पाकिस्तान, आतंकवाद, आरएसएस और हिटलर, मोदी के गो टू मैन जयशंकर ने UNSC में अच्छे से समझा दिया, भारत को जवाब देना आता है, वो भी जोरदार ढंग से पॉवरफुल की क्या परिभाषा हो सकती है, ठेठ देशी अंदाज में समझें तो उसका घर भी अच्छे से चले और पूरे मौहल्ले में भी भौकाल हो। यही बात देशों पर भी लागू होती है। भारत की हमेशा से ये चाह रही है कि उसे दक्षिण एशिया में इज्जत मिले। उसे एक पॉवरफुल कंट्री की तरह देखा जाए। उसकी ये इच्छा उसकी विदेश नीति की दिशा तय करती है। भारत की विदेश नीति का लोहा इन दिनों देश-दुनिया महसूस कर रही है साथ ही भारत के विदेश मंत्री का भी। मानवाधिकार का मामला हो या ऑयल डील का दोनों ही विषय पर भारत के विदेश मंत्री के जवाब ने अमेरिका को इस बात का भान करा दिया है कि अब भारत बदल गया है। वहीं पाकिस्तान हो या आतंकवाद या फिर डिप्लोमेसी की बात जयशंकर ने युक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्यक्रम में भी एक बार फिर से अपने जवाबों से पूरी लाइमलाइट बटोर ली। पाकिस्तान के मंत्री से आतंकवाद के बारे में पूछेंपाकिस्तानी पत्रकार ने भारत को आतंकवाद का मूल स्रोत बताने की कोशिश की। उसने कहा कि दक्षिण एशिया को कब तक ये आतंकवाद झेलना पड़ेगा, जो नई दिल्ली, काबुल और पाकिस्तान में फैल रहा है?
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