राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिरेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि लोक अदालतें आपसी सामंजस्य व सहयोग से विवादों को निपटाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। सिंह राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वाधान में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत की पूरे राजस्थान में शुरुआत कर रहे थे। उन्होंने जयपुर स्थित राजस्थान उच्च न्यायालय के परिसर में इस लोक अदालत की शुरुआत की।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि लोक अदालतें, आपसी सामंजस्य व सहयोग से आमजन के विवादों का निपटारा करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत की बेंचों में पूर्व एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में मामलों की सुनवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि पूर्व न्यायाधीश के अनुभवों के लाभ से इन परिवादों का निपटारा आसान एवं सुलभ हो जाता है। लोक अदालत से आमजन को पूरी तरह से राहत मिलती है।
उन्होंने कहा कि जटिल मामलों के चलते न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की संख्या ज्यादा है, लेकिन लोक अदालत में आपसी समझाइश से मामले सुलझा लिए जाते हैं। इससे न्यायालय का भार भी कम होगा। उन्होंने कहा कि न्याय का सस्ता सुलभ माध्यम है, जहां ना किसी की हार होती है ना किसी की जीत बल्कि आपसी सामंजस्य से सफलता प्राप्त होती है। एक बयान के अनुसार सिंह ने कहा कि इस बार 480 बैंचों की स्थापना की गई है, जिनमें लगभग छह लाख मुकदमों की सुनवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गत लोक अदालत में प्रकरणों के निस्तारण में पूरे देश में राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा, इस बार हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक मामलों को निस्तारित कर हमारा राज्य प्रथम स्थान प्राप्त करे। बयान के अनुसार इस लोक अदालत में निस्तारण के लिए राज्य भर से 5 लाख 45721 मामलों को चिन्हित किया गया है और पूरे प्रदेश में कुल 480 लोक अदालत पीठ का गठन किया गया है।
Chief justice birender singh said lok adalat is the best way to settle disputes amicably
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero