ऑफ सीजन में घूमें इन जगहों पर, मजा भी आएगा और पैसे भी लगेंगे कम
Tourism ऑफ सीजन में घूमें इन जगहों पर, मजा भी आएगा और पैसे भी लगेंगे कम

ऑफ सीजन में घूमें इन जगहों पर, मजा भी आएगा और पैसे भी लगेंगे कम ट्रेवल करना भी वास्तव में एक कला है। अधिकतर लोगों को घूमना तो बहुत पसंद होता है, लेकिन वह फिर भी सिर्फ इसलिए कहीं घूमने के लिए नहीं जाते हैं, क्योंकि इसमें उनके काफी सारे पैसे खर्च हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसे उनका सारा मंथली बजट बिगड़ जाएगा। हो सकता है कि आपके साथ भी ऐसा ही होता हो। तो अपनी इस समस्या को दूर करने के लिए आप ऑफ सीजन में घूमने की प्लानिंग करें। भारत में ऐसी कई जगहें हैं, जो साल भर उतनी ही खूबसूरत नजर आती हैं। लेकिन अगर आप ऑफ सीजन में घूमते हैं तो आप उन जगहों को अधिक बेहतर तरीके से एक्सप्लोर कर पाते हैं। साथ ही, आपके पैसे भी अपेक्षाकृत कम खर्च होते हैं। तो चलिए जानते हैं इन जगहों के बारे में-

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ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग करने का है मन, तो इन सेफ्टी टिप्स को जरूर करें फॉलो
Tourism ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग करने का है मन, तो इन सेफ्टी टिप्स को जरूर करें फॉलो

ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग करने का है मन, तो इन सेफ्टी टिप्स को जरूर करें फॉलो राफ्टिंग एक ऐसा एडवेंचर्स स्पोर्ट है, जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। जिन लोगों को राफ्टिंग करने में बहुत मजा आता है, वह अक्सर ऐसी जगहों की तलाश में रहते हैं, जो उनकी इन इच्छा की पूर्ति करे। ऐसे में सबसे पहले ऋषिकेश का नाम ही ख्याल में आता है। ऋषिकेश के एडवेंचर्स स्पोर्ट्स में राफ्टिंग का नाम सबसे पहले लिया जाता है। हालांकि, यहां पर व्हाइट वाटर राफ्टिंग का आनंद लेते समय सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाना बेहद आवश्यक है। इन एहतियाती उपायों का पालन करके आप बिना किसी दुर्घटना के राफ्टिंग खेल का आनंद ले सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ सेफ्टी टिप्स के बारे में बता रहे हैं-

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दिल्ली घूमने आये हैं तो प्रधानमंत्री संग्रहालय को जाकर जरूर देखें
Tourism दिल्ली घूमने आये हैं तो प्रधानमंत्री संग्रहालय को जाकर जरूर देखें

दिल्ली घूमने आये हैं तो प्रधानमंत्री संग्रहालय को जाकर जरूर देखें यदि आप राजनीति या इतिहास में रुचि रखते हैं तो आपको नयी दिल्ली में बनाये गये प्रधानमंत्री संग्रहालय में जरूर जाना चाहिए। यहां आप पर्यटन की दृष्टि से भी जा सकते हैं क्योंकि अन्य जगहों से हटकर सेल्फी लेने के विकल्प यहां मौजूद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर बने इस संग्रहालय को हाल ही में राष्ट्र को समर्पित किया गया था। भारत के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन पर विस्तृत जानकारी प्रदान करने वाला संग्रहालय इसलिए बनवाया गया है ताकि अब तक के प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल की उपलब्धियों को भी देश करीब से जाने।

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बजट में रहकर घूमना है बाली, तो इन टिप्स की लें मदद
Tourism बजट में रहकर घूमना है बाली, तो इन टिप्स की लें मदद

बजट में रहकर घूमना है बाली, तो इन टिप्स की लें मदद घूमना अधिकतर लोगों को पसंद होता है, लेकिन वह सिर्फ इसलिए अपना ट्रिप कैंसिल कर देते हैं, क्योंकि इसमें बहुत अधिक खर्चा आता है। खासतौर से, अगर बात विदेश घूमने की हो, तो उसकी तो टिकट ही लाखों की होती है। हो सकता है कि आप भी कुछ ऐसा ही सोचते हों। लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर आप बजट में विदेश यात्रा करना चाहते हैं तो बाली जाना अच्छा विचार हो सकता है। बाली लोगों के लिए हॉट ट्रेवल डेस्टिनेशन बन चुका है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बजट में रहकर बाली घूमने के कुछ आइडियाज के बारे में बता रहे हैं-

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शादी में नहीं होगा लाखों का खर्च, इन जगहों पर करें मुफ्त में शादी
Tourism शादी में नहीं होगा लाखों का खर्च, इन जगहों पर करें मुफ्त में शादी

शादी में नहीं होगा लाखों का खर्च, इन जगहों पर करें मुफ्त में शादी कहते हैं कि शादी जीवन में एक बार ही होती है और इसलिए जब किसी की शादी होती है तो घर के सदस्य लाखों का खर्च करते हैं। आजकल तो डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन भी काफी बढ़ गया है। जिसमें लोग किसी खास जगह पर जाकर शादी करते हैं। लेकिन डेस्टिनेशन वेडिंग तो और भी अधिक महंगी पड़ती है। हालांकि, अधिकतर लोगों का मानना यह होता है कि शादी में पैसा खर्च करना वास्तव में पैसे की बर्बादी है। इसलिए, वह कम से कम पैसे में या फिर मुफ्त में ही शादी करने के पक्ष में होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको भारत की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां पर शादी करने के लिए आपको पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी-

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भारत की इस झील में मछलियां नहीं, तैरते हैं कंकाल
Tourism भारत की इस झील में मछलियां नहीं, तैरते हैं कंकाल

भारत की इस झील में मछलियां नहीं, तैरते हैं कंकाल झील का नाम सामने आते ही एक बेहद ही खूबसूरत से पानी से भरे स्थान की तस्वीर आंखों के आगे आ जाती है। लोग झील के किनारे बैठकर कुछ वक्त सुकून के बिताना पसंद करते हैं। वहीं कुछ लोगों को वहां पर मछलियां पकड़ना भी अच्छा लगता है। लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसी झील की कल्पना की है, जिसमें मछलियों की जगह कंकाल तैरते हुए नजर आए। ऐसा सुनना ही कितना डरावना है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में एक ऐसी झील स्थित है, जिसे रूपकुंड झील के नाम से भी जाना जाता है। लोग इसे कंकाल झील भी कहकर पुकारते हैं। तो चलिए जानते हैं इस झील के बारे में-

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दिल्ली नहीं, अब नोएडा में देख सकते हैं मैडम तुसाद म्यूजियम
Tourism दिल्ली नहीं, अब नोएडा में देख सकते हैं मैडम तुसाद म्यूजियम

दिल्ली नहीं, अब नोएडा में देख सकते हैं मैडम तुसाद म्यूजियम मैडम तुसाद म्यूजियम एक बेहद ही फेमस म्यूजियम है, जहां पर दुनियाभर की मशहूर हस्तियों के वैक्स स्टैच्यू रखे जाते हैं। यह उन सेलिब्रिटीज की कार्बन कॉपी होते हैं, जिन्हें देखकर असली व नकली में फर्क कर पाना काफी मुश्किल होता है। कुछ साल पहले तक मैडम तुसाद म्यूजियम केवल लंदन में स्थित था और इसलिए अधिकतर लोग इन वैक्स स्टैच्यू को केवल तस्वीरों में ही देख पाते थे। लेकिन बाद में लंदन की तर्ज पर इसे दिल्ली के कनॉट प्लेस में खोला गया। अब यह स्टैच्यू नोएडा के डीएलएफ मॉल में ओपन किया गया है। जहां पर लोग जाकर इन स्टैच्यू को देख सकते हैं और उनके साथ तस्वीरें भी क्लिक करवा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं नोएड के डीएलएफ मॉल में स्थित मैडम तुसाद म्यूजियम के बारे में –

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भारत के यह हैं सबसे सुरक्षित बीच, बिना डर के पहनें बिकिनी
Tourism भारत के यह हैं सबसे सुरक्षित बीच, बिना डर के पहनें बिकिनी

भारत के यह हैं सबसे सुरक्षित बीच, बिना डर के पहनें बिकिनी बीच पर घूमना अधिकतर लोगों को पसंद आता है। इसलिए अक्सर लोग अपना हॉलिडे बीच साइड पर प्लॉन करते हैं। जब आप बीच पर घूमने जाएं और वहां पर स्विमिंग ना करें, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। आमतौर पर, बीच पर जाते समय महिलाएं बिकिनी पहनने को प्राथमिकता देती हैं। लेकिन अगर बात भारत की हो तो यहां पर महिलाओं की सुरक्षा यकीनन एक बड़ा मुद्दा है और इसलिए महिलाएं बीच पर भी बिकिनी पहनने से बचती हैं। हालांकि, अब आपको ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है। आज इस लेख में हम आपको भारत स्थित कुछ ऐसे बीचेस के बारे में बता रहे हैं, जो बहुत अधिक सुरक्षित माने गए हैं और इसलिए महिलाएं यहां पर बिना किसी झिझक के बिकिनी पहन सकती हैं-

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अगर आप धार्मिक स्थलों पर जाना पसंद करते हैं तो जरूर जाएं अयोध्या
Tourism अगर आप धार्मिक स्थलों पर जाना पसंद करते हैं तो जरूर जाएं अयोध्या

अगर आप धार्मिक स्थलों पर जाना पसंद करते हैं तो जरूर जाएं अयोध्या प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या पूरे विश्व में विख्यात है। विश्व भर में धार्मिक पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र अयोध्या का इन दिनों कायाकल्प हो रहा है जिससे आने वाले दिनों में लोगों को अलग प्रकार का अनुभव होगा। यहां विश्व स्तरीय हवाई अड्डा, विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन, सभी तरह की सुविधाओं से युक्त छोटे-बड़े होटल, पर्यटक केंद्र और संग्रहालयों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। माना जा रहा है कि जनवरी 2024 में राम मंदिर के उद्घाटन के समय तक दिव्य नगरी अयोध्या भव्य स्वरूप ले चुकी होगी। इस समय सरयू तट पर आप जाएंगे तो तमाम तरह की सुविधाओं के साथ-साथ आपको नदी का जल भी एकदम स्वच्छ मिलेगा। यही नहीं अयोध्या को पिछले कुछ वर्षों से जिस तरह दीपावली पर सजाया जा रहा है वह दृश्य देखकर पूरी दुनिया अचम्भित हुए जा रही है। 

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प्राकृतिक खूबसूरती और शहरी शोर से निजात दिलाता पर्यटक स्थल है लैंसडाउन
Tourism प्राकृतिक खूबसूरती और शहरी शोर से निजात दिलाता पर्यटक स्थल है लैंसडाउन

प्राकृतिक खूबसूरती और शहरी शोर से निजात दिलाता पर्यटक स्थल है लैंसडाउन दिल्ली-एनसीआर के एकदम निकट और यहाँ के लोगों के लिए वीकेंड गेटवे बन चुका लैंसडाउन छोटा-सा शांत स्थल है। प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर यह क्षेत्र पर्यटकों को शहरी शोर से निजात भी दिलाता है। हालांकि यदि आप यहां घूमने आ रहे हैं तो ध्यान रखिये कि यहां पर बहुत सारे पर्यटक स्थल नहीं हैं। यह जगह बस शांति के साथ कुछ समय गुजारने के लिए ही बेहतर है। यह क्षेत्र अंग्रेजों को काफी भाता था इसीलिए उन्होंने इसे सन् 1887 में बसाया था। वैसे इस स्थान का मूल नाम कालूडाण्डा था, लेकिन उस समय के वायसराय ऑफ इंडिया लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर इस जगह का नाम लैंसडाउन रख दिया गया था।

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आंध्र प्रदेश के इस मंदिर में है माँ दुर्गा की स्वयंभू प्रतिमा, जानें इसके पीछे जुड़ी पौराणिक कथा
Tourism आंध्र प्रदेश के इस मंदिर में है माँ दुर्गा की स्वयंभू प्रतिमा, जानें इसके पीछे जुड़ी पौराणिक कथा

आंध्र प्रदेश के इस मंदिर में है माँ दुर्गा की स्वयंभू प्रतिमा, जानें इसके पीछे जुड़ी पौराणिक कथा आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के इंद्रकीलाद्री पर्वत पर माता दुर्गा का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर माता कनक दुर्गा को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार कनक दुर्गा मंदिर में माता की प्रतिमा स्वयंभू है। इस मंदिर का सात शिवलीला और शक्ति महिमाओं में विशेष स्थान है। नवरात्रि में यहां पर मौजूद कनक दुर्गा को बालत्रिपुरा सुंदरी, गायत्री, अन्नपूर्णा, महालक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा देवी, महिसासुरमर्दिनी और राजराजेश्वरी देवी के रूप में सजाया जाता है। विजयदशमी के दिन देवियों को हंस के आकार की नावों पर स्थापित करके कृष्णा नदी का भ्रमण करवाया जाता है। यह प्रथा ‘थेप्पोत्सवम’ के नाम से प्रचलित है। यह त्यौहार नौ दिन तक चलता है। दशहरा के अवसर पर यहाँ आयुध पूजा का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, एक बार राक्षसों ने पृथ्वी पर हाहाकार मचा दिया था। इन राक्षसों का वध करने के लिए माता पार्वती ने अलग-अलग रूप धारण किए। माता ने कौशिक अवतार में शुंभ-निशुंभ राक्षस, महिसासुरमर्दिनी अवतार में महिषासुर और दुर्गा के अवतार में दुर्गमसुर का वध किया था। कनक दुर्गा ने अपने एक श्रद्धालु कीलाणु को पर्वत बनने का आदेश दिया। माता ने कीलाणु से कहा कि वे इस पर्वत पर निवास करेंगी। इसके बाद  महिसासुर का वध करते हुए इंद्रकीलाद्री पर्वत पर माँ आठ हाथों में अस्त्र थामे और शेर पर सवार हुए स्थापित हुईं। इस स्थान के पास की ही एक चट्टान पर ज्योतिर्लिंग के रूप में शिव भी स्थापित हुए। ऐसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने यहाँ शिवजी की मलेलु (बेला) के फूलों से उपासना की थी। यही कारण है कि यहाँ पर स्थापित शिव का एक नाम मल्लेश्वर स्वामी पड़ गया।इसे भी पढ़ें: भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी अध्यात्म और शांति की चाह के लिए आते हैं ऋषिकेशएक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, इस स्थान पर अर्जुन ने भगवान शिव ने कठोर तपस्या की थी जिसके बाद उन्हें पाशुपथ अस्त्र की प्राप्ति हुई थी। यहां पर अर्जुन ने दुर्गा मां का मंदिर बनवाया था। मान्यता के अनुसार आदिदेव शंकराचार्य ने भी यहां भ्रमण किया था। यहां पर उन्होंने अपना श्रीचक्र स्थापित किया था और माता की वैदिक पद्धति से पूजा-अर्चना की थी। एक अन्य मान्यता के अनुसार इस पर्वत पर इंद्र देव भी भ्रमण करने आते थे इसलिए इस पर्वत का नाम इंद्रकीलाद्री पड़ गया। इस मंदिर में भक्तों का तांता लगता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां और सड़कें हैं। हालांकि, ज्यादातर श्रद्धालु मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करते हैं। कुछ श्रद्धालु हल्दी से सीढि़यों को सजाते हुए चढ़ते हैं, जिसे 'मेतला पूजा' कहते हैं। नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। - प्रिया मिश्रा 

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