उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ नगर का जायजा लेने पहुंचे और प्रभावितों के लिए अंतरिम सहायता की घोषणा की। वहीं, बदरीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा राशि की मांग को लेकर अड़े स्थानीय लोगों ने असुरक्षित घोषित इमारतों को तोडे़ जाने की कार्रवाई बाधित रखी। इस बीच, प्रभावित परिवारों के लिए अंतरिम पैकेज के वितरण और पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित करने को लेकर चमोली के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 19 सदस्यीय एक समिति गठित की गयी है।
जोशीमठ पहुंचते ही मुख्यमंत्री हेलीपेड से सीधे भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के लिये निकले तथा प्रभावितों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में केंद्र व राज्य सरकार उनके साथ है। इस दौरान उन्होंने प्रभावितों को कंबल भी वितरित किये। जोशीमठ में मीडिया से बातचीत में धामी ने स्पष्ट किया कि जोशीमठ में चिह्नित असुरक्षित भवनों में से केवल दो होटल को ही अभी तोड़ा जाएगा और यह भी सबकी सहमति से होगा। उन्होंने कहा कि राहत एवं पुनर्वास के लिए एक समिति गठित की गयी है जिसमें सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को सम्मिलित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
समुचित तरीके से राहत एवं पुनर्वास कार्यों को अपनी प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरिम राहत की घोषणा लोगों को फौरी रूप से राहत देने के लिए की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार जोशीमठ की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां भू-धंसाव के कारण जितना नुकसान होना था, वह हो चुका है और आगे सब ठीक हो जाएगा। उन्होंने आने वाले समय में यहां राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन तथा चार धाम यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाये कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है।
मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में भू-धंसाव प्रभावितों को बाजार दर पर मुआवजा राशि देने की घोषणा की और कहा कि यह सभी हितधारकों से सुझाव लेकर जनहित में तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि तीन हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है। धामी ने कहा कि इनमें से एक लाख रुपये की धनराशि उन्हें स्थायी विस्थापन नीति तैयार होने से पहले अग्रिम के रूप में तथा 50 हजार रुपये सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए दी जा रही है।
धामी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में कुल खर्चे का पूरा आकलन कर सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने एक माह का वेतन भी देने की घोषणा की। जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भू-धंसाव प्रभावित के रूप में चिह्नित किया गया है जिनमें से बुधवार तक 145 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया गया। जोशीमठ में दो होटल-सात मंजिला ‘मलारी इन’ और पांच मंजिला ‘माउंट व्यू’ दरारें आने के कारण एक दूसरे की ओर खतरनाक तरीके से झुक गए हैं और उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घर खतरे की जद में हैं।
नोएडा के ‘ट्विन टॉवर’ को ढहाने में भूमिका निभा चुके रूडकी स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की मदद से प्रशासन मंगलवार से इन होटल को मशीन से तोडे़ जाने की तैयारी में था लेकिन स्थानीय लोगों के समर्थन से धरने पर बैठे होटल मालिकों के प्रदर्शन के कारण ऐसा नहीं हो पाया। बदरीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा देने की मांग कर रहे होटल मालिक और स्थानीय लोगों की मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुदंरम से बातचीत हुई लेकिन वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
सुंदरम ने कहा कि मुआवजा बाजार दर पर दिया जाएगा और वह सभी हितधारकों से बातचीत कर तय किया जाएगा। मलारी इन होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने इस संबंध में कहा, ‘‘हम बदरीनाथ की तर्ज पर मुआवजा चाहते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के सचिव ने कहा कि यह संभव नहीं है और मुआवजा बाजार दर पर दिया जा सकता है। और जब हमने बाजार दर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि अभी उन्हें इस बारे में पता नहीं है।
Chief minister dhami inspected landslide affected joshimath
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