BJP ने जैसे गुजरात में रिकॉर्ड बनाया, उसी तरह 2024 के चुनाव में यूपी में जीत का रिकॉर्ड बनाने की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और गृह मंत्री अमित शाह किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। शाह लम्बे समय से मोदी के रणनीतिकार और विश्वास पात्र बने हुए हैं। मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने तक के सफर में अमित शाह के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है। 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर नरेन्द्र मोदी के नाम पर मुहर लगाई तो मोदी ने सबसे पहले देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी अमित शाह पर डाली। 2014 के आम चुनाव में अमित शाह को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर यूपी भेजा गया। अमित शाह ने ऐसी गोटियां बिछाईं कि विपक्ष चारों खाने चित हो गया। फिर आया 2019 का आम चुनाव। उस समय अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। वैसे तो अमित शाह का राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल जुलाई 2018 में समाप्त हो रहा था, परंतु आम चुनाव की वजह से उनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था। 2019 के आम चुनाव में भी बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया, हाँ कुछ सीटें जरूर कम हुई थीं, लेकिन इतनी भी नहीं कि मोदी पीएम नहीं बन पाते। इस बीच 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी अमित शाह की रणनीति के चलते भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन पाई थी। 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव भले ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में लड़ा गया था, लेकिन इन चुनावों में भी मोदी और अमित शाह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राजनीति के जानकार अमित शाह को राजनीति का चाणक्य बताने लगे थे।
बहरहाल, 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद अमित शाह की यूपी से दूरी बढ़-सी गई। उनका यहां आना कम हो गया, लेकिन जैसे ही 2024 लोकसभा चुनाव की आहट सुनाई दी, अमित शाह को एक बार फिर यूपी की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। भले ही औपचारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं हुई हो, शाह को कोई पद नहीं दिया गया हो, लेकिन 2024 के आम चुनाव में भी अमित शाह यूपी के लिए सियासी बिसात बिछाते नजर आएंगे। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं, यूपी के बारे में कहा जाता है कि यहीं से दिल्ली की सत्ता का रास्ता जाता है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी को लेकर पूरी तरह एक्टिव हो गई है। अब बीजेपी के लिए खुद गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी की कमान संभाल ली है। यूपी बीजेपी में मंथन के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के स्वयं मोर्चा संभालते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं में नये जोश का संचार हो गया है। शाह जीत के लिए रणनीति बनाते समय लोकसभा की हारी सीटों की स्वयं समीक्षा करेंगे। इसके लिए पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक लिस्ट तैयार हो चुकी है। यूपी में सीधे गृह मंत्री अमित शाह के आने की खास वजह है। राजनीति के जानकारों के अनुसार केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है। बीते दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में पार्टी ने इस राज्य में शानदार प्रदर्शन किया। तब 2014 और 2019 में दिल्ली में बीजेपी की सरकार बन पाई थी। 2014 में बीजेपी गठबंधन ने राज्य में 73 और 2019 में 64 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन जब 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव हुआ तो 2019 में जीती गईं लोकसभा की कुछ सीटों के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हार का समना करना पड़ था। ऐसी हारी हई विधानसीटों की एक लिस्ट तैयार करके पार्टी आलाकमान को भेजी गई है। इस लिस्ट में बीजेपी ने उन सीटों को प्राथमिकता के तौर पर रखा जहां जीतना मुश्किल होगा या अभी ये सीट विपक्षी दलों के कब्जे में है। ऐसी कुछ हारी सीटों पर गृह मंत्री अमित शाह पहुंचकर खुद यहां तैयारियों की समीक्षा करेंगे। सूत्रों के अनुसार 16 जनवरी को अमित शाह अंबेडकरनगर और बलरामपुर में रहेंगे। वहां वह दोनों ही लोकसभा सीटों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
पूर्वांचल के बाद गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम में भी मंथन करेंगे। सूत्रों के अनुसार 17 जनवरी को अमित शाह सहारनपुर और बिजनौर का दौरा करेंगे। ध्यान देने वाली बात ये है कि यह चारों ही सीट विपक्ष के कब्जे में है। अमित शाह की बैठकों के साथ ही इन सीटों पर कुछ जनसभाओं की भी तैयारी हो रही है। लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के बाद अमित शाह का यह पहला यूपी दौरा होगा। दरअसल उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने के लिए अमित शाह ने 2013 में जब से जिम्मेदारी संभाली है, तबसे पार्टी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि अमित शाह उन सभी सीटों पर सियासी समीकरणों को दुरुस्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के दौरे पर पहुंचने वाले हैं ताकि आने वाले चुनावों में कोई कमी ना रहे। भाजपा से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक इस बार उत्तर प्रदेश में पार्टी लोकसभा के चुनावों में अपना सारा रिकॉर्ड तोड़ कर सबसे ज्यादा सीटों को जीतने का लक्ष्य रखे हुए हैं। यही वजह है कि भाजपा आने वाले चुनावों से पहले सियासी जमीन को हर स्तर पर न सिर्फ मजबूत कर रही है, बल्कि उन सभी कमजोर पहलुओं को भी दुरुस्त कर चुनावी समीकरणों से सब कुछ बेहतर करने की योजना बना रही है।
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अमित शाह के उत्तर प्रदेश दौरे के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी प्रदेश का दौरा करने वाले हैं। इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों को भी अब लगातार उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में और क्षेत्रों में मंत्रालय की योजनाओं को देखने, समझने और जनता को सौंपने के लिए जाने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी सभी तैयारियों के लिहाज से पूरी तरीके से सक्रिय है। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं का एक बड़ा सम्मेलन अलग-अलग क्षेत्रों में भी किया जाना है। इन सम्मेलनों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी शिरकत करनी है।
-अजय कुमार
Amit shah will once again take charge of up for mission 2024