लालू के खिलाफ सीबीआई ने फिर खोला मामला, महागठबंधन ने जताया आक्रोश पटना। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन ने राजद के संस्थापक अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ फिर से भ्रष्टाचार का मामला खोले जाने की खबरों पर सोमवार को आक्रोश जताया। केन्द्रीय एजेंसी जिस पर भाजपा का विरोध करने वाली पार्टियां अक्सर आरोप लगाती रही है कि केंद्र में शासन करने वाली भगवा पार्टी के हाथों में एक राजनीतिक उपकरण बन गई है, ने प्रसाद के खिलाफ एक ऐसे मामले की जांच फिर से शुरू कर दी है जिसे उसने पिछले साल बंद कर दिया था। बिहार के पूर्व मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता विजय प्रकाश ने उच्चतम न्यायालय की ‘‘पिंजरे में तोते’’ वाली टिप्पणी को याद किया जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सत्ता में थी, जिसमें ‘‘केंद्र में सरकार’’ द्वारा एजेंसी का ‘‘दुरुपयोग’’ करने का आरोप लगाया गया था। प्रकाश ने कहा कि हमें यकीन है कि लालू जी, जिनके खिलाफ सीबीआई ने इतने सारे मामले दर्ज किए हैं, सभी मामलों में बेगुनाह साबित होंगे, जिनमें ताजा मामला भी शामिल है।’’ अविभाजित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद चारा घोटाले के कुछ मामलों में सजा काट रहे हैं। वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं तथा गुर्दा प्रतिरोपण के बाद स्वस्थ होने के लिए वर्तमान में वह सिंगापुर में हैं। प्रसाद 2004-2009 तक रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल से संबंधित भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहे हैं। मौजूदा मामले में उनके अलावा उनके छोटे पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनकी दो बेटियों रागिनी और चंदा का भी नाम शामिल है। राजद नेता प्रकाश के विचारों से बिहार मंत्रिमंडल में शामिल एक वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी भी इत्तेफाक रखते हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से संबंधित हैं। चौधरी ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि सीबीआई केवल उन लोगों के पीछे जाती है जो भाजपा के विरोधी हैं। हम कभी भी किसी भाजपा नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एजेंसी को संज्ञान लेते हुए नहीं देखा है। बेशक राजनीतिक विरोधियों की छवि को धूमिल करने के लिए इन केन्द्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। जदयू नेता जिनकी पार्टी लगभग पांच महीने पहले भाजपा से नाता तोड़ नई सरकार बनाने के लिए महागठबंधन में शामिल हो गए थे, ने कहा, ‘‘हालांकि डरने की कोई बात नहीं है। लालू प्रसाद कई मामलों का सामना कर रहे हैं।
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