वाशिंगटन। दिल्ली पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तकनीकी सहयोग मुहैया कराने के बहाने करीब 10 साल में हजारों अमेरिकियों, विशेषकर बुजुर्गों को ठगने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करने में अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की मदद की है। सीबीआई और दिल्ली पुलिस ने इस सप्ताह नयी दिल्ली के हर्षद मदान (34) और फरीदाबाद निवासी विकास गुप्ता (33) को गिरफ्तार किया। नयी दिल्ली निवासी तीसरा आरोपी गगन लांबा (41) अभी फरार है।
जगन का भाई जतिन लांबा भी पुलिस की हिरासत में है। इन सभी पर दूरसंचार या इंटरनेट सेवा (वायर) और कंप्यूटर का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने का आरोप है। अमेरिका के अटॉर्नी फिलप आर सेलिंगर ने एक बयान जारी कर इस घोटाले का भंडाफोड़ करने में उनकी सहायता करने के लिए सीबीआई और दिल्ली पुलिस को धन्यवाद दिया। भारतीय-अमेरिकी मेघना कुमार (50) ने इस मामले में इस सप्ताह अपने आरोप स्वीकार किए थे।
ओंटारियो निवासी 33 वर्षीय जयंत भाटिया को कनाडा के प्राधिकारियों ने गिरफ्तार किया है। न्यूयॉर्क में रिचमंड हिल के निवासी 34 वर्षीय कुलविंदर सिंह पर धनधोशन और निर्दिष्ट गैरकानूनी गतिविधि से प्राप्त संपत्ति से जुड़े मौद्रिक लेन-देन में शामिल होने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। इन सभी भारतीय और भारतीय मूल के लोगों पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वैश्विक स्तर पर एक हाई-टेक जबरन वसूली योजना चलाने के लिए लोगों के निजी कंप्यूटर तक पहुंच का इस्तेमाल किया।
सेलिंगर ने कहा कि वे अक्सर वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बनाते थे। संघीय अभियोजकों ने कहा कि वे पहले पीड़ितों को यह विश्वास दिलाते थे कि उनके निजी कंप्यूटर में मालवेयर या किसी वायरस का हमला हुआ है। इसके बाद, वे उन्हें फर्जी कंप्यूटर मरम्मत सेवाओं के लिए उन्हें सैकड़ों या हजारों डॉलर का भुगतान करने के लिए राजी करते थे। संघीय अभियोजकों ने कहा कि इस तरह आरोपियों ने कम से कम 20,000 पीड़ितों से एक करोड़ डॉलर से अधिक वसूले।
Cbi and delhi police helped us agency fbi in unearthing international scam
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