केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे मूल्य श्रृंखला को प्राथमिकता देकर अपनी आगामी वार्षिक योजनाओं में मत्स्यपालन क्षेत्र में मौजूद कमियों को दूर करें। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि वर्ष 2023-23 और 2024-25 की वार्षिक कार्य योजनाओं के लिए रणनीति तैयार करने के लिए हाल ही में आयोजित एक कार्यशाला में राज्य के मत्स्य विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। केंद्रीय मत्स्य सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने कहा, मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से जबरदस्त प्रयास किए गए हैं, जबकि राज्य स्तर पर मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला के अन्य पहलुओं को प्राथमिकता देने में कमी मौजूद है।
उन्होंने कहा कि आगामी राज्य वार्षिक योजनाओं पर फिर से विचार करके और फिर से योजना बनाकर सुधार की कार्रवाई की जानी चाहिए। सचिव ने राज्य सरकारों से केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर प्राथमिकताएं तय करने को कहा। उन्होंने सलाह दी कि इस क्षेत्र की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सबसे बुनियादी गतिविधि के रूप में पर्याप्त बीज उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। कृत्रिम चट्टानों की स्थापना, शीत भंडारण, एमआईएस (प्रबंधन सूचना प्रणाली) डाटा प्रबंधन, मछली बाजारों का विस्तार (मछली बाजार) व अन्य गतिविधियों के लिए राज्यों और केंद्र के बीच एक सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान देने की जरुरत है।
Center asks states to address deficiencies in fisheries sector in upcoming annual plans
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