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ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक ने राजनयिकों-कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से कॉल करके उन्हें धन्यवाद दिया

ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक ने राजनयिकों-कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से कॉल करके उन्हें धन्यवाद दिया

ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक ने राजनयिकों-कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से कॉल करके उन्हें धन्यवाद दिया

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस क्रिसमस पर व्यक्तिगत रूप से कॉल करके दुनियाभर के राजनयिकों, सैन्यकर्मियों, परमार्थ कार्य में जुटे कार्यकर्ताओं और अन्य जन सेवकों को ना केवल अचंभित कर दिया, बल्कि इस ‘असाधारण साल’ में उनके त्याग और समर्पण के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया। डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आधिकारिक कार्यालय) ने कहा कि ब्रिटिश-भारतीय नेता ने शुक्रवार को पाकिस्तान में काम कर चुके शेरवान आसिफ समेत अन्य राजनयिकों को व्यक्तिगत रूप से फोन कॉल किया।

आसिफ ने इस्लामाबाद स्थित ब्रिटिश उच्चायोग में 12 साल से अधिक वर्षों तक काम किया और वह पाकिस्तान में गत जून में आई विनाशकारी बाढ़ के प्रति ब्रिटेन की प्रतिक्रिया को लेकर सबसे आगे थे। डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से कहा गया कि आसिफ ने मदद के लिहाज से अहम इलाकों की पहचान की और यह सुनिश्चित किया कि सर्वाधिक वंचित लोगों तक मदद पहुंचे। सुनक ने कहा, ‘‘इस क्रिसमस पर आप चाहे मोगादिशू में काम कर रहे हों या मिल्टन किन्स में, मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि मैं आपके त्याग के प्रति व्यक्तिगत रूप से आभारी हूं।’’

उन्होंने कहा कि यह साल बहुत से कारणों के कारण एक असाधारण वर्ष रहा है, लेकिन हम में से अधिकांश लोगों के लिए यह एक ऐसा साल रहा है जिसमें ब्रिटेन की असल भावना और उदारता दिखी। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की यह उदारता यूक्रेनी दोस्तों को मदद देने से लेकर विदेश के सर्वाधिक वंचित लोगों तक जरूरी मदद पहुंचाना सुनिश्चित करने तक दिखी। विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के स्थायी अवर सचिव सर फिलिप बार्टन समेत सोमालिया और यूक्रेन में तैनात राजनयिकों को भी सुनक ने फोन किया।

उन्होंने अंटार्कटिका में मौजूद ब्रिटेन की रॉयल नेवी के पोत के चालक दल के सदस्यों को भी फोन किया। सुनक ने लंदन स्थित ‘स्मार्ट प्ले’ (एक पुरस्कार विजेता सरकार द्वारा वित्तपोषित अवकाश गतिविधि और खाद्य कार्यक्रम) के संचालक क्रिस मिशेल को भी फोन करके चकित किया। सुनक ने मोगादिशू में तैनात राजनयिक निक गुफोग से बातचीत की और उनसे जाना कि वहां पर तैनात कर्मचारी आतंकवादी हमले के खतरे के मद्देनजर किस तरह कंटेनर में रह रहे हैं। उन्होंने स्विता यावोरस्का से भी बात किया, जो कीव और वारसॉ के बाद अब ल्वीव में ब्रिटिश दूतावास में काम कर रही हैं। स्विता ने उन्हें बताया कि उनको कैसे हमले के बाद पोलैंड भागना पड़ा था। अंत में सुनक ने एचएमएस प्रोटेक्टर नामक पोत के चालक दल के कुछ सदस्यों से बातचीत की, जो फिलहाल साउथ सैंडविच द्वीप में तैनात हैं।

British pm sunak calls diplomats staff personally to thank them

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