वामपंथी नेता और तर्कवादी गोविंद पानसरे की हत्या के करीब आठ वर्ष बाद महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर की एक अदालत ने मंगलवार को इस मामले में दस आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। मामले में आरोप तय होने के बाद आपराधिक मुकदमा शुरू होता है। न्यायाधीश एस. एस. तांबे ने समीर गायकवाड़, वीरेंद्र सिंह तावड़े, अमोल काले, वसुदेव सूर्यवंशी, भरत कुराने, अमित देगवेकर, शरद कालस्कर, सचिन अंदुरे, अमित बद्दी और गणेश मिस्किन के खिलाफ आरोप तय किए।
मामले में सरकारी वकील शिवाजीराव राणे ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 120-बी (साजिश) और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मामले के 12 आरोपियों में से विनय पवार और सारंग अकोलकर फरार हैं। बाकी लोगों में से गायकवाड़ जमानत पर है। तावड़े को इस मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन वह तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में जेल में है। गोविंद पानसरे और उनकी पत्नी उमा पानसरे को 15 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर शहर में सुबह सैर के दौरान गोली मार दी गई थी। गोविंद पानसरे की पांच दिन बाद मृत्यु हो गई थी। जांच एजेंसियों के मुताबिक, दाभोलकर, कन्नड़ लेखक एम. एम. कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्याओं से भी पानसरे मामले के कुछ आरोपी जुड़े हैं।
Charges framed in govind pansare murder case after 8 years
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