योजना आयोग (अब नीति आयोग) के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने मंगलवार को कहा कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को वापस लाना सबसे बड़ी ‘रेवड़ियों’ में से एक होगा। आहलूवालिया ने आर्थिक शोध संस्थान इक्रियर की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हर कोई राजकोषीय घाटे को कम करने की बात करता है लेकिन कोई भी निश्चित व्यय से छुटकारा पाने के तरीके नहीं सुझा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवड़ी (मुफ्त उपहार) को लेकर सही कहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘पुरानी पेंशन योजना को वापस लाना अब तक की सबसे बड़ी रेवड़ियों में से एक है।’’ पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकार द्वारा पूरी पेंशन राशि दी जाती थी। इसे एक अप्रैल, 2004 से बंद कर दिया गया था। नई योजना के अनुसार, कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत पेंशन में योगदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत का योगदान करती है। पंजाब सरकार ने हाल ही में पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने को मंजूरी दी है।
आहलूवालिया की टिप्पणियों को आम आदमी पार्टी (आप) जैसे दलों से जोड़ा जा सकता है, जिन्होंने पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में विधानसभा चुनावों में मुफ्त बिजली और पानी का वादा किया था। आहलूवालिया ने यह भी कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था को आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने की जरूरत है। हमें इस बात पर ध्यान देना बंद कर देना चाहिए कि अमेरिका या यूरोप में मंदी है या नहीं।
Ahluwalia said bringing back the old pension scheme is the biggest revdi
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