National

Bypolls: 6 राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, दांव पर है सियासी दलों की किस्मत

Bypolls: 6 राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, दांव पर है सियासी दलों की किस्मत

Bypolls: 6 राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, दांव पर है सियासी दलों की किस्मत

छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार को मतदान होगा। इस चुनाव में सांकेतिक मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और क्षेत्रीय दलों के बीच है। हरियाणा के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र पांच दशक से भजनलाल परिवार का गढ़ रहा है और वह इसे कायम रखने की कोशिश कर रहा है। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में ‘महागठबंधन’ की सरकार बनने के बाद यह पहली चुनावी परीक्षा है। कुमार की जनता दल -यूनाइेटड (जदयू) द्वारा भाजपा का साथ छोड़ने के तीन महीने से भी कम समय के बाद बिहार में पहला उपचुनाव हो रहा है। भगवा पार्टी उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ सीट को कायम करने की कोशिश कर रही है जबकि सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद)शासित ओडिशा में मौजूदा विधायक के निधन से खाली हुई धामनगर सीट पर सहानुभूति का लाभ उठाने के लिए दिवंगत विधायक के बेटे को उम्मीदवार बनाया गया है। तेलंगाना की मुनूगोडा सीट पर भाजपा और राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने आक्रामक तरीके से प्रचार किया है। यह सीट कांग्रेस विधायक द्वारा त्यागपत्र देने से खाली हुई थी और अब वह भाजपा के टिकट पर दोबारा चुनावी मैदान में हैं। 

इसे भी पढ़ें: इमरान खान ने मार्च के छठे दिन कहा- पाकिस्तानियों को अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की जरूरत है

अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने बृहद पैमाने पर मतदान की तैयारी की है जिसके तहत राज्य पुलिस के 3,366 जवानों की तैनाती के अलावा मुनूगोडे में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियों को उतारा गया है एवं सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्ट की व्यवस्था की गई है। हरियाणा के आदमपुर सीट पर उप चुनाव भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे की वजह से अनिवार्य हो गया था। कुलदीप ने इस साल अगस्त में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। बिश्नोई के बेटे भव्य इस सीट से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। आदमपुर सीट 1968 से भजनलाल परिवार के पास रही है और दिवंगत मुख्यमंत्री ने नौ बार, उनकी पत्नी जस्मा देवी ने एक बार एवं कुलदीप ने चार बार इसका प्रतिनिधित्व किया है। इस उप चुनाव में कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बिहार विधानसभा की दो सीटों-मोकामा और गोपालगंज पर उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार को मतदान होगा। दोनों सीटों पर सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। मोकामा सीट पर पहले राजद का और गोपालगंज पर भाजपा का कब्जा था। भाजपा पहली बार मोकामा सीट से चुनाव लड़ रही है, पूर्व के चुनाव में वह इस सीट को अपने सहयोगियों के लिए छोड़ती थी। भाजपा और राजद दोनों ने ही इस सीट पर बाहुबलियों की पत्नी को उम्मीदवार बनाया है।मोकामा में भाजपा ने सोनम देवी को मैदान में उतारा है, जो एक स्थानीय बाहुबली ललन सिंह की पत्नी हैं और अनंत सिंह का विरोध करती रही हैं। 

इसे भी पढ़ें: हिमाचल में बोले अमित शाह, लोकतंत्र के अंदर वोट उसी को देना चाहिए, जो जनता के काम का हिसाब दे

राजद ने इस सीट से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उम्मीदवार बनाया है। मोकामा में उपचुनाव राजद विधायक अनंत कुमार सिंह को अयोग्य ठहराए जाने के कारण कराया जा रहा है। बाहुबली से राजनेता बने अनंत सिंह ने मोकामा सीट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर तीन बार, एक बार निर्दलीय और 2020 में राजद उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। जदयू के वरिष्ठ नेता व राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, ‘‘ महागठबंधन का उम्मीदवार आसानी से दोनों सीट पर जीत दर्ज कर लेगा। मतदाताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में विकास को देखा है।’’ स्थानीय बाहुबली और अनंत सिंह के विरोधी ललन सिंह की पत्नी सोनम सिंह पहली बार चुनावी मैदान में हैं। ललन सिंह को गैंगस्टर से नेता बने सूरज भान सिंह का करीबी माना जाता है जिन्होंने वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को हराया था जो तत्कालीन राबड़ी देवी सरकार में मंत्री थे। गोपालगंज सीट पर उपचुनाव भाजपा के चार बार के विधायक सुभाष सिंह के निधन के कारण कराया जा रहा है। इस सीट से पार्टी ने की सिंह की पत्नी कुसुम देवी को चुनावी मैदान में उतारा है। गोपालगंज राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी का पैतृक जिला है। राजद ने वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मोहन प्रकाश गुप्ता को भाजपा के जातिगत समीकरणों को बिगाड़ने के लिए टिकट दिया है।वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने लालू प्रसाद यादव के साले साधू यादव की पत्नी इंदिरा यादव को उम्मीदवार बनाया है। महागठबंधन सरकार पर ‘‘जनता विरोधी’’ और ‘गरीब विरोधी’ होने का आरोप लगाते हुए बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि महागठबंधन केदोनों सीटों पर खड़े उम्मीदवारों को शर्मनाक हार मिलेगी क्योंकि मतदाता ‘राज्य में जंगल राज की वापसी’ नहीं चाहते हैं।

इसे भी पढ़ें: गुजरात चुनाव के कारण खेला जा रहा है CAA का खेल, मोरबी की घटना को लेकर भी ममता ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र में मुंबई के अंधेरी (पूर्वी) विधानसभा क्षेत्र के लिए बृहस्पतिवार को होने वाला उपचुनाव भाजपा उम्मीदवार के पिछले महीने मैदान से हटने के बाद महज औपचारिकता भर है।उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े की उम्मीदवार रुतुजा लटके के अब आराम से जीत दर्ज करने की उम्मीद है। उनके खिलाफ छह उम्मीदवार हैं जिनमें से चार निर्दलीय हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने लटके की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। इस साल मई में रुतुजा लटके के पति एवं शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण अंधेरी (पूर्वी) सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों की बगावत से शिवसेना के दो खेमों में बंटने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के पतन के बाद यह पहला चुनाव है। छह राज्यों की जिन सात सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें से इस समय भाजपा और कांग्रेस के पास दो-दो सीटें थीं। वहीं, बीजद, शिवसेना और राजद के पास एक-एक सीट थी। इन सीटों के नतीजों से विधानसभा की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, राजनीतिक दलों ने इसे हल्के में नहीं लिया है और आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार किया है। मतों की गिनती छह नवंबर को होगी। 

इसे भी पढ़ें: राजस्थान में भाजपा एकजुट नहीं हुई तो चुनावों की पूरी कमान खुद संभालेगा आलाकमान

निर्वाचन आयोग ने तेलंगाना के मुख्य चुनाव अधिकारी को विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के जरिये मुनूगोडे सीट पर पर होने वाले मतदान पर करीब से नजर रखने का निर्देश दिया है। टीआरएस ने हाल में पार्टी का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) किया है जिसका उद्देश्य स्वयं को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करना है। इस चुनाव में हार मिलने की स्थिति में उसकी राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाने की योजना को झटका लगेगा। वहीं, भाजपा स्वयं को राज्य में टीआरएस के विकल्प के तौर पर पेश करने की योजना पर काम कर रही है और मुनूगोडे सीट पर जीत मिलने पर उसे बल मिलेगा। इस उपचुनाव में 47 उम्मीदवार मैदान में है लेकिन मुख्य मुकाबला राजगोपाल रेड्डी, टीआरएस के पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी और कांग्रेस की पी श्रवंती के बीच दिखने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार को मतदान होगा। गोला गोकर्णनाथ सीट छह सितंबर को भाजपा विधायक अरविंद गिरि के दिल का दौरा पड़ने से हुए निधन के कारण रिक्त हुई है। बसपा और कांग्रेस ने इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं खड़े किए हैं। लिहाजा अब यहां भाजपा उम्मीदवार एवं दिवंगत विधायक अरविंद गिरि के बेटे अमन गिरि और इसी सीट से पूर्व में विधायक रह चुके सपा प्रत्याशी विनय तिवारी के बीच सीधा मुकाबला होता दिख रहा है। हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी आदमपुर सीट पर सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार किया है जहां से पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते सहित 22 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है।भजन लाल और देवी लाल परिवारों की राजनीति प्रतिद्वंद्विता को परे रखकर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी भव्य के लिए प्रचार किया है। जननायक जनता पार्टी (जजपा) नेता देवी लाल के परपोते हैं। कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश को उम्मीदवार बनाया है जो तीन बार हिसार से सांसद और दो बार विधायक चुने जा चके हैं। इनेलो ने कांग्रेस के बागी विधायक कुर्दा राम नंबरदार को अपना उम्मीदवार बनाया है। आप ने भाजपा छोड़ आए सतेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। बीजद ने अबांती दास को उम्मीदवार बनाया है जो धामनगर के पांच उम्मीदवारों में एकमात्र महिला हैं। इस सीट पर भाजपा विधायक चरण सेठी के निधन के बाद उपचुनाव अनिवार्य हो गया था। भाजपा ने इस सीट से सेठी के बेटे सूर्यवंशी सूरज को मैदान में उतारा है।

By elections in seven assembly seats in 6 states

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero