घर के क्लेश ने कर दी है सुख-शांति भंग, तो यह उपाय आएंगे आपके काम
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घर के क्लेश ने कर दी है सुख-शांति भंग, तो यह उपाय आएंगे आपके काम व्यक्ति के जीवन में सबसे जरूरी होता है कि उसके घर में हमेशा सुख-शांति और खुशहाली भरा माहौल रहें। लेकिन हर व्यक्ति की यह इच्छा पूरी नहीं होती है। कुछ लोगों के घर में हमेशा ही लड़ाई-झगड़ा होता रहता है और तनावपूर्ण माहौल रहता है। ऐसे व्यक्ति चाहे कितना भी धनवान हो, लेकिन फिर भी वह अपने जीवन का आनंद नहीं उठा पाता है और उसके आसपास हमेशा नेगेटिव एनर्जी रहती है। ऐसे में अगर आप कुछ उपाय अपनाते हैं तो आपके घर में फिर से सुख-शांति का माहौल बनता है-

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8 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, राशि अनुसार करना चाहिए दान-पुण्य
Jyotish 8 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, राशि अनुसार करना चाहिए दान-पुण्य

8 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, राशि अनुसार करना चाहिए दान-पुण्य मंगलवार 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। इस दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। भारत में ये ग्रहण दिखाई देगा। इस वजह से इसका सूतक रहेगा। सूतक के समय में मंदिर बंद रहते हैं और सभी तरह की पूजा-पाठ वर्जित रहती हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.

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नवंबर से शुरू हो रहा शादियों का सीजन, खूब बजेंगी शहनाइयां
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नवंबर से शुरू हो रहा शादियों का सीजन, खूब बजेंगी शहनाइयां जुलाई माह में देवशयनी एकादशी से श्री हरि विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। उनके योग निद्रा के साथ सभी शुभ और मांगलिक कार्य चार माह के लिए बंद हो जाते हैं। उसके बाद देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का शयन काल समाप्त होता है और इसी दिन से विवाह और अन्य मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ समय देखना आवश्यक होता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर- जोधपुर  के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.

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सर्वार्थ सिद्धि, आयुष्मान और सौभाग्य योग में मनाई जायेगी भाई दूज
Jyotish सर्वार्थ सिद्धि, आयुष्मान और सौभाग्य योग में मनाई जायेगी भाई दूज

सर्वार्थ सिद्धि, आयुष्मान और सौभाग्य योग में मनाई जायेगी भाई दूज दिवाली पर्व के बाद भाई दूज पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है। दिवाली के ठीक अगले दिन सूर्य ग्रहण के कारण इस पर्व को 27 अक्टूबर के दिन मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाई दूज पर्व को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे इसकी कामना करती हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.

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सूर्य ग्रहण के सूतक से पहले करना होगा लक्ष्मी जी का स्थान परिवर्तन
Jyotish सूर्य ग्रहण के सूतक से पहले करना होगा लक्ष्मी जी का स्थान परिवर्तन

सूर्य ग्रहण के सूतक से पहले करना होगा लक्ष्मी जी का स्थान परिवर्तन खुशियों के त्यौहार दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद लक्ष्मी जी का पाटा अगले दिन की बजाए उसी रात सूर्योदय से पहले उठाना होगा। दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है जिसका सूतक काल सुबह 4:15 मिनट से आरंभ हो जाएगा। इसी कारण लक्ष्मी जी का पाटा 25 अक्टूबर को सूर्योदय से 2 घंटे पूर्व उठाना होगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर  के निदेशक  ज्योतिषाचार्य डा.

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घर में लक्ष्मीजी का स्थायी निवास चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखना होगा
Jyotish घर में लक्ष्मीजी का स्थायी निवास चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखना होगा

घर में लक्ष्मीजी का स्थायी निवास चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखना होगा हर किसी की चाहत होती है कि माँ लक्ष्मी का उसके घर-परिवार में स्थायी निवास रहे। इसके लिए लोग तमाम तरह के प्रयत्न भी करते हैं। यह प्रयत्न कभी सफल होते हैं तो कभी नहीं हो पाते। लेकिन आइये दीपावली से पहले हम आपको बताते हैं कि माँ लक्ष्मी कैसे किसी के घर में अपना स्थायी निवास बनाती हैं और उसके घर को धन-धान्य से परिपूर्ण कर देती हैं। सबसे पहले हमको यह जानना चाहिए कि जिस स्थान पर भगवान श्रीहरि की चर्चा होती है और उनके गुणों का कीर्तन होता है, वहीं पर सम्पूर्ण मंगलों को भी मंगल प्रदान करने वाली भगवती लक्ष्मी सदैव निवास करती हैं। जहां भगवान श्रीकृष्ण का तथा उनके भक्तों का यश गाया जाता है, वहीं उनकी प्राणप्रिया भगवती लक्ष्मी सदा विराजती हैं। जिस स्थान पर शंख ध्वनि होती है तथा शंख, तुलसी और शालग्राम की अर्चना होती है, वहां भी लक्ष्मी सदा स्थित रहती हैं। इसी प्रकार जहां शिवलिंग की पूजा, दुर्गा की उपासना, ब्राह्मणों की सेवा तथा सम्पूर्ण देवताओं की अर्चना की जाती है, वहां भी पद्ममुखी साध्वी लक्ष्मी सदा विद्यमान रहती हैं।

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धनतेरस को करते हैं यमराज की पूजा
Jyotish धनतेरस को करते हैं यमराज की पूजा

धनतेरस को करते हैं यमराज की पूजा हमारे देश में सर्वाधिक धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहार दीपावली का प्रारम्भ धनतेरस से हो जाता है। धनतेरस छोटी दीवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस के दिन नई वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। अगर सम्भव न हो तो कोई बर्तन खरीदे। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में सन्तोष रूपी धन का वास होता है।

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धनतेरस पर इन उपायों को करने से प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी, घर आएगी सुख और समृद्धि
Jyotish धनतेरस पर इन उपायों को करने से प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी, घर आएगी सुख और समृद्धि

धनतेरस पर इन उपायों को करने से प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी, घर आएगी सुख और समृद्धि दीपावली में पांच पर्वों की परंपरा है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस के दिन खरीदारी को शुभ माना जाता है जो सबके लिए सौभाग्यवर्धक होता है। इस दिन लोग अपनी-अपनी प्रिय चीजों की खरीदारी करते हैं। धनतेरस के दिन सोने और चांदी के बने आभूषण और सिक्के खरीदने की सदियों पुरानी सनातन परंपरा है जो चली आ रही है। धनतेरस को धनवंतरी जयंती तथा धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस से दीपों के पर्व दीवाली की शुरूआत मानी जाती है, इस दिन खरीददारी का खास महत्व है। धनतेरस के दिन घर में लायी गयी चीजों से घर में सुख-समृद्धि होती है।

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दीपावली तक खरीदारी और निवेश के लिए हर दिन शुभ मुहूर्त, धनतेरस पर रहेगा फायदा देने वाला योग
Jyotish दीपावली तक खरीदारी और निवेश के लिए हर दिन शुभ मुहूर्त, धनतेरस पर रहेगा फायदा देने वाला योग

दीपावली तक खरीदारी और निवेश के लिए हर दिन शुभ मुहूर्त, धनतेरस पर रहेगा फायदा देने वाला योग इस बार दीपावली कई शुभ संयोग लेकर आ रही है। आज से दीपावली तक प्रत्येक दिन शुभ योग और संयोग बन रहे हैं। खरीदारी और निवेश के लिए शुभ समय शुरू हो गया है। 19 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक ऐसे मुहूर्त बन रहे हैं, जिनमें प्रॉपर्टी, ज्वैलरी, गाड़ियों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक खरीदना शुभ होगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर  के निदेशक  ज्योतिषाचार्य डा.

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कार्तिक मास में तुलसी और आंवले की पूजा से बढ़ती है समृद्धि
Jyotish कार्तिक मास में तुलसी और आंवले की पूजा से बढ़ती है समृद्धि

कार्तिक मास में तुलसी और आंवले की पूजा से बढ़ती है समृद्धि कार्तिक मास 11 अक्टूबर से 8 नवंबर तक रहेगा। पुराणों में इस महीने को बहुत खास बताया गया है। हिन्दी पंचांग का आठवां महीना कार्तिक तीज-त्योहार के लिहाज से बहुत खास है। इस महीने में पुष्य नक्षत्र, धन तेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी जैसे बड़े तीज-त्योहार रहते हैं। ये माह 8 नवंबर तक रहेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य ज्योतिषाचार्य डा.

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करवा चौथ पर लाल रंग के कपड़े पहनना माना जाता है शुभ
Jyotish करवा चौथ पर लाल रंग के कपड़े पहनना माना जाता है शुभ

करवा चौथ पर लाल रंग के कपड़े पहनना माना जाता है शुभ प्रख्यात अंक ज्योतिषी एवं वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने कहा कि करवा चौथ के दौरान लाल रंग शुभ माना जाता है, वहीं विवाहित महिलाओं को अपने कपड़ों के लिए काले या सफेद रंगों से बचना चाहिए। इस विशेष अवसर पर जो अन्य रंग पहन सकते हैं वे हैं पीले, हरे, गुलाबी और नारंगी, अन्य रंगों से बचने की सलाह दी जाती है।

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धनतेरस 2022 पर शनि ग्रह के मकर में मार्गी होने से चार राशियों की चमकेगी किस्मत, होगा भरपूर लाभ
Jyotish धनतेरस 2022 पर शनि ग्रह के मकर में मार्गी होने से चार राशियों की चमकेगी किस्मत, होगा भरपूर लाभ

धनतेरस 2022 पर शनि ग्रह के मकर में मार्गी होने से चार राशियों की चमकेगी किस्मत, होगा भरपूर लाभ न्यायप्रिय ग्रहदेव शनि जिस पर प्रसन्न होते हैं, मतलब जिसका शनि ग्रह जन्मकुंडली में मजबूत स्थिति में होता है, वह तो रंक से भी राजा बन सकता है। लेकिन यदि जन्मपत्री में शनि ग्रह खराब हो यानी कि अनुकूल नहीं हो तो राजा भी रंक हो जाता है। इसलिए लोग नक्षत्रमण्डल में शनि के अनुकूल होने का इंतजार करते रहते हैं।

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शरद पूर्णिमा के दिन अनुष्ठान करने से सभी कामों में मिलती है सफलता
Jyotish शरद पूर्णिमा के दिन अनुष्ठान करने से सभी कामों में मिलती है सफलता

शरद पूर्णिमा के दिन अनुष्ठान करने से सभी कामों में मिलती है सफलता आश्विन मास की पूर्णिमा का दिन शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार पूरे साल केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। हिंदू धर्म में लोग इस पर्व को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। मान्यता है कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था और यह भी मान्यता प्रचलित है कि इस रात्रि को चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। इसी कारण से उत्तर भारत में इस दिन खीर बनाकर रात भर चांदनी में रखने का विधान है।इसे भी पढ़ें: 9 अक्टूबर को मनाई जायेगी शरद पूर्णिमा, मां लक्ष्मी की करें विशेष पूजा अर्चनामहात्म्य- मान्यता है कि इस दिन कोई व्यक्ति यदि कोई अनुष्ठान करता है तो उसका अनुष्ठान अवश्य सफल होता है। इस दिन व्रत कर हाथियों की आरती करने पर उत्तम फल मिलते हैं। आश्विन  मास की पूर्णिमा को आरोग्य हेतु फलदायक माना जाता हे। मान्यता के अनुसार पूर्ण चंद्रमा अमृत का स्रोत है और  इस पूर्णिमा को चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है। शरद पूर्णिमा की रात्रि के समय खीर को चंद्रमा की चांदनी में रखकर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है। चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा भोजन में समाहित हो जाती है जिसका सेवन करने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती हैं। आयुर्वेद के ग्रंथों में भी इसकी चांदनी के औषधीय महत्व का वर्णन मिलता हे। खीर को चांदनी में रखकर अगले दिन इसका सेवन करने से असाध्य रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है। एक अध्ययन के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन प्राकृतिक औषधियों की स्पंदन क्षमता अधिक होती है। लंकापति रावण शरद पूर्णिमा की रात किरणों को दर्पण के माध्यम से अपनी नाभि पर ग्रहण करता था। प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 30 मिनट तक शरद पूर्णिमा का स्नान करना चाहिये।  

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घर में रखेंगे यह मूर्तिंयां, तो जीवन में आएगी सिर्फ खुशियां ही खुशियां
Jyotish घर में रखेंगे यह मूर्तिंयां, तो जीवन में आएगी सिर्फ खुशियां ही खुशियां

घर में रखेंगे यह मूर्तिंयां, तो जीवन में आएगी सिर्फ खुशियां ही खुशियां लोग अपने घर को सजाने के लिए तरह-तरह की मूर्तियों को अपने घर में जगह देते हैं। आमतौर पर, अलग तरह की मूर्तियां घर की खूूबसूरती में चार-चांद लगाती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर मूर्ति का चयन बेहद सोच-समझकर किया जाए तो इससे जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली आती है। साथ ही, व्यक्ति को धन-लाभ भी होता है। वास्तु शास्त्र में भी अलग-अलग तरह की मूर्तियों और उनके सकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया गया है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसी कुछ मूर्तियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें घर में रखना काफी अच्छा माना जाता है-

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सपनों का घर खरीदते समय नहीं बिखरेगा आपका सपना, बस वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान
Jyotish सपनों का घर खरीदते समय नहीं बिखरेगा आपका सपना, बस वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान

सपनों का घर खरीदते समय नहीं बिखरेगा आपका सपना, बस वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान अपना एक घर खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है और इसलिए व्यक्ति रूपया-रूपया जोड़कर घर खरीदता है। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि घर खरीदने के बाद व्यक्ति के जीवन में अशांति छा जाती है। व्यक्ति हमेशा ही परेशान रहता है या फिर घर में रहते समय उसे हमेशा ही किसी ना किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसा उस स्थान के वास्तु दोष के कारण होता है। इसलिए कहा जाता है कि घर खरीदने से पहले व्यक्ति को बहुत अधिक सोच-विचार करना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको घर खरीदने से पहले ध्यान में रखना चाहिए-

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दशहरे पर इस खास पक्षी के दर्शन मात्र से जीवन में होती है धन वर्षा
Jyotish दशहरे पर इस खास पक्षी के दर्शन मात्र से जीवन में होती है धन वर्षा

दशहरे पर इस खास पक्षी के दर्शन मात्र से जीवन में होती है धन वर्षा हर व्यक्ति चाहता है कि उसका जीवन सुख-समृद्ध व खुशहाली से भरा हो। कभी-कभी लोग अपनी इस खास इच्छापूर्ति के लिए तरह-तरह के उपाय भी अपनाते हैं। लेकिन उन्हें  कोई लाभ नहीं होता है। ऐसे में आप एक बार इस उपाय को अपनाकर देखें। इस साल दशहरा 5 अक्टूबर बुधवार के दिन मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के इस खास पर्व पर आप प्रभु श्रीराम के साथ-साथ माता लक्ष्मी की अपार कृपा पाने के लिए नीलकंठ पक्षी के दर्शन इस दिन अवश्यक करें। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाते हैं तो उसके जीवन में शुभता का आगमन होता है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-   

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शनिदेव की हमेशा बरसेगी कृपा, बस मुख्य द्वार पर लगाएं यह पौधा
Jyotish शनिदेव की हमेशा बरसेगी कृपा, बस मुख्य द्वार पर लगाएं यह पौधा

शनिदेव की हमेशा बरसेगी कृपा, बस मुख्य द्वार पर लगाएं यह पौधा हिन्दू धर्म में शनिदेव एक बेहद ही महत्वपूर्ण देवता माने गए हैं। भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र शनिदेव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कलियुग में भी वह निष्पक्ष से रूप से न्याय करते हैं। अगर उनकी कृपा किसी व्यक्ति पर हो तो व्यक्ति को कम समय में बड़ी सफलता मिलती है। वहीं, अगर वह किसी पर कुपित हो जाते हैं तो व्यक्ति का सर्वनाश होते भी देर नहीं लगती। इसलिए, लोग हमेशा यह कोशिश करते हैं कि शनि देव उनसे हमेशा प्रसन्न रहें। अगर आप भी ऐसा ही चाहते हैं तो अपने घर के बाहर शमी के पौधे को लगाएं। इसे शनिदेव का प्रिय पौधा माना गया है। तो चलिए जानते हैं किस तरह लगाएं शमी का पौधा-

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अगर हाथों में बनता है H का निशान, तो समझिए बेहद भाग्यशाली हैं आप
Jyotish अगर हाथों में बनता है H का निशान, तो समझिए बेहद भाग्यशाली हैं आप

अगर हाथों में बनता है H का निशान, तो समझिए बेहद भाग्यशाली हैं आप हाथों की रेखाएं व्यक्ति के जीवन का सार बताती हैं। हर व्यक्ति के हाथों की लकीरें अलग होती हैं और उन लकीरों के जरिए बनने वाली आकृति के जरिए व्यक्ति अपने जीवन के बारे में काफी कुछ जान सकता है। यह लकीरें उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के राज खोलती हैं। मसलन, किसी-किसी व्यक्ति के हाथ पर H  का निशान बनता है। इस निशान को बेहद ही लकी माना जाता है। हालांकि, ऐसे लोगों को अपने जीवन में सतर्कता बरतने की भी आवश्यकता होती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको H  निशान के अर्थ के बारे में बता रहे हैं-

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नाखून भी देते हैं व्यक्तित्व और भविष्य का संकेत
Jyotish नाखून भी देते हैं व्यक्तित्व और भविष्य का संकेत

नाखून भी देते हैं व्यक्तित्व और भविष्य का संकेत नाखून को लोग अपने सौंदर्य से जोड़कर देखते हैं। विशेष रूप से, महिलाओं के लिए नाखूनों का विशेष महत्व है। वह अपने नाखूनों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि आपके नाखूनों की स्थिति भी आपके जीवन व व्यक्तित्व के बारे में काफी कुछ बताती है। जिस तरह हर व्यक्ति के हाथों की लकीरें अलग होती हैं, ठीक उसी तरह हर व्यक्ति के नाखून भी अलग होते हैं। ऐसे में आप अपने नाखूनों को देखकर अपने भविष्य के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं- 

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नवरात्रों में कौन से रंग का कपड़ा पहनकर पायें माँ दुर्गा की विशेष कृपा
Jyotish नवरात्रों में कौन से रंग का कपड़ा पहनकर पायें माँ दुर्गा की विशेष कृपा

नवरात्रों में कौन से रंग का कपड़ा पहनकर पायें माँ दुर्गा की विशेष कृपा अभी कुछ ही दिनों के बाद नवरात्र आरंभ हो जाएंगे। इन 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की विशेष तरह से पूजा-अर्चना की जाती है। यदि आप प्रत्येक दिन अलग-अलग रंग के कपड़े पहनकर मां दुर्गा की उपासना करते हैं तो ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से मां भगवती बेहद प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी करती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्र के अलग-अलग दिन कौन-सा कपड़ा पहन कर माँ भगवती की कृपा पायी जा सकती है। 

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हीरा रत्न धारण करने के हैं कई फायदे-नुकसान, पहनने से पहले जान लें सभी बातें
Jyotish हीरा रत्न धारण करने के हैं कई फायदे-नुकसान, पहनने से पहले जान लें सभी बातें

हीरा रत्न धारण करने के हैं कई फायदे-नुकसान, पहनने से पहले जान लें सभी बातें ज्यादातर महिलाओं को हीरा पहनना पसंद होता है और वैसे भी इन दिनों हीरा पहनने का ट्रेंड, जिसे आभूषण की तरह पहना जाता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र की मानें तो हीरा एक रत्न है, जिसे हर किसी को नहीं पहनना चाहिए। अगर कोई इसे धारण कर रहा है, तो इसके फायदों और नुकसान के बारे में जान लेना चाहिए। इसके साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि किस राशि को यह रत्न सूट करता है और किसे नहीं।

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Shukra Gochar 2022: 24 सितम्बर को होने वाला है शुक्र का कन्या राशि में गोचर, इन 4 राशियों के लोगों को मिलेगा लाभ
Jyotish Shukra Gochar 2022: 24 सितम्बर को होने वाला है शुक्र का कन्या राशि में गोचर, इन 4 राशियों के लोगों को मिलेगा लाभ

Shukra Gochar 2022: 24 सितम्बर को होने वाला है शुक्र का कन्या राशि में गोचर, इन 4 राशियों के लोगों को मिलेगा लाभ सितम्बर के महीने में शुक्रदेव राशि बदलने वाले है। शुक्रदेव का यह राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों पर अपना प्रभाव दिखाएगा। ज्योतिषशास्त्र में शुक्र ग्रह को सुख-समृधि, वैभव, धन-दौलत और रोमांस आदि का कारक माना गया है। व्यक्ति की जन्मकुंडली में यदि शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है तो व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जन्मकुंडली में शुक्र के उच्च भाव में होने से व्यक्ति को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। ज्योतिष के अनुसार शुक्रदेव किसी भी राशि में करीब 23 दिनों तक रहते हैं और उसके बाद दूसरी राशि में चले  जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, 24 सितंबर शनिवार शुक्रदेव कन्या राशि में चले जाएंगे। शुक्र के कन्या राशि में चले जाने से 4 राशियां धनवान बनेंगी। आइए जानते है कि वह 4 राशि कौन-सी है जिन पर शुक्रदेव अपनी कृपा बरसाने वाले है:- वृषभ राशिसबसे पहली राशि है वृषभ राशि। वृषभ राशि के स्वामी शुक्रदेव हैं। कन्या राशि में शुक्र के प्रवेश करने से इस राशि के लोगों को आर्थिक लाभ होगा। आपकी सभी पारिवारिक समस्याएँ खत्म होंगी। आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। इस दौरान आपको करियर में शानदार सफलता हासिल हो सकती है और आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी।इसे भी पढ़ें: भारत के इन प्राचीन गणेश मंदिरों की अलग है महिमामिथुन राशि दूसरी भाग्यशाली राशि है मिथुन राशि। इस दौरान इनको पैतृक संपत्ति का लाभ मिलेगा। धनलाभ मिलने के बहुत अच्छे संयोग बन रहे है। इस दौरान आपके मान-सम्मान में बढोत्तरी होगी और कार्यस्थल पर आपको कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। कर्क राशि  तीसरी राशि है कर्क राशि। कर्क राशि वालों के लिए यह शुक्र का गोचर काफी शुभ रहने वाला है। इस समय कर्क राशि वालों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसके साथ ही आय वृद्धि के शुभ संयोग बन रहे हैं। कार्यस्थल या ऑफिस में आपके काम की सराहना हो सकती है और नौकरी में प्रमोशन संभव है। कन्या राशिचौथी और  भाग्यशाली राशि है कन्या राशि। इस राशि के लोगों के लिए शुक्रदेव का यह गोचर काफी शुभ साबित होने वाला है। इस दौरान यदि आपने कहीं निवेश किया हुआ है तो आपको उस निवेश का लाभ मिलेगा। साथ ही जो जातक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे हुए है उन्हें कोई शुभ समाचार मिल सकता है। - रौनक 

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विश्वकर्मा पूजा करने से मिलती है प्राकृतिक ऊर्जा
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विश्वकर्मा पूजा करने से मिलती है प्राकृतिक ऊर्जा आज विश्वकर्मा पूजा है, हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा पूजा में विशेष महत्व होता है, तो आइए हम आपको विश्वकर्मा की पूजा विधि और महत्व के बारे में बताते हैं।

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भगवान कुबेर का इस तरह करें पूजन, धन-यश और आरोग्य स्थायी रूप से साथ रहेगा
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भगवान कुबेर का इस तरह करें पूजन, धन-यश और आरोग्य स्थायी रूप से साथ रहेगा धन, सुख और वैभव की कामना हर किसी को होती है। सभी भगवान गणेश, माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन कर उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं ताकि सुख-संपत्ति की कोई कमी नहीं हो। यदि आप इस सुख-संपत्ति को स्थायी रखना चाहते हैं और धन के साथ-साथ आरोग्य भी चाहते हैं तो भगवान कुबेर का पूजन अवश्य करें। महाराज वैश्रवण कुबेर की उपासना से संबंधित मंत्र, यंत्र, ध्यान एवं उपासना आदि की सारी प्रक्रियाएं श्रीविद्यार्णव, मन्त्रमहार्णव, मन्त्रमहोदधि, श्रीतत्वनिधि तथा विष्णुधर्मोत्तरादि पुराणों में बतायी गयी हैं। इसके अनुसार इनके अष्टाक्षर, षोडशाक्षर तथा पंचत्रिंशदक्षरात्मक छोटे−बड़े अनेक मंत्र प्राप्त होते हैं। मंत्रों के अलग−अलग ध्यान भी निर्दिष्ट हैं। इनके एक मुख्य ध्यान−श्लोक में इन्हें मनुष्यों के द्वारा पालकी पर अथवा श्रेष्ठ पुष्पक विमान पर विराजित दिखाया गया है। इनका वर्ण गारुडमणि या गरुणरत्न के समान दीप्तिमान पीतवर्णयुक्त बताया गया है और समस्त निधियां इनके साथ मूर्तिमान होकर इनके पार्श्वभाग में निर्दिष्ट हैं। ये किरीट−मुकुटादि आभूषणों से विभूषित हैं। इनके एक हाथ में श्रेष्ठ गदा तथा दूसरे हाथ में धन प्रदान करने की वरमुद्रा सुशोभित है। ये उन्नत उदरयुक्त स्थूल शरीर वाले हैं। ऐसे भगवान शिव के परम सुहृद भगवान कुबेर का ध्यान करना चाहिए−

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