Bollywood

Birthday Special : ‘शूटर दादी’ प्रकाशी तोमर जिन्होंने साबित किया तन बूढ़ा होता है मन नहीं

Birthday Special : ‘शूटर दादी’ प्रकाशी तोमर जिन्होंने साबित किया तन बूढ़ा होता है मन नहीं

Birthday Special : ‘शूटर दादी’ प्रकाशी तोमर जिन्होंने साबित किया तन बूढ़ा होता है मन नहीं

महिलाएं घर से लेकर बाहर तक के हर काम को बखूबी निभाने का दम रखती है। मानसिक और शारीरिक तौर पर भी महिलाएं अब खुद को सशक्त बनाती आ रही है। देश में कई ऐसी महिलाएं हैं जो अपनी हिम्मत और ताकत के दम पर खास मुकाम हासिल कर पाई है। छोटी उम्र में दुनिया के सामने मिसाल बनने वाली कई महिलाओं और लड़कियों के बारे में जानकारी मिलती है मगर उम्र पार करने के बाद खास उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाएं काफी कम है। ऐसी ही एक महिला है शार्प शूटर दादी। वर्ष 2019 में आई फिल्म "सांड की आंख" में तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर ने दो बुजुर्ग महिलाओं का किरदार निभाया था जिसने बुजुर्ग महिलाओं के संबंध में कही जाने वाली बातों तक को झूठा साबित कर दिया था।

उन्होंने निशानेबाजी को पेशे के तौर पर चुनने का मन उस समय बनाया जब अधिकतर लोग घर पर रिटायर होकर बैठने का विचार करते है। उन्होंने 65 वर्ष की उम्र में शूटिंग रेज में जाना शुरू किया। उनका काफी मजाक बनाया गया और ताने दिए गए। कई लोगों ने ताने देकर कहा कि फौज में जाकर भर्ती हो मगर आस पास के लोगों के ताने उनके हौंसलों को पस्त नहीं कर सके। लगातार मिलती आलोचनाओं से भी प्रकाशी तोमर के मन का विश्वास कमजोर नहीं हुआ। उन्होंने निशानेबाजी को सिखने पर अपना पूरा फोकस रखा। उनके इस ध्यान और फोकस का नतीजा रहा कि वो प्रसिद्धी के शिखर पर पहुंची। उन्होंने सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि समाज में और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मिसाल कायम की।

बता दें कि प्रकाशी तोमर की शादी बागपत के जोहरी गांव के निवासी जय सिंह से हुई थी। प्रकाशी की दो बेटियां है। वहीं उनकी जेठानी चंद्रो तोमर के साथ मिलकर ही प्रकाशी ने निशानेबादी सिखना शुरू किया था। दोनों एक दूसरे की जेठानी और देवरानी थी। हालांकि चंद्रो तोमर दादी का वर्ष 2021 में कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने से निधन हो गया था।

ऐसे हुई थी शूटिंग रेंज जानी की शुरुआत
जानकारी के मुताबिक प्रकाशी की बेटी निशाने बाजी सिखने के इच्छुक थी। प्रकाशी अपनी बेटी को लेकर रोजरी रायफल क्लब पहुंची। यहां शौक में आकर प्रकाशी ने भी फायरिंग की और पहली ही बार में उन्होंने सटीक निशाना मारा। 65 वर्ष की उम्र में ऐसा निशाना देखकर क्लब के कोच काफी हैरत में थे। उन्होंने ही प्रकाशी को क्लब जॉइन करने को कहा। प्रकाशी और चंद्रो दोनों ने ही क्लब जॉइन किया और उसके बाद जो हुआ वो सब इतिहास है। बता दें कि दादी प्रकाशी और सीमा तोमर ने देशभर में आयोजित प्रतियोगिताओं में 25 मेडल जीते हैं। चेन्नई में आयोजित की गई वृद्ध निशानेबाजी प्रतियोगिता (वेटेरन शूटिंग चैंपियनशिप) में स्वर्ण पदक भी जीत चुकी है।

मिले हैं कई सम्मान
बता दें कि प्रकाशी तोमर के इस खास योगदान के लिए उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से आइकन लेडी का पुरस्कार मिल चुका है। वर्ष 2016 में उन्हें देश की 100 वीमेन अचीवर्स में शामिल किया गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ लंच पर भी दोनों को आंमत्रित किया जा चुका है। 

Birthday special shooter dadi prakashi tomar who proved that body gets old not mind

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero