वक्त के साथ करेंसी और ट्रांजक्शन के तरीके भी बदले। जहां पहले एक समान देने के बदले दूसरा सामान देने का सिस्टम यानी बाटर सिस्टम था। वहीं बाद में सिक्के और नोट जारी हुए। लेकिन वर्तमान दौर में शॉपिंग के लिए पैसों का पास में होना भी जरूरी नहीं है। बस फोन निकालिए और पेमेंट कीजिए। साल 2021 में देश में कुल पेमेंट का 40 % डिजिटल पेंमेंट था और अब 2016 में यूपीआई ने ऐसा कमाल कर दिया कि वर्ल्ड बैंक ने भी दूसरे देशों को भारत से सीखने की नसीहत दे दी है।
भारत में यूपीआई लेनदेन 7.7 प्रतिशत बढ़कर 730 करोड़ हो गया और अक्टूबर में कुल मूल्य 12.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। सितंबर में 11.16 लाख करोड़ रुपये मूल्य का भुगतान हुआ और लेन देन की संख्या 678 करोड़ से अधिक थी। अक्टूबर में आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) के माध्यम से तत्काल इंटरबैंक फंड ट्रांसफर की संख्या 48.25 करोड़ थी और मूल्य 4.66 लाख करोड़ रुपये था। लेनदेन के मामले में, यह सितंबर की तुलना में 4.3 प्रतिशत अधिक था। वर्ल्ड बैंक ने भारत को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए धन्यवाद कहा है और विश्व के दूसरे देशों को इससे सीख लेने की सलाह दी है।
NETC FASTag देश भर में NHAI के टोल बूथों पर स्वचालित टोल संग्रह की सुविधा देता है। सितंबर में इसके जरिये लेन-देन की संख्या 28.3 करोड़ थी। लेनदेन की संख्या में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। अक्टूबर में लेनदेन का मूल्य 4,451.87 करोड़ रुपये रहा, जबकि सितंबर में यह 4,244.76 करोड़ रुपये था। जबकि आधार कार्ड-सक्षम एईपीएस, जो आसान, त्वरित और सुरक्षित बैंकिंग लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है, अक्टूबर में बढ़कर 11.77 करोड़ हो गया, जबकि पिछले महीने यह 10.27 करोड़ था।
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