काबुल। अमेरिका ने अफगानिस्तान में गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) में महिलाओं की नियुक्ति पर रोक संबंधी आदेश को लेकर तालिबान की निंदा करते हुए कहा है कि इस पाबंदी के कारण लाखों लोगों को जीवन रक्षक सहायता में व्यवधान उत्पन्न होगा। पिछले साल तालिबान के सत्ता में काबिज होने से अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी और लाखों लोग गरीबी एवं भुखमरी की स्थिति में पहुंच गये। रातोंरात विदेशी सहायता रूक गयी। तालिबान शासकों पर पाबंदियों, बैंक से लेनदेन की रोक तथा अफगानिस्तान के अरबों डॉलर मुद्रा भंडार की निकासी पर रोक ने वैश्विक संस्थानों तक उसकी पहुंच को सीमित कर दिया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शनिवार को कहा, दुनियाभर में महिलाएं मानवीय सहायता संचालन के केंद्र में हैं। यह (गैर सरकारी संगठनों में भर्ती पर रोक का) फैसला अफगान लोगों के लिए विनाशकारी होगा।’’ अफगानिस्तान के वित्त मंत्री कारी दिन मोहम्मद हनीफ के पत्र में एनजीओ संबंधी यह आदेश आया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई एनजीओ आदेश का पालन नहीं करता है तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। पिछले साल, तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा किये जाने के बाद से महिला अधिकारों एवं स्वतंत्रता पर यह एक नवीनतम प्रहार है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह पाबंदी की इस खबर से बहुत परेशान हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों समेत उसके साझेदार 2.8 करोड़ से अधिक अफगानों की मदद कर रहे हैं, जो जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता पर निर्भर हैं।’’ सहायता एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों की ओर से रविवार को बयान जारी किये जाने की संभावना है।
Afghanistan us condemns ban on appointment of women in ngo
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