अमेरिका मध्यावधि चुनाव: डेमोक्रेटिक पार्टी के पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों की जीत

अमेरिका मध्यावधि चुनाव: डेमोक्रेटिक पार्टी के पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों की जीत अमेरिकी की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के पांच भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और एमी बेरा ने मध्यावधि चुनाव में जीत दर्ज कर अमेरिकी की प्रतिनिधि सभा में अपनी जगह पक्की कर ली है। कई भारतीय-अमेरिकियों ने राज्य विधायिका चुनाव में भी जीत दर्ज की। भारतीय-अमेरिकी उद्यमी एवं राजनेता श्री थानेदार मिशिगन से कांग्रेस के लिए चुनाव जीतने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बने। उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार मार्टेल बिविंग्स को मात दी। थानेदार (67) अभी मिशिगन के तीसरे जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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माले में भीषण आग में 10 लोगों की मौत, मृतकों में भारतीय भी शामिल
International माले में भीषण आग में 10 लोगों की मौत, मृतकों में भारतीय भी शामिल

माले में भीषण आग में 10 लोगों की मौत, मृतकों में भारतीय भी शामिल माले में एक ‘गैराज’ में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए। इस इमारत की पहली मंजिल पर प्रवासी मजदूर रहते थे। मीडिया की एक खबर में यह जानकारी दी गई। जान गंवाने वालों में भारतीय नागरिकों के शामिल होने की भी आशंका है। भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘‘ माले में आग लगने की घटना के बारे में सुनकर दुखी हैं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई और उनमें कथित तौर पर भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। हम मालदीव के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।’’

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‘लॉन्ग मार्च’ के दौरान हुए हमले में शामिल दूसरे सैन्य अधिकारी के नाम का खुलासा करेंगे इमरान
International ‘लॉन्ग मार्च’ के दौरान हुए हमले में शामिल दूसरे सैन्य अधिकारी के नाम का खुलासा करेंगे इमरान

‘लॉन्ग मार्च’ के दौरान हुए हमले में शामिल दूसरे सैन्य अधिकारी के नाम का खुलासा करेंगे इमरान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने ऊपर हुए हमले के मामले में दूसरे सैन्य अधिकारी के नाम का खुलासा करने की बुधवार को धमकी दी। खान (70) पर बृहस्पतिवार को पंजाब प्रांत के वजीराबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ ‘लॉन्ग मार्च’ के दौरान हमला हुआ था, जिसमें उनके दाहिने पैर में गोलियां लगी थीं।

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जी-20 शिखर सम्मेलन  हिस्सा नहीं लेंगे रूस के राष्ट्रपति पुतिन
International जी-20 शिखर सम्मेलन हिस्सा नहीं लेंगे रूस के राष्ट्रपति पुतिन

जी-20 शिखर सम्मेलन हिस्सा नहीं लेंगे रूस के राष्ट्रपति पुतिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ संभावित टकराव से बचने के लिए इंडोनेशिया में अगले सप्ताह होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। इंडोनेशियाई सरकार के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित कई वैश्विक नेता 15 नवंबर से इंडोनेशिया की राजधानी बाली में शुरू हो रहे दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

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फिर से राष्ट्रपति पद के चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला परिवार का : बाइडन
International फिर से राष्ट्रपति पद के चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला परिवार का : बाइडन

फिर से राष्ट्रपति पद के चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला परिवार का : बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि वह 2024 में फिर से राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन इस संबंध में ‘‘अंतिम फैसला परिवार का होगा।’’ उन्होंने संकेत दिया कि फिर से चुनाव लड़ने के संबंध में फैसला क्रिसमस-नववर्ष के आसपास किया जा सकता है। व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में बाइडन ने कहा, ‘‘हमारी मंशा फिर से चुनाव लड़ने की है। इस चुनाव का परिणाम चाहे कुछ भी रहता, हमारी मंशा पहले से ही फिर चुनाव लड़ने की थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रदर्शन सभी की आशाओं से बढ़कर बहुत अच्छा रहा है और यहां तक कि जॉन एफ.

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डेमोक्रेटिक उम्मीदवार श्री थानेदार ने जीता अमेरिकी प्रतिनिधिसभा चुनाव
International डेमोक्रेटिक उम्मीदवार श्री थानेदार ने जीता अमेरिकी प्रतिनिधिसभा चुनाव

डेमोक्रेटिक उम्मीदवार श्री थानेदार ने जीता अमेरिकी प्रतिनिधिसभा चुनाव डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार श्री थानेदार अमेरिका की प्रतिनिधिसभा में चुने जाने वाले पांचवें और मिशिगन से चुने गए पहले भारतीय अमेरिकी हैं। उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार मार्टेल बिविंग्स को हराया है। थानेदार (67) फिलहाल मिशिगन सदन में तीसरे जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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तुर्किये में एक घर में लगी भीषण आग, हादसे में परिवार के आठ सीरियाई शरणार्थी बच्चों की मौत
International तुर्किये में एक घर में लगी भीषण आग, हादसे में परिवार के आठ सीरियाई शरणार्थी बच्चों की मौत

तुर्किये में एक घर में लगी भीषण आग, हादसे में परिवार के आठ सीरियाई शरणार्थी बच्चों की मौत उत्तर पश्चिमी तुर्किये में एक घर में हीटर के कारण आग लगने की घटना में एक महिला और छह सीरियाई शरणार्थी बच्चों की झुलसकर मौत हो गई। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। गवर्नर याकुप कैनबोलाट ने कहा, बर्सा प्रांत के यिल्दिरिम जिले में एक चार मंजिला इमारत की पहली मंजिल में मंगलवार की देर रात आग लग गई। पीड़ितों में एक वर्ष से लेकर 10 साल की उम्र के छह भाई-बहन, उनकी 31 वर्षीय मां और 10 और 11 साल की दो चचेरी बहनें थीं।

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रूस से दूरी बनाने के दौरान भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध: अमेरिका
International रूस से दूरी बनाने के दौरान भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध: अमेरिका

रूस से दूरी बनाने के दौरान भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध: अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन नीत अमेरिकी सरकार का कहना है कि वह रूस से दूरी बनाने के दौरान भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। व्हाइट हाउस के अनुसार, ऐसे कई देश हैं जिन्होंने इस कठिन तथ्य को पहचान लिया है कि रूस ऊर्जा या सुरक्षा क्षेत्र में विश्वसनीय स्रोत नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब रूस के साथ भारत के संबंधों की बात आती है, तो अमेरिका ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि यह एक ऐसा रिश्ता है, जो कई दशकों में विकसित और मजबूत हुआ है। और वास्तव में यह शीत युद्ध के दौरान बना और मजूबत हुआ जब अमेरिका, भारत के लिए आर्थिक, सुरक्षा व सैन्य भागीदार बनने की स्थिति में नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘अब परिस्थितियां बदल गई हैं। पिछले 25 साल में इसमें बदलाव आया है। यह वास्तव में एक विरासत है, एक द्विपक्षीय विरासत, जिसे इस देश ने पिछले 25 साल में हासिल किया है। वास्तव में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू.

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यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने वाले प्रस्ताव पर मतदान करेगा संरा
International यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने वाले प्रस्ताव पर मतदान करेगा संरा

यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने वाले प्रस्ताव पर मतदान करेगा संरा संयुक्त राष्ट्र महासभा यूक्रेन पर हमला कर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने वाले एक प्रस्ताव पर सोमवार को मतदान करेगी। इस प्रस्ताव में रूस द्वारा क्षतिपूर्ति का भुगतान करने का भी प्रावधान है। प्रस्ताव के मसौदे में यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘‘गलत कृत्यों’’ से हुए ‘‘नुकसान या चोट के लिए क्षतिपूर्ति का एक अंतरराष्ट्रीय तंत्र’’ स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार रखने वाले रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही उसके ज्यादातर प्रस्तावों में रोड़ा अटकाया है। लेकिन महासभा में कोई वीटो नहीं है और उसने रूसी आक्रमण की आलोचना करते हुए पहले ही चार प्रस्ताव पारित किए हैं। सुरक्षा परिषद की तुलना में महासभा के प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्य नहीं हैं लेकिन वे दुनिया की राय और रूस के सैन्य कदमों के व्यापक विरोध को दर्शाते हैं।

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अमेरिका की चुनाव प्रणाली सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि वह लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं
International अमेरिका की चुनाव प्रणाली सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि वह लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं

अमेरिका की चुनाव प्रणाली सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि वह लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं जब लोग चुनाव को सुरक्षित बनाने के बारे में सोचते हैं , वे अक्सर वोटिंग मशीन, साइबर सुरक्षा और यांत्रिक खतरों के बारे में सोचते हैं। वे लोगों के बारे में नहीं सोचते। 2016 के बाद से, जब कंप्यूटर हैकिंग के सबूत थे जो चुनाव के परिणामों को प्रभावित नहीं करते थे, संघीय सरकार ने चुनावों को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे कि चुनाव प्रणाली को रक्षा उद्योग, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और राजमार्गों की तरह ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण घोषित करना। इसने राज्य और स्थानीय अधिकारियों को उपकरण खरीदने और चुनावों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए संघीय वित्त पोषण और तकनीकी सहायता के लिए आवेदन करने का मौका दिया। इन उपायों ने काफी हद तक काम किया है। मतदान प्रणाली के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संघीय, राज्य और स्थानीय चुनाव प्राधिकरणों द्वारा नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है। दो दर्जन राज्य एक दशक से अधिक पुरानी वोटिंग मशीनों पर निर्भर हैं, जो आम तौर पर उनका जीवनकाल मानाजाता है। लेकिन 2014 में ऐसे राज्यों की संख्या 43 थी, और पुरानी मशीनों में ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करने के चल रहे प्रयासों का मतलब चुनाव के दिन कम गड़बड़ियां और खराबी है। बेहतर कंप्यूटर सिस्टम ने मतदाता पंजीकरण प्रक्रियाओं की दक्षता को बेहतर बना दिया है, और मतदाता सूची के रखरखाव और अद्यतन के साथ-साथ उन्हें और अधिक सुरक्षित बना दिया है। चुनावों में समस्याओं की संभावना हमेशा बनी रहती है, लेकिन चुनाव के दिन की कठिनाइयाँ पहले की तुलना में बहुत कम होती हैं। ये सभी महत्वपूर्ण कदम हैं। लेकिन मतदान प्रणाली के एक विद्वान के रूप में, मेरा मानना ​​है कि चुनावों की मशीनरी पर ध्यान केंद्रित करने से देश के चुनावों के लिए एक अलग खतरा छिपा हुआ है: स्थानीय चुनाव प्रशासक तेजी से कठिन परिस्थितियों में, घटते संसाधनों और बढ़ती चुनौतियों के साथ काम करते हैं। एक गैर-लाभकारी चुनाव सुधार समूह, सेंटर फॉर टेक एंड सिविक लाइफ द्वारा किए गए स्थानीय चुनाव अधिकारियों के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि उनमें से केवल 2 प्रतिशत का कहना है कि उनके पास वह सब कुछ है जो उनके काम के लिए आवश्यक है। अमेरिकी चुनाव स्थानीय स्तर पर प्रशासित होते हैं - प्रत्येक काउंटी, या यहां तक ​​कि नगर पालिका के अपने नियम होते हैं, और उन्हें निष्पादित करने के लिए अपने स्वयं के अधिकारी होते हैं। काम आकर्षक नहीं है - कुछ सालाना 20,000 अमरीकी डालर जितना कमा पाते हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 50,000 अमरीकी डालर है। चुनाव कार्य से जुड़ने की कुछ खास महिमा नहीं हैं। क्लर्क और रजिस्ट्रार जैसे शीर्षकों के साथ, ये नौकरियां आमतौर पर एक बड़े राजनीतिक करियर की शुरूआत नहीं मानी जातीं। जो लोग इन पदों को लेते हैं वे आम तौर पर सेवा-भाव के साथ ऐसा करते हैं और उनकी भावना अपने समुदाय के लिए कुछ करने की होती है। उनकी राजनीतिक प्राथमिकताएं हो सकती हैं, लेकिन कम से कम हाल के वर्षों तक, वे शायद पूरी चुनावी प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों की पक्षपातपूर्ण राजनीति से सबसे कम प्रेरित हैं। चुनाव अधिकारियों का खुद नियमों पर बहुत कम नियंत्रण होता है। वे कानून निर्माता नहीं होते। उनका काम दो मुख्य लक्ष्यों को संतुलित करते हुए नियमों को यथासंभव कुशलता से लागू करना है: मतदान पहुंच और चुनावी निष्पक्षता।

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विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने अमेरिका की विदेश उपमंत्री शर्मन से की मुलाकात
International विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने अमेरिका की विदेश उपमंत्री शर्मन से की मुलाकात

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने अमेरिका की विदेश उपमंत्री शर्मन से की मुलाकात भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यहां अमेरिका की विदेश उपमंत्री वेंडी शर्मन से मुलाकात की और द्विपक्षीय सुरक्षा व क्षेत्रीय सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों, हिंद-प्रशांत और यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को बताया कि बैठक के दौरान शर्मन ने रूस के अवैध आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता को रेखांकित किया। प्राइस ने कहा, ‘‘उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के माध्यम से क्षेत्रीय और बहुपक्षीय समन्वय में सुधार के तरीकों पर भी चर्चा की।’’

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हथियारों के वैश्विक व्यापार में दबदबा बनाने के लिए हवाई शो में चीन ने किया प्रदर्शन
International हथियारों के वैश्विक व्यापार में दबदबा बनाने के लिए हवाई शो में चीन ने किया प्रदर्शन

हथियारों के वैश्विक व्यापार में दबदबा बनाने के लिए हवाई शो में चीन ने किया प्रदर्शन हथियारों के वैश्विक व्यापार में बड़ी भूमिका निभाने, ‘बोइंग’ और ‘एअरबस’ के साथ प्रतिस्पर्धा करने के मकसद से चीन मंगलवार से शुरू हुए हवाई शो में नवीनतम पीढ़ी के लड़ाकू जेट और विमान प्रदर्शित कर रहा है। वर्तमान में चीन दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक है और एक विस्तारित घरेलू उद्योग द्वारा इसे रूस पर अपनी पूर्व निर्भरता कम करने का अवसर प्राप्त हुआ है। अलग-अलग देशों से समर्थन मिलने के कारण चीन अब ड्रोन, युद्धक विमानों और मिसाइल रक्षा प्रणालियों के साथ-साथ इसके प्रमुख, शीत युद्ध-युग के ज़मीनी हथियार और गोला-बारूद बेचने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा है। मंगलवार से शुरू हुए इस प्रदर्शन में सैन्य विमानों में जे-20 स्टील्थ फाइटर और यू -20 हवाई टैंकर शामिल हैं।

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जनगणना में कहा गया है कि भारतीयों में इंग्लैंड और वेल्स में विदेशी मूल के निवासियों की संख्या सबसे अधिक है
International जनगणना में कहा गया है कि भारतीयों में इंग्लैंड और वेल्स में विदेशी मूल के निवासियों की संख्या सबसे अधिक है

जनगणना में कहा गया है कि भारतीयों में इंग्लैंड और वेल्स में विदेशी मूल के निवासियों की संख्या सबसे अधिक है देश के 2021 की जनगणना के आधार पर नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल इंग्लैंड और वेल्स में रहने वाले छह लोगों में से एक का जन्म देश के बाहर हुआ था और 1.

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तुर्की से लगी सीमा पर बुल्गारियाई सीमा पुलिस के अधिकारी की गोली मारकर हत्या
International तुर्की से लगी सीमा पर बुल्गारियाई सीमा पुलिस के अधिकारी की गोली मारकर हत्या

तुर्की से लगी सीमा पर बुल्गारियाई सीमा पुलिस के अधिकारी की गोली मारकर हत्या तुर्की से लगती सीमा पर बुल्गारिया के एक पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बुल्गारिया के गृह मंत्री इवान देमेरदझीव ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह घटना सोमवार रात करीब 8.

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फुकुशिमा आपदा संबंधी सरकारी धन की वापसी में देरी
International फुकुशिमा आपदा संबंधी सरकारी धन की वापसी में देरी

फुकुशिमा आपदा संबंधी सरकारी धन की वापसी में देरी जापान सरकार ने कहा है कि फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र आपदा को लेकर सफाई और मुआवजे से संबंधित 68 अरब डॉलर से अधिक के सरकारी धन की वापसी में देरी हुई है। बोर्ड ऑफ ऑडिट ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि देरी तकनीकी कठिनाइयों और तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (टेपको) होल्डिंग्स की बिगड़ती वित्तीय स्थिति के चलते हुई है। इसने कहा कि पूरी प्रक्रिया में 40 साल से अधिक समय लग सकता है।

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भारत निर्मित दवा कोरोना वायरस प्रोटीन से हृदय को पहुंचे नुकसान को कर सकती है ठीक
International भारत निर्मित दवा कोरोना वायरस प्रोटीन से हृदय को पहुंचे नुकसान को कर सकती है ठीक

भारत निर्मित दवा कोरोना वायरस प्रोटीन से हृदय को पहुंचे नुकसान को कर सकती है ठीक फल मक्खियों और चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित एक दवा कोरोना वायरस के एक प्रोटीन के कारण हृदय को होने वाली क्षति को ठीक कर सकती है। मैरीलैंड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पहचाना कि कैसे सार्स-कोव-2 यानी कोरोना वायरस का एक विशिष्ट प्रोटीन हृदय के ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है। फिर उन्होंने हृदय पर उस प्रोटीन के विषाक्त प्रभाव को उलटने के लिए 2डीजी नामक दवा का उपयोग किया। डीआरडीओ के सहयोग से डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज द्वारा विकसित 2डीजी मुंह से ली जाने वाली दवा है। कोरोना वायरस ऊर्जा के लिए ग्लाइकोलाइसिस या ग्लूकोज के टूटने पर निर्भर करता है। दवा ग्लाइकोलाइसिस की प्रक्रिया में बाधा डालती है और वायरस के विकास को रोकती है। अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 से पीड़ित लोगों में संक्रमण के बाद कम से कम एक साल तक हृदय की मांसपेशियों में सूजन, हृदय के असामान्य रूप से धड़कने, रक्त के थक्के, स्ट्रोक, दिल के दौरे और हृदय गति रुकने का काफी अधिक जोखिम रहता है। अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय, बाल्टीमोर के वैज्ञानिकों ने हृदय पर सार्स-कोव-2 वायरस प्रोटीन के विषाक्त प्रभाव को उलटने के लिए एक दवा का इस्तेमाल किया। संबंधित अध्ययन रिपोर्ट के वरिष्ठ लेखक जे हान ने कहा, हमारे अनुसंधान से पता चलता है कि सार्स-कोव-2 प्रोटीन शरीर में विशिष्ट ऊतकों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं- जैसा कि एचआईवी और जीका जैसे अन्य वायरस के मामले में होता है। इस मामले में फल मक्खियों और चूहों की हृदय कोशिकाओं पर किए गए अध्ययन की रिपोर्ट नेचर कम्युनिकेशंस बायलॉजी में प्रकाशित हुई है। हालांकि दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 बीमारी की गंभीरता को कम करने के लिए तेजी से टीके और दवाएं विकसित कीं, लेकिन अध्ययन में कहा गया है कि ये उपचार हृदय या अन्य अंगों को उस नुकसान से नहीं बचाते हैं जो किसी हल्के संक्रमण से भी हो सकता है। पिछले साल, हान और उनकी टीम ने फल मक्खियों और मानव कोशिकाओं का उपयोग करके अध्ययन में कोरोना वायरस के सबसे जहरीले प्रोटीन की पहचान की। अध्ययन के अनुसार, उन्होंने पाया कि दवा सेलाइनेक्सर इन प्रोटीन में से एक की विषाक्तता को कम करती है, लेकिन दूसरे की नहीं, जिसे एनएसपी6 के रूप में जाना जाता है। अपने नवीनतम अध्ययन में, उन्होंने पाया कि फल मक्खी के हृदय में एनएसपी6 सबसे जहरीला कोरोना वायरस प्रोटीन निकला। इस अध्ययन के अनुसार, अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि एनएसपी6 प्रोटीन ने ग्लाइकोलाइसिस प्रक्रिया को चालू करने के लिए फल मक्खी की कोशिकाओं को उसके दिल में नियंत्रित कर लिया, जो कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए शर्करा ग्लूकोज को जलाने में सक्षम बनाता है।

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विश्व के नेताओं ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की वकालत की
International विश्व के नेताओं ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की वकालत की

विश्व के नेताओं ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की वकालत की विश्व के नेता मंगलवार को ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई की वकालत कर रहे हैं। इस साल मिस्र में अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ता में मांग उठी है कि जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल करने वाली कंपनियां इस धरती को पहुंचाए गए नुकसान के ऐवज में शुल्क अदा करें। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सोमवार को चेतावनी दी कि मानव जातितेजी से जलवायु संबंधी संकट की ओर बढ़ रही है। उन्होंने और बारबाडोस के प्रधानमंत्री मियां मोटले जैसे अन्य नेताओं ने कहा कि समय आ गया है कि जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल करने वाली कंपनियां उस कोष में योगदान दें जिससे कमजोर देशों की जलवायु संबंधी नुकसान से निपटने के लिए वित्तीय सहायता देने में मदद की जा सकेगी। पहली बार ऐसा हुआ है कि इस साल संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन में प्रतिनिधि विकासशील देशों की इन मांगों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि अमीर, सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले देश जलवायु परिवर्तन से उन्हें हुए नुकसान के ऐवज में मुआवजा दें। जलवायु वार्ता में इसे ‘नुकसान और क्षतिपूर्ति’ कहा जाता है। अमेरिका में मध्यावधि चुनाव का भी मंगलवार की वार्ता पर असर पड़ सकता है। अनेक पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में डेमोक्रेटों की हार होने की स्थिति में राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए उनके महत्वाकांक्षी जलवायु एजेंडा को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। मिस्र के जेल में बंद प्रतिष्ठित लोकतंत्र समर्थक नेता अला आब्देल-फतह के भविष्य को लेकर भी सम्मेलन में चर्चा हो रही है। फतह ने लंबे समय से चल रही अपनी भूख हड़ताल तेज कर दी है और उनके परिवार ने दुनिया के नेताओं से उनकी रिहाई में मदद की गुहार लगाई है। अला आब्देल-फतह ने सम्मेलन के पहले दिन रविवार को अपने अनशन को आगे बढ़ाते हुए पानी पीना भी बंद कर दिया। परिवार के मुताबिक उन्होंने कहा कि अगर रिहा नहीं किया गया तो जान दे देंगे। असंतोष को दबाने के मिस्र के लंबे इतिहास के कारण सीओपी27 नामक इस वार्षिक सम्मेलन की उसकी मेजबानी पर विवाद खड़ा हो गया है। अनेक अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ताओं ने शिकायत की है कि मेजबान देश की पाबंदियां सामाजिक कार्यकर्ताओं को चुप कराने के लिए हैं। मंगलवार को सम्मेलन के मंच पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत दुनिया के अनेक नेता शिरकत कर सकते हैं। पाकिस्तान में बीती गर्मी के मौसम में आई भयावह बाढ़ से कम से कम 40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। सम्मेलन में भाषणों के बाद प्रतिनिधि विभिन्न विषयों पर मंथन करेंगे जिनमें पहली बार क्षतिपूर्ति पर चर्चा होगी। नाइजीरिया के पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अब्दुल्लाही ने धनवान देशों से अपील की है कि जलवायु परिवर्तन से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों की मदद के लिए सकारात्मक प्रतिबद्धता जताएं। गरीब देशों के नेताओं ने इस मुद्दे को न्यायपूर्ण बताया है। इनमें फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों भी शामिल हैं। तंजानियाई राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन ने कहा, ‘‘दुनिया के हमारे हिस्से को जीवन और मौत में से किसी को चुनना होगा।’’ अला आब्देल-फतह की सबसे छोटी बहन साना सैफ अपने भाई तथा जेल में बंद अन्य कार्यकर्ताओं का पक्ष रखने के लिए शर्म-अल-शेख में डेरा डाले हुए हैं। वह एक समारोह में एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्निस कालामार्ड के साथ मिस्र के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर भाषण दे सकती हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि उन्होंने सोमवार को मिस्र के राष्ट्रपति आब्देल-फतह अल-सीसी के साथ बातचीत में अला आब्देल-फतह के विषय को उठाया था।

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सार्स-कोव-2 वायरस से कैसे होता है हृदय को नुकसान
International सार्स-कोव-2 वायरस से कैसे होता है हृदय को नुकसान

सार्स-कोव-2 वायरस से कैसे होता है हृदय को नुकसान सार्स-कोव-2 वायरस हृदय के ऊतकों को कैसे नुकसान पहुंचाता है, इसके पीछे के तंत्र की वैज्ञानिकों ने पहचान की है। अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 से पीड़ित लोगों में संक्रमण के बाद कम से कम एक साल तक हृदय की मांसपेशियों में सूजन, हृदय के असामान्य रूप से धड़कने, रक्त के थक्के, स्ट्रोक, दिल के दौरे और हृदय गति रुकने का काफी अधिक जोखिम रहता है। अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय, बाल्टीमोर के वैज्ञानिकों ने हृदय पर सार्स-कोव-2 वायरस प्रोटीन के विषाक्त प्रभाव को उलटने के लिए एक दवा का इस्तेमाल किया।

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सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इमरान खान पर हमले को लेकर पाकिस्तान पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी
International सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इमरान खान पर हमले को लेकर पाकिस्तान पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी

सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इमरान खान पर हमले को लेकर पाकिस्तान पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए हमले के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। उच्चतम न्यायालय ने प्रांतीय सरकार को मामले में 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने का सोमवार को आदेश दिया था। मामले में हिरासत में लिए गए हमलवार नवीद मोहम्मद बशीर को प्राथमिकी में मुख्य आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है और उसके खिलाफ आतकंवाद रोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग कोविड वैक्सीन लेने की झिझक बढ़ा सकता है
International सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग कोविड वैक्सीन लेने की झिझक बढ़ा सकता है

सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग कोविड वैक्सीन लेने की झिझक बढ़ा सकता है हमारे नए प्रकाशित शोध के अनुसार, जो लोग सोशल मीडिया पर बहुत सारी खबरें देखते या पढ़ते हैं, उनके कोविड-19 टीकों पर संदेह करने की संभावना अधिक होती है और टीकाकरण कराने में भी संकोच होता है। लेकिन हमने पाया कि उच्च स्तर की समाचार साक्षरता वाले सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को कोविड-19 शॉट्स में अधिक विश्वास है। अन्य शोधों में पाया गया है कि सोशल मीडिया पर भारी निर्भरता ने व्यक्तियों को कोविड-19 के बारे में गलत सूचनाएं दी, विशेष रूप से टीकों की प्रभावकारिता के बारे में। 2020 में महामारी के दौरान, हमने मापा कि एक सुरक्षित और प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन के विकास के बारे में सोशल मीडिया उपयोगकर्ता कितने संशय में थे और यदि यह उपलब्ध होता तो उनके वैक्सीन लगवाने की कितनी संभावना होती। हमने नौ प्रश्न पूछकर प्रतिभागियों की समाचार साक्षरता का भी आकलन किया, जिससे यह पता चला कि पत्रकारिता कैसे काम करती है, इसके बारे में वे कितना जानते हैं - उदाहरण के लिए, यह पहचानना कि किन प्रकाशनो ने समेकित समाचारों के विपरीत अपनी रिपोर्टिंग की, और कौन से प्रकाशन लाभ के लिए थे। आप मीडिया साक्षरता के अपने स्तर का परीक्षण करने के लिए प्रश्नोत्तरी में भाग ले सकते हैं। हमारे अध्ययन में, समाचार साक्षरता के निम्न स्तर वाले प्रतिभागियों ने, जिन्होंने औसतन नौ प्रश्नों में से केवल तीन का सही उत्तरदिया, मध्यम (चार से छह सही उत्तर) या उच्च (सात या अधिक सही उत्तर) स्तर वाले लोगों की तुलना में वैक्सीन लेने के प्रति अधिक हिचकिचाहट दिखाई। हमारा अनुमान है कि कोविड-19 टीकों की प्रभावकारिता के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से फैलने वाले गलत और दुष्प्रचार लोगों में वैक्सीन लेने की झिझक पैदा करता है, खासकर उन लोगों के बीच जो झूठी और वास्तविक खबरों के बीच फर्क करने के बारे में कम जानकार हैं। हमारा निष्कर्ष अन्य शोधकर्ताओं के निष्कर्ष के साथ फिट बैठता है कि मीडिया साक्षरता बढ़ाना गलत सूचना के खिलाफ एक प्रभावी हस्तक्षेप है। यह क्यों मायने रखती है महामारी के दौरान, लोगों ने मनोरंजन, तनाव कम करने और कोरोनावायरस से संबंधित समाचारों के लिए सोशल मीडिया पर बहुत अधिक भरोसा किया। उदाहरण के लिए, प्यू रिसर्च सेंटर की 2021 की रिपोर्ट में पाया गया कि लगभग आधे अमेरिकियों ने कोविड-19 के बारे में खबरों के लिए सोशल मीडिया पर भरोसा किया। नतीजतन, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को कोरोनावायरस के बारे में गलत सूचना का सामना करना पड़ा, साथ ही साथ कोविड-19 से संबंधित वैज्ञानिकों और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में संदेह बढ़ रहा था। सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य संबंधी गलत सूचना लोगों को टीके जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों के बारे में गलत धारणाओं को विकसित करने में मदद कर सकती है। अमेरिका में टीकों की व्यापक उपलब्धता के बावजूद, केवल 49% आबादी ने प्राथमिक कोविड-19 श्रृंखला पूरी की थी और 19 अक्टूबर, 2022 तक बूस्टर शॉट प्राप्त किया था।

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पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट’ प्रदर्शनी में भाग ले रहा भारत
International पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट’ प्रदर्शनी में भाग ले रहा भारत

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट’ प्रदर्शनी में भाग ले रहा भारत लंदन में आयोजित दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रदर्शनियों में शुमार ‘वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट’ (डब्ल्यूटीएम) में भारत के एक भव्य पवेलियन की शुरुआत की गई है, जिसमें देश के विविध पर्यटन उत्पादों व सेवाओं को प्रदर्शित किया जा रहा है। पर्यटन मंत्रालय ने कहा कि इसका उद्देश्य विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के बाद पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना है। अगले महीने भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने वाली है, जिसके जरिए भी देश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद की जा रही है।

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पाकिस्तान सरकार ने कहा पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में हत्या
International पाकिस्तान सरकार ने कहा पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में हत्या

पाकिस्तान सरकार ने कहा पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में हत्या पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने मंगलवार को कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में “हत्या की गई” और यह गलत पहचान का मामला नहीं है, जैसा कि स्थानीय पुलिस ने दावा किया है। शरीफ (49) ‘एआरवाई’ टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर और टीवी एंकर थे और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ निकटता के लिए जाने जाते थे। पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने इस साल की शुरुआत में उनके खिलाफ देशद्रोह और “राजद्रोह” के आरोप में मामला दर्ज किया था, जिसके बाद वह केन्या भाग गए थे।

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अमेरिका की चुनाव प्रणाली सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि वह लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं
International अमेरिका की चुनाव प्रणाली सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि वह लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं

अमेरिका की चुनाव प्रणाली सिर्फ मशीनें नहीं बल्कि वह लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं हैम्पशायर। जब लोग चुनाव को सुरक्षित बनाने के बारे में सोचते हैं , वे अक्सर वोटिंग मशीन, साइबर सुरक्षा और यांत्रिक खतरों के बारे में सोचते हैं। वे लोगों के बारे में नहीं सोचते। 2016 के बाद से, जब कंप्यूटर हैकिंग के सबूत थे जिसने चुनाव परिणाम को प्रभावित नहीं किया, संघीय सरकार ने चुनावों को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे कि चुनाव प्रणाली को रक्षा उद्योग, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और राजमार्गों की तरह ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण घोषित करना। इसने राज्य और स्थानीय अधिकारियों को उपकरण खरीदने और चुनावों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए संघीय वित्त पोषण और तकनीकी सहायता के लिए आवेदन करने का मौका दिया। इन उपायों ने काफी हद तक काम किया है। मतदान प्रणाली के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संघीय, राज्य और स्थानीय चुनाव प्राधिकरणों द्वारा नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है। दो दर्जन राज्य एक दशक से अधिक पुरानी वोटिंग मशीनों पर निर्भर हैं, जो आम तौर पर उनका जीवनकाल मानाजाता है। लेकिन 2014 में ऐसे राज्यों की संख्या 43 थी, और पुरानी मशीनों में ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करने के चल रहे प्रयासों का मतलब चुनाव के दिन कम गड़बड़ियां और खराबी है। इसे भी पढ़ें: ऩॉर्थ कोरिया ने रूस को गोला बारूद की आपूर्ति करने के आरोपों को लेकर अमेरिका पर साधा निशानाबेहतर कंप्यूटर सिस्टम ने मतदाता पंजीकरण प्रक्रियाओं की दक्षता को बेहतर बना दिया है, और मतदाता सूची के रखरखाव और अद्यतन के साथ-साथ उन्हें और अधिक सुरक्षित बना दिया है। चुनावों में समस्याओं की संभावना हमेशा बनी रहती है, लेकिन चुनाव के दिन की कठिनाइयाँ पहले की तुलना में बहुत कम होती हैं। ये सभी महत्वपूर्ण कदम हैं। लेकिन मतदान प्रणाली के एक विद्वान के रूप में, मेरा मानना ​​है कि चुनावों की मशीनरी पर ध्यान केंद्रित करने से देश के चुनावों के लिए एक अलग खतरा छिपा हुआ है: स्थानीय चुनाव प्रशासक तेजी से कठिन परिस्थितियों में, घटते संसाधनों और बढ़ती चुनौतियों के साथ काम करते हैं। एक गैर-लाभकारी चुनाव सुधार समूह, सेंटर फॉर टेक एंड सिविक लाइफ द्वारा किए गए स्थानीय चुनाव अधिकारियों के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि उनमें से केवल 2 प्रतिशत का कहना है कि उनके पास वह सब कुछ है जो उनके काम के लिए आवश्यक है। अमेरिकी चुनाव स्थानीय स्तर पर प्रशासित होते हैं - प्रत्येक काउंटी, या यहां तक ​​कि नगर पालिका के अपने नियम होते हैं, और उन्हें निष्पादित करने के लिए अपने स्वयं के अधिकारी होते हैं। काम आकर्षक नहीं है - कुछ सालाना 20,000 अमरीकी डालर जितना कमा पाते हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 50,000 अमरीकी डालर है। चुनाव कार्य से जुड़ने की कुछ खास महिमा नहीं हैं। क्लर्क और रजिस्ट्रार जैसे शीर्षकों के साथ, ये नौकरियां आमतौर पर एक बड़े राजनीतिक करियर की शुरूआत नहीं मानी जातीं। जो लोग इन पदों को लेते हैं वे आम तौर पर सेवा-भाव के साथ ऐसा करते हैं और उनकी भावना अपने समुदाय के लिए कुछ करने की होती है। उनकी राजनीतिक प्राथमिकताएं हो सकती हैं, लेकिन कम से कम हाल के वर्षों तक, वे शायद पूरी चुनावी प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों की पक्षपातपूर्ण राजनीति से सबसे कम प्रेरित हैं। चुनाव अधिकारियों का खुद नियमों पर बहुत कम नियंत्रण होता है। वे कानून निर्माता नहीं होते। उनका काम दो मुख्य लक्ष्यों को संतुलित करते हुए नियमों को यथासंभव कुशलता से लागू करना है: मतदान पहुंच और चुनावी निष्पक्षता। अमेरिकी राजनीति में इन दोनों लक्ष्यों को अक्सर प्रतिद्वंद्वियों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन चुनाव प्रशासक दोनों लक्ष्यों को एक साथ प्राप्त करने की क्षमता देखते हैं और प्रत्येक चुनाव में उन्हें संतुलित करने के लिए काम करते हैं। उनके काम की केंद्रीय चुनौती उनके सामने पेश की गई कई बाधाओं का समाधान खोजना है ताकि न तो पहुंच और न ही निष्पक्षता का त्याग किया जा सके। इसे भी पढ़ें: अमेरिका में मध्यावधि चुनाव, जानिए 2024 के राष्ट्रपति चुनने पर इसका क्या पड़ेगा असरशीघ्र मतदान के लिए मतदान स्थलों को लंबे समय तक खुला रखना होता है; चुनाव के दिन के लिए व्यक्तिगत रूप से मतदान, संभावित भीड़ को संभालने के लिए विभिन्न स्थानों और स्टाफ संख्या की आवश्यकता होती है। मतदाताओं और मतपत्रों को कुशलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से आगे बढ़ना होता है, जिसके लिए सभी को व्यवस्थित योजना और रचनात्मक समस्या-समाधान की आवश्यकता होती है। लेकिन ये लोग काफी दबाव में होते हैं। दबाव के क्षेत्र कई चुनाव अधिकारी स्थायी कार्यालय स्थापित करने या पूर्णकालिक कर्मचारियों को नियुक्त करने का जोखिम नहीं उठा सकते। कुछ रिपोर्ट में इंटरनेट एक्सेस और बुनियादी आपूर्ति जैसे प्रिंटर, स्कैनर और यहां तक ​​कि डेस्क की कमी दिखाई गई है। और मशीनों की बात करें तो, कई को उसके लिए भी पर्याप्त पैसा नहीं मिलता है - एक बड़ी प्रतिशत रिपोर्ट एक दशक से अधिक समय में उन्नत तकनीक हासिल करने में सक्षम नहीं है। कई तो यह भी कहते हैं कि नए कानून में आवश्यक परिवर्तनों को लागू करने के लिए धन नहीं है। सबसे छोटे क्षेत्राधिकार सबसे कठिन हैं: 5,000 याउससे कम मतदाताओं वाले आधे से अधिक क्षेत्रों ने चुनाव कार्यालय में पूर्णकालिक कर्मचारी नहीं होने की सूचना दी। बड़े क्षेत्राधिकार में अधिकतम 10 कर्मचारी हो सकते हैं, लेकिन जिम्मेदारियां बहुत अधिक हैं, क्योंकि ये अधिकारी 250,000 से अधिक मतदाताओं के लिए चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार हैं। अखंडता के प्रश्न हाल के वर्षों में, चुनाव अधिकारियों को सार्वजनिक रिकॉर्ड अनुरोधों में वृद्धि और चुनाव परिणामों के लिए अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें पुनर्गणना की मांग भी शामिल है। व्यक्तिगत धमकियां इन लॉजिस्टिक चुनौतियों के अलावा, चुनाव अधिकारियों को भी महत्वपूर्ण व्यक्तिगत हमलों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनकी नौकरी बढ़ती राजनीतिक जांच और कभी-कभी हमले के दायरे में आ जाती है। ब्रेनन सेंटर द्वारा किए गए 2021 के सर्वेक्षण में, 6 स्थानीय चुनाव अधिकारियों में से 1 ने अपनी नौकरी से संबंधित खतरों को झेलने की सूचना दी, इनमें से आधे खतरे ऑनलाइन या फोन के बजाय व्यक्तिगत रूप से आते हैं। चुनाव प्रशासकों को भी राजनीतिक हस्तियों के दबाव का सामना करना पड़ता है: लगभग आधे को डर था कि आगामी चुनाव में उन पर एक विशिष्ट उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव तय करने के लिए दबाव डाला जाएगा। तमाम कारणों से उपजा तनाव एक चरम बिंदु पर पहुंच गया है, देश के स्थानीय चुनाव अधिकारियों में से 5 में से 1 के 2024 से पहले अपनी नौकरी छोड़ने की संभावना है। वे अपने साथ अनुभव का खजाना ले जाएंगे जिसे आसानी से दोबारा हासिल नहीं किया सकेगा।

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