अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के नियमों के अनुसार जब ‘नॉन-स्ट्राइकर’ छोर पर बल्लेबाज को रन आउट करना अनुचित समझा जाता था तब भी भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन अपने तर्क पर डटे हुए थे लेकिन इस ऑफ स्पिनर ने हल्के फुल्के अंदाज में स्वीकार किया कि वह भी इस तरीके से आउट नहीं होना चाहेंगे। काफी खिलाड़ी कह चुके हैं कि वे क्रीज से बाहर नहीं आयेंगे और अश्विन को भरोसा है कि वह इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिये कर सकते हैं।
उन्होंने भारत के रविवार को जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 विश्व कप मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘यह अच्छा है। मेरा मतलब, अगर लोग कहते हैं कि वे क्रीज से बाहर नहीं आयेंगे लेकिन वे आते हैं तो बतौर क्रिकेटर, मैं इसका इस्तेमाल खुद के फायदे के तौर पर करूंगा। ’’ अश्विन नॉन-स्ट्राइकर छोर पर ज्यादा आगे तक आने पर कई बार खिलाड़ियों को रन आउट कर चुके हैं, उन्होंने महिला टीम की खिलाड़ी दीप्ति शर्मा का भी समर्थन किया था, जब उन्होंने ब्रिटेन में भारत की श्रृंखला के दौरान इंग्लैंड की अंतिम बल्लेबाज को इसी तरीके से आउट किया था।
अश्विन ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं भी इस तरह से आउट नहीं होना चाहूंगा क्योंकि मैं ऐसा नहीं चाहता - ऐसा नहीं है कि मैं इस तरह से आउट नहीं हो सकता। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये कोई भी आउट नहीं होना चाहता। मैं गेंद पर बल्ला का किनारा छुआकर, बोल्ड या रन आउट नहीं होना चाहता। मैं नॉन-स्ट्रइाकर छोर पर भी रन आउट नहीं होना चाहूंगा क्योंकि यह आउट करने का एक तरीका है और यह पूरी तरह से नियमों के दायरे में भी है। ’’
अश्विन को लगता है कि इस तरीक से आउट होने से निश्चित रूप से विरोधाभासी विचार होंगे ही। उन्होंने कहा, ‘‘देखिये, इसे लेकर ज्यादा तर्क नहीं हैं। इस दुनिया में अन्य चीजों की तरह जब कुछ चीजें होती हैं तो आपको विरोधाभासी विचारों वाले लोग मिलते ही हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘भले ही आप चाहे या नहीं चाहें, इसलिये यह पूरी तरह से ठीक है। यह जानना अच्छा है कि वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि आप अंतिम मिनट में भाग सकते हैं और आप इंतजार कर सकते हैं।
Ashwin said if people dont come out of crease i will use it to my advantage
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