सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा है कि कोल इंडिया को देश को ‘उचित मूल्य’ पर बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखना चाहिए। कंपनी की 80 प्रतिशत आपूर्ति कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को की जाती है। घरेलू कोयले की आपूर्ति में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। देश की बिजली उत्पादन का तीन-चौथाई हिस्सा कोयला आधारित है। सीआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अग्रवाल ने अपने कर्मचारियों से हाल ही में एक संदेश में कहा, ‘‘हमारी भूमिका सस्ती लागत पर ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।’’
उन्होंने कहा कि अगले कुछ दशक में देश में ऊर्जा की मांग काफी बढ़ने वाली है और इसलिए कंपनी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में और भी ऊंचा लक्ष्य रखें और वार्षिक लक्ष्यों को भी तोड़कर वित्त वर्ष 2022-23 में नए कीर्तिमान बनाएं। वहां आराम न करें। एक बार जब हम 70 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेंगे, तो यह आगे की वृद्धि के लिए एक मानक आधार होना चाहिए।’’
अग्रवाल ने कर्मचारियों से निरंतर प्रतिबद्धता के साथ देश के ऊर्जा और विकासात्मक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ठोस प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘सभी तीन प्रदर्शन मानक - दिसंबर तक 47.9 करोड़ टन उत्पादन, 50.8 करोड़ टन की आपूर्ति और 115.5 करोड़ घन मीटर का अत्यधिक भंडार को हटाना (ओबीआर) - प्रगतिशील लक्ष्यों से आगे थे। अभी और भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
Chairman said coal india aims to provide electricity to the country at a reasonable price
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