ब्रिटेन की पहली महिला सिख सांसद ने भारतीय मूल की एक जूनियर डॉक्टर की आत्महत्या और कर्मचारियों द्वारा उसे तंग किए जाने की कई खबरें आने के बाद बर्मिंघम में नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) अस्पताल ट्रस्ट की स्वतंत्र जांच कराने के लिए ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखा है। इस अस्पताल को सरकार से वित्त पोषण प्राप्त है। बर्मिंघम एजबैस्टन से संसद सदस्य प्रीत कौर गिल ने ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री स्टीव बार्कले को लिखा पत्र बुधवार को ट्विटर पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स बर्मिंघम एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट (यूएचबी) में कामकाज के तौर-तरीकों की जांच करने की मांग की है।
यह अस्पताल बर्मिंघम एजबैस्टन में ही स्थित है। उन्होंने बर्मिंघम क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल में काम करने वाली 35 वर्षीय डॉ. वैष्णवी कुमार की आत्महत्या का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस मामले की पिछले महीने जांच के दौरान पता चला कि उसे काम पर ‘‘अपमानित’’ किया जाता था तथा वह घर आकर रोती थी। विपक्षी लेबर पार्टी की वरिष्ठ सांसद गिल ने कहा कि कुमार के संपर्क में रहे कई कर्मियों ने बताया कि एनएचएस अस्पताल में ‘‘मुंह बंद रखो या काम छोड़ दो’’ की संस्कृति है। बीबीसी के ‘न्यूजनाइट’ कार्यक्रम में की गयी पड़ताल में इस महीने यह पाया गया कि अस्पताल के चिकित्सकों को सुरक्षा चिंताएं जताने के लिए ‘‘सजा’’ दी गयी।
गिल ने इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है, ताकि लोग खुद आगे आकर सबूत देने में सुरक्षित महसूस करें। यूएचबी ब्रिटेन के बड़े एनएचएस ट्रस्ट में से एक है, जो इलाके में कई अस्पतालों का प्रबंधन करता है। यूएचबी ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें दिए जा रहे समर्थन का स्वागत करते हैं और हम एनएचएस के हमारे सहकर्मियों के साथ सकारात्मक तथा सार्थक रूप से काम करने के लिए उत्साहित हैं।
British sikh mp calls for independent probe into indian origin doctors suicide
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