तारिगामी ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के मुद्दों के हल के लिए बातचीत का सुझाव दिया कश्मीर के बाहर स्थानांतरित किए जाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के साथ बातचीत का सुझाव देते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एम वाई तारिगामी ने सोमवार को जोर दिया कि चेतावनी, मुद्दों को सुलझाने के बजाय उन्हें जटिल बना सकती है। मई में अपने सहयोगियों राहुल भट्ट और रजनी बाला की आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद सैकड़ों प्रवासी कश्मीरी पंडित एवं आरक्षित श्रेणी के सैंकड़ों कर्मचारी घाटी में अपनी नियुक्ति के स्थानों को छोड़ कर जम्मू में डेरा डाले हुए हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पिछले हफ्ते कहा था कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदाय के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपाय किए गए हैं और स्थानांतरण की मांग करने वालों को ‘स्पष्ट’ संदेश देते हुए कहा था कि घर में बैठे कर्मचारियों को कोई वेतन नहीं दिया जाएगा। तारिगामी ने यहां पीटीआई-से कहा, वे लोग एक मुश्किल स्थिति में फंस गए हैं और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सहानुभूतिपूर्ण और मानवीय दृष्टिकोण की जरूरत है। अपने लोगों को चेतावनी नहीं दी जाती है, यह स्थिति को और जटिल बना सकती है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कर्मचारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और .
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