बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए 53वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम के पूरा होने के बाद, कल मालदीव के सिविल सेवकों के लिए क्षेत्रीय प्रशासन में 2 सप्ताह का 17वां क्षमता निर्माण कार्यक्रम राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) द्वारा 34 प्रतिभागियों के लिए मसूरी में शुरू किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के महानिदेशक भरत लाल ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने संवेदनशील होने और लोगों की सेवा में उत्तरदायी होने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि तेज़ी से बड़े पैमाने पर काम करना और सेवाओं के वितरण और शिकायत निवारण में डिजिटल तकनीक का उपयोग करना नितांत आवश्यक है क्योंकि आज के समय में लोग प्रतीक्षा नहीं कर सकते। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और उनके जीवन को आसान बनाने के लिए काम करें। कोरोना महामारी के दौरान, यह देखा गया है कि डिजिटलीकरण और डिजिटल शासन ने सेवा वितरण में एक बड़ा बदलाव लाया है, जिससे पारदर्शिता और बेहतर शासन सुनिश्चित हुआ है। इस लाभ को अगले स्तर तक ले जाने की ज़रूरत है।
राष्ट्रीय सुशासन केंद्र(NCGG) ने 2024 तक 1,000 मालदीव सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण के लिए मालदीव सिविल सेवा आयोग के साथ एक समझौता किया है। 8 जून 2019 को भारत के प्रधानमंत्री की मालदीव की यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसी के एक हिस्से के रूप में, NCGG सिविल सेवा आयोग, मालदीव की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अनुकूलित प्रशिक्षण मॉड्यूल डिजाइन करने और इसके कार्यान्वयन के लिए नोडल संस्थान है। अब तक मालदीव के स्थायी सचिवों सहित मालदीव सिविल सेवा के 500 क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों को भारत में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। देश के साथ-साथ अन्य विकासशील देशों के सिविल सेवकों के सुशासन, नीति सुधार, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए और एक थिंक टैंक के रूप में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र की स्थापना की गई थी। इस संस्थान ने विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में कई विकासशील देशों के सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण का कार्य हाथ में लिया है। अब तक इसने 15 देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया है। बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, भूटान, म्यांमार और कंबोडिया। विभिन्न देशों के भाग लेने वाले अधिकारियों ने इन प्रशिक्षणों को अत्यधिक उपयोगी बताया।
इन कार्यक्रमों की बहुत मांग है और NCGG अधिक से अधिक संख्या में अन्य देशों के सिविल सेवकों को समायोजित करने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दर्शन 'वसुधैव कुटुम्बकम – पूरी दुनिया एक परिवार है' को सार्थक करते हुए भारत पड़ोसी देशों तक पहुंच रहा है ताकि वे अपने सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण में मदद कर सकें और उनके नागरिकों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सुनिश्चित सेवा वितरण कर सकें। भारत अपने सुशासन के अनुभव को विकासशील देशों के साथ विशेष रूप से अपने पड़ोसी देशों के साथ प्राथमिकता के आधार पर साझा कर रहा है।
1000 civil servants of maldives will be trained by 2024
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero