Bihar: शिक्षा मंत्री के बयान पर बवाल, JDU ने भी खोला मोर्चा, ललन सिंह बोले- हम सभी धर्मों का करते हैं सम्मान
रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर के बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। विवादित बयान को लेकर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है। डॉ चंद्रशेखर राजद कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री हैं। लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी अब चंद्रशेखर के खिलाफ दिखाई दे रही है। जदयू के कार्यकर्ताओं ने भी अब शिक्षा मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जदयू कार्यकर्ता जगह-जगह रामचरितमानस का पाठ कर रहे हैं। इन सबके बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने कहा है कि जदयू सभी धर्म का सम्मान करती है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि चंद्रशेखर के इस बयान पर राजद को संज्ञान लेना चाहिए। कहीं ना कहीं अपने बयान पर चंद्रशेखर अकेले पड़ते दिखाई दे रहे हैं।
वहीं, भाजपा नेता अश्विनी कुमार चौबे ने रामचरितमानस पर राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की टिप्पणी का जवाब देने के लिए रामचरितमानस का पाठ किया। भाजपा लगातार शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रही है। भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि श्रीराम मंदिर के विरुद्ध जगदानंद की दुराग्रही टिप्पणी के दो दिन बाद उनकी पार्टी के शिक्षा मंत्री प्रोसेसर चंद्रशेखर के श्रीरामचरित मानस की निंदा करने से साफ कि लालू प्रसाद के नेतृत्व वाला राजद एक हिंदू-विरोधी राजनीतिक संगठन है। उन्होंने कहा कि समाज के बहुसंखयक वर्ग की आस्था पर चोट करने वाले बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुप्पी तोड़नी चाहिए और शिक्षा मंत्री के पद से तुरंत बर्खास्त करना चाहिए।
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की रामचरितमानस टिप्पणी पर विवाद पर जदयू के उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बयान से बीजेपी को सीधा फायदा होगा। उन्होंने जिस विषय पर बात की वह बीजेपी का एजेंडा है। बीजेपी के एजेंडे पर बोलने का मतलब उनकी पिच पर खेलना है। अगर हम वहां खेलते हैं, तो किसे फायदा होगा? उन्होंने कहा कि हमारा एजेंडा सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, विकास और इन सभी वर्षों में सीएम का काम है। राजद ने कहा कि वे चंद्रशेखर की टिप्पणी के साथ खड़े हैं। इसका क्या मतलब है? मामले का संज्ञान लिया जाना चाहिए, इसकी आवश्यकता है।
चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में ‘रामचरितमानस’ पर टिप्पणी की थी। बाद में पत्रकारों द्वारा चंद्रशेखर से उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर वह अपनी बात पर अड़े रहे और कहा, ‘‘मनु स्मृति, रामचरितमानस और ‘बंच ऑफ थॉट्स’ (आरएसएस विचारक एम.एस. गोलवलकर द्वारा लिखित) ने समाज में नफरत को बढ़ावा दिया है। यही कारण है कि इन (कार्यों) को दलितों और ओबीसी से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।’’
Bihar ruckus on the statement of education minister jdu also opened the front