नागर विमानन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) यह पता लगाने के लिए अध्ययन कर रहा है कि दिल्ली हवाईअड्डे के आव्रजन क्षेत्र में यात्रियों के लिए पर्याप्त जगह है या नहीं। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। बीसीएएस के इस अध्ययन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के पूरी रफ्तार से शुरू होने पर हवाईअड्डे के आव्रजन वाले इलाके में भीड़भाड़ की स्थिति नहीं बने। बीते कुछ समय से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भीड़भाड़, लंबी कतारों और लंबी प्रतीक्षा अवधि की शिकायतें कर रहे हैं।
इसके बाद अधिकारियों ने कई कदम उठाए है जिससे स्थिति में कुछ सुधार आया है। अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप यात्रियों के ठहरने को लेकर खास जरूरतें होती हैं लिहाजा स्थिति का आकलन करने की कोशिश की जा रही है ताकि जब अंतरराष्ट्रीय यात्रा पूरी रफ्तार से शुरू हो जाए तो आव्रजन क्षेत्र में भीड़भाड़ न हो। उन्होंने कहा कि देश में अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात महामारी-पूर्व स्तर पर पहुंचने में अभी कुछ वक्त लगेगा। चीन में कोविड की पाबंदी होने और अमेरिका से वीजा जारी होने में लगने वाला अधिक समय इसके कुछ कारण हैं।
दूसरी ओर, विमानन क्षेत्र के हितधारकों की सुविधा के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ई-गवर्नेंस मंच पर नए फीचर शुरू किए हैं। इसमें पायलट के उड़ान घंटों की जानकारी रियल-टाइम के आधार पर देना शामिल है। वहीं, हवाई परिचालन प्रमाणपत्र डेटाबेस को नागर विमानन मंत्रालय के हेली-सेवा पोर्टल से जोड़ा जा रहा है जिससे लैंडिंग के अनुरोध को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि ई-गवर्नेंस के एकल मंच ‘ईसीजीए ’ को बेहतर बनाया गया है ताकि नागर विमानन परिवेश में कारोबारी सुगमता को और बढ़ाया जा सके।
Bcas is studying to avoid congestion at delhi airport
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