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2023 तय करेगा कि 2024 का मुकाबला मोदी बनाम केजरीवाल होगा या नहीं

2023 तय करेगा कि 2024 का मुकाबला मोदी बनाम केजरीवाल होगा या नहीं

2023 तय करेगा कि 2024 का मुकाबला मोदी बनाम केजरीवाल होगा या नहीं

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए साल 2022 काफी सफलताएं लेकर आया। आम आदमी पार्टी के प्रमुख के रूप में उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनावों में धुआंधार प्रचार किया और जनता ने वहां भी एक मौका केजरीवाल को दे दिया। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के धुरंधर नेताओं को मात देते हुए जिस तरह पंजाब विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए नया इतिहास रचा उसने एक दशक पुरानी इस पार्टी को राष्ट्रीय क्षितिज पर ला खड़ा किया। यही नहीं, गोवा विधानसभा चुनावों में भाजपा, कांग्रेस और स्थानीय पार्टियों के अलावा तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे राज्य से बाहर के दल भी मैदान में थे। तृणमूल ताकती रह गयी और आम आदमी पार्टी खाता खोलने में सफल रही।

इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने गुजरात विधानसभा चुनावों में भी जोरदार प्रचार करते हुए राज्य के चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का भरपूर प्रयास किया। मीडिया की खबरों से तो ऐसा लगता था कि आम आदमी पार्टी गुजरात में सरकार बना सकती है, लेकिन गुजरात की जनता जानती है कि उनके लिए किसने काम किया है और कौन कर सकता है, इसलिए उन्होंने लगातार सातवीं बार भाजपा को चुना। हालांकि गुजरात में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही आप का प्रदर्शन खराब नहीं रहा और उसने पांच सीटें तथा 10 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल कर नया मुकाम भी हासिल किया और राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी हासिल किया।

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दस साल पुरानी पार्टी के लिए यह मुश्किल काम था कि वह एक ही समय पर गुजरात का विधानसभा चुनाव भी लड़े और दिल्ली नगर निगम का चुनाव भी लड़े, लेकिन पार्टी ने यह कर दिखाया। भले गुजरात में आप के लिए मन मुताबिक नतीजे नहीं आये हों लेकिन जिस तरह दिल्ली नगर निगम में भाजपा के 15 साल पुराने शासन को पार्टी ने उखाड़ फेंका वह बड़ी कामयाबी के रूप में देखा गया। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पहले कांग्रेस की 15 साल पुरानी सरकार को सत्ता से हटाया, उसके बाद निगम से भाजपा को हटा कर यह दर्शा दिया कि दिल्ली की जनता उसके साथ है।

आगामी वर्ष में आम आदमी पार्टी के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और त्रिपुरा में अपनी पैठ बनाने का मौका है, देखना होगा कि पार्टी को इसमें कितनी सफलता मिलती है। आप यह स्पष्ट कर चुकी है कि 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल होगा, इसलिए 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों में आप को अच्छा प्रदर्शन करके दिखाना होगा। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी को दिल्ली में उपराज्यपाल के साथ सांमजस्य बनाते हुए काम करके भी दिखाना होगा क्योंकि देश की जनता ऐसे दलों या नेताओं को पसंद नहीं करती जोकि सिर्फ हंगामे या आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते हैं।

-गौतम मोरारका

2023 will decide whether 2024 will be a modi vs kejriwal contest

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