श्राद्ध में करें श्रीमद्भागवत गीता का पाठ… पितरों को मिलेगी शांति
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श्राद्ध में करें श्रीमद्भागवत गीता का पाठ… पितरों को मिलेगी शांति श्रद्धा से किया गया कर्म श्राद्ध कहलाता है। अपने पितरों के लिए श्रद्धा से किए गए मुक्ति कर्म को श्राद्ध कहते हैं। उन्हें तृप्त करने की क्रिया को तर्पण कहा जाता है। तर्पण करना ही पिंडदान करना है। भाद्रपद की पूर्णिमा से अश्विन कृष्ण की अमावस्या तक कुल 16 दिन तक श्राद्ध रहते हैं। इन 16 दिनों के लिए हमारे पितृ सूक्ष्म रूप में हमारे घर में विराजमान होते हैं। पितृ पक्ष 10 सितंबर को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ हो रहा है। वह इसका समापन 25 सितंबर को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर होगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर  के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.

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गणेश चतुर्थी व्रत से घर में आती है सुख-समृद्धि
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गणेश चतुर्थी व्रत से घर में आती है सुख-समृद्धि आज गणेश चतुर्थी है, गणेश जी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि आती है तो आइए हम आपको गणेश चतुर्थी की पूजा विधि एवं महत्व के बारे में बताते हैं। गणेश चतुर्थी की जानकारीभारतीय हिन्दू महीने में प्रत्येक चंद्र माह में दो चतुर्थी तिथियां होती हैं। पूर्णिमासी या कृष्ण पक्ष के दौरान पूर्णिमा को संकष्टी चतुर्थी के रूप में जाना जाता है और शुक्ल पक्ष के दौरान अमावस्या के बाद एक विनायक चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। उपवास को सख्त माना जाता है और केवल फल, जड़ें जैसे आलू इत्यादि और वनस्पति उत्पादों का सेवन करना चाहिए। गणेश चतुर्थी को हिंदुओं में गणेश संकटहरा या संकटहरा चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है।इसे भी पढ़ें: विघ्नराज संकष्टी व्रत: जानें व्रत का महत्व और करने की विधिगणेश पूजा का शुभ मुहूर्त  आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत मंगलवार, 13 सितंबर 2022 को सुबह 10:37 बजे से होगी और इसका समापन बुधवार, 14 सितंबर 2022 को सुबह 10:23 बजे होगा। वहीं विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत 13 सितंबर को रखा जाएगा।

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गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान ना करें यह गलतियां
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गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान ना करें यह गलतियां आज अनंत चतुर्दशी है और दस दिनों के गणेशोत्सव के बाद आज लोग बप्पा की मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं। इस दौरान बेहद हषोल्लास के साथ गणपति जी की प्रतिमा को नदी में प्रवाह किया जाता है। साथ ही, भक्तगण यह आशा करते हैं कि बप्पा अगले साल फिर उनके घर पधारें। लेकिन गणपति विसर्जन के दौरान कुछ छोटी-छोटी मिसटेक्स करने से बचना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही कुछ मिसटेक्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको गणेश विसर्जन के दौरान करने से बचना चाहिए-

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जानिए सितंबर में किस ग्रह की बदलेगी चाल और कौन होगा वक्री
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जानिए सितंबर में किस ग्रह की बदलेगी चाल और कौन होगा वक्री जब दिन, सप्ताह या महीना बदलता है तो इससे ग्रहों की चाल भी बदलती है। इन ग्रहों की चाल बदलने से व्यक्ति के जीवन पर भी एक गहरा प्रभाव पड़ता है। इस साल सितंबर माह में भी कई बड़े ग्रहों में परिवर्तन होने के कारण विभिन्न राशियों में शुभ-अशुभ का योग भी बन रहा है। इतना ही नहीं, इस महीने में 1 ग्रह की वक्री होगा। जब ग्रह वक्री होता है तो वह टेढ़ी चाल चलने लगता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि ऐसे कौन से ग्रह है, जो इस महीने में राशि बदलेंगे-

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जानिए गणेश चतुर्थी के दस दिन बाद ही क्यों किया जाता है बप्पा की मूर्ति का विसर्जन
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जानिए गणेश चतुर्थी के दस दिन बाद ही क्यों किया जाता है बप्पा की मूर्ति का विसर्जन विघ्नहर्ता गणपति बप्पा अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ बप्पा की मूर्ति को अपने घर लाकर उसकी स्थापना करते हैं और पूरी श्रद्धा व भक्ति-भाव से उनका पूजन करते हैं। करीबन दस दिनों तक गणेशोत्सव का यह पर्व चलता है, इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाता है। उस दौरान हर भक्त के मन में यही इच्छा होती है कि बप्पा अगले साल फिर उनके आंगन में पधारें। लेकिन क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि आखिर हर साल अनंत चतुर्दशी के दिन ही या फिर बप्पा की मूर्ति की स्थापना करने के दस दिन बाद उनकी मूर्ति का विसर्जन क्यों किया जाता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इस बारे में बता रहे हैं-

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सितंबर माह में सूर्य और शुक्र का होगा राशि परिवर्तन, जानिए किस राशि में होगा इसका असर
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सितंबर माह में सूर्य और शुक्र का होगा राशि परिवर्तन, जानिए किस राशि में होगा इसका असर ज्योतिष में ग्रहों के राशि परिवर्तन को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों के राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है। कुछ राशि वालों को शुभ तो कुछ राशि वालों को अशुभ फल की प्राप्ति होगी। सितंबर माह में 10 सितंबर को बुध राशि परिवर्तन कर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 15 सितंबर को शुक्र सिंह राशि में अस्त हो जाएंगे। इसके बाद 17 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 24 सितंबर को शुक्र भी कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बुध, शुक्र, और सूर्य की चाल बदलने से सभी राशियों को शुभ-अशुभ फल की प्राप्ति होगी। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.

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हरितालिका तीज पर दान से शिव पार्वती की होती है विशेष कृपा
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हरितालिका तीज पर दान से शिव पार्वती की होती है विशेष कृपा हिंदू धर्म में तीज त्योहार बहुत खास होता है, इस दिन महिलाएं पूरे दिन उपवास रखती है और शिव शंकर संग मां पार्वती की विधिवत पूजा करती है, तो आइए हम आपको हरितालिका तीज पर मां पार्वती को प्रसन्न करने के उपाय बताते हैं।

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