नेपाल में नयी सरकार के गठन के एक दिन बाद चीन ने नेपाल-चीन सीमा पार रेलवे लाइन की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए मंगलवार को विशेषज्ञों की एक टीम काठमांडू भेजी। चीन के करीबी माने जाने वाले पुष्प कमल दहल ‘‘प्रचंड’’ ने सोमवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। चीनी दूतावास ने ट्विटर पर कहा, ‘‘चीन-नेपाल सीमा पार रेलवे के व्यवहार्यता अध्ययन और सर्वेक्षण के लिए विशेषज्ञ टीम मंगलवार को पहुंची तथा दूतावास प्रभारी वांग शिन ने उनका स्वागत किया।’’
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘(यह) हमारे नेताओं के बीच बनी सहमति के तहत एक महत्वपूर्ण निर्णय है और नेपाल के साथ जुड़ाव को बढ़ाने के लिए ठोस कदम है।’’ फरवरी में नेपाली संसद ने घरेलू स्तर पर राजनीतिक विरोध और चीन की आपत्तियों के बावजूद 50 करोड़ डॉलर के अमेरिकी सरकारी सहायता कार्यक्रम-मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (एमसीसी) को मंजूरी दे थी। नेपाल में दबदबा बढाने के लिए अमेरिका के साथ होड़ कर रहे चीन ने तीखी प्रतिक्रिया में कहा था कि वाशिंगटन को ‘‘धौंस वाली कूटनीति’’ के जरिए अन्य देशों की संप्रभुता को कमजोर नहीं करना चाहिए। चीन अपनी महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल (बीआरआई) के तहत संपर्क परियोजनाओं सहित विभिन्न बुनियादी ढांचों के उपक्रमों के माध्यम से नेपाल में अपने कदम बढ़ा रहा है।
China sends team of experts to nepal for feasibility study of cross border railway line
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