Prabhasakshi NewsRoom: Ram Mandir निर्माण पूरा होने की शाह और योगी ने बताई अलग-अलग तारीख
अभी हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा और श्रद्धालु वहां दर्शन कर सकेंगे। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जनवरी नहीं बल्कि दिसंबर 2023 में ही राम मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बन रहा मंदिर सिर्फ राम मंदिर नहीं बल्कि राष्ट्र मंदिर होगा।
वहीं अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण की ताजा स्थिति की बात करें तो राम मंदिर के निर्माण का लगभग आधा काम पूर्ण हो चुका है और अगली मकर संक्रांति तक गर्भगृह में प्रतिमा स्थापित कर दी जाएगी जहां उगते सूरज की किरणें मूर्ति के मस्तक पर पड़ेंगी। मकर संक्रांति पर्व से एक दिन पहले ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ ने पत्रकारों को निर्माण की प्रगति का निरीक्षण करने के लिए राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश दिया। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा, “पूरा देश मकर संक्रांति का पर्व मना रहा है और सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहा है और हमने राम मंदिर बनाने के अपने लक्ष्य को आधे से ज्यादा हासिल कर लिया है।” उन्होंने कहा कि 2024 में जैसे ही सूर्य 'मकर राशि' में प्रवेश करेगा, भगवान राम अपने मूल गर्भगृह में विराजमान होंगे।
राय ने कहा कि अब तक मंदिर के भूतल का निर्माण कार्य पचास प्रतिशत के करीब पहुंच चुका है। माना जा रहा है कि इस साल अगस्त तक भगवान श्रीराम के गर्भगृह का भूतल बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जमीन से 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है और 11 फुट की ऊंचाई तक पत्थरों की परत चढ़ाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान रामलला के गर्भगृह के भूतल में 170 खंभे होंगे। निर्माण प्रक्रिया में शामिल अभियंताओं के मुताबिक, अगले साल जनवरी तक गर्भगृह का काम पूरा हो जाएगा।
राम मंदिर निर्माण कार्य के परियोजना प्रबंधक जगदीश आफले ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में दो वास्तुकार सीबी सोमपुरा और जय कार्तिक शामिल हैं। आफले ने कहा कि अब तक मंदिर निर्माण का पैंतालीस प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 तक भूतल का काम पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन शीर्ष पर पहुंचने में अभी कम से कम पांच महीने और लगेंगे। राम जन्मभूमि में कल्याण मंडप, अनुष्ठान मंडप और भक्त सुविधा केंद्र का निर्माण कार्य बाकी है। आफले ने कहा कि रामलला के गर्भगृह में दो अलग-अलग मूर्तियां विराजमान होंगी और ये 'चल विग्रह' और 'अचल विग्रह' होंगी। उनके मुताबिक, 1949 की मूर्ति 'चल विग्रह', जिसकी आज पूजा की जा रही है, वहां विराजमान होगी। इसके अलावा वहां एक बड़ी मूर्ति भी स्थापित की जाएगी जो 'अचल विग्रह' होगी। उन्होंने कहा, “हम गर्भगृह को इस तरह से डिजाइन कर रहे हैं कि उगते सूरज की किरणें मूर्तियों के मस्तक पर पड़ें।" वास्तुकारों और अभियंताओं ने इस बात पर खास ध्यान दिया है कि मंदिर एक हजार साल तक सुरक्षित रहे।
उधर, अयोध्या स्थित प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर की बात करें तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अयोध्या के हनुमानगढ़ी में बुजुर्गों और दिव्यांग श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्वचालित सीढ़ियां (एस्कलेटर) या लिफ्ट लगाने का सुझाव दिया है। मुख्य सचिव ने अयोध्या के राम जन्म भूमि पथ, भक्ति पथ तथा राम पथ के कार्यों की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से इस बात का विशेष ध्यान रखने को कहा कि मार्गों में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न होने पाये। दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि आने वाले दिनों में एक नई अयोध्या स्थापित होगी और देश ही नहीं, विदेश से भी लोग अयोध्या को देखने आएंगे। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों से प्रभावित लोगों को उचित मुआवजे का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। बैठक में बताया गया कि जन्म भूमि पथ (सुग्रीव किला से श्रीराम जन्म भूमि मंदिर मार्ग) का 51 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा भक्ति पथ (श्रृंगार हाट से श्री राम जन्म भूमि मंदिर मार्ग) के लिए भूमि भवन क्रय एवं पुनर्वास का कार्य पूरा हो चुका है। कुल प्रभावित 350 दुकानों को मुआवजा दिया जा चुका है।
उधर, अयोध्या से यह भी खबर है कि रेलवे भारत में अयोध्या और नेपाल में जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा। रेलवे ने इस संबंध में एक बयान में कहा कि ‘श्री राम-जानकी यात्रा: अयोध्या से जनकपुर’ 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी। भारतीय रेलवे ने कहा कि यह पहल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देगी। हम आपको बता दें कि यह पर्यटक ट्रेन नंदीग्राम, सीतामढ़ी, काशी और प्रयागराज से होकर गुजरेगी। यात्रियों के जनकपुर और वाराणसी के होटलों में दो रात विश्राम की व्यवस्था होगी। यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा की जा सकेगी। इस अत्याधुनिक डीलक्स एसी पर्यटक ट्रेन की विशेषताओं में दो बढ़िया रेस्तरां, एक आधुनिक रसोईघर, डिब्बों में नहाने की व्यवस्था, सेंसर-आधारित शौचालय और पैरों की मालिश के लिए उपकरण शामिल हैं। भारतीय रेलवे ने कहा, ‘‘प्रस्तावित सात दिवसीय भारत गौरव पर्यटक ट्रेन यात्रा का पहला पड़ाव भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या है, जहां पर्यटक श्री राम जन्मभूमि मंदिर और हनुमान मंदिर के अलावा नंदीग्राम में भरत मंदिर जाएंगे।’’ अयोध्या के बाद ट्रेन बिहार के सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन जाएगी और पर्यटक आगे बसों से नेपाल के जनकपुर जाएंगे जो सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन से 70 किलोमीटर दूर है।
भारतीय रेलवे ने कहा, ‘‘इस पैकेज को एक बड़ी आबादी के लिए अधिक आकर्षक और किफायती बनाने के लिए आईआरसीटीसी ने ईएमआई भुगतान विकल्प प्रदान करने के मकसद से पेटीएम और रेजरपे पेमेंट गेटवे के साथ करार किया है। उपयोगकर्ता तीन, छह, नौ, 12, 18 या 24 महीनों में भुगतान करने के लिए ईएमआई भुगतान विकल्प का लाभ उठा सकते हैं। इन ईएमआई का भुगतान डेबिट/क्रेडिट कार्ड विकल्प के माध्यम से किया जा सकता है। 18 साल और उससे अधिक उम्र के सभी यात्रियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अनिवार्य है।’’ घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की पहल ‘‘देखो अपना देश’’ की तर्ज पर ‘‘भारत गौरव पर्यटन ट्रेन’’ की शुरुआत हुई है। इसके लिए प्रति व्यक्ति किराया 39,775 रुपये से शुरू होता है। यात्रा पैकेज में सात दिनों की यात्रा शामिल होगी और संबंधित श्रेणी के अनुसार यात्रा किराया निर्धारित होगा, जिसमें ट्रेन यात्रा, एसी होटलों में रात का ठहराव, शाकाहारी भोजन और बसों से आने जाने, दर्शनीय स्थल की यात्रा, बीमा और गाइड की सेवाएं शामिल होंगी।
Ayodhya ram mandir construction latest updates