भारत के पूर्व डेविस कप कप्तान आनंद अमृतराज इस बात से निराश हैं कि देश के सर्वश्रेष्ठ एकल खिलाड़ी एटीपी विश्व टूर पर करीबी मैच नहीं जीत पा रहे जबकि उनके पास अच्छा खेल है जो ‘चिंताजनक’ है। अमृतराज ने कहा कि विश्व टूर स्तर पर जमीनी स्ट्रोक से अधिक दबाव सोखने की क्षमता और अहम लम्हों पर सही फैसला करने की क्षमता मुकाबलों के परिणाम तय करती है और भारतीय खिलाड़ियों को इस पर काम करने की जरूरत है।
देश के शीर्ष रैंकिंग वाले एकल खिलाड़ी शशिकुमार मुकुंद, रामकुमार रामनाथन और सुमित नागल ने टाटा ओपन महाराष्ट्र में बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को कड़ी चुनौती दी लेकिन पहले दौर में हारकर बाहर हो गए। ये सभी मैच को ऐसी स्थिति तक ले गए जहां से कोई भी खिलाड़ी जीत सकता था लेकिन जरूरत पड़ने पर अंक नहीं जीत सके। दुनिया के 340वीं रैंकिंग के मुकुंद को फ्लावियो कोबोली (171वीं रैंकिंग) के खिलाफ 4-6 5-7 से हार का सामना करना पड़ा जबकि रामकुमार (435वीं रैंकिंग) दुनिया के 62वें नंबर के पेड्रो मार्टिनेज के खिलाफ एक सेट की बढ़त के बावजूद 6-3 5-7 3-6 से हार गए।
नागल (503वीं रैंकिंग) को भी दुनिया के 54वें नंबर के फ्लिप क्राजिनोविक के खिलाफ तीन सेट में हार झेलनी पड़ी। भारत की डेविस कप टीम की 2013 और 2018 के बीच कप्तानी करने वाले अमृतराज ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं सुमित नागल से बहुत प्रभावित था, मुझे लगा कि उसने बहुत अच्छा खेल दिखाया। अंतिम सेट में 4-4 के स्कोर पर कुछ गलत शॉट चयन और इससे उसे मैच गंवाना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मुकुंद को भी देखा, फिर से करीबी मुकाबला, 6-4 7-5, कुछ शॉट इधर-उधर होते तो नतीजा कुछ और हो सकता था। मुझे समझ नहीं आया कि हमारे लड़के जितना अच्छा खेलते हैं उसके बावजूद वे एटीपी टूर पर मैच जीतने में सक्षम नहीं हैं। वे चैलेंजर्स में अच्छा करते हैं लेकिन उन्हें बड़े टूर्नामेंटों में मैच जीतने की जरूरत है।’’
आयोजकों ने 15 वर्षीय मानस धामने को वाइल्ड कार्ड से प्रवेश दिया और उन्होंने अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। उन्होंने मैच नहीं जीता लेकिन अमेरिकी के अनुभवी माइकल ममोह को कड़ी टक्कर दी। अमृतराज ने कहा कि धामने की हार फिर भी स्वीकार्य है लेकिन नागल और मुकुंद जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को जीतने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैच नहीं जीत पाना चिंताजनक है। 15 साल के खिलाड़ी के मामले में यह अनुभव की कमी है लेकिन सुमित नागल और मुकुंद ने टूर पर पर्याप्त मुकाबले खेले हैं।’’
अमृतराज ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों का बार-बार चोटिल होना भी अच्छा संकेत नहीं है। नवंबर 2021 में नागल की कूल्हे की सर्जरी हुई और वह लगभग चार महीने बाहर रहे। जब उन्होंने प्रतिस्पर्धा शुरू की तो पहले दौर के 11 मैच हार गए और शीर्ष 500 से बाहर हो गए। मुकुंद को पीठ की समस्या पहले भी परेशान कर रही थी और उन्होंने 2019 में पैर की चोट के कारण पाकिस्तान के खिलाफ डेविस कप मुकाबले से भी नाम वापस ले लिया था। युकी भांबरी और प्रजनेश गुणेश्वरन भी चोटों के कारण अपने-अपने करियर में महत्वपूर्ण समय गंवा बैठे।
अमृतराज ने कहा, ‘‘मुकुंद 25 साल का है। सुमित भी लगभग इतनी ही उम्र का है। इस उम्र में सबसे पहली बात यह है कि आप फिट रहें। आजकल इन छोटे बच्चों को कितनी चोटें लग रही हैं, मैं हैरान हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पीढ़ी में यह शायद ही कभी हुआ हो। अब आप युकी को देखें, वह ज्यादा नहीं खेला है, वह भाग्यशाली था कि वह चोट से वापसी कर पाया और खेला।’’ आज भारत के शीर्ष रैंकिंग वाले खिलाड़ी मुकुंद 340वें नंबर पर हैं जो भारतीय टेनिस की वर्तमान स्थिति के बारे में बहुत कुछ बयां करता है। अमृतराज जाहिर तौर पर इससे निराश हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए काफी दुख की बात है कि कोई 340वीं रैंकिंग वाला खिलाड़ी हमारा सबसे अच्छा है, रैंकिंग के हिसाब से। सुमित नागल के पास शीर्ष 100 या 150 में आने का मौका था। मुझे हमेशा आश्चर्य होता था कि रामकुमार शीर्ष 100 में क्यों नहीं थे। यह है मेरे लिए अविश्वसनीय है कि वे सभी एकल में संघर्ष करते हैं।’’ अमृतराज को लगता है कि युकी को एकल को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, वह नहीं चाहते कि रामकुमार उस निर्णय को लेने में दिल्ली के खिलाड़ी का अनुसरण करें।
उन्होंने कहा, ‘‘राम को कम से कम एक और साल के लिए एकल से जुड़े रहना चाहिए। युगल खेलने के लिए हमेशा समय होता है, रोहन 42 साल की उम्र में खेल रहा है। वह अच्छा खेल रहा है। आपके पास एकल को छोड़कर 28 साल की उम्र में युगल पर ध्यान केंद्रित करने का कोई कारण नहीं है, राम के साथ ऐसा ही है।’’ अमृतराज ने कहा, ‘‘जहां तक युकी का संबंध है, उन्हें फैसला करना था। उनके पास साकेत माइनेनी के रूप में एक अच्छा जोड़ीदार है। 30 साल की उम्र भी शायद युगल में जाना एक अच्छा समय है। युकी ने पांच-छह साल पहले कुछ अविश्वसनीय एकल मैच खेले हैं। मैं तय नहीं हूं कि उन्हें एकल को नजरअंदाज करना चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने अपना मन बना लिया है। यह वास्तव में निराशा की बात है क्योंकि वह अब भी बहुत प्रतिभाशाली हैं।
Anand amritraj said its worrying that indias top singles players are not winning close matches
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