ब्रिटेन के महाराज चार्ल्स तृतीय ने क्रिसमस के मौके पर दुनिया में शांति और प्रसन्नता के माहौल की कामना की। उन्होंने महाराज बनने के बाद क्रिसमस के मौके पर अपने पहले भाषण में बहुधर्मी संदेश दिया और इसमें पूरे ब्रिटेन में गिरजाघरों, मस्जिदों, मंदिरों और गुरुद्वारों द्वारा किये गये कार्यों का उल्लेख किया। महाराज चार्ल्स (74) का इस महीने की शुरुआत में विंडसर कैसल में सेंट जॉर्ज चैपल में संदेश रिकॉर्ड किया था। महाराज चार्ल्स की मां एवं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का सितंबर में 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
ब्रिटिश राजशाही की ओर से अपने पहले पारंपरिक क्रिसमस दिवस संदेश में महाराजा चार्ल्स-तृतीय ने दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि दी। ब्रिटिश राजशाही की ओर से क्रिसमस पर संदेश प्रसारित करने की लंबे समय से परंपरा रही है, जिसका मकसद ब्रिटेन समेत पूरे राष्ट्रमंडल की जनता को संदेश देना होता है। उल्लेखनीय है कि पहली बार 1957 में एलिजाबेथ द्वितीय टीवी पर इस संदेश के प्रसारण में नजर आई थीं।
महाराज चार्ल्स ने कहा, ‘‘क्रिसमस निश्चित रूप से एक ईसाई उत्सव है जो अंधेरे पर प्रकाश की विजय मनाने का एक अवसर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गिरजाघर, यहूदी उपासनास्थल, मस्जिद, मंदिर और गुरुद्वारे एक बार फिर से भूखों को खाना खिलाने, प्यार और सहायता प्रदान करने के लिए एकजुट हुए हैं।’’ चार्ल्स ने कहा, ‘‘हम इसे अपने सशस्त्र बलों और आपातकालीन सेवाओं के निस्वार्थ समर्पण को देखते हैं जो हम सभी को सुरक्षित रखने के लिए अथक रूप से काम करते हैं।
Britains king charles iii wished an atmosphere of peace and happiness on christmas
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