सौर पैनल के बेहतर रखरखाव के लिए सेल्फ-क्लीनिंक कोटिंग प्रौद्योगिकी
Proventhings सौर पैनल के बेहतर रखरखाव के लिए सेल्फ-क्लीनिंक कोटिंग प्रौद्योगिकी

सौर पैनल के बेहतर रखरखाव के लिए सेल्फ-क्लीनिंक कोटिंग प्रौद्योगिकी बिजली की बढ़ती माँग और जलवायु परिवर्तन की चुनौतिओं को देखते हुए सौर ऊर्जा का उपयोग महत्वपूर्ण हो जाता है। लेकिन, सौर पैनल का रखरखाव न हो तो ऊर्जा आपूर्ति बाधित हो सकती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के शोधकर्ताओं ने ऐसी सेल्फ-क्लीनिंग कोटिंग प्रौद्योगिकी विकसित की है, जो सौर पैनल्स को साफ रखने में उपयोगी हो सकती है।

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ईडीएनए जांच से जल निकायों में आक्रामक कैटफ़िश का आसानी से पता चलेगा
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ईडीएनए जांच से जल निकायों में आक्रामक कैटफ़िश का आसानी से पता चलेगा आक्रामक विदेशी प्रजातियां जैव विविधता के लिए एक गंभीर खतरा हैं, जिससे देशी प्रजातियों का स्थानीय विलुप्त होने और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं, मानव आजीविका, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। उत्तर अफ्रीकी शार्पटूथ कैटफ़िश एक ऐसी प्रजाति है जिसे भारत में जलीय कृषि उद्देश्यों के लिए अवैध रूप से पेश किया गया था। अब प्रजातियों ने अधिकांश मीठे पानी के पारिस्थितिक तंत्र पर आक्रमण किया है।

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हवा से पेयजल उत्पादन की अक्षय ऊर्जा आधारित तकनीक
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हवा से पेयजल उत्पादन की अक्षय ऊर्जा आधारित तकनीक लगातार बढ़ता पेयजल संकट पूरी दुनिया में एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। बेंगलुरु स्थित नवोन्मेषी स्टार्टअप- उरावु लैब्स ने इस चुनौती के बीच स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए एक नई एवं टिकाऊ तकनीक पेश की है। हवा की नमी से जल उत्पादन के लिए यह तकनीक शत प्रतिशित अक्षय ऊर्जा पर आधारित है, जो पेयजल के संकट से जूझ रहे इलाकों में परिवर्तनकारी साबित हो सकती है।

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‘समुद्र के बढ़ते जलस्तर और बारिश से संकट में मैंग्रोव आवास’
Proventhings ‘समुद्र के बढ़ते जलस्तर और बारिश से संकट में मैंग्रोव आवास’

‘समुद्र के बढ़ते जलस्तर और बारिश से संकट में मैंग्रोव आवास’ पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़ी प्रक्रियाओं में मैंग्रोव सहायक होते हैं और तटीय पारिस्थितिक खतरों को कम करने में मदद करते हैं। लेकिन, जलवायु परिवर्तन, समुद्री जलस्तर में उतार-चढ़ाव और मानवीय गतिविधियों के कारण मैंग्रोव कवर दुनियाभर में तेजी से सिकुड़ रहा है। यही नहीं, मैंग्रोव आवास गंभीर रूप से संकटग्रस्त पारिस्थितिक तंत्रों में शामिल हो गए हैं।

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फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय लाइफ साइंस डेटा केंद्र देश को समर्पित
Proventhings फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय लाइफ साइंस डेटा केंद्र देश को समर्पित

फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय लाइफ साइंस डेटा केंद्र देश को समर्पित केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय; राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा, डॉ जितेंद्र सिंह ने फरीदाबाद, हरियाणा में निर्मित राष्ट्रीय लाइफ साइंस डेटा केंद्र - इंडियन बायोलॉजिकल डेटा सेंटर (IBDC) बृहस्पतिवार को राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। 

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नौसेना की सोनार प्रणालियों के लिए नई परीक्षण और मूल्यांकन सुविधा
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नौसेना की सोनार प्रणालियों के लिए नई परीक्षण और मूल्यांकन सुविधा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सोनार प्रणालियों के लिए नई अत्याधुनिक परीक्षण और मूल्यांकन सुविधा विकसित की है। ‘हल मॉड्यूल ऑफ सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म फॉर अकूस्टिक कैरेक्टराइजेशन ऐंड इवैलुएशन (स्पेस) नामक यह सुविधा जहाजों, पनडुब्बियों और हेलीकॉप्टरों सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर नौसेना के उपयोग के लिए विकसित की गई सोनार प्रणालियों के परीक्षण एवं मूल्यांकन में अपनी भूमिका निभाएगी।  

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जम्मू-कश्मीर में कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए अपार संभावनाएं: डॉ जितेंद्र सिंह
Proventhings जम्मू-कश्मीर में कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए अपार संभावनाएं: डॉ जितेंद्र सिंह

जम्मू-कश्मीर में कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए अपार संभावनाएं: डॉ जितेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियां और जलवायु औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती के लिए अनुकूल हैं। इसीलिए, यहाँ कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप की अपार संभावनाएं हैं। श्रीनगर में बुधवार को स्टार्टअप केंद्रित कश्मीर-एक्स्पो का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने यह बात कही है। 

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आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने विकसित की लागत प्रभावी कृषि-उत्पाद परिवहन प्रणाली
Proventhings आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने विकसित की लागत प्रभावी कृषि-उत्पाद परिवहन प्रणाली

आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने विकसित की लागत प्रभावी कृषि-उत्पाद परिवहन प्रणाली भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-मद्रास) के शोधकर्ताओं ने संयुक्त रूप से एक किसान गैर सरकारी संगठन, पोथु विवासयगल संगम के साथ मिलकर एक अद्वितीय, कुशल और लागत प्रभावी कृषि परिवहन विकसित किया है। यह प्रणाली श्रम की कमी को दूर करेगी, जो भारतीय किसानों के सामने एक प्रमुख मुद्दा है।

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नये शोध से बढ़ेगी लिथियम-आयन बैटरी की लाइफ और होगी फास्ट चार्जिंग
Proventhings नये शोध से बढ़ेगी लिथियम-आयन बैटरी की लाइफ और होगी फास्ट चार्जिंग

नये शोध से बढ़ेगी लिथियम-आयन बैटरी की लाइफ और होगी फास्ट चार्जिंग भारतीय शोधकर्ताओं ने एक नई एनोड सामग्री की खोज की है, जो लिथियम-आयन बैटरी (एलआईबी) की लाइफ और फास्ट चार्जिंग सुनिश्चित करने में मददगार हो सकती है। यह खोज बैटरी-आधारित उपकरणों और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अल्ट्रा-फास्ट गति से चार्ज करने में मदद कर सकती है।

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हड्डी फ्रैक्चर के प्रभावी उपचार के आकलन की नई तकनीक
Proventhings हड्डी फ्रैक्चर के प्रभावी उपचार के आकलन की नई तकनीक

हड्डी फ्रैक्चर के प्रभावी उपचार के आकलन की नई तकनीक भारतीय शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिसके आधार पर इस बात का आकलन किया जा सकेगा कि जांघ की हड्डी का फ्रैक्चर सर्जरी के बाद किस प्रकार और किस सीमा तक ठीक हो सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिमुलेशन मॉडल पर आधारित यह तकनीक सर्जरी के बाद जाँघ की हड्डी के फ्रैक्चर में हो रहे सुधार का आकलन करने में उपयोगी हो सकती है। इसके साथ-साथ यह तकनीक सर्जन को फ्रैक्चर उपचार के लिए आवश्यक सर्जरी से पहले सही इम्प्लांट या तकनीक चुनने में भी मदद कर सकती है।

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लिथियम-आयन बैटरी विनिर्माण सुविधा स्थापित करेगा सीएसआईआर
Proventhings लिथियम-आयन बैटरी विनिर्माण सुविधा स्थापित करेगा सीएसआईआर

लिथियम-आयन बैटरी विनिर्माण सुविधा स्थापित करेगा सीएसआईआर कम्प्यूटर और मोबाइल फोन के साथ-साथ अन्य उपकरणों में लिथियम आयन बैटरियों का उपयोग एक अनिवार्य आवश्यकता है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत को चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से लिथियम आयन बैटरियों का आयात करना पड़ता है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) अब चेन्नई में लिथियम-आयन बैटरी निर्माण सुविधा का निर्माण कर रहा है। सीएसआईआर की इस पहल से लिथियम बैटरियों के आयात पर भारत की निर्भरता कम करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। 

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महिला शोधकर्ताओं के समर्थन के लिए ‘वाईजर’
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महिला शोधकर्ताओं के समर्थन के लिए ‘वाईजर’ विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और संघीय शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय, जर्मनी सरकार द्वारा भारत-जर्मन विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र (आईजीएसटीसी) स्थापित किया गया है। 

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History Revisited: रूपकुंड की वो झील जो इंसानों के कंकाल उगलती है
Proventhings History Revisited: रूपकुंड की वो झील जो इंसानों के कंकाल उगलती है

History Revisited: रूपकुंड की वो झील जो इंसानों के कंकाल उगलती है ये कहानी है ऐसे कुंड की जिसका रहस्य 1200 सालों से अनसुलझा है। इस कुंड के रहस्य को हजारों इंसानों ने अपनी आंखों से देखा है। लेकिन इसकी सच्चाई आज तक गुमनाम है। आखिर क्यों इस कुंड में मछलियों की जगह मिलते हैं, इंसानों के कंकाल?

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ऑयल रिफाइनरियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नया मॉडल
Proventhings ऑयल रिफाइनरियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नया मॉडल

ऑयल रिफाइनरियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नया मॉडल पेट्रोलियम रिफाइनरी में हीट एक्सचेंजर्स के खराब होने की समस्या बनी रहती है। कार्यप्रणाली और प्रभावी उत्पादन क्षमता बनाये रखने के लिए प्रायः रिफाइनरियों को पूरी तरह शटडाउन करना पड़ता है। शटडाउन के दौरान प्रसंस्करण इकाइयों की जाँच-पड़ताल और उपकरणों के समुचित रखरखाव को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है। एक नई पहल के अंतर्गत उद्योग जगत के भागीदारों के साथ मिलकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर ऑयल और पेट्रोलियम रिफाइनरियों के हीट एक्सचेंजर्स के लिए डेटा पाइपलाइन बना रहा है, और मशीन लर्निंग मॉडल का विकास कर रहा है। इसके लिए आईआईटी जोधपुर और एल्गो8 एआई प्राइवेट लिमिटेड के बीच साझीदारी हुई है।इसे भी पढ़ें: अंगों के पुनर्वास में मदद करेंगे रोबोटिक प्रशिक्षकशोधकर्ताओं का कहना है कि यह मॉडल ऑयल रिफाइनरियों में हीट एक्सचेंजर के बार-बार खराब होने की समस्या का समाधान देने में सक्षम है, और यह पेट्रोलियम और उससे जुड़े उद्योगों में उपयोगी होगा।

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अंगों के पुनर्वास में मदद करेंगे रोबोटिक प्रशिक्षक
Proventhings अंगों के पुनर्वास में मदद करेंगे रोबोटिक प्रशिक्षक

अंगों के पुनर्वास में मदद करेंगे रोबोटिक प्रशिक्षक अंग विकलांगता भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है  जो प्रायः अवस्था-जन्य उम्र बीमारियों, शारीरिक विकृतियों, दुर्घटनाओं, स्ट्रोक, पोलियो आदि के कारण होती है। शिथिल पड़ चुके अंग को सक्रिय बनाने में 'फिजियोथेरेपी' का सहारा लिया जाता है। भारतीय शोधकर्ताओं ने ऐसा रोबोटिक प्रशिक्षक डिज़ाइन किया हैं, जिसका उपयोग निचले अंगों की अक्षमताओं के इलाज के लिए की जाने वाली फिजियोथेरेपी में किया जा सकता है। यह अध्ययन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। 

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डॉ अखिलेश गुप्ता को एसईआरबी सचिव का अतिरिक्त प्रभार
Proventhings डॉ अखिलेश गुप्ता को एसईआरबी सचिव का अतिरिक्त प्रभार

डॉ अखिलेश गुप्ता को एसईआरबी सचिव का अतिरिक्त प्रभार विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वरिष्ठ सलाहकार डॉ अखिलेश गुप्ता ने विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के सचिव का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण कर लिया है। एसईआरबी सचिव के रूप में डॉ संदीप वर्मा का कार्यकाल 07 अक्तूबर 2022 को पूर्ण होने के बाद उन्होंने यह पदभार ग्रहण किया है।  

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‘हाइपरटेंशन का पूर्व-संकेत हो सकती है अनुवांशिक भिन्नता’
Proventhings ‘हाइपरटेंशन का पूर्व-संकेत हो सकती है अनुवांशिक भिन्नता’

‘हाइपरटेंशन का पूर्व-संकेत हो सकती है अनुवांशिक भिन्नता’ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने अपने एक ताजा अध्ययन में उच्च रक्तचाप के पीछे जिम्मेदार अनुवांशिक भिन्नता का पता लगाय है। शोधकर्ताओं की खोज में यह तथ्य निकलकर सामने आया है कि मैट्रिक्स मटालो प्रोटीनेज (एमएमपीएस) नामक एक जीन के ‘डीएनए बिल्डिंग ब्लॉक’ में बदलाव से लोगों में उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है। इस निष्कर्ष तक पहुँचने के क्रम में अध्ययनकर्ताओं ने उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगिओं और सामान्य रक्तचाप वाले स्वस्थ लोगों के अनुवांशिक प्रोफाइल का गहन अध्ययन और विश्लेषण किया है।

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अमृतकाल में अहम होगी विज्ञान संचार और लोकप्रियकरण की भूमिका
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अमृतकाल में अहम होगी विज्ञान संचार और लोकप्रियकरण की भूमिका भारत को 21वीं सदी में विकसित राष्ट्र बनने का एकमात्र आधार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी होगी। वरिष्ठ विज्ञान पत्रकार एवं लेखक पल्लब बागला ने यह बात विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के स्वायत्त संगठन विज्ञान प्रसार के 33वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित अपने विशेष व्याख्यान के दौरान कही है। विज्ञान संचार और लोकप्रियकरण के जरिये समाज में वैज्ञानिक चेतना जागृत करने के उद्देश्य से 11 अक्तूबर 1989 को विज्ञान प्रसार की स्थापनी हुई थी। चार दशकों की अपनी पत्रकारीय यात्रा के दौरान पल्लब बागला ने भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित बदलावों को करीब से देखा है और उन्हें कवर किया है। 

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स्वच्छता सारथी समारोह में आकर्षण बनी अपशिष्ट प्रबंधन प्रदर्शनी
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स्वच्छता सारथी समारोह में आकर्षण बनी अपशिष्ट प्रबंधन प्रदर्शनी भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) कार्यालय द्वारा शुरू की गई 'स्वच्छता सारथी फेलोशिप' योजना के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में विगत 30 सितम्बर और 1 अक्तूबर को 'स्वच्छता सारथी समारोह' का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में देश के 27 राज्यों और 6 केंद्र-शासित प्रदेशों से गत वर्ष चयनित 344 'स्वच्छता सारथी फेलो' ने अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े अपने कार्यों को पोस्टर, प्रोटोटाइप, आलेख प्रस्तुतिकरण और उत्पाद के रूप में प्रदर्शित किया।

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‘स्ट्रोक’ के सटीक आकलन की नई तकनीक
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‘स्ट्रोक’ के सटीक आकलन की नई तकनीक भारत में असमय मौतों का एक प्रमुख कारण स्ट्रोक है। मस्तिष्क के किसी हिस्से में जब रक्त प्रवाह बाधित होता है, तो स्ट्रोक या मस्तिष्क के दौरे की स्थिति बनती है। स्ट्रोक कई प्रकार के होते हैं, जिनमें अधिकतर मामले इस्केमिक स्ट्रोक के होते हैं। मस्तिष्क तक ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुँचाने वाली धमनियों में ब्लॉकेज होने से इस्केमिक स्ट्रोक होता है। इस्केमिक स्ट्रोक का पता लगाने के लिए प्रचलित मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) और कंप्यूटर टोमोग्राफी (सीटी) भरोसेमंद तो है, पर खर्चीली  है। यही कारण है कि यह तकनीक भारत की बड़ी आबादी की पहुँच से बाहर है। यह उल्लेखनीय है कि देश में प्रत्येक 10 लाख लोगों पर केवल एक एमआरआई सेंटर है।

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मिर्गी की सटीक पहचान के लिए नया एल्गोरिद्म
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मिर्गी की सटीक पहचान के लिए नया एल्गोरिद्म मिर्गी तंत्रिका संबंधी एक रोग है, जिसमें मस्तिष्क अचानक विद्युत संकेतों का उत्सर्जन करता है, जिसके परिणामस्वरूप दौरे पड़ते हैं, और चरम मामलों में मृत्यु तक हो सकती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के सहयोग से भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के शोधकर्ताओं ने एक एल्गोरिद्म विकसित किया है, जो मिर्गी की घटनाओं और उसके विभिन्न रूपों की पहचान के लिए मस्तिष्क स्कैन को डिकोड करने में मदद कर सकता है।  मस्तिष्क के अनिश्चित संकेतों की उत्पत्ति के बिंदु के आधार पर, मिर्गी को फोकल या सामान्यीकृत मिर्गी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। जब ये अनियमित संकेत मस्तिष्क में किसी विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित होते हैं, तो फोकल मिर्गी होती है। यदि संकेत यादृच्छिक स्थानों पर हैं, तो इसे सामान्यीकृत मिर्गी कहा जाता है। मिर्गी की पहचान के लिए न्यूरोफिज़ियोलॉजिस्ट्स ईईजी (इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम) का मैन्युअल रूप से निरीक्षण करते हैं, जिससे ऐसे संकेतों का पता लगाया जा सके। आईआईएससी के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इंजीनियरिंग विभाग (डीईएसई) में सहायक प्रोफेसर हार्दिक जे.

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कैंसरग्रस्त कोशिकाओं तक कीमोथेरेपी दवा पहुँचाने की नई रणनीति
Proventhings कैंसरग्रस्त कोशिकाओं तक कीमोथेरेपी दवा पहुँचाने की नई रणनीति

कैंसरग्रस्त कोशिकाओं तक कीमोथेरेपी दवा पहुँचाने की नई रणनीति कैंसर उपचार के दौरान रोगी को कीमोथेरेपी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। मौजूदा कीमोथेरेपी दवाओं के साथ समस्या यह है कि वे कैंसरग्रस्त कोशिकाओं के साथ-साथ शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को भी मार देती हैं। इस कारण, रोगी के शरीर पर कई अवांछनीय दुष्प्रभाव उभरकर आते हैं। भारतीय शोधकर्ताओं ने कैंसर रोगी के शरीर में, विशेष रूप से कैंसरग्रस्त कोशिकाओं तक कीमोथेरेपी दवाएं पहुँचाने के लिए एक नई रणनीति विकसित की है। उनका कहना है कि नया विकसित दृष्टिकोण कीमोथेरेपी के लिए बेहतर दवा-वाहकों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिसकी प्रभावकारिता अधिक, और दुष्प्रभाव नगण्य होगा।

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पृथ्वी निरीक्षण उपग्रह अभियान पर मिलकर काम कर रहे हैं इसरो और नासा
Proventhings पृथ्वी निरीक्षण उपग्रह अभियान पर मिलकर काम कर रहे हैं इसरो और नासा

पृथ्वी निरीक्षण उपग्रह अभियान पर मिलकर काम कर रहे हैं इसरो और नासा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, एक पृथ्वी निरीक्षण उपग्रह अभियान ‘निसार’ (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रेडार) के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। निसार मिशन जलवायु संकट से निपटने के लिए महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करेगा। 

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