डिजिलॉकर, खाता एग्रीगेटर प्रणाली और वीडियो ई-केवाईसी जैसे सार्वजनिक साधन भारत की अगली डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाएंगे। बैंकबाजार डॉट कॉम के संस्थापक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी ने यह बात कही। सार्वजनिक साधन उन वस्तुओं एवं सेवाओं कहते हैं, जो समाज के सभी सदस्यों के लिए समान रूप से उपलब्ध होती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि देश में 2022 में डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा 50अरब तक पहुंच गया।
शेट्टी ने एक बातचीत में कहा कि यह आंकड़ा अमेरिका और चीन की तुलना में तीन गुना है। इसे डिजिटल भुगतान क्रांति के दौरान यूपीआई, रुपे और आधार जैसे डिजिटल सार्वजनिक साधनों की मदद से हासिल किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘बैंकबाजार का मानना है कि एक और क्रांति हो रही है। दुनिया इसे अब से एक या दो साल में पहचान लेगी। यह अगली डिजिटल क्रांति होगी, जो दूसरी पीढ़ी के सार्वजनिक साधनों द्वारा संचालित होगी, जैसे डिजिलॉकर, खाता एग्रीगेटर और वीडियो ईकेवाईसी आदि।’’
उन्होंने कहा कि आज भारत में डिजिलॉकर पर 12.8 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और 400 प्रकार के दस्तावेज इससे जुड़े हैं। इस तरह तकनीकी रूप से 500 करोड़ ई-दस्तावेज डिजिलॉकर जमा किए जा सकते हैं। शेट्टी ने आगे कहा, ‘‘यह (देश में) ऋण के लिए पासा पलटने वाला है। खाता एग्रीगेटर के संबंध में एक बड़ा बदलाव तब हुआ, जब वित्त मंत्री ने इस साल की शुरुआत बैंकों से इस प्रणाली से जुड़ने के लिए कहा था।’’ खाता एग्रीगेटर मॉडल से छोटे कर्जदारों को आसानी से ऋण मिलेगा और डिजिटल कर्ज बढ़ेगा। शेट्टी के मुताबिक, इस समय एक अरब (100 करोड़) बैंक खाते अकाउंट एग्रीगेटर (एए) प्रणाली पर उपलब्ध हैं। बैंकबाजार डॉट कॉम भी एए प्रणाली से जुड़ने पर विचार कर रही है।
Bankbazaar ceo said public instruments will drive indias next digital revolution
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