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ब्राजील राष्ट्रपति चुनाव : लूला डा सिल्वा को सत्ता सौंपने को राजी हुए बोलसोनारो

ब्राजील राष्ट्रपति चुनाव : लूला डा सिल्वा को सत्ता सौंपने को राजी हुए बोलसोनारो

ब्राजील राष्ट्रपति चुनाव : लूला डा सिल्वा को सत्ता सौंपने को राजी हुए बोलसोनारो

ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने सत्ता हस्तांतरित करने की इच्छा जाहिर की है। राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में उन्हें दो दिन पहले वामपंथी नेता लूला डा सिल्वा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। खबरों के अनुसार, बोलसोनारो ने ब्राजील के उच्चतम न्यायालय के सदस्यों को मंगलवार को कहा कि डा सिल्वा के खिलाफ उनकी चुनावी लड़ाई खत्म हो चुकी है। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में एक संक्षिप्त बयान में उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने हमेशा संविधान के तहत काम किया है।’’

हालांकि उन्होंने चुनाव में हार की बात स्वीकार नहीं की। बोलसोनारो के साथ एक निजी बैठक के बाद उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति लुइज़ एडसन फाचिन ने बताया कि रूढ़िवादी नेता ने कहा, ‘‘ यह (चुनाव) खत्म हो चुका है। आए इससे आगे बढ़ें।’’ न्यायमूर्ति ने एक वीडियो में यह टिप्पणी की, जिसे स्थानीय मीडिया ने प्रसारित किया। पत्रकारों ने दो अन्य न्यायमूर्तियों से भी इस संबंध में सवाल किया, लेकिन उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।ब्राजील के वित्त मंत्री पाउलो गेडेस भी मौक पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी कोई टिप्पणी नहीं की।

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शीर्ष अदालत ने एक अन्य बयान में कहा कि न्यायमूर्तियों ने बोलसोनारो से बैठक में कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि वह चुनाव के परिणामों के साथ-साथ ब्राजील के लोगों के आंदोलन की स्वतंत्रता के अधिकार को स्वीकार करें। बोलसोनारो ने इससे पहले सिल्वा के हाथों मिली हार को स्वीकार नहीं किया था। हालांकि चीफ ऑफ स्टाफ सिरो नोगीरा ने पत्रकारों से कहा कि बोलसोनारो ने उन्हें सत्ता-हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है। निर्वाचन प्राधिकरण ने रविवार को चुनाव के परिणामों की घोषणा की थी, जिसमें लूला डा सिल्वा को 50.9प्रतिशत और बोलसोनारो को 49.1 प्रतिशत मत मिले।

ब्राजील में 1985 में लोकतंत्र बहाल होने के बाद से पहला मौका है जब निवर्तमान राष्ट्रपति दोबारा चुनाव जीतने में विफल रहे हैं। यह लूला डा सिल्वा के लिए एक आश्चर्यजनक उलटफेर है। सिल्वा 2003 से 2010 के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति रह चुके हैं। सिल्वा (77) को 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई गई थी, जिस वजह से उन्हें उस साल चुनाव में दरकिनार कर दिया गया था। इस कारण, तत्कालीन उम्मीदवार बोलसोनारो की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ था।

Brazil presidential election bolsonaro agrees to hand over power to lula da silva

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