केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत आने वाले संबंधित प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाकर छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से हटाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने इन गड़बड़ियों को अपराध के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव रखा था। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने कारोबारी सुगमता एवं रहन-सहन आसान बनाने (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2022 पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दे दी। इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।
विधेयक में 16 मंत्रालयों/विभागों से संबंधित 35 अधिनियमों के लगभग 110 प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। एक सूत्र ने कहा कि इस विधेयक का मकसद सुधार के एजेंडे को अगले स्तर पर ले जाना है। सरकार कंपनियों और नागरिकों के लिये अनुपालन से जुड़े बोझ को कम करने पर ध्यान दे रही है। इसके लिये सरलीकरण, डिजिटलीकरण, छोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से अलग करने और अनावश्यक कानूनों/नियमों को समाप्त करने की चार-सूत्री रणनीति अपनाई गई है। विभाग ने सभी संबद्ध पक्षों के साथ व्यापक परामर्श के बाद विधेयक को अंतिम रूप दिया है।
Cabinet approves bill to decriminalize minor irregularities
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