नेपाल में पिछले 30 साल से ज्यादा समय में सबसे भीषण हादसे में एक यात्री विमान पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय रविवार को नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे कम से कम 68 लोगों की मौत हो गई। विमान में पांच भारतीय नागरिकों समेत 72 लोग सवार थे। नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण (सीएएएन) ने बताया कि यति एअरलाइन के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान ने पूर्वाह्न 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते वक्त विमान पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
विमान में कुल 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे। काठमांडू और पोखरा के बीच उड़ान का समय 25 मिनट है। सीएएएन की समन्वय समिति, खोज एवं बचाव के एक अधिकारी ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अभी तक दुर्घटनास्थल से 68 शव बरामद किए जा चुके हैं।’’ जिला प्रशासन कार्यालय, कास्की के एक अधिकारी ने कहा कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए गंडकी अस्पताल ले जाया गया है। अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर शव इतने क्षतिग्रस्त हो गए हैं कि उनकी शिनाख्त कर पाना कठिन है। नेपाल सेना के प्रवक्ता ने कहा कि चार और लोगों की तलाश के प्रयास सोमवार को फिर से शुरू होंगे।
विमान में कुल 15 विदेशी नागरिक सवार थे। इनमें पांच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियाई के अलावा ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, अर्जेंटीना, इजराइल के एक-एक नागरिक थे। पता चला है कि विमान में सवार पांच भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल के रूप में हुई है। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि रविवार को नेपाल में विमान दुर्घटना में मारे गए पांच भारतीयों में से चार पर्यटन केंद्र पोखरा में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों में हिस्सा लेने की योजना बना रहे थे।
पांच भारतीय नागरिकों में से चार शुक्रवार को ही भारत से काठमांडू पहुंचे थे। दक्षिणी नेपाल के सर्लाही जिले के निवासी अजय कुमार शाह ने बताया, ‘‘ये चारों लेक सिटी और पर्यटन केंद्र पोखरा में पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठाने की योजना बना रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम एक ही वाहन में भारत से एक साथ आए।’’पोखरा जाने से पहले वे पशुपतिनाथ मंदिर के पास गौशाला और फिर होटल ‘डिस्कवरी ऑफ थमेल’ में रुके थे। उन्होंने कहा कि वे गोरखपुर के रास्ते पोखरा से भारत लौटने की योजना बना रहे थे।
भारतीय नागरिकों में सबसे बड़े सोनू उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले थे। भारतीय दूतावास ने कहा कि वह स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है और स्थिति पर नजर रखे हुए है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘नेपाल के पोखरा में हुए विमान हादसे के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। हमारी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं।’’ जयशंकर ने भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नंबर भी साझा किए। उड़ानों पर नजर रखने वाली वेबसाइट ‘फ्लाइट ट्रैकर 24’ ने दावा किया कि यति एयरलाइन का विमान 15 साल पुराना था और ‘अविश्वसनीय डेटा वाले पुराने ट्रांसपोंडर’ (उपकरण) से लैस था।
यति एयरलाइन के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि अभी तक किसी के जीवित बचने की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘पोखरा में मौसम बिल्कुल ठीक था और विमान का इंजन भी अच्छी स्थिति में था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि विमान को क्या हुआ।’’ हालांकि, कुछ स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया कि विमान उतरते समय ज्यादा मुड़ गया था, जो दुर्घटना का कारण हो सकता है। यह चीनी कर्ज के तहत बनाया गया एक नया हवाई अड्डा है और अभी दो हफ्ते पहले इसका उद्घाटन किया गया था। कास्की जिले के मुख्य जिला अधिकारी टेक बहादुर केसी के मुताबिक विमान सेती नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
यात्रियों में तीन नवजात और तीन बच्चे तथा 25 महिलाएं थीं। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने दुर्घटना के बाद मंत्रिपरिषद की आपात बैठक बुलाई। रविवार दोपहर को हुई बैठक में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में लोगों की मौत पर शोक जताने के लिए 16 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का फैसला किया गया। प्रचंड ने हादसे पर दुख जताया और गृह मंत्रालय, सुरक्षाकर्मियों तथा सभी सरकारी एजेंसियों को तत्काल बचाव एवं राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
बचाव प्रयासों में व्यवधान पैदा नहीं हो इसलिए प्रधानमंत्री ने दुर्घटनास्थल का दौरा रद्द कर दिया। सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए संस्कृति, पर्यटन और नागर विमानन मंत्रालय के पूर्व सचिव नागेंद्र घिमिरे के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक घरेलू एयरलाइन के विमान के उड़ान भरने से पहले कड़ाई से जांच हो। विमान दुर्घटना के बाद पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आज वहां आने वाली तथा वहां से जाने वाली उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में दुर्घटनास्थल से धुएं का गुबार उठता दिख रहा है।
हादसे के तुंरत बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया। हालांकि, पुलिस ने कहा कि पर्याप्त श्रमबल तैनात करना संभव नहीं था। पुलिस ने बताया कि आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि अग्निशमन उपकरण खाई तक नहीं पहुंच सके, जहां यह हादसा हुआ। कास्की के पुलिस प्रवक्ता ज्ञान बहादुर खडका ने कहा कि दुर्गम स्थल होने के कारण बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है। पोखरा में विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद दुर्घटना स्थल के आसपास बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। खडका ने कहा कि इससे बचाव प्रक्रिया में बाधा आई। उन्होंने कहा, ‘‘हजारों लोगों की भीड़ है।
भीड़ के कारण बचाव अभियान में दिक्कत आई और एम्बुलेंस तथा दमकल की गाड़ियों को भी वहां पहुंचने में दिक्कत आई।’’ नेपाल का अचानक बदलते मौसम और दुर्गम स्थानों पर बनी हवाई पट्टियों के कारण विमान दुर्घटनाओं का बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है। ‘एविएशन सेफ्टी नेटवर्क’ के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार की दुर्घटना नेपाल के इतिहास में तीसरी सबसे भीषण दुर्घटना थी। जुलाई और सितंबर 1992 में हुई दुर्घटनाओं में इससे भी ज्यादा लोग मारे गए थे। उन दुर्घटनाओं में थाई एयरवेज और पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के विमान शामिल थे और क्रमशः 113 और 167 लोग मारे गए थे।
देश में पिछली बड़ी विमान दुर्घटना पिछले साल 29 मई को हुई थी, जब तारा एअर का एक विमान पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें एक भारतीय परिवार के चार सदस्यों समेत इसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2016 में, इसी एयरलाइन का एक विमान इसी मार्ग पर उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी। मार्च 2018 में, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना में 51 लोगों की मौत हुई थी। सितंबर 2012 में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग करते समय सीता एयर का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी। पोखरा से जोमसोम के लिए उड़ान भरते समय एक विमान 14 मई 2012 को जोमसोम हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी।
68 people died in a plane crash in nepal five indians are not known
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero