सेना विरोधी टिप्पणियों को लेकर आलोचना के बाद, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि पाकिस्तानी सेना मजबूत हो और उनकी रचनात्मक आलोचना का उद्देश्य शक्तिशाली बल को नुकसान पहुंचाना नहीं था। खान ने देश में राजनीतिक गतिरोध समाप्त करने के लिए जल्द चुनाव कराने की मांग की।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 70 वर्षीय प्रमुख खान ने अपने ‘‘हकीकी आजादी मार्च’’ के तीसरे दिन विभिन्न स्थानों पर समर्थकों को संबोधित करते हुए अपने विरोधियों पर कथित भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा। खान अपने समर्थकों का इस्लामाबाद की ओर नेतृत्व कर रहे हैं। खान ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि सेना के खिलाफ उनकी आलोचना रचनात्मक थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि सेना मजबूत हो। हमें एक मजबूत सेना की जरूरत है। मेरी रचनात्मक आलोचना उसे नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है।’’
खान ने सेना विरोधी उनके रुख के लिए सरकार द्वारा उनकी आलोचना किए जाने के कुछ दिनों बाद यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें गलत समझा जा रहा है। सेना को लेकर खान की टिप्पणी पाकिस्तान और भारत में खबरों में रही है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत गलतफहमी नहीं पालें, हम अपनी सेना के साथ खड़े हैं।’’ उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश गुप्तचर एजेंसी आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के संवाददाता सम्मेलन के बाद जश्न मना रहा था क्योंकि उसे लगा कि सेना और इमरान खान के बीच एक गतिरोध है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत को बताना चाहता हूं कि यह सेना हमारी है और मैं इसके खिलाफ कभी नहीं हो सकता।’’ खान की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब आईएसआई प्रमुख ने पिछले बृहस्पतिवार को एक अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन में खुलासा किया कि सेना प्रमुख को मार्च में उनके कार्यकाल में अनिश्चितकालीन विस्तार के लिए आकर्षक प्रस्ताव दिया गया था।
खान ने साधोकी में अपने संबोधन में कहा, ‘‘अगर प्रतिष्ठान (सेना) को लगता है कि हमें इन चोरों का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि आपने इन चोरों का समर्थन करने का फैसला किया है, तो मुझे खेद है और यह देश इस कदम का समर्थन नहीं कर सकता।’’ खान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा किए गए असत्य दावों को भी खारिज कर दिया कि विपक्षी नेता ने उन्हें सेना प्रमुख की नियुक्ति और चुनावों पर परामर्श करने की इच्छा व्यक्त करते हुए एक संदेश भेजा था।
खान ने मुरीदके में अपने संबोधन में कहा, ‘‘शहबाज शरीफ, आपने एक बयान दिया कि मैंने आपको एक संदेश भेजा है कि हमें एकसाथ बैठना चाहिए और सेना प्रमुख के बारे में फैसला करना चाहिए।’’ प्रधानमंत्री शरीफ ने दावा किया है कि उन्होंने सेना प्रमुख जनरल बाजवा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति के अपने पूर्ववर्ती के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। तीन साल के सेवा विस्तार पर चल रहे 61 वर्षीय बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे।
शहबाज को जवाब देते हुए, खान ने आगे सवाल किया, आपसे बात करने का क्या फायदा है? आपके पास बात करने के लिए क्या है? ... जिस तरह से आपको सत्ता में लाया गया था, पहले तो आपने अमेरिकियों से भीख मांगी, फिर आप एक कार के ट्रंक में छिप गए और फिर जूते पॉलिश किए।’’ खान ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अपनी पार्टी की मांग को दोहराते हुए कहा, हम केवल निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव चाहते हैं और पाकिस्तान के लोग जो भी फैसला करेंगे हम उसे स्वीकार करेंगे।’’
उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से कानून का राज स्थापित करने की भी मांग की। उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं शहबाज गिल और आजम स्वाति की कथित हिरासत में प्रताड़ना का भी जिक्र किया जिसके लिए वह सेना की आलोचना करते रहे हैं और जांच की मांग करते रहे हैं। मार्च करने वालों की चार मार्च को इस्लामाबाद पहुंचने की योजना है और पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने कहा कि उनके अनुमान के मुताबिक 15 लाख लोग इस्लामाबाद पहुंचेंगे।
इस बीच खान के ‘हकीकी आजादी मार्च’ के दौरान उनके कंटेनर के नीचे कुचलकर एक पाकिस्तानी महिला पत्रकार की मौत होने के बाद मार्च को एक दिन के लिए रोकना पड़ा है। मृतक पत्रकार की पहचान ‘चैनल 5’ की रिपोर्टर सदाफ नईम के रूप में हुई है प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पत्रकार के निधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकार के निधन से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने भी पत्रकार की मौत पर दुख जताया और सवाल किया कि पत्रकार कैसे खान द्वारा इस्तेमाल किये गए कंटेनर से कुचल गई।
After the criticism imran khan said his party wants the pakistan army to be strong
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