बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 364 परियोजनाओं की लागत तय अनुमान से 4.52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है। एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है। मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,476 परियोजनाओं में से 364 की लागत बढ़ गई है, जबकि 756 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन 1,476 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 20,84,124.75 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 25,36,179.03 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 21.69 प्रतिशत यानी 4,52,054.28 करोड़ रुपये बढ़ गई है।’’ रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2022 तक इन परियोजनाओं पर 13,67,245.45 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 53.91 प्रतिशत है। मंत्रालय ने कहा है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की संशोधित समयसीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 513 पर आ जाएगी। इन परियोजनाओं में देरी के लिए कोविड-19 महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन को प्रमुख कारण बताया गया है।
364 infrastructure projects cost overrun by rs 452 lakh crore
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