आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपये किया जाना चाहिए। उद्योग मंडल एसोचैम ने बृहस्पतिवार को इस बात की पैरोकारी करते हुए कहा कि इससे अर्थव्यवस्था में उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। इस समय सामान्य रूप से 2.5 लाख रुपये तक आय की अधिकतम सीमा पर कोई आयकर नहीं लगता है। दूसरी ओर 60-80 वर्ष की आयु वर्ग के व्यक्तियों के मामले में यह सीमा तीन लाख और 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए पांच लाख रुपये है। एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस्पात और सीमेंट जैसे क्षेत्रों की कंपनियां अब क्षमता बढ़ाने की योजना बनाने लगी हैं।
उन्होंने जोखिमों के बारे में बात करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर मंदी आ सकती है और इससे विदेश व्यापार प्रभावित होगा। ऐसे में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी प्रभावित हो सकता है। एसोचैम ने बजट पूर्व की अपनी सिफारिशों में कहा कि सरकार को आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर कम से कम पांच लाख रुपये करना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक खर्च करने योग्य आय बची रहे। उद्योग निकाय ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा मिले। सिन्हा ने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों तरह के करों में उछाल से सरकार के पास आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की पर्याप्त गुंजाइश है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘‘उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा छोड़ने से खपत को बढ़ावा मिलेगा, जिसका सकारात्मक असर आर्थिक वृद्धि पर होगा।
Assocham said personal income tax exemption limit should be increased to lakh rupees
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