अगले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत के पास रहने के दौरान देश की ओर से वैश्विक निकाय को भेंट के तौर पर यहां महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। यहां संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में महात्मा गांधी की यह पहली प्रतिमा होगी। अगले महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर की संयुक्त राष्ट्र की यात्रा के दौरान इस आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। प्रसिद्ध भारतीय मूर्तिकार पद्म श्री सम्मानित राम सुतार ने यह मूर्ति बनायी है। सुतार ने ही गुजरात में ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का डिजायन तैयार किया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रूचिरा कंबोज ने यहां एक विशेष साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के विशाल उत्तरी लॉन में यह आवक्ष प्रतिमा लगायी जाएगी। भारत की तरफ से उपहार यह आवक्ष प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में लगाई जाने वाली गांधी की पहली मूर्ति होगी। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय दुनियाभर के उपहारों एवं कलाकृतियों को गर्व के साथ प्रदर्शित करता है।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की उल्लेखनीय कलाकृतियों में जर्मनी द्वारा दान दी गयी बर्लिन की दीवार का एक हिस्सा, सोवियत कलाकृति ‘लेट अस बीट स्वोर्ड्स इंटू प्लाउशेयर’ दक्षिण अफ्रीका द्वारा दी गयी नेल्सन मंडेला की आदमकद प्रतिमा, पब्लो पिकासो की ‘गुएर्निका’ चित्रयवनिका शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रदर्शित भारत का एक मात्र दूसरा उपहार 11 वीं सदी की सूर्यदेव की काले पत्थर की मूर्ति है जिसे 26 जुलाई, 1982 में दान किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाल काल की यह मूर्ति संयुक्त राष्ट्र को भेंट की थी।
महासचिव जेवियर पेरेज़ डी क्यूएलर ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से उसे स्वीकार किया था। उसे कांफ्रेंस बिल्डिंग में प्रदर्शित किया गया है। कंबोज ने कहा कि गांधी की आवक्ष प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय ग्राउंड में ‘बहुत प्रतिष्ठित स्थान’ नॉर्थ लॉन में लगायी जाएगी। इस आवक्ष प्रतिमा का 14 दिसंबर को अनावरण किया जाएगा औरकार्यक्रम में सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्यों के प्रतिनिधियों के उपस्थित रहने की संभावना है।
उसमें वे नये सदस्य भी शामिल होंगे जो एक जनवरी, 2023 से परिषद का सदस्य बनने जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और संयुक्त राष्ट्र के 77 वीं महासभा के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी के भी शामिल होने की संभावना है। इस कार्यक्रम की महत्ता रेखांकित करते हुए कंबोज ने कहा कि महात्मा गांधी की अहिंसा एवं शांति की विरासत स्थायी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कथन ‘ यह युग युद्ध का नहीं है’ उस धरोहर को बतलाता है और दुनिया ने व्यापक रूप से उसे स्वीकार किया है।
Bust of mahatma gandhi to be unveiled at un headquarters next month
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