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अंजलि केस के 72 घंटे… मौत की उलझी गुत्थी और पुलिस की भटकाने वाली थ्योरी

अंजलि केस के 72 घंटे… मौत की उलझी गुत्थी और पुलिस की भटकाने वाली थ्योरी

अंजलि केस के 72 घंटे… मौत की उलझी गुत्थी और पुलिस की भटकाने वाली थ्योरी

भारत की राजधानी में मीलों तक एक 20 वर्षीय लड़की को कार के पहियों के नीचे घसीट कर ले जाने की जघन्य घटना में दिल्ली पुलिस की अनाड़ी जांच पर सवाल उठ रहे हैं। इस केस की जांच दिल्ली पुलिस ने कैसे की, इसका अंदाजा बस इसी बाक से लगा लीजिए कि हादसे के करीब 36 घंटे बाद पहली बार पता चला कि जो स्कूटी हादसे का शिकार बनी, उस स्कूटी पर एक नहीं बल्कि दो लड़कियां सवार थी। भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत) और 279 (तेजी से गाड़ी चलाना) के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद शराब के प्रभाव में कार में सवार पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। 
1 जनवरी
सुल्तानपुरी और कंझावला के बीच 12 किलोमीटर तक बलेनो कार के नीचे घसीटती रही पीड़िता का शव एसजीएम अस्पताल पहुंचा, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार होने के बावजूद, शुरुआत में दिल्ली पुलिस के  डीसीपी ने सार्वजनिक रूप से हत्या और बलात्कार के आरोपों को खारिज किया। बाद में दिल्ली पुलिस ने प्रारंभिक पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के यौन उत्पीड़न से इनकार किया। हालांकि, "अंतिम राय" संरक्षित किए गए जैविक नमूनों की रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आएगी।

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जनवरी 2
डीसीपी की घोषणा के छब्बीस घंटे बाद, विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत सिंह हुड्डा ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अंजलि के पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों की एक टीम बनाने का सुझाव दिया था। डीसीपी का बिना किसी जांच-पड़ताल के बयान देना, सबसे बढ़कर, राष्ट्रीय राजधानी में पुलिसिंग की प्रणालीगत गिरावट का सवाल खड़ा करता है। 
3 जनवरी
दिल्ली में कई किलोमीटर तक कार द्वारा घसीटे जाने के बाद जिस युवती की मौत हो गई, वह इसके अगले बाएं पहिये के नीचे फंस गई थी और गाड़ी के नीचे के हिस्सों पर खून के धब्बे पाए गए हैं। यह जानकारी प्रारंभिक फोरेंसिक निष्कर्ष से मिली है। पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र कुमार सिंह के साथ रोहिणी में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के चार सदस्यों की एक टीम ने बुधवार को दुर्घटना में शामिल वाहन की फिर से जांच की और अपराध स्थल का पुनर्चित्रण किया। सूत्रों ने शुरुआती रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कार द्वारा महिला की स्कूटी को टक्कर मारे जाने के बाद पीड़िता (कार के) अगले बाएं पहिये के नीचे फंस गई।

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36 घंटे तक पुलिस ने क्या किया?
इस दुखद घटना के छत्तीस घंटे बाद दिल्ली पुलिस को पता चला कि अंजलि अपनी सहेली के साथ जा रही थी, तभी कार ने उसकी स्कूटी को टक्कर मार दी। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विशेष आयुक्त ने कहा कि घटना के समय पीड़िता के साथ एक और महिला थी। "उसे कोई चोट नहीं आई और घटना के बाद वह अपने घर चली गई। अब हमारे पास एक चश्मदीद गवाह है और उसका बयान 164 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दर्ज किया जा रहा है। यह हमारे मामले को मजबूत बनाता है और हम बहुत जल्द जांच पूरी करेंगे।
कैसे हुआ हादसा?
प्राथमिकी के मुताबिक घटना एक जनवरी रविवार की रात करीब दो बजे की है। पांचों में से एक आरोपी शराब के नशे में था। सभी आरोपी हादसे के बाद वे कंझावला की ओर भाग गए। दुर्घटनास्थल से भागकर उन्होंने कंझावला रोड पर जौंटी गांव के पास कार को रोका, जहां कार के नीचे पीड़िता का शव फंसा मिला। दीपक ने पुलिस को बताया कि वह गाड़ी चला रहा था, जबकि मनोज मित्तल उसके बगल में बैठा था। पीछे की सीट पर मिथुन, कृष्ण और अमित बैठे थे। शव को देखकर वे डर गए और पीड़िता को वहीं छोड़कर भाग गए। 
गृह मंत्रालय ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मामले पर दिल्ली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशन में गृह मंत्रालय ने कंझावला घटना पर दिल्ली पुलिस आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त शालिनी सिंह को विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपने के लिए कहा गया है।
पीड़िता के परिवार ने उठाए सवाल
20 वर्षीय युवती के परिजनों ने सवाल उठाया है कि मृत व्यक्ति के शरीर पर कपड़े का एक टुकड़ा क्यों नहीं मिला? उसने इतने कपड़े पहने हुए थे, लेकिन उसके शरीर पर एक भी कपड़े का टुकड़ा नहीं था। यह किस तरह का हादसा था? पीड़िता की मां ने कहा कि पुलिस हमें उसका शरीर ठीक से नहीं दिखा रही है। मुझे अपनी बेटी के लिए न्याय चाहिए। यह कोई दुर्घटना नहीं थी। उन्होंने उसके साथ कुछ किया था। 
आरोपी कौन हैं?
पुलिस ने घटना के समय कार में सवार पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिट्ठू और मनोज मित्तल के रूप में हुई है। अमित (25) उत्तम नगर में एसबीआई कार्ड के साथ काम करता है, कृष्ण (27) स्पेनिश कल्चर सेंटर में काम करता है, मिथुन (26) नरैना में हेयरड्रेसर है, जबकि मनोज मित्तल (27) सुल्तानपुरी में राशन डीलर है, जो बीजेपी भी है कार्यकर्ता।

72 hours of anjali case tangled knot of death and police disorienting theory

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